World Earth Day 2023 [Hindi]: कौन है वह संत जो पृथ्वी को स्वर्ग बना रहे हैं?

spot_img

Last Updated on 21 April 2023, 5:54 PM IST | विश्व पृथ्वी दिवस 2023 (World Earth Day in Hindi) | जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी को हो रहे नुकसान से संरक्षित करने के लिए प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत साल 1970 में की गई थी। आइये पृथ्वी दिवस के मौके पर जानते हैं पृथ्वी दिवस का इतिहास, महत्व (World Earth Day importance in Hindi) तथा विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day 2023) की थीम की सम्पूर्ण जानकारी।

Table of Contents

World Earth Day 2023 [Hindi]: मुख्य बिंदु

  • पृथ्वी के संरक्षण के मद्देनजर, पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है।
  • पृथ्वी दिवस को पहली बार 1970 में मनाया गया था।
  • इस साल विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day 2023) की थीम “हमारे ग्रह में निवेश करें (Invest In Our Planet)” रखी गई है।
  • इसे अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
  • इस साल 53वां पृथ्वी दिवस मनाया जाएगा।

विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?

पृथ्वी दिवस के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा जिसका उद्देश्य है, पृथ्वी और पर्यावरण को बचाना। अक्सर हम सभी कहते हैं कि ये धरती हमारी माँ है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि हम अपनी ही माँ का ध्यान नहीं रख रहे हैं। ध्यान तो छोड़िए, हम तो इसे अपवित्र ही कर रहे हैं, कभी प्रदूषण के माध्यम से, कभी इसके साथ छेड़छाड़ करके। पृथ्वी के महत्व को समझते हुए और इसके संरक्षण के लिए पूरे विश्व के लोगों ने एक दिन का चुनाव किया जिसे विश्व पृथ्वी दिवस के नाम से जाना जाता है। जिसे हर साल 22 अप्रैल को पूरे विश्व में विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day in Hindi) के रूप में मनाया जाता है।

विश्व पृथ्वी दिवस 2023 कब मनाया जाता है?

विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day in Hindi) प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस साल भी विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day 2023), 22 अप्रैल को पूरे विश्व में मनाया जाएगा। 

विश्व पृथ्वी दिवस 2023 की थीम क्या है? (Theme For World Earth Day in Hindi)

इस साल विश्व पृथ्वी दिवस 2023 की थीम है ‘Invest in our planet (हमारे ग्रह में निवेश करें)’ है। यह थीम हमें हमारे स्वास्थ्य, हमारे परिवारों, हमारी आजीविका की रक्षा करने के लिए एकजुट होकर इस ग्रह में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है, क्योंकि हरा-भरा भविष्य एक समृद्ध भविष्य है। वहीं पूरा विश्व इस वर्ष 53वां पृथ्वी दिवस मनाने जा रहा है।

पृथ्वी दिवस (Earth Day) का इतिहास

पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए आयोजित किया जाता है। इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप में की थी। अब इसे 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है। विश्व पृथ्वी दिवस पहले 21 मार्च 1970 को उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत के पहले दिन आयोजित करने का प्रस्ताव था, जिसे शांति कार्यकर्ता जॉन मक्कोनेल के द्वारा दिया गया था। लेकिन बाद में इसे अमेरिकी सीनेटर, गेलॉर्ड नेल्सन के प्रयास से 22 अप्रैल को मनाया जाना प्रारंभ किया गया।

पृथ्वी दिवस क्या है?

पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए के प्रति ध्यान आकर्षित करने के लिए आयोजित किया जाता है। इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप में की थी। अब इसे 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है। इसी तारीख में उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत और दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद का मौसम रहता है। संयुक्त राष्ट्र में पृथ्वी दिवस को हर साल मार्च माह में मनाया जाता है। यह अक्सर 20 मार्च को होता है। यह एक परम्परा है जिसकी स्थापना शांति कार्यकर्ता जॉन मक्कोनेल के द्वारा की गयी।

क्यों मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस?

22 अप्रैल को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस (World Earth Day in Hindi) का मुख्य उद्देश्य लोगों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट कर पर्यावरण संरक्षण हेतु अपना सहयोग देने के लिए प्रेरित करना है, ताकि इस ग्रह को नुकसान पहुंचाने वाली मानव गतिविधियों को कम किया जा सके।

पहला पृथ्वी दिवस किसके द्वारा मनाया गया?

रोन कोब्ब ने एक पारिस्थितिक प्रतीक का निर्माण किया जिसे बाद में पृथ्वी दिवस के प्रतीक के रूप में अपनाया गया और उसे लॉस एंजिल्स फ्री प्रेस में 7 नवम्बर, 1969 को प्रकाशित किया गया और फिर इसे सार्वजानिक डोमेन में रखा गया। यह प्रतीक “E” व “O” अक्षरों के संयोजन से बनाया गया था जिन्हें क्रमशः “Environment” व “Organism” शब्दों से लिया गया था।

  • इस थीटा चिन्ह, का उपयोग पूरे इतिहास में एक चेतावनी के रूप किया जाता रहा है।
  • लुक मैगजीन ने 21 अप्रैल, 1970 के अंक में एक ध्वज में इस प्रतीक को प्रस्तुत किया।
  • इस ध्वज का प्रतिरूप संयुक्त राज्य के ध्वज के प्रतिरूप से लिया गया था ।
  • इसका केंटन पारिस्थितिक प्रतीक के साथ हरा था जहां तारे संयुक्त राज्य के ध्वज में थे।
  • विज्ञापन मुद्रण लेखक जुलियन केनिंग, 1969 में नेल्सन की संगठन समिति में सीनेटर थे और उन्होंने इसे “पृथ्वी दिवस” का नाम दिया।
  • इस नए आन्दोलन को मनाने के लिए 22 अप्रैल का दिन चुना गया, जब केनिंग का जन्मदिन भी होता है।
  • उन्होंने कहा कि “अर्थ डे, “बर्थ डे” के साथ ताल मिलाता है, इसलिए यह विचार उन्हें आया।

पृथ्वी दिवस की शुरुआत कब हुई?

पर्यावरण सक्रियता के सन्दर्भ में जारी इस वार्षिक घटना के निर्माण के लिए अलबर्ट ने प्राथमिक और महत्वपूर्ण कार्य किये जिसे उसने अपने सम्पूर्ण कार्यकाल के दौरान प्रबल समर्थन दिया, लेकिन विशेष रूप से 1970 के बाद, एक रिपोर्ट के अनुसार पृथ्वी दिवस को 22 अप्रैल को अलबर्ट के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने लगा। एक स्रोत के अनुसार यह गलत भी हो सकता है। अलबर्ट को टीवी शो ग्रीन एकर्स में प्राथमिक भूमिका के लिए भी जाना जाता था जिसने तत्कालीन सांस्कृतिक और पर्यावरण चेतना पर बहुमूल्य प्रभाव डाला।

पृथ्वी दिवस का महत्व क्या है (Importance of World Earth Day)?

पृथ्वी दिवस (World Earth Day in Hindi) का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि, ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) के बारे में पर्यावरणविदों के माध्यम से हमें पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का पता चलता है। जीवन संपदा को बचाने के लिए पर्यावरण को ठीक रखने के बारे में जागरूक रहना आवश्यक है। जनसंख्या की बढ़ोतरी ने प्राकृतिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ डाल दिया है। इसलिए इसके संसाधनों के सही इस्तेमाल के लिए पृथ्वी दिवस जैसे कार्यक्रमों का महत्व बढ़ गया है।

जलवायु परिवर्तन से पृथ्वी में क्या अंतर आए है?

सरकारी पैनल के मुताबिक सन 1880 के बाद से समुद्र स्तर 20% बढ़ गया है और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सन 2100 तक यह बढ़ कर 58 से 92 सेंटीमीटर तक हो सकता है जो कि पृथ्वी के लिए बहुत ही ख़तरनाक है। इसका मुख्य कारण है- “ग्लोबल वार्मिंग।” इससे ग्लेशियरों का पिघलना जारी है जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी जलमग्न हो सकती है। आईपीसीसी के पर्यावरणविदों के अनुसार सन 2085 तक मालदीव पूरी तरह से जलमग्न हो सकता है।

यह भी पढें: CoronaVirus Lockdown Impact on Nature [Hindi]: लॉकडाउन से बदला प्रकृति का रंग

पृथ्वी दिवस का महत्व मानवता के संरक्षण के लिए बढ़ जाता है। यह हमें जीवाश्म इंधन के उत्कृष्ट उपयोग के लिए प्रेरित करता है। इसको मनाने से ग्लोबल वार्मिंग के प्रचार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो कि हमारे जीवन-स्तर में सुधार के लिए प्रेरित करता है। यह ऊर्जा के भण्डारण और उसके अक्षय के महत्व को बताते हुए उसके अनावश्यक उपयोग के लिए हमें सावधान करता है। कार्बन डाईऑक्साइड और मीथेन उत्सर्जन की गतिविधियों की वजह से पर्यावरण अपने प्राकृतिक रूप में स्थिर रहता है।

स्वच्छ वायु योजना

1960 के दशक में कीटनाशकों और तेल के फैलाव को लेकर जनता ने जो जागरूकता दिखाई थी, उस जागरूकता की वजह से नई स्वच्छ वायु योजना बनी थी। इस वजह से अब जो भी नया विद्युत सयंत्र बनता है, उसमें कार्बन डाइऑक्साइड को कम मात्रा में उत्सर्जित करने के लिए अलग यंत्र लगाया जाता है जिससे पर्यावरण में इसका कम फैलाव हो और नुकसान कम हो।

इसलिए अप्रैल 22 को सीनेटर नेल्सन ने कहा कि वह व्यक्ति इस दुनिया में पर्यावरण से अलग नहीं रह सकता जो अंतराष्ट्रीय दिवस को छुट्टी का दिन न मानकर दुनिया भर के लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के लिए जागरूक करता है और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश करता है।

पृथ्वी दिवस 2023 (World Earth Day in Hind) में होने वाली गतिविधियां

पृथ्वी पर हमें उपहार स्वरूप लाखों प्रजातियां मिली है, जिन्हें हम जानते और प्यार करते हैं। आपको यह जानकार आश्चर्य भी होगा कि हम अब तक इनमें से कई प्रजातियों को जान पाने में असफल भी रहे हैं। हमारे द्वारा उत्पन्न प्राकृतिक असंतुलन और प्रदूषण से अब तक कई प्रजातियां विलुप्त भी हो चुकी हैं। इस समस्या से निपटने के लिए इस वर्ष इसे ही मुद्दा बनाया जाना चाहिए और इस वर्ष इसके उद्देश्य निम्न होने चाहियें:-

  • लाखों प्रजातियों के विलुप्त होने की दर, इसके कारण और परिणामों के संदर्भ में लोगों को जागरूक करना।
  • कुछ ऐसी प्रमुख नीतियों पर जीत हासिल करें जो विभिन्न प्रजातियों के विभिन्न समूहों और विभिन्न व्यक्तिगत प्रजातियों की रक्षा करें और साथ ही उनके आवास को भी सुरक्षित रखे।
  • एक ऐसे वैश्विक आंदोलन की शुरुआत करें जो प्रकृति और इसके मूल्यों को बढ़ावा देता हो।

पृथ्वी दिवस कैसे मनाया जाता है?

World Earth Day in Hindi: अगर आप भी आने वाले 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाना और विश्व पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग देना चाहते हैं तो निम्न गतिविधियाँ अपनाकर इसे मना सकते हैं:-

  1. आप बेहद ही छोटे स्तर पर कुछ पेड़ लगाकर अपने आस पास के वातावरण को सुंदर बनाने के साथ-साथ पक्षियों को आवास और भोजन प्रदान कर सकते हैं। इससे मिट्टी के होने वाले कटाव को रोकने में भी मदद मिलेगी और यह पृथ्वी दिवस मनाने का एक बेहद ही सरल और कारगर तरीका साबित होगा।
  2. आप अपने यहाँ एक रिसाइक्लिंग पार्टी का भी आयोजन कर सकते हैं जिसमें आप अपने मित्रों को अपशिष्ट पदार्थ (waste मटेरियल) पर रिसाइक्लिंग प्रोसेस के द्वारा एक नया आइटम बनाकर लाने के लिए भी कह सकते हैं और सबसे बेहतर आइटम बनाने वालों को इनाम देकर उन्हें प्रोत्साहित भी कर सकते हैं।
  3. आप कुछ लोगों का समूह बनाकर किसी पार्क, नदी का किनारा या किसी लोकल एरिया को साफ करने का अभियान भी चला सकते हैं।
  4. अगर आप किसी संस्था से जुड़ेे हैं और कुछ बड़े स्तर पर इस दिन का आयोजन करना चाहते हैं तो आप अपने शहर में एक ऐसे रिसाइक्लिंग प्रोग्राम की शुरुआत कर सकतें हैं जिसकी सुविधा आपके शहर में पहले से मौजूद नहीं है।
  5. इस तरह से इन मुद्दों के अलावा आप अपने हिसाब से कुछ अलग और नए तरीके से भी यह दिन मना सकते हैं। यह दिन कई देशों में एक साथ मनाया जाता है।
  6. सभी देशों की संस्कृति, भाषा और रहन सहन भिन्न हैं, फिर भी हर देश में इसे मनाने का केवल एक ही उद्देश्य है – “पर्यावरण संरक्षण।”

पृथ्वी दिवस (World Earth Day Hindi Quotes) के बारे में कुछ प्रसिद्ध हस्तियों के विचार

  • ग्रेग द्वोर्किन के अनुसार, “पृथ्वी दिवस का कार्यक्रम 175 देशों में एक अरब से ज्यादा लोगों को पृथ्वी दिवस से जुड़कर पर्यावरण के बचाव के लिए प्रेरित करता है, ना कि यह चाय पार्टियों के लिए प्रस्तावित करता है।”
  • जेरी कोस्टेल्लो ने कहा कि इस पृथ्वी दिवस के जश्न में मैं सभी को हमारे राष्ट्र की नदियों, झीलों, पानी की साफ़ सफाई और उनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सभी सीनेटरों या सदन के सदस्यों से निवेदन करता हूँ कि वो इस क्षेत्र में निवेश करें”।
  • जक्की स्पीयर के अनुसार, “हर दिन पृथ्वी दिवस होना चाहिए, हर दिन हमें सुरक्षित जलवायु के लिए भविष्य में निवेश करते रहना चाहिए। इसके लिए मैं हमेशा वोट देने के लिए तैयार हूँ।”
  • बैरी कोम्मोनेर के अनुसार, “1970 का प्रथम पृथ्वी दिवस सबसे महत्वपूर्ण था। अमेरिकी लोग पर्यावरण के खतरे को समझते हुए इस पर कार्यवाही की मांग कर रहे थे।”
  • जय इन्स्ली के अनुसार, “हमने पृथ्वी दिवस के रूप में एक बड़ी सफलता पाई है क्योंकि, इस तरह के कार्यक्रम को देश ने बहुत ही भावनात्मक तरीके से गले लगते हुए और इस पर दूरदर्शी सोच रखते हुए पर्यावरण बचाव और उर्जा संरक्षण नीति को बढ़ावा दिया है।

पृथ्वी दिवस के बारे में अन्य विशेष जानकारी

आप सभी जानते ही हैं कि पृथ्वी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य मनुष्य द्वारा प्रकृति को हानि पहुंचाने से रोकना है। अध्यात्म को मानने वाले व्यक्ति जानते हैं कि प्रकृति का निर्माण ईश्वर ने किया है, उन्होंने मनुष्य को उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी है। इसका प्रमाण हमें पवित्र बाइबल के उत्पत्ति ग्रंथ में मिल जाता है:

  • ईश्वर ने मनुष्य के लिए फलदार बीज वाले वृक्ष बनाए हैं। उन्होंने पृथ्वी के किसी भी जीव को मारने का आदेश नहीं दिया।
  • आप सबको पता ही होगा कि यदि प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र में एक भी जीव पृथ्वी से गायब हो जाए तो पूरा पारिस्थितिकी तंत्र समाप्त हो जाता है।
  • इसी के साथ पवित्र बाइबल (Holy Bible) में यह भी लिखा है कि ईश्वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरूप में बनाया इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर साकार है, मनुष्य के समान दृश्यवान हैं।
  • सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों में कई जगह यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि सारी सृष्टि की रचना करने वाले ईश्वर का नाम कबीर है, वही सृष्टि की रचना करने वाले हैं और वह सभी जीवों की रक्षा के लिए पृथ्वी पर आते रहते हैं।
  • अपने द्वारा बनाई गई सृष्टि की देखरेख वह खुद करते हैं इसलिए वह हमेशा किसी न किसी रूप में धरती पर आते ही रहते हैं, चाहे वह फकीर, संदेशवाहक या कोई तत्वदर्शी संत ही क्यों न हो।
  • वर्तमान में भी ईश्वर एक तत्वदर्शी संत के रूप में इस धरती पर आए हुए हैं जो सभी मनुष्य को सभी धर्मों के शास्त्रों के आधार पर सद्भक्ति बता रहे हैं, जिससे उनसे जुड़ने वाले सभी मनुष्यों (अनुयायियों) को अनेक लाभ मिल रहे हैं जो कि ईश्वर के विधान के अनुसार सत्य है (सत भक्ति करने वाले को आध्यात्मिक, शारीरिक व मानसिक रूप से लाभ होता है)। अगर ईश्वर की भक्ति से लाभ नहीं होता तो कोई भी साधक उनकी भक्ति नहीं करते।
  • उस तत्वदर्शी संत की पहचान सभी पवित्र धर्मों (हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई) की पवित्र पुस्तकों में स्पष्ट रूप से लिखा है, साथ ही विश्व के ख्याति प्राप्त भविष्यवक्ताओं ने भी उसी संत के विषय में भविष्यवाणियाँ की हैं जो पूरी सृष्टि को भयंकर आपदाओं से बचाकर सत भक्ति प्रदान करेंगे जिससे साधक को जीवन पर्यंत लाभ होगा।
  • वह संत प्राकृतिक परिवर्तन भी कर सकते हैं और इस प्रकृति के विनाश से हम सभी को बचा सकते हैं।

विश्व पृथ्वी दिवस 2023 [Hindi]: FAQ

पृथ्वी दिवस कब-कब मनाया जाता है?

Ans. पृथ्वी दिवस प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है।

पहली बार पृथ्वी दिवस कब मनाया गया?

Ans. पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल 1970 को मनाया गया था।

इस बार विश्व पृथ्वी दिवस 2023 की थीम क्या है?

Ans. पृथ्वी दिवस 2023 की थीम ‘Invest in our planet’ (हमारे ग्रह में निवेश करें) है।

पहला पृथ्वी दिवस समारोह कहाँ आयोजित हुआ था?

Ans. संयुक्त राज्य अमेरिका में पहला पृथ्वी दिवस समारोह हुआ था। इस दिन पर्यावरण सुधार के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन में लगभग 20 मिलियन अमेरिकियों ने भाग लिया था।

 सर्वप्रथम ‘पृथ्वी दिवस’ शब्द किसने दिया था?

Ans. ‘पृथ्वी दिवस’ शब्द जुलियन कोनिंग 1969 ने दिया था।

पृथ्वी दिवस अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में कब से मनाया जाने लगा?

Ans. पृथ्वी दिवस वर्ष 1990 से अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

अप्रैल के दिन ही पृथ्वी दिवस क्यों मनाया जाता है?

Ans.अप्रैल को जुलियन कोनिंग का जन्मदिन होता था। उसके अनुसार ‘बर्थ डे’ से मिलता जुलता है ‘अर्थ डे’ है। इसीलिए, उन्होंने 22 अप्रैल को ‘अर्थ डे’ मनाने का सुझाव दिया था।

विश्व पृथ्वी दिवस के संस्थापक कौन हैं?

Ans. गेलॉर्ड एन्टॉन नेल्सन को विश्व पृथ्वी दिवस का संस्थापक माना जाता है।

Latest articles

6.4 Magnitude Earthquake Jolts Japan 

Japan was rocked by a powerful 6.4 magnitude earthquake on April 17, 2024, according...

Mahavir Jayanti 2024: Know Why Mahavir Jain Suffered Painful Rebirths in the Absence of Tatvagyan

Last Updated on 17 April 2024 IST: Mahavir Jayanti 2024: Mahavir Jayanti is one...

UPSC CSE Result 2023 Declared: यूपीएससी ने जारी किया फाइनल रिजल्ट, जानें किसने बनाई टॉप 10 सूची में जगह?

संघ लोकसेवा आयोग ने सिविल सर्विसेज एग्जाम 2023 के अंतिम परिणाम (UPSC CSE Result...
spot_img

More like this

6.4 Magnitude Earthquake Jolts Japan 

Japan was rocked by a powerful 6.4 magnitude earthquake on April 17, 2024, according...

Mahavir Jayanti 2024: Know Why Mahavir Jain Suffered Painful Rebirths in the Absence of Tatvagyan

Last Updated on 17 April 2024 IST: Mahavir Jayanti 2024: Mahavir Jayanti is one...