April 24, 2025

Twitter पर ट्रेंड हुआ #RequestToThePresidentOfIndia राष्ट्रपति सहित शिक्षा मंत्रियों को त्रुटि सुधार हेतु सौंपा गया ज्ञापन

Published on

spot_img

गत दिवस सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा है। यह ज्ञापन भक्तिकाल के पुरोधा के रूप में आये महान सन्त की भूमिका करने वाले कबीर परमेश्वर के विषय में है। इस ज्ञापन के माध्यम से कबीर साहेब के विषय में स्कूली पाठ्यक्रम में दी गई भ्रामक जानकारी को हटाने के लिए कहा गया।

मुख्य बिंदु

  • गुजरात, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्य के शिक्षा मंत्रियों को ज्ञापन
  • ट्विटर पर 27 फरवरी को ट्रेंड हुआ कबीर साहेब जी का टैग
  • कबीर पंथियों ने की राष्ट्रपति से पाठ्यक्रम में बदलाव की गुहार
  • सन्त रामपाल जी महाराज ने बताई सच्चाई

शिक्षा मंत्रियों को ज्ञापन

गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी, छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय तथा उत्तरप्रदेश के शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है। यह ज्ञापन स्कूली छात्रों के पाठ्यक्रम में कबीर साहेब के विषय मे दी गई भ्रामक जानकारी को बदलने के लिए था। 

भक्तिकाल के महान सन्त कबीर साहेब एक साधारण सन्त नहीं थे। वे स्वयं अवतरित हुए थे एवं सशरीर ही इस पृथ्वी से अपने निजलोक गए थे। स्कूली पाठ्यक्रम में उनके अवतरित होने को आपत्तिजनक लिखा गया है। कहीं लिखा है फूलों की टोकरी में वे नीरू-नीमा को पड़े मिले कहीं लिखा हुआ है वे किसी विधवा ब्राह्मणी के पुत्र थे तो ये सभी किवदंतियां निश्चित ही पाठ्यपुस्तक में स्थान देने योग्य नहीं हैं।

यह भी पढ़ें-  कबीर साहेब के विषय में मिथक

कबीर साहेब के विषय में भ्रांतियाँ

कबीर साहेब के अवतरण के विषय में समाज में अनेकों भ्रांतियाँ हैं। लेकिन इन भ्रांतियों को पाठ्यपुस्तकों में भी स्थान दिया गया है जो कि निंदनीय है। एक महान सन्त की भूमिका कर रहे कबीर साहेब के विषय में इस प्रकार की भ्रामक जानकारी अशोभनीय है। इससे न केवल कबीर पंथियों की भावनाएं की भावनाएं आहत होती हैं बल्कि यह परमात्मा की गरिमा को भी ठेस पहुँचाता है। परम आदरणीय साहेब कबीर सीधा सतलोक से अवतरित हुए थे और नीरू-नीमा को प्राप्त हुए थे। उन्होंने अपने माता पिता स्वयं चुने थे। स्वामी रामानंद जी कबीर साहेब के गुरु कहे जाते हैं किंतु वे भी उन्होंने स्वयं ही चुने और वास्तविकता यह है कि कबीर साहेब स्वामी रामानन्द जी के गुरु थे

जानिए पूरी जानकारी कबीर साहेब के माता पिता कौन?

वेदों में प्रमाण है परमात्मा की लीलाएँ

वेद प्रमाणित करते हैं कि पूर्ण परमेश्वर माता के गर्भ से जन्म नहीं लेता, वह मरता नहीं, उसका पालन पोषण कुंवारी गायों से होता है, परमेश्वर प्रत्येक युग में आता है और अपनी प्यारी आत्माओं को मिलता है। यह लीला श्री राम जी ने नहीं, श्री कृष्णजी ने नहीं, किसी अन्य महापुरुष ने नहीं बल्कि परमेश्वर कबीर ने की थीं। अब ऐसे तत्वदर्शी सन्त के विषय में विद्यालयी पाठ्यक्रम में गलत जानकारी दी जाए वह भी अटकलबाजी के रूप में विधवा ब्राह्मणी से नाता जोड़ जाए तो यह देश, इतिहास और अनुयायियों की गरिमा को ठेस पहुँचाता है।

ट्विटर पर हुआ ट्रेंड टैग

देशवासियों ने ट्विटर पर टैग ट्रेंड किया और महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी से यह अपील की पाठ्यक्रम में हुई इस त्रुटि को सुधारा जाए। कबीर साहेब के विषय में बिना साक्ष्य या प्रमाण के किसी भी अटकलबाजी का पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना निंदनीय है साथ ही यह लाखों अनुयायियों की आस्था के साथ खिलवाड़ होगा। इस विषय में कबीर साहेब के वास्तविक रूप को लेकर ट्विटर पर #RequestToThePresidentOfIndia with Rectify Biography of Kabir Sahib

सन्त रामपाल जी महाराज एप्प

कबीर साहेब और पूरे तत्वज्ञान को जानना साधारण मानव के वश का नहीं है। यह तत्वदर्शी सन्त ही बता सकता है। वर्तमान में पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज हैं जिन्होंने यह तत्वज्ञान सब के सामने खोलकर रखा है। शास्त्रों के गूढ़ रहस्य समझाए हैं और पूरी दुनिया को अद्भुत ज्ञान से परिचित करवाया है। कोई भी इस ज्ञान से परिचित होने के लिए सन्त रामपाल जी महाराज एप्प डाउनलोड कर सकते हैं। देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।

Latest articles

spot_img

More like this