Last Updated on 24 July 2025 IST | प्रतिवर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day 2025) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हेपेटाइटिस नामक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करना है, क्योंकि दुनियाभर में लाखों लोग हर साल हेपेटाइटिस का शिकार बनते हैं। यह वायरस संक्रमण से जनित रोग है जो लीवर (यकृत) को प्रभावित करता है, रोग बढ़ने पर सिरोसिस, लीवर कैंसर या जिगर (लीवर) फेल जैसी घातक बीमारियाँ भी हो सकती हैं। विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर प्रतिवर्ष इस बीमारी के बारे में जागरूक करने हेतु 28 जुलाई को विश्वभर में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, साथ ही लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से स्लोगन, पोस्टर, भाषण, उद्धरण तथा सन्देश भेजकर जागरूक किया जाता है।
World Hepatitis Day 2025 सम्बन्धी मुख्य बिंदु
- 2004 में अन्तर्राष्ट्रीय हेपेटाइटिस C जागरूकता दिवस था, लेकिन इसकी तारीख अलग-अलग थी।
- 2008 में World Hepatitis Alliance ने पहला ग्लोबल वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे (19 मई) घोषित किया।
- 2010 की WHO एसेम्बली में यह 28 जुलाई को स्थायी रूप से निर्धारित किया गया और इसे वैश्विक स्वास्थ्य अभियान के रूप में मंजूरी दी गई ।
- विश्व भर में प्रतिवर्ष 28 जुलाई को मनाया जाता है विश्व हेपेटाइटिस दिवस
- इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हेपेटाइटिस नामक बीमारी के प्रति लोगों की जागरूकता को बढ़ाना है
- प्रतिवर्ष दुनियाभर में लाखों लोग इस बीमारी का शिकार बनते हैं
- हेपेटाइटिस नामक बीमारी के 5 वैरियंट हैं
- यह यकृत (लीवर) को प्रभावित करने वाली बीमारी है
- दुनियाभर में प्रतिवर्ष हेपेटाइटिस के मरीजों की 10 फीसदी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है
- अगर इस बीमारी की उचित रोकथाम नहीं की गयी तो 2020-2030 के बीच पैदा होने वाले लगभग 53 लाख अतिरिक्त बच्चों में दीर्घकालिक संक्रमण के मामले दर्ज हो सकते हैं : W.H.O.
- शास्त्रानुकूल साधना करने से असाध्य रोगों से भी मिलता है पूर्ण छुटकारा
विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day) कब और क्यों मनाया जाता है?
हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day) मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन डॉ. बरूच ब्लूमबर्ग का जन्मदिवस होता है। इन्होंने ही हैपेटाइटिस बी की खोज की थी और इसके इलाज के लिए दवाई भी बनाई थी। इसलिये डॉ. बरूत ब्लूमबर्ग के योगदान को ध्यान में रखते हुए इस दिवस को प्रतिवर्ष विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विश्व हेपेटाइटिस दिवस का इतिहास (History Of World Hepatitis Day)
विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day) मनाने की शुरुआत वर्ष 2010 में की गयी थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने मई 2010 में 63वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन के दौरान हेपेटाइटिस-बी वायरस के खोजकर्ता व नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. बरूच सैमुएल ब्लूमबर्ग (Baruch Samuel Blumberg) के जन्मदिवस को ‘विश्व हेपेटाइटिस दिवस’ के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। डॉ. बारूक ब्लूमबर्ग को वर्ष 1976 में फिजियोलॉजी या चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
World Hepatitis Day 2025 Theme (इस वर्ष का विषय क्या है)?
प्रतिवर्ष विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day) पर इसकी अलग-अलग थीम होती है। डबल्यू. एच. ओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार इस वर्ष की थीम है, “Hepatitis: Let’s Break It Down”. इस वर्ष की थीम का मकसद है कि केवल जागरूकता ही काफी नहीं, हमें सभी बाधाओं का विश्लेषण कर उन्हें तोड़ना होगा। तभी हम हेपेटाइटिस बी और सी के खिलाफ लड़ाई जीत पाएंगे।
28 जुलाई को इस थीम के तहत जागरूकता अभियान, टेस्टिंग शिविर, सोशल मीडिया पोस्ट और स्वास्थ्य कार्यक्रमों का आयोजन रखा जाता है।
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2023–2030 की वैश्विक स्वास्थ्य रणनीतियाँ न केवल बीमारी के उन्मूलन की बात करती हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती हैं कि हर व्यक्ति को बराबरी और गरिमा के साथ स्वास्थ्य सेवाएँ मिलें।
हेपेटाइटिस बी और सी जैसी जानलेवा बीमारियों से लड़ने के लिए हमें जन-जागरूकता, परीक्षण, टीकाकरण, इलाज, और सामाजिक सहयोग के एक संयुक्त ढांचे की आवश्यकता है।
World Hepatitis Day 2025 [Hindi] | हेपेटाइटिस से खुद को बचाने के लिए 5 उपाय
हेपेटाइटिस एक खतरनाक वायरल संक्रमण है जो मुख्यतः लिवर को प्रभावित करता है। यह पांच प्रकार का होता है, हेपेटाइटिस A, B, C, D और E। इनमें से कुछ प्रकार गंभीर हो सकते हैं और लिवर फेलियर या कैंसर तक का कारण बन सकते हैं। नीचे दिए गए उपायों से आप खुद को हेपेटाइटिस से सुरक्षित रख सकते हैं:
- हमेशा जीवाणुरहित इंजेक्शन का प्रयोग करें
- अपने स्वयं के रेज़र और ब्लेड का प्रयोग करें
- सुरक्षित गोदने और भेदी उपकरण का प्रयोग करें
- हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए शिशुओं का टीकाकरण कराएं
- अपनी स्थिति जानें, हेपेटाइटिस बी और सी की जांच कराएं
क्या है विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाने का महत्व (Significance Of World Hepatitis Day)?
विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई को पूरे विश्वभर में मनाया जाता है। हेपेटाइटिस दिवस को मनाने का महत्व लोगों को इस गम्भीर बीमारी के प्रति जागरूक करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की रिपोर्ट के मुताबिक लोग हेपेटाइटिस बीमारी के प्रति ज्यादा जागरूक नहीं है, जिसके कारण वे टीका नहीं लगवाते है और यह बीमारी बढ़ती जाती है औऱ यही उनकी मृत्यु का कारण बनती है।
हेपेटाइटिस क्या है (What is Hepatitis?)
हेपेटाइटिस लीवर (यकृत) में सूजन (Inflammation) को दर्शाता है। यह आमतौर पर वायरस संक्रमण (Virus Infections) के कारण होता है लेकिन हेपेटाइटिस के अन्य संभावित कारण भी हैं इनमें ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के अलावा वह हेपेटाइटिस शामिल हैं जो दवाओं, विषाक्त पदार्थों और शराब के सेकेंडरी रिजल्ट के रूप में सामने आते हैं।
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ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब आपका शरीर आपके लीवर (यकृत) के ऊतकों के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। हेपेटाइटिस आमतौर पर पांच प्रकार के होते हैं जो कि लीवर में सूजन, लीवर कैंसर (Liver Cancer) जैसी गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं।
हेपेटाइटिस के प्रकार (Types Of Hepatitis)
- हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) – हेपेटाइटिस ए वायरस (HAV) के कारण हेपेटाइटिस ए होता है। यह मुख्य रूप से तब होता है जब हम किसी हैपेटाइटिस के रोगी द्वारा खाए गए भोज्य पदार्थ को खाते हैं या फिर उसके द्वारा पीए गए पानी को पीते हैं। प्रतिवर्ष 1.4 मिलियन लोग हेपेटाइटिस ए का शिकार बन रहे हैं।
- हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) – इसका मुख्य कारण होता है जब हम एक हेपेटाइटिस से ग्रस्त व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए गए रेज़र का प्रयोग करते हैं, या फिर किसी भी प्रकार से हम उस व्यक्ति के सम्पर्क में आते हैं। इसके कारण आंखों और त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है, थकान बहुत अत्यधिक होती है, गहरे रंग का मूत्र आता है और उल्टी तथा पेट दर्द भी होता है। हेपेटाइटिस-बी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है।
- हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C)– इसका मुख्य कारण हेपेटाइटिस सी वायरस (HCV) होता है। शुरूआत में इसका कोई लक्षण नहीं दिखता और जब तक इसके बारे में पता चल पाता है तब तक यह पूरे शरीर में फैल जाता है। हेपेटाइटिस सी के अंतिम चरण में रोगी को लीवर कैंसर भी हो सकता है।
- हेपेटाइटिस डी (Hepatitis D) – इसे डेल्टा हेपेटाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। यह बहुत ही गंभीर बीमारी होती है जो कि हेपेटाइटिस डी वायरस (HDV) के कारण होती है। परन्तु यह किसी व्यक्ति को तभी होता है जब उसे पहले हेपेटाइटिस बी या फिर सी हो चुका हो। इसके मुख्य लक्षण में गहरे रंग का मूत्र, उल्टी, थकान, दस्त या फिर हल्का बुखार हो सकते हैं।
- हेपेटाइटिस ई (Hepatitis E)– यह एक जलजनित बीमारी होती है जो कि हेपेटाइटिस ई वायरस (HEV) के कारण होती है। यह दूषित पानी व भोजन तथा गंदगी के कारण फैलता है। बाकी देशों के मुकाबले हेपेटाइटिस ई के रोगी भारत में बहुत ही कम होते हैं।
क्या हैं हेपेटाइटिस के लक्षण (Symptoms of Hepatitis)
हेपेटाइटिस नामक बीमारी होने पर ये कुछ निम्नानुसार लक्षण (Symptoms) देखने को मिलते हैं,
- भूख कम लगना अथवा जी मिचलाना।
- उल्टी/मतली होना।
- अत्यधिक थकान/अस्वस्थता महसूस होना।
- पेट दर्द और सूजन।
- रोग की गंभीर स्थिति में पैरों में सूजन होना और पेट में तरल पदार्थ का संचित होना।
- रोग की अत्यंत गंभीर स्थिति में कुछ रोगियों के मुंह या नाक से खून की उल्टी हो सकती है।
- खुजलाहट।
- वज़न का घटना।
- मूत्र का रंग गहरा हो जाना।
- मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना/हर समय थकावट महसूस करना।
- उच्च तापमान (ज़्वर) 38 डिग्री सेल्सियस (100.4 फेरनहाइट) या इससे अधिक।
- कभी-कभी आँखों और त्वचा का पीलापन (अर्थात् पीलिया) क्रोनिक हेपेटाइटिस (पुरानी यानी चिरकालिक या दीर्घकालिक यकृत शोथ) के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं।
- डिप्रेशन (अवसाद)/ सिरदर्द
क्या हैं हेपेटाइटिस से बचाव (निदान) के उपाय
- हेपेटाइटिस से संक्रमित रोगी को चिकित्सक से नियमित जांच करवानी चाहिए।
- यह संक्रमण मॉनसून के दौरान अधिक फैलता है, इसलिए इस मौसम में तेलीय, मसालेदार, विषाक्त पदार्थों और भारी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। फास्ट फूड, केक, पेस्ट्री, चॉकलेट्स, आदि से परहेज करना चाहिए।
- मांसाहारी भोजन व एल्कोहल का पूर्ण रूप से त्याग करें।
- पानी को उबालकर पिएं।
- विटमिन सी युक्त खट्टे फल, पपीता, नारियल पानी, सूखे खजूर, किशमिश, बादाम और इलायची का अच्छे से सेवन करें।
- संक्रमित व्यक्ति के सेविंग रेजर, टूथब्रश और सूई, नाखून कतरनी जैसी निजी वस्तुओं का उपयोग ना करें इससे भी संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।
- गर्भवती महिला को संक्रमण होने पर इलाज ज़रूर करवाए।
- हेपेटाइटिस के विषय में युवाओं को जानकारी दे।
- शौचालय प्रयोग के बाद हाथों को स्वच्छ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोएं।
World Hepatitis Day 2025 Quotes & Messages (इस दिवस पर लोगों को जागरूक करने हेतु संदेश)
- हेपेटाइटिस के बारे में सतर्क रहने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।
- अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए हेपेटाइटिस का टीका लेना न भूलें।
- हेपेटाइटिस से एक जीवन को बचाने की दिशा में हर कदम मायने रखता है।
- हेपेटाइटिस को नजरअंदाज करने से स्थिति और खराब हो जाएगी। इसके बारे में अधिक जानने और सावधानी बरतने से वांछित परिवर्तन आएगा।
- हेपेटाइटिस को नजरंदाज ना करें, इससे लड़ें तथा सावधानी बरतें।
- आइए हम उन लोगों के साथ खड़े हों जो हेपेटाइटिस से पीड़ित हैं और उन्हें बताएं कि वे इस लड़ाई में अकेले नहीं हैं।
- विश्व हेपेटाइटिस दिवस एक ऐसा अवसर है जो हमें जागरूक रहने और हेपेटाइटिस की बीमारी के बारे में सूचित करने की याद दिलाता है
- “विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर, आइए हम वादा करें कि हम कभी भी अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा नहीं करेंगे और किसी और को भी इसकी उपेक्षा नहीं करने देंगे।”
- आइए हम सब मिलकर हेपेटाइटिस से लड़ें और इस बीमारी के सामने आत्मसमर्पण न करें।
- आप कुछ सावधानियां बरतकर और हेपेटाइटिस के प्रति जागरूक रहकर बहुत कुछ बदल सकते हैं।
असाध्य रोग ले रहे हैं आज भी लोगों की जान
वर्तमान तकनीकी युग में जहाँ इंसान चाँद पर पहुँच चुका है और प्रतिदिन नए-नए आविष्कार हो रहे हैं, वहीं बीमारियाँ भी तेज़ी से बढ़ रही हैं। एक रोग का इलाज मिलते ही दूसरा उभर आता है। कोरोना जैसी महामारी में लाखों लोग उपचार के अभाव में दम तोड़ गए। कैंसर जैसी कई बीमारियों का आज भी कोई पक्का इलाज नहीं है। जब डॉक्टर्स जवाब दे देते हैं, तो रोगी साधु-संतों, ओझा, तांत्रिकों और झाड़-फूंक करने वालों की शरण लेते हैं। वहाँ भी जब ये कह दिया जाता है कि यह सब आपके प्रारब्ध (पिछले जन्म के कर्म) के कारण हैं और इन्हें भुगतना ही पड़ेगा, तब पीड़ित व्यक्ति अक्सर मानसिक तनाव में आकर आत्महत्या तक कर लेता है। तो सवाल यही उठता है, क्या प्रारब्ध कर्म कभी कट नहीं सकते?
सच्चे सतगुरु की शरण में जाने से कटेंगे हमारे प्रारब्ध के कर्म
ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि यदि रोगी की जीवन शक्ति नष्ट हो गई हो और रोगी मृत्यु के समीप पहुंच गया हो तो भी परमात्मा कविर्देव जी उसको स्वस्थ्य करके सौ वर्ष की सुखमय आयु प्रदान करते हैं। इसके लिए सच्चे सतगुरु की शरण लेनी पड़ेगी। आखिर सच्चे सतगुरु की पहचान कैसे हो इसके बारे में आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने कहा हैं कि:
“गरीब, सतगुरु के लक्षण कहूं, मधुरे बैन विनोद।
चार बेद षट शास्त्र, कहे अठारा बोध।।”
अर्थात् जिस संत को सर्व शास्त्रों का पूरा ज्ञान हो वही सच्चा सतगुरु होता है।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज है सच्चे सतगुरु
वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी ही वो सच्चे सतगुरु हैं। जिन्हें सभी शास्त्रों का पूरा ज्ञान है। जिनके द्वारा बताई सत्य भक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो रहे हैं। अब तक लाखों लोगों की कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई भक्ति से ठीक हो चुकी है। और सुखी जीवन जी रहे हैं। पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी का अनमोल सत्संग अवश्य सुनें इसके लिए तुरंत डाउनलोड करें Sant Rampal Ji Maharaj App।
FAQ About World Hepatitis Day 2025
विश्व हेपेटाइटिस दिवस हर साल 28 जुलाई को वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
विश्व हेपेटाइटिस दिवस हर साल 28 जुलाई को वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, इसके अलावा लोगो को यकृत की सूजन के बारे में जानकारी पता चल सके जो यकृत कैंसर सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है इसलिए भी ये मनाया जाता है। हेपेटाइटिस वायरस के पांच मुख्य उपभेद हैं – ए, बी, सी, डी और ई।
Ans. “Hepatitis: Let’s Break It Down”.
हेपेटाइटिस का सामान्य अर्थ है लीवर की सूजन।
Ans. हेपेटाइटिस-बी वायरस के खोजकर्ता डॉ. बरूच सैमुएल ब्लूमबर्ग (Baruch Samuel Blumberg) के जन्मदिवस को प्रतिवर्ष ‘विश्व हेपेटाइटिस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।