October 31, 2025

Uttarakhand Disaster 2021: हिमखंड टूटने से आई बाढ़ का विकराल रूप, याद आया 2013 का खौफनाक मंजर, 197 लोग लापता

Published on

spot_img

Uttarakhand Disaster 2021 Update: जोशीमठ से करीब 25 किलोमीटर दूर पैंग गांव के ऊपर बहुत बड़ा ग्लेशियर फटा गया। जिसके चलते धौली नदी में बाढ़ आ गई। इसके बाद हिमस्खलन हुआ और ग्लेशियर की बाढ़ के चलते ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को बड़ा नुकसान हुआ। उत्तराखंड के चमोली में हिमखंड टूटने के बाद ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं।

Uttarakhand Disaster 2021: मुख्य बिंदु

  • राज्यसभा ने दी उत्तराखंड बाढ़ दिवंगतों को श्रद्धांजलि
  • उत्तराखंड के चमोली जिले में भारी तबाही
  • हादसे में कई सड़कें, बांध-पुल टूटे और कई गाँवों का संपर्क टूटा
  • लगभग 197 लोग लापता
  • नेवी और डीआरडीओ की टीमें भी कार्य मे लगी हैं
  • देश विदेश के तमाम बड़े नेताओं ने जताई अपनी संवेदनाएं
  • रास्ते में ही अटके कई श्रद्धालु और सैलानी
  • सतभक्ति से मिलेगा समाधान

Uttarakhand Disaster 2021: केन्द्रीय गृह मंत्री ने राज्यसभा में दिया बयान

केन्द्रीय गृह मंत्री के राज्य सभा में दिए बयान के अनुसार उत्तराखंड आपदा में केंद्र और राज्य सरकारों की एजेन्सियां तत्परता से जुटी हुई हैं। ITBP के 450 जवान, NDRF की पाँच टीमें, भारतीय सेना की 8 टीमें, नेवी की एक टीम, भारतीय वायु सेना के 5 हेलीकोप्टर्स बचाव और खोज के कार्य में लगाए गए हैं।

चमोली जिले की जिलाधिकारी स्वाती भदोरीया के अनुसार एक पुल का निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है जबकि zipline तैयार की जा चुकी है। SDRF के जवान उसी का प्रयोग करके दूरदराज के कटे हुए क्षेत्रों में जा रहे हैं। हेलीकोप्टर की सहायता से राशन और आपातकालीन सेवायें उपलब्ध कराई जा रही हैं।

Uttarakhand Disaster 2021 Update: क्या है ताजा स्थिति

गत रविवार को उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में आई विकराल बाढ़ आपदा का बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। चमोली जिले की जिलाधिकारी स्वाती भदोरीया के अनुसार तीन और शवों को मिलने से मृतकों की संख्या 29 तक पहुँच गई है। ऐसा माना जा रहा है कि लगभग 197 लोग लापता हैं। 25 लोगों की जान बचाई जा चुकी है।

कई पनबिजली परियोजनाओं को क्षति

बताया जा रहा है कि ऋषिगंगा घाटी के रैंणी क्षेत्र में धौलीगंगा और ऋषिगंगा नदियों आई अचानक बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट के ऋषिगंगा और 480 मेगावाट के नए बनाए जा रहे तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजनाओं में भी काफी क्षति पहुंची है।

Read in English: Uttarakhand Flash Flood: Only Supreme God Can Save Us From Any Disaster 

यह भी बताया जा रहा है कि चमोली जिले के अलकनंदा नदी पर स्थित 400 मेगावाट के विष्णुगाड़ पीपालकोटी जलविद्युत परियोजना को भी क्षति पहुंची है इस प्रोजेक्ट के 2023 तक पूरी होने की आशा थी। धौलीगंगा जलविद्युत परियोजना को भी क्षति पहुंची है।

पनबिजली परियोजनाओं से जुड़े लोगों को ढूँढने का कार्य जारी

तपोवन जल विद्युत परियोजना की छोटी सुरंग से 12 लोगों को रविवार को बाहर निकाला जा चुका है। 250 मीटर लंबी एक और सुरंग में 35 लोग फंसे हैं जिन्हें बाहर निकालना असंभव होता जा रहा है। हालांकि इस बचाव कार्य में भारी मशीनों के द्वारा कोशिश की जा रही है लेकिन सुरंग के घुमावदार होने के कारण मलबा निकालकर फंसे लोगों तक पहुँच पाना मुश्किल हो रहा है।

Uttarakhand Disaster 2021: हरिद्वार सहित कई क्षेत्रों में जारी किया गया हाई अलर्ट

  • गंगा में भारी मात्रा में शिल्ट आने से हर की पौड़ी को बंद कर दिया गया है।
  • टिहरी में भी प्रशासन ने कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे अलर्ट जारी किया है।
  • देवप्रयाग संगम पर भी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है।
  • नदी किनारे सभी बस्तियौं के लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने के लिए कहा गया है।
  • खनन पट्टों पर कार्य कर रहे लोगों को भी हटाया जा रहा है।
  • ऋषिकेश कोडियाला इको टूरिज्म जोन में जल पुलिस और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है।
  • जल पुलिस के साथ आपदा प्रबंधन दल ने यहां राफ्टिंग बंद करा दी है
  • घाटों के किनारे रह रहे बेसहारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
  • मेला अधिकारी दीपक रावत और जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अलर्ट जारी किया है।
  • नदी किनारे सभी क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों पर चौकसी बढ़ा दी गई है।

सतभक्ति के बिना श्रद्धालु पाते हैं कष्ट

शिवजी के दर्शनौं के लिए जा रहे श्रद्धालुओं को रास्ते में ही रोक दिया गया है। पहाड़ों पर या किसी अन्य मंदिर मस्जिद में भक्ति भाव से जाना शास्त्र विरुद्ध साधना है, इस साधना से कोई लाभ नहीं होता। जो श्रद्धालु शास्त्र विरुद्ध साधना करतें हैं उन्हें लाभ होने के स्थान पर हानि ही होती है। अतः शास्त्र अनुकूल साधना करने के लिए तत्वदर्शी संत (वर्तमान में एकमात्र संत रामपाल जी महाराज) से नाम दीक्षा लेकर करें सत भक्ति, उसी से सुख होगा और पूर्ण मोक्ष भी मिलेगा।

काल का लोक vs सतलोक

काल के लोक में प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं जबकि सतलोक में कभी कोई आपदा नहीं आती। काल के लोक में जीवन- मृत्यु, बीमारी रोग, दोष रहते हैं किंतु सतलोक में अजर – अमर, स्वस्थ, सुंदर तेजोमय शरीर हैं। काल के लोक में अथाह परिश्रम से भी अंत में कुछ प्राप्त नहीं होता जबकि सतलोक में बिना कुछ करे ही सर्व सुख पदार्थ वस्तुएं सहज ही सुलभ हैं अविनाशी हैं और सतलोक में सिर्फ सुख ही सुख है। पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर दर्शन करके सभी आनंदित होते रहते हैं।

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से लें निशुल्क नाम दीक्षा

तत्वदर्शी संत से नाम दीक्षा लेकर पूर्ण परमेश्वर, कुल मालिक, जगत पिता “कबीर परमेश्वर जी” की सत भक्ति करने से ही हमें पूर्ण लाभ मिलता है वर्तमान जीवन सुखी रहता है और अंत में पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति होती है, जो कि वर्तमान में एकमात्र विश्व विजेता तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा निशुल्क प्रदान की जा रही है उनसे जुड़े और अपने जीवन का कल्याण कराएं।

Latest articles

Google and Reliance Jio Revolutionize AI Access in India: Free Gemini Pro Plan Worth ₹35,100 for Jio Users

In a groundbreaking move to democratize artificial intelligence in India, Reliance Jio has partnered...

Tulsi Vivah 2025: जानिए क्या है तुलसी शालिग्राम पूजा की सच्चाई तथा क्या है शास्त्रानुकूल साधना?

Last Updated on 31 October 2025 IST: इस वर्ष तुलसी शालिग्राम विवाह या तुलसी...

CBSE Date Sheet 2026 Released: Class 10, 12 Exams to Begin on February 17 | Check Full Schedule at cbse.gov.in

CBSE Date Sheet 2026 Released: The Central Board of Secondary Education (CBSE) has officially...
spot_img

More like this

Google and Reliance Jio Revolutionize AI Access in India: Free Gemini Pro Plan Worth ₹35,100 for Jio Users

In a groundbreaking move to democratize artificial intelligence in India, Reliance Jio has partnered...

Tulsi Vivah 2025: जानिए क्या है तुलसी शालिग्राम पूजा की सच्चाई तथा क्या है शास्त्रानुकूल साधना?

Last Updated on 31 October 2025 IST: इस वर्ष तुलसी शालिग्राम विवाह या तुलसी...