Last Updated on 2 June 2025 IST | विश्व पर्यावरण दिवस 2025: प्रति वर्ष 5 जून को World Environment Day मनाया जाता है। हर साल पर्यावरण दिवस एक विशेष थीम के तहत एक देश को चुनकर आधिकारिक रूप से वहां पर्यावरण दिवस, पर्यावरण के प्रति समस्याओं और सुझावों को लेकर मनाया जाता है। यह पर्यावरण के आयामों को सतत विकास करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। जानिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day in Hindi) के बारे में विस्तार से। साथ में यह भी जानें कि सतयुग की तरह कलयुग में भी स्वच्छ व स्वस्थ वातावरण निर्मित कैसे होगा?
World Environment Day (विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2025) के मुख्य बिन्दु
- विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन 5 जून 2025 को किया जाएगा।
- यह पर्यावरण जागरूकता के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है।
- 5 जून 1973 को यह दिवस पहली बार मनाया गया था, जिसके बाद से हर साल यह पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
- इस वर्ष की थीम प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करना पर केंद्रित है।
- इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन की मेजबानी सऊदी अरब करेगा।
- यह दिवस पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापना पर संयुक्त राष्ट्र के दशक (2021-2030) का एक अहम हिस्सा है।
- इसका लक्ष्य विश्वभर में पारिस्थितिकी तंत्रों की सुरक्षा और उनके पुनर्जीवन को प्रोत्साहित करना है, जो सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है।
- थीम पर जागरूकता बढ़ाने और सक्रिय कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए विश्वव्यापी अभियान, शैक्षिक कार्यक्रम, और स्थानीय इवेंट्स का आयोजन किया जाएगा।
- पर्यावरणीय परिवर्तन की दिशा में काम करने के लिए सरकारों, व्यापारिक संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों, और व्यक्तिगत स्तर पर लोगों की भागीदारी तय होगी।
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यावरण कार्यक्रम का नेतृत्व किया जाएगा, जो पर्यावरणीय जागरूकता के लिए सबसे बड़ा वैश्विक मंच है।
- विश्वभर के लाखों लोग इस दिवस को मनाएंगे, जिसमें समुद्र संरक्षण के लिए तत्काल सामूहिक कार्रवाई पर जोर दिया जाएगा।
पर्यावरण क्या है?
पर्यावरण अर्थात Environment शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के ‘Environner’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है ‘पड़ोस’ या घिरा हुआ या घेरना। पर्यावरण बना है परि+आवरण, “परि” जो हमारे चारों ओर है”आवरण” जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है,अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ होता है चारों ओर से घेरे हुए।
पर्यावरणविदों के अनुसार ‘पर्यावरण’ की कुछ अन्य परिभाषाएं
- अर्नेस्ट हैकल के अनुसार – “पर्यावरण का तात्पर्य मनुष्य के चारों ओर पाई जाने वाली परिस्थितियों के उस समूह से है जो उसके जीवन और क्रियाओं पर प्रभाव डालती है”
- एनास्टैसी के अनुसार – “पर्यावरण प्रत्येक वह वस्तु है जो जीन्स (Genes) के अतिरिक्त व्यक्ति को प्रभावित करती है।”
- बुडबर्थ के अनुसार – “पर्यावरण शब्द का अभिप्राय उन सभी बाहरी शक्तियों औऱ तत्वों से है जो व्यक्ति को आजीवन प्रभावित करती है।”
- फिटिंग के अनुसार – “पर्यावरण किसी जीवधारी को प्रभावित करने वाले समस्त कारकों का योग है”
- हरकोविट्ज के अनुसार – “किसी जीवित तत्व के विकास चक्र को प्रभावित करने वाली समस्त बाह्य दशाओं को पर्यावरण कहते हैं।”
World Environment Day Theme 2025 | विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम क्या है?
World Environment Day 2025 in Hindi | विश्व पर्यावरण दिवस के लिए हर वर्ष एक नई थीम (विषय) चुनी जाती है और उसी के आधार पर कदम उठाए जाते हैं। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम (Theme of World Environment Day 2025) – “Ending Plastic Pollution.” है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में प्लास्टिक के दुष्प्रभावों को कम करने और स्थायी विकल्प अपनाने की अपील है।
प्लास्टिक प्रदूषण आज हमारे पर्यावरण के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। यह हमारे समुद्रों, नदियों, जंगलों और जमीन को नुकसान पहुंचा रहा है और इसके कारण जलीय और भूमि पर रहने वाले जीव-जंतु भी खतरे में हैं। इसके अलावा, प्लास्टिक का अति प्रयोग मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस 2025 (Theme of World Environment Day 2025) का विषय है “Ending Plastic Pollution.” यह हमें यह याद दिलाता है कि अब समय आ गया है कि हम इस समस्या से लड़ने के लिए ठोस कदम उठाएं।
यह थीम हमें प्रेरित करती है कि हम प्लास्टिक के उपयोग को कम करें, पुनर्चक्रण (Recycle) को बढ़ावा दें और स्थायी विकल्प अपनाएं ताकि हम एक स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ पर्यावरण बना सकें।
South korea Host of World Environment Day 2025
दक्षिण कोरिया द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के लिए वैश्विक अवलोकन की मेजबानी करने का यह दूसरा अवसर है। पहली बार उन्होंने 1997 में “पृथ्वी पर जीवन के लिए” थीम के तहत इस दिवस की मेजबानी की थी।
पिछले 28 वर्षों में, दक्षिण कोरिया ने जल और वायु की गुणवत्ता में सुधार, रसायनों का सुरक्षित प्रबंधन, तथा पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा और पुनर्स्थापना में उल्लेखनीय प्रगति की है। व्यापक उत्पादक जिम्मेदारी के माध्यम से व्यवसायों को जोड़ने के दशकों के अनुभव के आधार पर, दक्षिण कोरिया प्लास्टिक कचरे से निपटने के प्रयासों में अग्रणी देशों में से एक बन चुका है। देश की पूर्ण जीवन-चक्र प्लास्टिक रणनीति प्लास्टिक के उत्पादन, डिजाइन, उपभोग, पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण के हर चरण को संबोधित करती है।
यह रणनीति सरकार, व्यवसायों और उपभोक्ताओं को एक साथ लाकर प्लास्टिक उपयोग और निपटान के तरीकों को पुनः आकार देने का लक्ष्य रखती है। कचरे को स्रोत पर रोक लगाकर, पुनर्चक्रण प्रयासों का विस्तार करके और परिपत्र अर्थव्यवस्था में संक्रमण को तेज करके दक्षिण कोरिया प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और एक टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है।
दक्षिण कोरिया के जेजू प्रांत को विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के लिए मेज़बान स्थान चुना गया है। 2022 में, जेजू ने 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण मुक्त होने का लक्ष्य घोषित किया था। यह देश का एकमात्र प्रांत है जहाँ घरेलू कचरे को निर्दिष्ट रीसाइक्लिंग सहायता केंद्रों पर निपटाया जाना अनिवार्य है। इस प्रणाली के तहत स्रोत पर कचरे का पृथक्करण किया जाता है, जिससे पुनर्चक्रण दर बढ़ती है और अधिक कचरे का पुन: उपयोग सुनिश्चित होता है। इसके अतिरिक्त, जेजू दक्षिण कोरिया में डिस्पोजेबल कप जमा प्रणाली शुरू करने वाला पहला प्रांत भी है।
World Environment Day History (विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास)
क्या आप जानते हैं, पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया गया?
संयुक्त राष्ट्र ने 1972 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित सम्मेलन में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर विचार विमर्श किया। इस सम्मेलन में 119 देशों ने भाग लिया था। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून 1972 को World Environment Day मनाने का प्रस्ताव स्वीकार किया। 2 वर्ष पश्चात 5 जून 1974 से इसे प्रत्येक वर्ष मनाना शुरू कर दिया गया । यह दिवस पर्यावरण के प्रति मानव कर्तव्यों की ओर ध्यान आकर्षित करने, पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या आदि पर विचार करने हेतु मनाया जाता है।
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वर्ष 1987 में इसके केंद्र प्रतिवर्ष बदलते रहने पर विचार किया गया और इस तरह प्रति वर्ष पर्यावरण दिवस पर प्रत्येक देश में यह दिवस तो मनाया ही जाता है साथ ही किसी एक देश को आधिकारिक रूप से चुनकर उस देश में इसका आयोजन किया जाता है। इसमें लगभग 143 देश हिस्सा लेते हैं।
भारत में पर्यावरण की स्थिति
भारत भी अन्य देशों के साथ सदैव जागृत रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत ने हमेशा ही पर्यावरण की ओर चिंता व सजगता ज़ाहिर की है। इसी के तहत भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 पहले ही बनाया गया था, जबकि साल 1986 में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया।
कोविड काल में लॉकडाउन से पर्यावरण में हुआ था सुधार
कोविड काल में तमाम फैक्ट्रियां और वाहन बंद रहने से लॉकडाउन के चलते विश्व भर में वायु प्रदूषण हुआ कम। भारत की नदी गंगा हरिद्वार से हुगली तक निर्मल हो गई थी। जालन्धर से लगभग 200 किमी दूर बर्फ की पहाड़ियां नज़र आने लगी थी। नासा की रिपोर्ट के अनुसार भारत का प्रदूषण पिछले 20 वर्षों की तुलना में सबसे नीचे पहुंच गया था। और विश्व की ओजोन परत की समस्या का समाधान भी हो गया था। लेकिन अब प्रदूषण फिर से बढ़ चुका है जिससे हमारे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य (Aim of World Environment Day)
अगर आप भारत के किसी बड़े शहर में रहते हैं, तो आप निश्चित रूप इस बात तो परिचित होंगे कि यहां रह रहे लोग हर साल बढ़ते तापमान और प्रदूषण के बीच किस तरह जी रहे हैं। ये हाल सिर्फ दिल्ली या मुंबई जैसे शहरों का नहीं है बल्कि पूरी दुनिया का है। आज तेज़ी से बढ़ता तापमान और प्रदूषण इंसानों के साथ-साथ पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवों के लिए बड़ा ख़तरा बन गया है। यही वजह है कि कई जीव-जंतु विलुप्त हो रहे हैं। साथ ही लोग भी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
■ Read in English | World Environment Day: Know How can Environment be Made Better?
यह सब सिर्फ पर्यावरण में बदलाव और उसको पहुंचते नुकसान की वजह से है। हम ख़ुद अपने पर्यावरण का ख़्याल नहीं रख रहे हैं, यही वजह है कि धीरे-धीरे हमारी ज़िंदगी मुश्किल होती जा रही है। भविष्य में उतपन्न होने वाले इसी गम्भीर संकट को औऱ अधिक जटिल न होने देने के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सिर्फ पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता लाना है।
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का महत्व (Significance of World Environment Day)
विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day in Hindi) मनाने के पीछे की अवधारणा पर्यावरण के महत्व पर ध्यान केंद्रित करना है औऱ लोगों को यह याद दिलाना है कि पृथ्वी को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
विश्व पर्यावरण दिवस कैसे मनाया जाता है
संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस के दिवस के अवसर पर स्कूल के सभी छात्रों के साथ मिलकर पेड़ पौधे लगाने का कार्यक्रम निर्धारित किया जाता है। तथा छोटे-छोटे मंच के माध्यम से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है।
पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य (Facts)
यदि आंकड़ों की बात करें तो संयुक्त राष्ट्र एनवायरमेंट प्रोग्राम की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार दुनिया भर में हर साल 400 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से आधे को केवल एक बार उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है। इसमें से 10 प्रतिशत से भी कम को रिसाइकिल किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार 19 से 23 मिलियन टन प्लास्टिक सालाना झीलों, नदियों और समुद्रों में बहा दिया जाता है जो जल को प्रदूषित करता है।
वहीं माइक्रोप्लास्टिक्स यानि 5 मिलीमीटर व्यास तक के छोटे प्लास्टिक कण भोजन, पानी और हवा को प्रदूषित करते हैं। फेंके गए या जलाए गए सिंगल यूज़ प्लास्टिक मानव स्वास्थ्य और जैव विविधता को नुकसान पहुँचाते हैं और पहाड़ की चोटियों से लेकर समुद्र तल तक हर पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदूषित करते हैं। जिससे बड़े स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण होता है।
पर्यावरण बचाने में हम क्या कर सकते हैं ?
- व्यक्तिगत स्तर पर हमें पहले दूसरों के सुधरने के इंतज़ार की बजाय स्वयं से शुरुआत करनी होगी।
- वृक्षारोपण करना होगा।
- छोटे बच्चों को प्रेरित करें और उन्हें संस्कार दें कि यह पृथ्वी उनका घर है जिसे सहेजने की जिम्मेदारी उनकी भी है।
- प्रदूषण कम फैलाएं। बहुत साधारण बातों का ध्यान रखना ही बड़े बदलाव लेकर आता है। जैसे गीले व सूखे कचरे के लिए अलग अलग पात्र रखना आदि।
- जल संरक्षण की विभिन्न विधियां अपनाएं। जल को व्यर्थ बहाना गलत है। संपत्ति ज़रूर आपकी हो सकती है पर संसाधन नहीं।
World Environment Day 2025 Quotes [Hindi]
World Environment Day in Hindi | पर्यावरण पर कई विद्वानों, साहित्यकारों और पर्यावरणविदों ने टिप्पणी की है और उसे सहेजने की ओर ध्यान आकर्षित किया है। साथ ही मानव के क्रियाकलापों को सीमित करने की ओर भी जोर दिया है। भारत के बर्डमैन सलीम अली ने “The Book of Indian Birds (1979)”, “The Fall of a Sparrow (1985)” जैसी किताबें चिड़ियों के प्रति सजग करते हुए लिखी थीं। कविता और प्रकृति का रिश्ता पुराना है।
“एक नदी के प्राण सूख जाने पर सिर्फ नदी नहीं, बहुत कुछ सूख जाता है।”
नागार्जुन
“प्रकृत शक्ति तुमने यंत्रों से सबकी छीनी, शोषण कर जीवनी बना दी जर्जर झीनी”
जयशंकर प्रसाद
“मैं सोते के साथ बहता हूँ, पक्षी के साथ गाता हूँ”
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय
धरती बनेगी स्वर्ग समान
स्वच्छ व स्वस्थ समाज की स्थापना तो हर कोई चाहता है पर इस स्वच्छ व स्वस्थ समाज के सपने को साकार किया है सच्चे समाजसुधारक संत रामपाल जी महाराज ने अपने अद्वितीय ज्ञान से। ऐसा कहना बिल्कुल सार्थक होगा कि संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनमोल ज्ञान से कलयुग में सतयुग का निर्माण कर रहे हैं। सत्ययुग उस समय को कहा जाता है जिस युग में कोई अनैतिकता नहीं होती है। उसमें शांति होती है। एक पुत्र पिता के सामने नहीं मरता; एक महिला विधवा नहीं होती है। शरीर बीमारी से मुक्त होता है। सभी मनुष्य भक्ति करते हैं वे ईश्वर से डरते हैं क्योंकि वे आध्यात्मिक ज्ञान के सभी कार्यों से परिचित होते हैं। वे मन, कर्म या वचन से किसी को कष्ट नहीं देते हैं और न ही दुष्ट होते हैं।
पेड़ों की बहुतायत होती है। सत्ययुग में, कोई भी मांस, तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करता है क्योंकि वे इनसे होने वाले पापों से परिचित होते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों को देखकर ऐसा ही लगता है कि यह सभी जीव आत्माएं कलयुग की नहीं अपितु सतयुग की हैं, जो कि सर्व विकारों से दूर व मानवता, भाईचारे का अद्वितीय उदाहरण हैं। आप भी बुराइयों को छोड़कर सतभक्ति ग्रहण करने के लिए डाउनलोड करे Sant Rampal Ji Maharaj app.
शंखों लहर मेहर की उपजैं, कहर नहीं जहाँ कोई।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।
जब हमारे मन में दया और प्रेम की लहर उठती है, तो हमारे अंदर किसी के लिए भी द्वेष या दुख की कोई जगह नहीं रहती। यह अनुभव कुछ पल के लिए होता है, लेकिन ये पल हमें सच्चे सुख का अहसास कराते हैं — ऐसा सुख जो स्थायी और अविनाशी होता है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 [Hindi]: FAQ
Ans. इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम “Ending Plastic Pollution.” है, जिसका उद्देश्य भूमि के क्षरण की समस्या पर ध्यान आकर्षित करना है।
Ans. प्रतिवर्ष 5 जून को
Ans. 5 जून 1973 को
Ans. 1972 में. आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में पर्यावरण के मुद्दों पर पहला बड़ा सम्मेलन 1972 में स्वीडन के स्टॉकहोम में 5-16 जून तक आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन को मानव पर्यावरण सम्मेलन या स्टॉकहोम सम्मेलन के रूप में जाना जाता था।
Ans. 2018 में. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि विश्व पर्यावरण दिवस के 45वें उत्सव का आयोजन भारत में “प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं (बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन।)” विषय के तहत किया गया था। इस दिन लगभग 6000 लोग मुंबई के वर्सोवा बीच पर पृथ्वी के संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण चैंपियन अफरोज शाह से जुड़ने के लिए समुद्र तट पर इकट्ठा हुए और उन्होंने 90,000 किलोग्राम से अधिक प्लास्टिक एकत्र किया।
दक्षिण कोरिया इस साल इस कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है।