January 30, 2025

रूस सैन्‍य तख्‍तापलट या मिलिट्री कूप का आतंक क्यों उत्पन्न हुआ?

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​​​​24 जून को रूस ने अपनी ही प्राइवेट मिलिट्री वैगनर पर तख्तापलट की कोशिश करने के आरोप लगाए। इसके बाद मॉस्को को हाई अलर्ट पर रखा गया और वहां तक पहुंचने वाले M-4 मोटर वे को ब्लॉक कर दिया गया। रूस की सिक्योरिटी सर्विस FSB ने बताया है कि प्राइवेट आर्मी के माालिक येवगेनी प्रिगोजिन पर रूस के खिलाफ विद्रोह का मामला दर्ज कर लिया गया है। येवगेनी प्रिगोझिन ने रूस के रक्षा मंत्री को बाहर करने के लिए मास्को पर मार्च करने की धमकी दी थी। यह एक ऐसा कदम था जिसने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को क्रोधित कर दिया, जिसके बाद उन्होंने रूस के साथ “विश्वासघात” करने वालों को दंडित करने का वादा किया था। विद्रोह को खत्म करने में बेलारूस ने मुख्य भूमिका निभाई। प्रिगोजिन ने अपने लड़ाकों को यूक्रेन के कैंप्स में लौटने का आदेश दिया। प्रिगोजिन ने कहा कि उन्होंने खून-खराबे से बचने के लिए ये फैसला लिया। इस टकराव के बाद, प्रिगोझिन एक समझौते पर सहमत हुए जिसके तहत वह बेलारूस चले गए।

Table of Contents

मुख्य बिंदु

  • वैगनर आर्मी का रूस के साथ सैन्य विद्रोह बेलारूस के राष्ट्रपति ने समझौता करा खत्म कराया
  • लड़ाकों को लौटने का आदेश, रूस छोड़ेंगे वैगनर चीफ प्रिगोजिन
  • प्राइवेट आर्मी वैगनर के लड़ाकों ने शनिवार रात को रूस से अपने कैंप को वापसी की
  • रूसी मीडिया RT के मुताबिक, ये प्राइवेट आर्मी रोस्तोव शहर पर कब्जे के बाद मॉस्को शहर की ओर बढ़ रही थी
  • वैगनर के भाड़े के सेना के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन ने बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता में हुए समझौते के तहत मास्को में अपनी सेना के मार्च को रोकने का फैसला किया था
  • एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि वैगनर ग्रुप के मालिक के खिलाफ सारे आरोप हटा दिए जाएंगे
  • रूस से डील के बाद वे अपने लड़ाकों के साथ यहां के मिलिट्री हेडक्वार्टर को खाली कर चले गए

वैगनर ग्रुप क्यों कर रहा था विद्रोह?

रॉयटर्स के मुताबिक, रूस और प्राइवेट आर्मी वैगनर के बीच तल्खी यूक्रेन के बाखमुत में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल अटैक के बाद शुरू हुई। इस हमलें में कई वैगनर लड़ाके मारे गए थे। प्रिगोजिन ने क्रेमलिन को इसका दोषी बताया था।

वैगनर प्रमुख प्रिगोजिन ने दावा किया है कि रूसी जनरलों ने यूक्रेन में उनके सैनिकों पर हवाई हमले का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि वे रूस के खिलाफ नहीं हैं। वो सिर्फ रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के साथ रूस के शीर्ष अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार प्रिगोजिन की यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति पुतिन और रक्षामंत्री सर्गेई के साथ जीते गए इलाकों पर कब्जे के मुद्दों को लेकर अनबन चल रही है। प्रिगोझिन यूक्रेन में जीते गए क्षेत्रों के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा चाहता है। पुतिन के इनकार के बाद प्रिगोजिन विद्रोह के मूड में आ गए। दो हफ्ते पहले ही रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया था। इसके तहत यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे सभी प्राइवेट लड़ाकों को रूस की सेना में शामिल होने के आदेश दिए गए थे। इसके लिए सभी प्राइवेट मिलिट्री से एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाने की बात कही गई थी। वैगनर ने ये समझौता करने से इनकार कर दिया था।

किस देश के राष्ट्रपति ने वैगनर चीफ प्रिगोजिन और रूस के बीच समझौता करवाया?

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, प्राइवेट आर्मी के पीछे हटने में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का अहम रोल रहा है। लुकाशेंको ने शनिवार देर रात कहा कि मैंने वैगनर प्रिगोजिन और रूस के बीच समझौता कराया है। इसके बाद वैगनर ग्रुप ने अपने सैनिकों को पीछे हटने को कहा है, ताकि खून खराबा रोका जा सके। वैगनर चीफ प्रिगोजिन शनिवार देर रात को रूस के रोस्तोव से डील के बाद अपने लड़ाकों के साथ यहां के मिलिट्री हेडक्वार्टर को खाली कर चले गए। 

■ यह भी पढ़ें: विजय दिवस (Vijay Diwas 16 December 1971): जब भारतीय सैनिकों ने दिखाया पाकिस्तान सैनिकों ऐतिहासिक हार का मुंह

बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको 20 साल से प्रिगोजिन को जानते हैं। विद्रोह शुरू होने के बाद दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई। इसके बाद ही प्रिगोजिन ने बयान जारी कर मॉस्को की तरफ जाने का प्लान बदल दिया। उन्होंने कहा- हमारे लड़ाके राजधानी से सिर्फ 200 किमी दूर थे। हमने इस दौरान एक बूंद खून भी नहीं बहाया।

सैन्य तख्तापलट क्या होता है?

सैन्य तख्तापलट वह स्थिति होती है जब सेना, अर्धसैनिक बल या फिर विपक्षी पार्टी वर्तमान सरकार को हटाकर खुद सत्ता पर काबिज हो जाते हैं। जबकि मिलिट्री कूप यानी सैन्‍य तख्‍तापलट में सेना सरकार को हटाकर अपने ही नियंत्रण वाली असैन्‍य सरकार को स्‍थापित कर देती है। तख्‍तापलट एक गैरकानूनी प्रक्रिया है जिसमें मिलिट्री सरकार के खिलाफ खड़ी होकर उस पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेती है।

क्या रूस में गृहयुद्ध और तख्तापलट का खतरा टल गया है?

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाले निजी सेना ‘वैगनर’ के प्रमुख येवगेनी वी. प्रिगोझिन ने अपने लड़ाकों को वापस लौटने का आदेश दिया है। यूक्रेन के खिलाफ रूसी सेना के साथ मिलकर लड़ने वाले प्रिगोझिन ने अचानक विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था। शुक्रवार देर रात रोस्तोव-ऑन-डोन शहर में स्थित रूस के दक्षिणी सैन्य मुख्यालय पर कब्जा करने के बाद प्रिगोझिन ने शनिवार तड़के अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ भेज दिया था। पुतिन ने प्रिगोझिन के कदम को विश्वासघात और देशद्रोह करार देते हुए विद्रोह को सख्ती से कुचलने और हर कीमत पर रूस और अपने नागरिकों की रक्षा करने का संकल्प लिया था। मॉस्को में प्रवेश के हर रास्ते पर नाकेबंदी कर दी गई थी। जगह-जगह सेना और टैंक तैनात कर दिए गए थे।

पुतिन ने वैगनर के विद्रोह के बाद सख्त कानून पर हस्ताक्षर किए

वैगनर के विद्रोह के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एक सख्त कानून पर हस्ताक्षर किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस में जहां भी सैन्य कानून लागू है उसका उल्लंघन करने पर सुरक्षा एजेंसियों को दोषी को 30 दिनों तक हिरासत में रखने की अनुमति होगी।

वैगनर ग्रुप की शुरुआत कब और कहां से हुई?

वैगनर ग्रुप सैनिकों का एक निजी संगठन है। 2014 से पहले यह गुप्त संगठन था, जो ज्यादातर यूक्रेन, अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय था। इसमें ज्यादातर रूस की एलीट रेजिमेंट और स्पेशल फोर्सेज के दिग्गज हैं। ग्रुप में 50 हजार से ज्यादा सैनिक हैं। इसकी शुरुआत रूसी सेना के पूर्व अधिकारी दिमित्री उत्किन ने की थी। उसने चेचन्या के युद्ध में रहे उनके रेडियो कॉल साइन पर ग्रुप का नाम रखा था। वैगनर ग्रुप ने 2014 में अपने पहले अभियान में क्रीमिया पर कब्जा करने में रूस की मदद की थी। येवगेनी प्रिगोझिन को रूसी राष्ट्रपति पुतिन का रसोईया भी कहा जाता था। वे पहले एक रेस्तरां चलाते थे जहां पुतिन अक्सर खाने के लिए जाया करते थे। वे धीरे-धीरे पुतिन के करीबी सहयोगी बन गए और उन्हें रूसी सरकार से करोड़ों रुपए के कॉन्ट्रैक्ट मिलने लगे।

रूस में वैगनर क्या है?

  • वैगनर ग्रुप भाड़े के सैनिकों की एक निजी सेना है जो यूक्रेन में नियमित रूसी सेना के साथ लड़ रही है। ऐसा अनुमान है कि इसमें हजारों वैगनर सैनिकों ने भाग लिया। 
  • समूह खुद को एक “निजी सैन्य कंपनी” के रूप में वर्णित करता है।
  • वैगनर ग्रुप (आधिकारिक तौर पर पीएमसी वैगनर कहा जाता है) की पहचान पहली बार 2014 में हुई थी, जब यह पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादी ताकतों का समर्थन कर रहा था।
  • उस समय यह एक गुप्त संगठन था, जो ज्यादातर अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय था, और माना जाता है कि इसमें लगभग 5,000 लड़ाके थे जिनमें से ज्यादातर रूस की विशिष्ट रेजिमेंट और विशेष बलों के दिग्गज थे। तब से, यह काफी बढ़ गया है।
  • ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने जनवरी में कहा, “वैगनर अब निश्चित रूप से यूक्रेन में 50,000 लड़ाकों की कमान संभालता है और यूक्रेन अभियान का एक प्रमुख घटक बन गया है।”
  • संगठन ने 2022 में बड़ी संख्या में भर्ती शुरू की क्योंकि रूस को नियमित सेना के लिए लोगों को ढूंढने में परेशानी हो रही थी।
  • अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि यूक्रेन में वैगनर के लगभग 80% सैनिकों को जेलों से हटा लिया गया है।
  • हालाँकि रूस में भाड़े की सेनाएँ अवैध हैं, वैगनर समूह ने 2022 में एक कंपनी के रूप में खुद को पंजीकृत किया और सेंट पीटर्सबर्ग में एक नया मुख्यालय खोला।
  • रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट थिंक टैंक के डॉ सैमुअल रमानी कहते हैं, “यह रूसी शहरों में होर्डिंग पर खुलेआम भर्ती कर रहा है और रूसी मीडिया में इसे एक देशभक्त संगठन के रूप में नामित किया जा रहा है।”

वैगनर ग्रुप का संचालन कौन सा देश कर रहा है?

2017 में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैगनर ग्रुप अब तक रूस के समर्थन से 6000 किराए के हत्यारों की फौज खड़ी कर चुका है। अमेरिकी थिंक टैंक के मुताबिक, कागजों पर वैगनर ग्रुप एक निजी संगठन है, लेकिन इसका प्रबंधन और अभियान रूसी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी के जरिए संचालित होने की बात सामने आ चुकी है। यह निजी सेना मिलिट्री के ही पूर्व अधिकारियों और जवानों से मिलकर बनती है और सुपारी लेकर लक्षित हत्याएं (टारगेटेड किलिंग) करती हैं। यानी कुल मिलाकर यह भाड़े के सैनिक होते हैं, जिनकी किसी सरकार के प्रति कोई खास जिम्मेदारी नहीं होती।

वैगनर ग्रुप पर क्या क्या आरोप लगे हैं?

वैगनर ग्रुप पर अब तक मानवाधिकार उल्लंघन और आम लोगों पर अत्याचार के कई आरोप लग चुके हैं। खासकर मध्य अफ्रीकी देशों में इस संगठन पर लोगों के साथ बर्बरता करने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा रूस के हित वाले कई और देशों में इस संगठन पर हिंसा भड़काने, प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा करने और आम लोगों की जान लेने के भी आरोप हैं। यूक्रेन के डोनबास में भी 2014 में वैगनर ग्रुप पर आम लोगों के टॉर्चर और उनकी बर्बर हत्या के आरोप लगे थे। दिसंबर 2021 में यूरोपीय संघ ने इस संगठन के आठ लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया था।

वैगनर सेना में किन लोगों को जबरन शामिल किया जा रहा है?

रूस में HIV एड्स और हेपेटाइटिस के मरीजों, रेपिस्टों और समलैंगिकों को सेना में भर्ती किया जा रहा है। अलग-अलग देशों की तीन रिपोर्ट में ये दावा किया गया है। ऐसे लोगों को रूसी सेना की ‘वैगनर’ टुकड़ी में शामिल किया जा रहा है, जिसे प्राइवेट आर्मी भी कहते हैं। वैगनर ग्रुप की शुरुआत रूसी सेना के एक पूर्व अधिकारी दिमित्री उत्कीन ने साल 2014 में की थी। ये वो वक्त था जब रूस क्रीमिया पर कब्जा करने की तैयारी कर रहा था। दिमित्री चेचन युद्ध के समय हीरो बनकर उभरे थे। उन्होंने रूसी खुफिया सेवा में भी काम किया था। ऐसे में रिटायर होने के बाद उन्होंने इस प्राइवेट सेना की नींव रखी। इसमें पूर्व सेना के जवान और जेल से रिहा हुए खूंखार हत्यारों को शामिल किया गया था।

प्रिगोझिन कौन हैं?

वैगनर के मौजूदा प्रमुख 62 वर्षीय येवगेनी प्रिगोझिन एक अमीर व्यवसायी हैं। येवगेनी प्रिगोझिन का जन्म साल 1961 में लेनिनग्राड (अब सेंट पीट्सबर्ग) में हुआ था। साल 1981 में येवगेनी को मारपीट, डकैती और धोखाधड़ी का दोषी पाए जाने पर 13 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि सोवियत यूनियन के पतन के बाद येवगेनी को 9 साल की सजा के बाद ही रिहा कर दिया गया था। 

जेल से बाहर आने के बाद येवगेनी ने एक छोटा सा बिजनेस शुरू किया और हॉट डॉग का स्टॉल लगाया। इसके बाद येवगेनी ने एक रेस्तरां खोला। जल्द ही येवगेनी का रेस्तरां काफी प्रसिद्ध हो गया। येवगेनी के रेस्तरां की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन विदेशी मेहमानों को इस रेस्तरां में खाना खिलाने ले जाने लगे। इस तरह येवगेनी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के करीब आए। पुतिन से करीबी का फायदा उठाकर येवगेनी प्रिगोझिन ने कैटरिंग का बिजनेस शुरू किया और वह रूसी सेना और स्कूली बच्चों को खाना खिलाने के सरकारी ठेके लेने लगे। इसी के चलते येवगेनी की पहचान पुतिन के रसोइए के रूप में हो गई।   

रूस, यूक्रेन, तालिबान, अफगानिस्तान, सीरिया, पाकिस्तान आदि सभी देशों के लिए खास संदेश

अल्लाह, खुदा, रब, रहमान, अल्लाह कबीर एक ही है। वह सबका रहनुमा परवरदिगार है। वह हम सभी का पिता और परमेश्वर है। वह नहीं चाहता हम आपस में किसी भी चीज़ जैसे राज्य, देश, जाति, धर्म के लिए लड़ें। हमारा उद्देश्य मानवता का सरंक्षण होना चाहिए न कि मानवता का भक्षण। 

युद्ध करने से किसी का भला नहीं हो सकता

जैसा कि रूस पिछले डेढ़ साल से यूक्रेन को जमींदोज़ करने में जुटा हुआ है। दोनों देशों के बीच निरंतर चल रहे युद्ध में अभी तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं, लाखों बच्चे अनाथ हो चुके हैं, अरबों खरबों की संपत्ति का नाश हो चुका है। फिर भी दोनों देशों की एक दूसरे को जड़ से मिटाने और खत्म करने की इच्छा समाप्त नहीं हुई। दो राजाओं के आपसी अंहकार और देशों की सीमा और राज्य पर जीत की इच्छा और मतभेद ज्यों के त्यों बने हुए हैं। विश्व का कोई ऐसा देश सही मायने में आगे नहीं आ रहा है जो दोनों देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुरक्षा सलाहकारों को सही राय देकर युद्ध को सदा के लिए समाप्त करवा सके। युद्ध करने से सेना, आमजन, संपत्ति और पीढियों तक का नाश हो जाता है। विश्वास न हो तो एक बार रावण, कंस और पाडंव-कौरव युद्ध का इतिहास देख लो। राज्य, देश, ज़मीन सब यहीं थे और यहीं रह जाएंगे। युद्ध करने वाला जान से भी जाएगा और जीतने से भी।

कबीर अल्लाह कहते हैं , है भोले मानव!

काया तेरी है नहीं, माया कहाँ से होय। 

गुरू चरणों में ध्यान रख, इन दोनों को खोय।। 

कबीर, सब जग निर्धना, धनवंता ना कोय। 

धनवान वह जानिये, जापे राम नाम धन होय।।

भावार्थ:- जिस काया को रोगमुक्त कराने के लिए मानव अपनी संपत्ति को भी बेचकर उपचार कराता है। कहा है कि काया भी आपके साथ नहीं जाएगी, माया की तो बात ही क्या है। पूर्ण गुरू जी से दीक्षा लेकर दिन-रात्रि भक्ति कर। गुरू जी के बताए ज्ञान को आधार बनाकर जीवन की राह पर चल। काया तथा माया से मोह हटाकर भक्ति धन संग्रह कर। हे मानव! मानव का पिछला इतिहास देख ले।

सर्व सोने की लंका थी, रावण से रणधीरं।

एक पलक में राज नष्ट हुआ, जम के पड़े जंजीरं।।

गरीब, भक्ति बिना क्या होत है, भ्रम रहा संसार।

रती कंचन पाया नहीं, रावण चली बार।।

भावार्थ:- संत गरीबदास जी ने भी इसी बात का समर्थन किया कि भक्ति बिना जीव को कोई लाभ नहीं होता। माया जोड़ने के लिए वह आजीवन भटकता रहता है। श्रीलंका के राजा रावण के पास अनन्त धन, स्वर्ण आदि था, परंतु संसार त्यागकर जाते समय एक ग्राम स्वर्ण भी साथ नहीं ले जा सका। सत्य भक्ति सत्य पुरूष की न करने से यमदूतों के द्वारा बेल (हथकड़ी) बाँधकर ऊपर यमराज के पास ले जाया गया। नरक में डाला गया। इसलिए हे मानव! अशुभ कर्मों से डर, सत्य भक्ति गुरू धारण करके कर।

परमेश्वर कबीर जी ने बताया है कि आध्यात्मिक ज्ञान के न होने के कारण अच्छे व्यक्तियों से भी पाप हुए हैं। जब उन्होंने सत्संग सुना तो सर्व अपराध त्यागकर भक्ति करके अपना कल्याण कराया है। परमात्मा कबीर जी ने बताया कि मेरे पास साधना के वे यथार्थ मंत्र हैं जो सर्व पापों को नष्ट कर देते हैं। पुण्य बच जाते हैं। 

मनुष्य जन्म दुर्लभ है

आप युद्ध करके, हत्या करके, भ्रष्टाचार करके केवल पाप कमा रहे हैं। पाप करने से बचें। क्या आप जानते नहीं मनुष्य जन्म दुर्लभ है। मनुष्य जीवन में ही परमात्मा प्राप्ति हो सकती है। आप बलवान हैं तो अपने बल से दूसरे मानव की हत्या करके पाप के भागी न बनें। स्वयं भी तत्वदर्शी संत की खोज करें और दूसरे मनुष्यों को भी जीने दें। आपको किसी की हत्या करने का अधिकार नहीं है। आप जल्द से जल्द तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की शरण ग्रहण करें ताकि आप भक्ति करके मनुष्य जीवन का महत्व समझ सकें। संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग देखने के लिए Satlok Ashram YouTube channel को सब्सक्राइब करें।

FAQS

प्रश्न 1. व्लादिमीर पुतिन सरकार को किसने दी थी चुनौती?

उत्तर. रूस में प्राइवेट आर्मी के तौर पर एक्टिव वैगनर ग्रुप ने पुतिन को चुनौती दी थी।

प्रश्न 2. रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के मुखिया कौन हैं?

उत्तर. प्रिगोझिन रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के मुखिया हैं। 

प्रश्न 3. वैगनर आर्मी क्या है?

उत्तर. वैगनर आर्मी वही मिलिट्री ग्रुप है, जिन्‍हें भाड़े के सैनिक कहा जाता है।

प्रश्न 4. रूस की खूंखार प्राइवेट आर्मी कौन सी है?

उत्तर. रूस की खूंखार प्राइवेट आर्मी वैगनर है, जो सिर्फ और राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के इशारे पर काम करती है।

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