जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय समस्याओं से जहां पूरा विश्व जूझ रहा है। वहीं सामाजिक कार्यों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बीते रविवार को वृक्षारोपण अभियान के तहत विदिशा जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में वृक्षारोपण का एक अनोखा कार्य किया गया।
संत रामपाल जी के शिष्यों ने किया वृक्षारोपण
सामाजिक कार्य हों या फिर पर्यावरणीय कार्य हों, विश्व प्रसिद्ध समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों की भूमिका समाज में सबसे अग्रणी रहती है। ऐसा ही एक अनोखा कार्य मध्यप्रदेश के जिला विदिशा में बने न्यू कलेक्ट्रेट परिसर में बीते रविवार 6 अगस्त को संत रामपाल जी महाराज के समर्थकों द्वारा वृक्षारोपण अभियान के तहत वट (बरगद) के वृक्ष का वृक्षारोपण कर किया गया तथा लोगों को पर्यावरण संरक्षित रखने के लिए वृक्षारोपण करते रहने का संदेश दिया।
वृक्षारोपण के दौरान अपर कलेक्टर भी हुए शामिल
वहीं संत रामपाल जी महाराज के समर्थकों द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में किये गए वृक्षारोपण के दौरान अनिल कुमार डामोर अपर कलेक्टर विदिशा, नरेंद्र भांगरे अधीक्षक निर्वाचन शाखा कलेक्ट्रेट विदिशा मौजूद रहे। साथ ही, इस दौरान संत रामपाल जी महाराज के शिष्य भोपाल संभागीय सेवादार दीपक दास, हरिराम दास, नारायण दास, भरत दास आदि सम्मलित हुए।
समागमों में भी रखा जाता है स्वच्छता का ध्यान
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में हर साल तीन दिवसीय छ: विशाल समागम करीब 10 सतलोक आश्रमों में मनाया जाता है। जिसमें लाखों की तादाद में लोग एकत्रित होते हैं। लेकिन पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर उनके अनुयायियों द्वारा प्रत्येक समागम में स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। जिससे की पर्यावरण को कोई भी नुकसान न हो और पर्यावरण सुरक्षित रह सके और मानव को स्वच्छ हवा मिल सके।
संत रामपाल जी द्वारा दिये जाने वाला सत्यज्ञान
संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि धार्मिक शास्त्र परमात्मा का बनाया संविधान है। जो व्यक्ति संविधान का उल्लंघन करता है, वह दंडित होता है। श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 के अनुसार उसे न सुख प्राप्त होता है, न कार्य सिद्ध होते हैं। न उसका मोक्ष (गति) होता है। जबकि वर्तमान समय में जितने भी धर्मगुरु, कथावाचक, शंकराचार्य, काजी आदि सभी मानव समाज को धर्म शास्त्रों के विरुद्ध क्रियाओं में उलझा रखा है। जिससे प्रत्येक धर्म में पाखंडवाद, अंध विश्वास, सामाजिक कुरीतियां, व्यर्थ के रीति रिवाज चरम सीमा पर फैले हुए हैं। जबकि संत रामपाल जी महाराज धर्म ग्रंथों के सत्यज्ञान को बता कर लोगों को एक पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति बात रहे हैं जिससे उन्हें परमेश्वर से मिलने वाले लाभ होते हैं।
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साथ ही, संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि इस संसार में एक क्षण का भरोसा नहीं, कब क्या घटना घट जाए? इसीलिए हमें इस बात को ध्यान में रखकर अपना जीवन जीना चाहिए तथा शास्त्रों के अनुसार धार्मिक व सामाजिक क्रियाएँ करना चाहिए तथा परमात्मा द्वारा बनाई गई प्राकृतिक संपदा प्राप्त हुई है। उसका हमें अपने लाभ मात्र के लिए दुरुपयोग नहीं करना चाहिए बल्कि मानव हित में उपयोग करना चाहिए और उसे संरक्षित रखना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज के मुख्य उद्देश्य
पूरे विश्व में अनेकों पाखण्ड, अंधविश्वास, कुप्रथाएं, बुराइयां फैली हैं, जो मानव के ऊपर व्यर्थ का भार बना हुआ है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व को सभी धर्म शास्त्रों का सत्य ज्ञान प्रदान करके इन सर्व से निकालने का प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज का मुख्य उद्देश्य है कि
1. विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
2. समाज से जाति-पाति के भेद, धार्मिक भेदभाव को मिटाना।
3. युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना।
4. समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
5. समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना।
6. समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
7. सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना।
8. भ्रष्टाचार को खत्म करना।
9. समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
10. धरती को स्वर्ग के समान बनाना।
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