Last Updated on 28 April 2025 IST | World Press Freedom Day in Hindi | अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस दुनियाभर की सरकारों को 1948 के मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा का अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करने और उसे बनाए रखने के लिए अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है। यूनेस्को महासम्मेलन की अनुशंसा के बाद दिसंबर 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मई को प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की थी। तभी से हर साल 3 मई को ये दिन मनाया जाता है।
World Press Freedom Day 2025 Theme (अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस थीम)
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस 2025: विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025 की थीम है:
- “नवीन साहसी दुनिया में रिपोर्टिंग – प्रेस स्वतंत्रता और मीडिया पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव”
- “Reporting in the Brave New World – The Impact of Artificial Intelligence on Press Freedom and the Media.”
यह थीम पत्रकारिता और मीडिया पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के गहरे प्रभाव पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य यह समझना है कि AI किस प्रकार प्रेस की स्वतंत्रता, सूचनाओं के मुक्त प्रवाह, मीडिया की स्वतंत्रता और सूचना तक सार्वभौमिक पहुँच व मौलिक स्वतंत्रताओं की रक्षा जैसे वैश्विक लक्ष्यों को प्रभावित कर रहा है।
AI जहाँ एक ओर मीडिया के काम को आसान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके दुरुपयोग की आशंकाएँ भी हैं — जैसे फेक न्यूज़, सेंसरशिप, और पत्रकारों की विश्वसनीयता पर सवाल। यह दिवस इसी दोधारी तलवार को समझने और संतुलन बनाने की प्रेरणा देता है।
कैसे मनाया जाएगा विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025 को इस वर्ष विशेष रूप से AI के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए मनाया जाएगा। यह दिन पत्रकारिता की स्वतंत्रता, मीडिया की भूमिका और वैश्विक लोकतंत्र की रक्षा में मीडिया की आवश्यकता को रेखांकित करेगा।
इस दिन को मनाने के लिए दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र (UNESCO) के नेतृत्व में कई गतिविधियाँ और आयोजन किए जाएंगे, जिनमें शामिल होंगे:
1. यूनेस्को द्वारा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
- पेरिस, न्यूयॉर्क, और नई दिल्ली जैसे शहरों में हाई-लेवल पैनल चर्चा
- विषय: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मीडिया प्लुरलिज़्म, और पत्रकारों की सुरक्षा
2. विश्वविद्यालयों और मीडिया संस्थानों में कार्यक्रम
- मीडिया साक्षरता वर्कशॉप
- पत्रकारिता छात्रों के लिए व्याख्यान
- प्रेस स्वतंत्रता पर लेखन प्रतियोगिताएँ
3. डिजिटल और सोशल मीडिया अभियान
- #WorldPressFreedomDay #JournalismMatters जैसे हैशटैग के साथ वैश्विक सोशल मीडिया एक्टिविज़्म
- प्रेस की भूमिका, पत्रकारों की चुनौतियाँ, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जन जागरूकता पोस्ट्स
4. पत्रकारों को सम्मानित करने के कार्यक्रम
- निर्भीक पत्रकारों को पुरस्कार और सम्मान
- जमीनी स्तर पर काम करने वाले स्वतंत्र मीडिया संगठनों को सहयोग
5. विशेष रिपोर्ट और डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण
- समाचार चैनलों और OTT प्लेटफॉर्म्स पर प्रेस स्वतंत्रता, सेंसरशिप और मीडिया पर बने डॉक्यूमेंट्रीज़ का प्रसारण
6. AI और मीडिया पर नीति संवाद (Policy Dialogues)
- सरकार, तकनीकी कंपनियों, पत्रकार और नागरिक समाज के बीच संवाद
- यह चर्चा AI से जुड़े नैतिक प्रश्नों और उसके मीडिया पर पड़ते प्रभाव को समझने के लिए आयोजित की जाएगी
भारत में आयोजन
भारत में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, और मीडिया विश्वविद्यालयों द्वारा विशेष कार्यक्रम, पैनल चर्चा और वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी। कई राज्यों में स्थानीय पत्रकार संघ रैलियाँ, संगोष्ठियाँ और स्मरण सभाएं आयोजित करेंगे।
इस दिन को मनाना न केवल मीडिया कर्मियों को सम्मानित करने का अवसर है, बल्कि समाज को यह याद दिलाने का दिन भी है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता ही लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ है।
प्रेस की स्वतंत्रता क्या है?
संविधान, अनुच्छेद 19 के तहत वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, जो वाक् स्वतंत्रता इत्यादि के संबंध में कुछ अधिकारों के संरक्षण से संबंधित है। प्रेस की स्वतंत्रता को भारतीय कानून प्रणाली द्वारा स्पष्ट रूप से संरक्षित नहीं किया गया है, लेकिन यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत संरक्षित है, जिसमें कहा गया है – “सभी नागरिकों को वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होगा”।
■ Read in English | World Press Freedom Day: Journo’s Life Safety Is Guaranteed by Sat-Bhakti
वर्ष 1950 में रोमेश थापर बनाम मद्रास राज्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने पाया कि सभी लोकतांत्रिक संगठनों की नींव प्रेस की स्वतंत्रता पर आधारित होती है। हालांकि प्रेस की स्वतंत्रता भी असीमित नहीं होती है। कानून इस अधिकार के प्रयोग पर केवल उन प्रतिबंधों को लागू कर सकता है, जो अनुच्छेद 19 (2) के तहत आते है।
कैसे मनाया जाता है वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे
यूनेस्को द्वारा 1993 से हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज़ दिया जाता है। यह पुरस्कार उस व्यक्ति अथवा संस्था को दिया जाता है, जिसने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए उल्लेखनीय, व प्रशंसनीय कार्य किया हो।
साथ ही स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थानों और अन्य शैक्षिक संस्थानों में प्रेस की आजादी पर वाद-विवाद, निबंध लेखन प्रतियोगिता और क्विज़ का आयोजन होता है। लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार से अवगत कराया जाता है।
क्यों मनाया जाता है World Press Freedom Day?
प्रेस की आजादी के महत्व के लिए दुनिया को आगाह करने वाला ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मीडिया कितनी अहम भूमिका निभाता है। इस कारण सरकारों को पत्रकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए और इसके लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।
- इस दिवस का उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना और साथ ही ये दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है ।
- दुनियाभर में पत्रकारों को तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सऊदी पत्रकार ख़ाशग़्जी, भारतीय पत्रकार गौरी लंकेश और उत्तरी आयरलैंड की पत्रकार लायरा मक्की की हत्याओं ने प्रेस की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा किया।
दुनियाभर में पत्रकारों और प्रेस को उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। अगर कोई मीडिया संस्थान सरकार की मर्ज़ी से नहीं चलता तो उसे तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है। मीडिया संगठनों को बंद करने तक के लिए मजबूर किया जाता है। पत्रकारों के साथ मारपीट की जाती है और उन्हें धमकियां तक दी जाती हैं। यही ऐसी चीजें हैं जो अभिव्यक्ति की आजादी में बाधाएं हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये दिन मनाया जाता है।
World Press Freedom Day in Hindi | वर्तमान में मीडिया की हालत?
जैसा कि हम जानते हैं आजकल आम जनता भी मीडिया को बिकाऊ और पालतू कहने में बिल्कुल भी नहीं हिचकती है। इसका सीधा सा कारण यह है की मीडिया अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। मीडिया का समाज में बहुत बड़ा योगदान है। एक देश के लिए यह चौथा स्तंभ है किंतु फिर भी जिस प्रकार से बिना किसी जानकारी को जांचे परखे सिर्फ अपनी टीआरपी को बढ़ाने के लिए मीडिया द्वारा एक झूठ का बवंडर तैयार किया जाता है और जिसे देखकर आम जन को ऐसा लगता है जैसे वह कोई न्यूज़ नहीं, बल्कि मसालेदार राजनीतिक फिल्म देख रहे हों। जिसका नतीजा यह निकला रहा है कि आजकल मीडिया पर लोगों का विश्वास कम हो चुका है।
आए दिन हम देखते हैं राजनीतिक दबाव की वजह से मीडिया सच्चाई दिखाना बंद कर चुकी है और अब बहुत ही कम और अच्छे पत्रकार बचे हैं कारण यह है कि अब अच्छे पत्रकारों की कोई पूछ नहीं होती। एक आम खबर को बहुत ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जाता है और यदि कोई सच्ची न्यूज़ हो और वह सरकार के खिलाफ हो या प्रशासन के खिलाफ हो तो उसको बिल्कुल भी दिखाया नहीं जाता। मीडिया की यह हालत बहुत ही गंभीर स्थिति को दर्शाती है यह एक बहुत ही गंभीर और चिंतनीय विषय है ।
World Press Freedom Day in Hindi [2025] | क्या होती है लोकतंत्र के चौथे स्तंभ होने की जिम्मेदारी?
- जैसा कि हम जानते हैं मीडिया देश का चौथा स्तंभ माना जाता है मीडिया को सच्ची – स्पष्ट और जितनी न्यूज़ होती है उतनी ही दिखानी चाहिए, उसे बढ़ा चढ़ाकर फिल्मों की तरह पेश नहीं करना चाहिए। यह बात जरूर है कि सच्ची और स्पष्ट न्यूज़ दिखाने वालों को समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है किंतु जीत भी उन्हीं की होती है जो सच का साथ थामे रखते हैं और एक दिन इतिहास में ऐसे पत्रकारों का नाम दर्ज होता है और सम्मान के साथ में उनका नाम लिया जाता है।
- मीडिया को चाहिए कि जो भी उन्होंने तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के बारे में गलत खबर दिखाई थी और जैसे दिखाई थी उसी तरीके से संत रामपाल जी महाराज जी के अच्छे कार्यों उनके उद्देश्यों को देश और दुनिया के सामने रखना चाहिए, और जब उन पर लगाए हुए आरोप गलत हैं तो इस सच्चाई को बताने में क्या परेशानी है?
- मीडिया को यह बात याद रखनी चाहिए कि परमात्मा का काम न्याय देना होता है और जब संत स्वयं ही परमात्मा रूप में पृथ्वी पर मौजूद हैं तो उन्हें तो परमात्मा से डर कर काम करना चाहिए। संत रामपाल जी महाराज यह कह चुके हैं कि आज नहीं तो कल मीडिया को अपने चैनलों पर सत्संग दिखाना ही पड़ेगा नहीं तो यह टीवी चैनल काम करना बंद कर देंगे
- इससे पहले कि ऐसी स्थिति बने मीडिया को अपनी भूल सुधार करनी चाहिए और देश और दुनिया को अपने न्यूज़ चैनलों पर तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के अनमोल सत्संगों को दिखाना चाहिए। संत रामपाल जी महाराज गारंटी देते हैं कि सत्संग के माध्यम से भी वह लोगों की किसी भी प्रकार की बीमारी और कष्ट को खत्म कर सकते हैं। जल्द से जल्द संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान को देश और दुनिया के सामने मीडिया को रखना चाहिए, इसमें बिल्कुल भी देरी नहीं करनी चाहिए ।
कौन हैं तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज और क्या है उनका उद्देश्य?
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज विश्व विजेता संत हैं। पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता, पवित्र कुरान शरीफ, पवित्र बाइबल और पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब में से उन्होंने प्रमाणित करके बताया है कि परमात्मा साकार है उसका नाम कबीर है और वह पूजा के योग्य है। हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्मों के लोग उनके अनुयायी हैं। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज विश्व की सभी धार्मिक पुस्तकों को समझाने वाले आध्यात्मिक अध्यापक हैं और वे विश्व के सभी धर्म गुरुओं को ज्ञान चर्चा में पराजित कर चुके हैं।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य पृथ्वी को स्वर्ग बनाना है और लोगों से पूर्ण परमात्मा कबीर साहब, अल्लाह कबीर, कबीर देव, ऑलमाइटी कबीर, हक्का कबीर, अल खिज्र, की भक्ति करवा कर सतलोक/अमरलोक ले जाना है जहां पर गए हुए प्राणी हमेशा के लिए सुखी हो जाते हैं, उनको अविनाशी जन्नत प्राप्त होती है ।
सभी भाई बहनों से विनम्र निवेदन
आप सभी भाइयों बहनों से प्रार्थना है कि तत्वदर्शी बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग आप यूट्यूब चैनल “सतलोक आश्रम पर जाकर देखें, उनसे नाम दीक्षा लें, भक्ति करके अपना कल्याण करवाएं। संत रामपाल जी महाराज कहते है कि उनकी बताई भक्ति से जब तक आप इस पृथ्वी पर रहेंगे सुखी रहेंगे और जब आपका शरीर छूटेगा तो, आपको हमेशा हमेशा के लिए अमरलोक यानी अमरधाम मिलेगा।
FAQs about World Press Freedom Day [Hindi]
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस प्रति वर्ष 3 मई को मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस यूनेस्को द्वारा 1993 से मनाना शुरू किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस पत्रकारिता के मुद्दे की ओर लोगों को जागरूक करने, इससे जुड़ी परेशानियों, जोखिमों तथा पत्रकारिता के दायित्वों को याद दिलाने और राजनैतिक इच्छाशक्ति आकृष्ट करने के लिए किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस यूनेस्को द्वारा आयोजित किया गया है।
यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है।
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस पर यूनेस्को द्वारा पत्रकारों को गिलेरमो कानो वर्ल्ड फ्रीडम प्राइज दिया जाता है।
इस वर्ष 2025 की थीम है ” बहादुर नई दुनिया में रिपोर्टिंग – प्रेस स्वतंत्रता और मीडिया पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव।” (“Reporting in the Brave New World – The Impact of Artificial Intelligence on Press Freedom and the Media.”)