Last Updated on 29 November 2025 IST: World Aids Day in Hindi [2025]: World AIDS Day in Hindi [2025]: हर व्यक्ति चाहता है कि उसे कोई बीमारी ना हो लेकिन जाने-अनजाने में फिर भी कई बीमारियां इस कदर खतरा बन कर आती हैं कि पूरी मानवता भयभीत हो जाती है। आज विश्व एड्स दिवस 2025 के अवसर पर हम बात कर रहे हैं भयानक बीमारी एड्स की और सत्य साधना रूपी कारगर औषधि से उसके समाधान की। 1 दिसम्बर को पूरे विश्व में प्रतिवर्ष एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सभी आयुवर्ग के लोगों में एड्स को लेकर जागरूकता फैलाना है। आइए जानें एड्स दिवस मनाने की शुरुआत अब से हुई तथा जानेंगे एड्स से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य एवं रोकथाम के उपाय।
क्या है विश्व एड्स दिवस?
World AIDS Day 2025 [Hindi]: संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) के तत्वाधान में विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day in Hindi) प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दुनिया भर के लोगों के लिए एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने, एचआईवी (HIV) से पीड़ित लोगों के लिए समर्थन प्रदर्शित करने और एड्स संबंधित बीमारी से मर चुके लोगों को याद करने का अवसर है। एड्स दिवस को प्रतिवर्ष लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। विश्व में सबसे घातक बीमारियों में से एक है एड्स।
एड्स दिवस मनाने की कल्पना 1987 में WHO (डब्ल्यूएचओ) ने की थी। 1988 से प्रतिवर्ष 1 दिसम्बर दुनियाभर में एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। एचआईवी संक्रमण का पहला मामला 1959 में कांगो में मिला था। 1996 में एड्स को लेकर जागरूकता एवं प्रचार की जिम्मेदारी संभालते हुए इसके विषय में लोगों को जागरूक एवं शिक्षित करना शुरू किया। इसे विश्व एड्स अभियान कहा गया।
विश्व एड्स दिवस मनाने का क्या इतिहास रहा है? (History of World AIDS Day)
World Aids Day 2025: अगस्त 1987 में ‘जेम्स डब्ल्यू वन’ और ‘थॉमस मैटर’ नाम के दो व्यक्तियों ने सबसे पहले विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) की शुरूआत का कदम आगे बढ़ाया था। यह दोनों ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) के विश्व एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के सार्वजनिक सूचना अधिकारी के रूप में जिनेवा व स्विजरलैंड में नियुक्त किये गए थे। उन्हीं के द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के ग्लोबल ऑन एड्स के डायरेक्टरेट (निदेशक) डॉक्टर जॉनाथन मनन (Jonathan Mann) के सामने यह सुझाव रखने पर और जोनाथन को यह सुझाव उचित लगने पर 1 दिसंबर 1988 को वर्ल्ड एड्स डे मनाने के लिए इस दिन को चुना गया। तभी से यह दिन विश्व एड्स दिवस (World Aids Day in Hindi) के रूप में मनाया जाने लगा।
World Aids Day Theme 2025 | वर्ष 2025 में विश्व एड्स दिवस की विषयवस्तु क्या है?
विश्व एड्स दिवस 2025 की थीम है “विघटन पर काबू पाना, एड्स प्रतिक्रिया में बदलाव लाना”।“ (Overcoming disruption, transforming the AIDS response”). यह थीम एचआईवी प्रतिक्रिया को मज़बूत करने और पिछले कुछ वर्षों में महामारी, संघर्ष और असमानता के कारण आई रुकावटों से उबरने के वैश्विक आह्वान पर केंद्रित है।
- UNAIDS की 2025 की वैश्विक अपडेट रिपोर्ट की थीम “एड्स संकट और परिवर्तन की शक्ति” है, जो दुनिया भर में एचआईवी प्रतिक्रिया पर व्यवधानों के प्रभाव पर प्रकाश डालती है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की थीम “अधिकारों का मार्ग अपनाएं: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!” है, जो स्वास्थ्य के अधिकार को बढ़ावा देने और एड्स को समाप्त करने के रास्ते में बाधा डालने वाली असमानताओं को दूर करने पर जोर देती है।
- International AIDS Society (IAS) की 2026 की और 2025 की विश्व एड्स दिवस की थीम “पुनर्विचार. पुनर्निर्माण. उठना” है, जो लचीलापन, नवाचार, सहयोग और सक्रियता के माध्यम से चुनौतियों पर काबू पाने पर केंद्रित है।
विश्व एड्स दिवस (World Aids Day) कैसे मनाया जाता है?
World AIDS Day 2025 [Hindi]: विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) दुनिया भर में एचआईवी संक्रमित लोगों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर है।
1. जागरूकता अभियान और रैलियाँ
सरकारें, अस्पताल, NGO और शैक्षणिक संस्थान HIV/AIDS के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए रैलियाँ, वॉकथॉन और जनसभाएँ आयोजित करते हैं। इन कार्यक्रमों में लोगों को यह समझाया जाता है कि एड्स कैसे फैलता है और कैसे नहीं फैलता।
2. लाल रिबन (Red Ribbon) पहनना
लोग लाल रिबन, जो HIV/AIDS जागरूकता का प्रतीक है, को अपनी जेब या कपड़ों पर लगाकर समर्थन व्यक्त करते हैं। यह रोगियों के प्रति सम्मान और समाज में संवेदनशीलता का संदेश देता है।
3. HIV टेस्टिंग कैम्प
कई अस्पताल और संगठन इस दिन फ्री HIV टेस्टिंग कैम्प लगाते हैं। इसका उद्देश्य यह है कि लोग बिना डर और शर्म के अपनी जाँच करवाएँ और समय रहते उपचार शुरू कर सकें।
4. एड्स से प्रभावित लोगों के लिए समर्थन कार्यक्रम
विश्व एड्स दिवस पर कई जगह काउंसलिंग, स्वास्थ्य सेवाएँ, मनोवैज्ञानिक सहयोग और सामाजिक समर्थन प्रदान किए जाते हैं। कुछ संस्थाएँ उन रोगियों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराती हैं जो आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं।
5. शैक्षणिक कार्यशालाएँ और सेमिनार
स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में इस दिन सेमिनार, पोस्टर-निर्माण प्रतियोगिताएँ, निबंध प्रतियोगिताएँ और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें छात्रों को सुरक्षित स्वास्थ्य, नशा-मुक्ति और नैतिक जीवन के महत्व के बारे में बताया जाता है।
6. सोशल मीडिया कैंपेन
डिजिटल युग में विश्व एड्स दिवस का बड़ा प्रचार सोशल मीडिया पर किया जाता है—
#WorldAIDSDay
#EndAIDS
#HIVAWARENESS जैसे हैशटैग ट्रेंड करते हैं। छोटे वीडियो, इनफोग्राफिक्स और अनुभव साझा करके लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है।
7. मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि (Candlelight Vigils)
कई स्थानों पर लोग मोमबत्तियाँ जलाकर उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने HIV/AIDS के कारण अपनी जान गंवाई। यह संवेदनशीलता और एकता को दर्शाता है।
8. सरकारों द्वारा घोषणाएँ और नई नीतियाँ
कई देशों की सरकारें इस दिन नई नीतियाँ, बजट, योजनाएँ या HIV रोकथाम कार्यक्रमों की घोषणा करती हैं ताकि 2030 तक एड्स-मुक्त समाज का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
9. प्रेरणादायक कहानियाँ और सम्मान समारोह
कई स्थानों पर उन लोगों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने HIV/AIDS के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है-जैसे डॉक्टर, स्वयंसेवक, सामाजिक कार्यकर्ता और सर्वाइवर।
लोग लाल रिबन लगाकर एड्स संक्रमितों का कैसे बढ़ाते हैं उत्साह?
अमेरिकी सैनिकों के सम्मान में पीले रिबन प्रर्दशन से प्रेरित होकर अमेरिका के प्रसिद्ध कलाकारों ने एचआईवी के साथ लड़ने वाले लोगों के लिए समर्थन और एकजुटता के प्रतीक और एड्स संबंधित बीमारियों से मरने वालों को याद करने के लिए एक लाल रिबन प्रर्दशन करने के लिए चुना। जिसे अब वैश्विक स्तर पर पूरे विश्व के लोग पिन कर अपने कपड़ों में लगाते हैं।
एड्स दिवस का महत्व क्या है? (Importance of World Aids Day in Hindi)
विश्व एड्स दिवस का महत्व इस बात में है कि यह दिन वैश्विक स्तर पर HIV/AIDS के प्रति जागरूकता, रोकथाम, और भेदभाव समाप्त करने के संदेश को मजबूत करता है। यह समाज में फैली गलत धारणाओं को दूर करता है, लोगों को सुरक्षित स्वास्थ्य व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करता है और संक्रमित व्यक्तियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाता है। यह दिन सरकारों, स्वास्थ्य संस्थानों और व्यक्तियों को याद दिलाता है कि एड्स केवल चिकित्सा समस्या नहीं बल्कि सामाजिक और मानवीय मुद्दा भी है। साथ ही यह अवसर देता है कि हम उपचार, जाँच और समर्थन सेवाओं को सुलभ बनाकर एड्स-मुक्त समाज की दिशा में ठोस कदम उठाएँ।
एड्स किसे कहते हैं? (What is Aids)
World Aids Day 2025: एड्स का पूरा नाम (Full Form) है ‘एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम।’ एड्स एचआईवी के कारण होता है जो मनुष्य के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव डालता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली की टी कोशिकाओं पर हमला करता है। इस रोग को प्रथम बार वर्ष 1981 में मान्यता दी गई थी और 27 जुलाई 1982 को इसे एड्स के नाम से जाना गया। एड्स का सबसे पहला मामला साल 1959 में अफ्रीका के कांगो में पाया गया था और इससे ग्रस्त व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके बाद उस व्यक्ति के खून की जांच की गई तो पाया कि वह एड्स से पीड़ित था। वर्ष 1980 में यह बीमारी सबके सामने आई।
■ Read in English: World AIDS Day: Sat-Bhakti can Cure HIV / AIDS
प्रारम्भ में एड्स दिवस को प्रायः बच्चों एवं युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था। किंतु बाद में यह सामने आया कि एचआईवी संक्रमण किसी भी आयु के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। एड्स (AIDS) का अर्थ है ऑटो इम्युन डिफिशिएंसी सिंड्रोम (Auto Immune Deficiency Syndrome)। यह होता है एचआईवी (HIV) यानी (Human Immunodeficiency Virus) वायरस के संक्रमण से। एड्स का सीधा असर व्यक्ति के इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है। इसके कारण व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य बीमारियों से लड़ने में भी अक्षम होने लगती है।
एड्स का शरीर पर प्रभाव
World Aids Day in Hindi: एचआईवी वायरस मनुष्य की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है और उसे कमज़ोर बनाता है। एचआईवी वायरस शरीर में अन्य बीमारियों से लड़ने के लिए उपलब्ध श्वेत रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है। यह श्वेत रक्त कोशिकाओं के सीडी 4 नामक टी सेल्स पर हमला करता है और अपनी संख्या लगातार बढ़ाता जाता है। इस तरह एचआईवी संक्रमित व्यक्ति की सीडी 4 कोशिकाएं घटने लगती हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति में सीडी 4 कोशिकाओं की संख्या 500-1600 के बीच होती है वहीं एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के भीतर इसकी संख्या 200 से भी नीचे पाई जा सकती है। इसके संपर्क में आने के बाद व्यक्ति बीमारियों एवं संक्रमणों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है एवं शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काम करना बंद कर देती है।
एड्स के सामान्य लक्षण (Symptoms of Aids)
World Aids Day 2025: कोई भी व्यक्ति एचआईवी वायरस से कई असावधानियों से संक्रमित हो सकता है। इसके लक्षणों के सामने आने में 8 से 10 वर्ष का समय भी लग सकता है। इसके शुरुआती दिनों में कोई लक्षण सामने नहीं आते हैं। इसके लक्षणों में जो सर्व प्रमुख हैं वे नीचे दिए जा रहे हैं।
- लंबे समय तक बुखार बना रहना या बार बार आना।
- अत्यधिक थकान महसूस होना, शरीर में दर्द रहना।
- अत्यधिक पसीना आना।
- सूखी खांसी का आना, गले मे खराश रहना।
- त्वचा पर चिकत्ते आना, त्वचा का अत्यंत संवेदनशील होना।
- बार बार दस्त लगना (डायरिया की स्थिति) खराब पेट रहना।
- गले की नली, मुंह अथवा गुप्तांग में घाव रहना।
- लिम्फ नोड्स में सूजन रहना।
- वजन घटना।
कैसे फैलता है एड्स?
विश्व एड्स दिवस 2025 (World Aids Day in Hindi): कोई भी व्यक्ति एचआईवी वायरस से अनेकों तरह से संक्रमित हो सकता है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए व्यक्ति के साथ किसी खून, इंजेक्शन या उपकरण को साझा करने से हो सकता है। यह एक माँ से शिशु को भी हो सकता है। वर्तमान में एचआईवी का कोई प्रभावी इलाज दुनिया में मौजूद नहीं है। इसके लिए कुछ सावधानियों का बरतना अत्यंत आवश्यक है। एचआईवी फैलने के बहुत से कारण हो सकते हैं, जिनमे से कुछ
निम्नलिखित है:
- संक्रमित खून आदान प्रदान से या संक्रमित सुई के पुनः उपयोग से
- गर्भ धारण करते समय, प्रसव या स्तनपान द्वारा मां से बच्चों तक
- शरीर के संक्रमित तरल पदार्थ या ऊतकों द्वारा
- एच. आई. वी संक्रमित रक्त के साथ दूषित होने के कारण लार, थूक, आँसू, पसीना, नाक स्राव, मल मूत्र, या उल्टी एच. आई. वी. संक्रमित कर सकते हैं
एड्स संबंधित जांचें कौन सी है?
- एलीसा जांच
- वेस्टर्न ब्लॉट जांच
- एचआईवी पी-24 ऐंटीजेन (पी.सी.आर.) जांच
- सीडी-4 काउंट जांच
कैसे पहुँचा एड्स दुनिया भर में?
कांगो की राजधानी किंशास उस समय सेक्स ट्रेड का अड्डा था। सेक्स ट्रेड ने इस बीमारी को अन्य देशों तक पहुंचाने में अहम माध्यम बनाया। 1960 में यह बीमारी कैरिबियाई द्वीपों एवं हैती तक पाई गई। असल में कांगो में कैरिबिया के हैती के लोग कार्य करते थे जहां उनके माध्यम से यह बीमारी उनके देश पहुंची। 1970 में कैरिबिया से यह वायरस अमेरिका की न्यूयॉर्क सिटी में पहुँचा और उसके बाद यह पूरे विश्व भर में फैल गया। 1980 के दशक के बाद इस बीमारी ने जोर पकड़ा और अब तक ये पूरे विश्व में लाखों को अपनी चपेट में ले चुका है।
एड्स के मौजूदा आँकड़े
नीचे 2024-2025 तक उपलब्ध (वैश्विक और भारत) आँकड़ों के आधार पर UNAIDS / World Health Organization (WHO) द्वारा प्रकाशित आँकड़े दिए गए हैं, यह दिखाते हैं कि आज एड्स (HIV) की स्थिति कैसी है।
वैश्विक आँकड़े (Global)
- 2024 के अंत तक लगभग 40.8 करोड़ लोग (40.8 million) HIV के साथ जी रहे थे।
- 2024 में नए संक्रमणों की संख्या करीब 1.3 million थी।
- 2024 में एड्स-संबंधित मौतें लगभग 630,000 हुईं।
- 2024 में उनसे इलाज ले रहे (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी, ART) लोग लगभग 31.6 मिलियन थे।
- HIV-positive लोगों में से लगभग 87% को उनकी HIV स्थिति का पता था, और लगभग 77% इलाज प्राप्त कर रहे थे।
भारत के आँकड़े (India)
- 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 25 लाख (2.5 million +) लोग HIV से संक्रमित बताए गए थे।
- भारत में वयस्क HIV प्रसार दर (prevalence) लगभग 0.2% है।
- सालाना नए संक्रमण (new HIV infections) की संख्या लगभग 66,400 बतायी गई है।
- 2010 के बाद से नए संक्रमणों में करीब 44% की कमी आई है, जो वैश्विक कमी दर (39%) से बेहतर है।
सारांश और चुनौतियाँ
- वैश्विक स्तर पर HIV के मामलों और मौतों में पिछले दशकों में काफी कमी आई है, नए संक्रमण और मौतें दोनों 2010 के बाद से घटे हैं।
- लेकिन फिर भी लाखों लोग हर साल संक्रमित हो रहे हैं और कई लोगों को उपचार तक पहुँच नहीं मिल पा रहा है। भारत सहित कई देशों में सामाजिक भावनाएँ, असमर्थता या जागरूकता की कमी अभी भी एक बड़ी बाधा है।
- जागरूकता, समय पर जाँच, नियमित इलाज (ART) और बिना भेदभाव के सामाजिक समर्थन बहुत जरूरी है, तभी HIV/AIDS को नियंत्रित किया जा सकता है।
World Aids Day in India [Hindi]: भारत में एड्स की स्थिति
विश्व एड्स दिवस (World Aids Day in Hindi): राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (National AIDS Control Organization- NACO) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों की संख्या करीब 24 लाख थी। साल 2021 में लगभग 63000 नए एचआईवी संक्रमित मरीज मिले थे जबकि एड्स से करीब 42000 मौत हो गई। लेकिन यूएनएड्स के एक अनुमान के मुताबिक भारत में एड्स पीड़ितों की संख्या 30 लाख तक होना मुमकिन है। हालांकि पिछले कुछ सालों में एड्स के प्रति जागरूकता अभियानों (Awareness Programs) के चलते इस संक्रमण (Infection) पर कुछ हद तक काबू पाया गया है लेकिन कुछ हद तक चुनौतियाँ अब भी बरकरार हैं।
एड्स और एच.आई.वी में क्या अंतर है?
एड्स (AIDS) अर्थात ‘एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम’ (Acquired Immune Deficiency Syndrome) की बीमारी HIV (Human Immunodeficiency Virus) नाम के अतिसूक्ष्म रोग विषाणु के संक्रमण के कारण होती है। एड्स द्वारा अन्य रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता घटने के कारण अवसरवादी रोग फुफ्फुस प्रदाह, टीबी, कर्क रोग सहज हो जाते हैं जिनका इलाज कठिन होने से रोगी की मौत तक हो सकती है।
World AIDS Day [Hindi]: एड्स की रोकथाम कैसे करें?
World Aids Day in Hindi: हम यह तो नहीं कहते कि एड्स का उपचार संभव नहीं है, परन्तु चिकित्सा विज्ञान अब तक इसे जड़ से खत्म करने की दवा बनाने में सफल नहीं हो पाया है। आइये जानते हैं एड्स के रोकथाम के उपायों के बारे में। मनुष्य के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने से एड्स नियंत्रित किया जा सकता है। आस पास वातावरण में उपस्थित जीव संक्रमण के कारक के रूप में शरीर के हर अंग प्रणाली को प्रभावित करते हैं। जरूरत है जागरूक होने की कि किस तरह से यह रोग फैलता है। एड्स होने से बचना ही एड्स का सर्वोत्तम उपचार है। ध्यान रखने योग्य बातें –
- असुरक्षित यौन संबंध को हमेशा बचें।
- खून की जांच या खून चढ़वाते समय सावधानी रखें।
- किसी भी अन्य व्यक्ति के खून या बॉडी फ्लूइड्स से दूर रहें।
- ड्रग्स को कहें ना क्योंकि ड्रग्स के इंजेक्शन एक दूसरे के साथ साझा करना एड्स का बड़ा कारण हैं।
एड्स के लिए कोई भी इलाज उपलब्ध न होने की स्थिति में जागरूकता ही प्राथमिक उपाय है।
क्या स्थायी समाधान है एड्स जैसी खतरनाक बीमारियों का?
पृथ्वी पर अनेक प्रकार के कष्टप्रद रोगों से मानव जूझता रहा है, वैज्ञानिक एक बीमारी का समाधान खोजते हैं तो दूसरी अन्य नई बीमारी सामने आन खड़ी होती है। एक के बाद एक विकराल बीमारियां या संक्रमण मनुष्य को मौत के मुंह में डाल देते हैं। शास्त्रों के अनुसार मनुष्य को जो भी कष्ट होते हैं उनका आधार उसके प्रारब्ध कर्म ही होते हैं। कर्म के अनुसार ही मनुष्य इन कष्टों को भोगने के लिए विवश होता है और ना चाहते हुए भी काल का ग्रास बन जाता है। वेदों में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा अपने सत्य साधक को पूर्ण संत द्वारा दी गई सत्य साधना कराता है और उसे किसी भी असाध्य रोग से मुक्त कर सकता है। पूर्ण परमात्मा आवश्यकतानुसार सत्य साधक की भक्ति करने के उद्देश्य से आयु भी बढ़ा सकता है।
तत्वज्ञान है बचाव का रास्ता
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज अब तक विश्व में एकमात्र सच्चे समाज सुधारक संत के रूप में उभरे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी ने लोगों में दहेजमुक्ति एवं नशामुक्ति की अलख जगाई एवं लाखों लोगों को रोगमुक्त करके उनका जीवन बदल दिया है। संत रामपाल जी ने तत्वज्ञान के लिए जो मर्यादाएं निर्धारित की हैं वे निश्चित रूप से महत्वपूर्ण हैं जैसे नशामुक्ति अभियान। ड्रग्स में इस्तेमाल की जाने वाली सीरिंज एड्स को फैलाने का बड़ा माध्यम है। परस्त्रीगमन न करना, अपने आप में एड्स जैसी अन्य बीमारियों से एक बहुत बड़ा बचाव है। उनके द्वारा बताए गए तत्त्वज्ञान और सतभक्ति करने से जीवनशैली में सुधार आता है जो शारीरिक एवं आध्यात्मिक सुख प्रदान करती है।
यदि अब भी है बचने की आशा…
एड्स का इस विश्व में कोई सम्भव इलाज नहीं है। किंतु आशा की किरण अब भी ज़िंदा है। ईश्वर ने विज्ञान बनाया। विज्ञान की शक्तियां सीमित हैं किंतु ईश्वर की नहीं। आध्यात्मिक शक्ति के माध्यम से अनेकों रोग काटे जा सकते हैं। चाहे वे कैंसर और एड्स जैसे जानलेवा और घातक रोग ही क्यों न हों। याद रखें परमात्मा वह सबकुछ कर सकता है जो जीव के वश एवं बुद्धि दोनों की बात नहीं है। किंतु आध्यात्मिक शक्ति तब सभी काम करेगी जब मनुष्य भक्ति शास्त्रानुकूल करें। वर्तमान में पूर्ण तत्वज्ञान प्रदान करने वाले संत हैं संत रामपाल जी महाराज। जिन्होंने विश्व को तत्वज्ञान यानी आध्यात्मिक ज्ञान से अवगत कराया है। कोई दुख और रोग परमात्मा के लिए बड़ा और असंभव नहीं है।
एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से सत्य साधना लेकर कष्ट मुक्त हों
वर्तमान में पूर्ण परमात्मा की सत्य साधना एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सतलोक आश्रम बरवाला जिला हिसार हरियाणा वाले बता रहे हैं। उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली साधना शास्त्रों के अनुसार है। जिससे साधक के प्रारब्ध कर्म भी कट रहे हैं और बड़े बड़े असाध्य रोग एड्स, कैंसर इत्यादि केवल सत भक्ति करने मात्र से ही ठीक हो रहे हैं। पूर्ण परमात्मा कबीर साहब कहते हैं कि उस संत की शरण में जाना चाहिए जो “भाग्य में सूली हो तो उसे भी कांटे में बदल दे” अर्थात सभी कष्टों को टाल दे। सत्य साधना ज्ञान प्राप्त करने के लिए पढ़े पवित्र पुस्तक “जीने की राह” साथ ही सुने साधना चैनल पर 7:30 सायं सत्संग।
कबीर, संत शरण में आने से, आई टलै बला |
जै भाग्य में सूली हो, कांटे में टल जाय ||
एड्स से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting facts about AIDS)
- एड्स विषय पर आधारित सबसे पहली हॉलीवुड फिल्म ‘एंड द बैंड प्लेन ऑन’ बनायीं गयी था
- यदि 60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान होता है तो एचआईवी के विषाणु मारे जा सकते है।
- वर्ष 1986 में मद्रास में भारत में सबसे पहला एड्स का मामला सामने आया था।
FAQ about World Aids Day [Hindi]
AIDS का फुल फॉर्म है- Auto Immune Deficiency Syndrome
HIV का फुल फॉर्म है-Human Immunodeficiency Virus)
एड्स का पहला मामला कांगो में मिला था ।
विश्व एड्स दिवस 1 दिसम्बर को मनाया जाता है।



