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Teachers Day 2022 [Hindi]: शिक्षक दिवस पर जानिए वर्तमान में सच्चा शिक्षक (गुरु) कौन है?

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Last Updated on 5 September 2022, 2:32 PM IST| Teachers Day in Hindi (शिक्षक दिवस 2022): भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म अवसर पर मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक विद्वान और महान शिक्षक थे। उनके जन्मदिन के अवसर पर भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है और उनके मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद कहते है। शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों के प्रयासों और कड़ी मेहनत के लिए शिक्षकों को सम्मान देते हैं और समाज में उनके अहम योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद कहते है, उनका आभार व्यक्त करते हैं।

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शिक्षक दिवस 2022: (Teachers Day in Hindi) पर जाने जीवन मे शिक्षक (गुरु) का महत्व

शिक्षक दिवस 2022: भारतीय संस्कृति में शिक्षक का अर्थ तथा हमारे ग्रंथों में गुरु का महत्व बताया गया है। मानव जीवन में गुरु को ईश्वरतुल्य माना गया है। गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं और वे ही जीवन को ऊर्जामय बनाते हैं। जीवन विकास के लिए गुरु बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। गुरु की सन्निधि, प्रवचन, आशीर्वाद और अनुग्रह जिसे भी भाग्य से मिल जाए उसका तो जीवन कृतार्थता से भर उठता है। क्योंकि गुरु के बिना न आत्म-दर्शन होता और न परमात्म-दर्शन। इन्हीं की प्रेरणा से आत्मा प्रकाश की तरह उज्जवल बनती है।

शिक्षक दिवस 2022: गुरु मनुष्य के जीवन को भवसागर से पार लगाने में नाविक का भूमिका निभाते है । वे हितचिंतक, मार्गदर्शक, विकास प्रेरक एवं विघ्नविनाशक होते हैं। उनका जीवन शिष्य के लिये आदर्श बनता है। उनकी सीख जीवन का उद्देश्य बनाती है। गुरु के बिना मोक्ष सम्भव नहीं। गुरु ही हैं जो इस भवसागर रूपी संसार सागर से पार लगाते हैं और हमारा जीवन सफल बनाते हैं। सच्चा गुरू मिल जाए तो सिर धड़ की बाजी लगाकर गुरु वचनों पर डट जाने में ही जीवन सार्थक है।

शिक्षक दिवस 2022 के मुख्य बिंदु 

  • आध्यात्मिक गुरु का स्थान है सर्वोच्च
  • गुरु की जीवन में है बहुत महत्वपूर्ण भूमिका
  • मनुष्य जीवन में एक आध्यात्मिक शिक्षक (गुरु) का महत्व बहुमूल्य है
  • वर्तमान समय में पूरे विश्व में केवल जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही एक सच्चे आध्यात्मिक गुरु है

Teachers Day 2022 in Hindi: मानव जीवन मे गुरु की भूमिका

शिक्षक दिवस 2022: मनुष्य जीवन में विभिन प्रकार के गुरु बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है जो मुख्य इस प्रकार है:-

  • माता पिता (जीवन संरचना)
  • शिक्षक (अक्षर ज्ञान)
  • आध्यात्मिक गुरु (परमात्मा प्राप्ति)

माता पिता (गुरु)

शिक्षक दिवस 2022: जीवन में सभी रिश्ते अनमोल होते हैं, लेकिन माता पिता का स्थान गुरु रूप में अहम योगदान देता है जिसमें मां हमारी प्रथम गुरु होती है। वह हमारा दुनिया से साक्षात्कार करवाती हैं। माता पिता हमें सबसे ज्यादा प्रेम निस्वार्थ भाव से करते हैं जो हमारा पालन पोषण तथा जीवन प्रणाली की संरचना करते है। प्राचीन काल से ही बच्चे की प्रथम पाठशाला माता-पिता ही संचालित करते है क्योंकि माता पिता ही वो हमारे पहले गुरु होते है जो हमे बोलना सिखाते है, अंगुली पकड़ कर चलाना सिखाते है। हमारे बचपन का आधार होते है

शिक्षक (गुरु)

शिक्षक दिवस 2022: बाल अवस्था के उपरांत जब बच्चे की उम्र शिक्षा ग्रहण करने की होती है तो उसको पाठशाला में भेज दिया जाता है। वहां ना सिर्फ शिक्षा बल्कि व्यावहारिक ज्ञान, नैतिकता, जैसे जीवन के प्रत्येक पहलू पर ध्यान देते हुए, बालक को निखारा जाता है। तब माता पिता से ज्यादा भूमिका एक शिक्षक अथवा अध्यापक की गुरु रूप में होती है। एक शिक्षक अपने जीवन के अन्त तक मार्गदर्शक की भूमिका अदा करते है। वर्तमान समाज मे अपने जीवन व्यापन करने के लिए शिक्षा बहुत उपयोगी है जो भी हमें गुरु द्वारा प्रदान की जाती है।

उदाहरण: तीन लोक के मालिक भगवान श्री कृष्ण के शिक्षक संदीपनी ऋषि थे, जिनके आश्रम में उन्होंने अक्षर ज्ञान प्राप्त किया। संदीपनी ऋषि श्री कृष्ण के जीवन काल में उनके अध्यापक के रूप में रहे। श्री कृष्ण के आध्यात्मिक गुरु दुर्वासा ऋषि थे। इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण के जीवन में भी एक शिक्षक (अध्यापक) और एक आध्यात्मिक गुरु की भिन्न भिन्न भूमिका रही।

आध्यात्मिक गुरु

शिक्षक दिवस 2022: आध्यात्मिक गुरु वास्तव में कोई और नही बल्कि तत्वदर्शी संत होता है। जो हमें वह आध्यात्मिक मार्ग बताता है। जिससे हम इस जन्म मरण के रोग से सदा के लिए छुटकारा पा सकें। जैसे अध्यापक वही श्रेष्ठ होता है जो बच्चों को पाठ्यक्रम के अनुसार ज्ञान देता है। इसी प्रकार गुरु भी वही श्रेष्ठ है जो अपने शिष्यों को सद ग्रंथों के अनुसार ज्ञान देता है तथा सद ग्रंथों के अनुसार ही भक्ति मार्ग बताता है।

■ Read in English | Teachers Day: What is the Need of a Spiritual Teacher in Life?

इसके विषय में श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 16 के श्लोक 23 और 24 में बताया है कि अर्जुन तेरे लिए कर्तव्य और अकर्तव्य की व्यवस्था में शास्त्र ही प्रमाण है, तथा जो शास्त्र विधि को त्याग कर मन माना आचरण करते है उसको ना सुख होता है ना सिद्धि होती है ना ही मोक्ष होता है। इसलिए पूर्ण गुरु और सच्चे गुरु अर्थात सद्गुरु से ही जीव का मोक्ष संभव है। कबीर परमात्मा अपनी वाणी में कहते है:-

कबीर, बलिहारी गुरु आपने, घड़ी-घड़ी सौ-सौ बार |

मानुष से देवता किया, करत न लागी वार ||

अर्थात गुरु का हर क्षण जीव आभारी है जिन्होंने सतमार्ग दिखाकर तुच्छता से ऊपर उठाया। 

 इसी विषय मे संत गरीब दास जी महाराज जी ने सच्चे गुरु के बारे में अपनी वाणी में बताते है कि :-

सतगुरु के लक्षण कहूं, मधुरे बैन विनोद।

चार वेद षट शास्त्र, कहे 18 बोध।।

सच्चा गुरु हमेशा भक्ति के सत मंत्र बताता है और सच्चे मंत्रों के आधार से सत साधना प्रदान करता है। सच्चा गुरु 4 वेद, 18 पुराण, गीता, बाइबल, कुरान, श्री गुरु ग्रंथ साहिब, आदि सद्ग्रंथो का प्रमाणित ज्ञान बताता है। सतगुरु सभी धर्मो के सद्ग्रंथो में से एक परमात्मा की भक्ति बताता है। 

गुरु की महिमा बताते हुए कबीर साहेब अपनी वाणी में कहते हैं:-

गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान |

गुरू बिन दोनों निष्फल है , पूछो वेद पुराण ||

कबीर, राम कृष्ण से को बड़ा, उन्हों भी गुरु किन  |

तीन लोक के वे धणी, गुरु आगे आधीन  ||

कबीर साहेब अपनी वाणी में समझाते है कि गुरु धारण किए बिना की गई कोई भी आध्यात्मिक क्रिया कभी सफल नहीं होती। यही गवाही पवित्र वेद और पुराण भी देते है। भगवान राम चंद्र और कृष्ण चंद्र तीन लोक के मालिक होने के बावजूद उनके गुरु वशिष्ठ ऋषि और दुर्वासा ऋषि के चरणों की सेवा करते थे। तीन लोक के भगवान होने के बावजूद उन्होंने गुरु धारण किया, फिर आम जीव क्यों गुरु धारण नही करते?

Teachers Day (शिक्षक दिवस) पर जाने आध्यात्मिक गुरु का जीवन में महत्व

शिक्षक दिवस 2022: सांसारिक क्रियाओं के गुरु या सांसारिक विषय की पढ़ाई के अध्यापक अच्छे ना हो तो बच्चों का भविष्य अंधकार के समान होता है। इसी प्रकार आध्यात्मिक मार्ग में यदि साधक को सच्चा गुरु प्राप्त ना हो तो उसका मनुष्य जन्म बर्बाद हो जाता है, जिसके बाद वह 84 लाख योनियों को धारण करता है इसलिए सांसारिक अध्यापक और शिक्षक से कहीं अधिक महत्व अध्यात्मिक पूर्ण संत अर्थात सद्गुरु का होता है।

Teachers Day in Hindi: साधक का परम कर्तव्य है कि वह अपने मनुष्य जीवन को सफल करने के लिए उस वास्तविक सद्गुरु की तलाश करें। उस पूर्ण संत की पहचान श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 में बताई है कि जो संत संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष के प्रत्येक भागो के बारे में विस्तार से वेदों अनुसार बता देगा वह तत्वदर्शी संत है।

गीता जी अध्याय 4 के श्लोक 34 में उसी तत्वदर्शी संत की शरण में जाने के लिए गीता ज्ञान दाता ने अर्जुन से कहा कि उस पूर्ण संत अर्थात वास्तविक अध्यापक सद्गुरु की तलाश करनी चाहिए जो हमारे सद ग्रंथों के ज्ञान से परिचित हो और वह अपने शिष्य को आध्यात्मिक ज्ञान से अवगत करके नाम उपदेश देता हो।

तत्, विद्धि, प्रणिपातेन, परिप्रश्नेन, सेवया,।

उपदेक्ष्यन्ति, ते, ज्ञानम्, ज्ञानिनः, तत्त्वदर्शिनः।।

Teachers Day 2022 (शिक्षक दिवस) Special: विश्व के भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियों में उस महान सतगुरु का उल्लेख

जय गुरुदेव के संस्थापक संत तुलसीदास मथुरा वाले

संत तुलसीदास जी ने अपनी पुस्तक जय गुरुदेव की अमृतवाणी भाग 2 पृष्ट 22 पर लिखते हैं कि भविष्य में जैविक बम गिराए जाएंगे। इसकी शुरुआत चीन करेगा। जिसके कारण अमेरिका के बहुत से बड़े-बड़े शहर बर्बाद हो जाएंगे। इन सभी परिस्थितियों के कारण अमेरिका रूस चीन में आपस में युद्ध होंगे। जिससे दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध की तरफ चली जाएगी।

उन्होंने 1972 में अपनी पुस्तक के पृष्ठ 31 में कहा कि दूसरे देश द्वारा भारत पर भी कीटाणु बम फेंके जाएंगे। परंतु भारत में एक महापुरुष होगा जो इन सभी आपदाओं को रोक देगा। सन 1971 में इसी पुस्तक के 59 पृष्ट पर लिखा था कि उस महापुरुष का जन्म भारत के एक छोटे से गांव में हो चुका है तथा वह अभी 20 वर्ष का हो चुका है। 8 सितम्बर 1951 को संत रामपाल जी महाराज का जन्म हुआ और 1971 में वह संत 20 वर्ष के हो चुके थे। उन्होंने 1971में यह भी कहा कि इस पुरुष के बारे में बताने का अभी आदेश नहीं है।

श्री नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी

फ्रांस मूल के भविष्यवक्ता श्री नास्त्रेदमस ने शतक 20 श्लोक 25 में कहा कि वह महापुरुष ना तो क्रिश्चियन होगा ना ही मुसलमान होगा। वह सिर्फ हिंदू होगा। उस महापुरुष के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा लगेगा तथा जनता उसे सच्चाई मालूम होने पर प्यार करने लगेगी, तथा उसकी विचारधारा को समर्थन करेंगे। वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है। शतक 2 श्लोक 70 में बताया कि वह महापुरुष विश्व को सच्ची भक्ति कराएगा तथा काल लोक से मुक्त करायेगा।

शतक 1 श्लोक 50 में कहा है कि वह अपने ज्ञान से संसार में बंटे अलग-अलग वर्गों को एक करेेगा। वह उस प्रांत में जन्म लेगा जहां पांच नदियां बहती हैं संत रामपाल जी महाराज का जन्म हरियाणा प्रांत के गांव धनाना जिला सोनीपत में हुआ था। पहले हरियाणा पंजाब का हिस्सा था और उस प्रान्त में पांच नदिया बहती है। उन्होंने यह भी बताया कि वह ऐसे देश में जन्म लेगा जो तीन तरफ से सागर से गिरा होगा और उस देश का नाम सागर के नाम से होगा। भारत भी तीन दिशा से घिरा हुआ है और हिन्द सागर से घिरे होने से उसका नाम हिंदुस्तान पड़ गया।

अमेरिका की भविष्यवक्ता जीन डिक्शन ने अपनी भविष्यवाणी में कहा कि 21 वी सदी के अंत से पहले विश्व में ऐसी त्रासदी आएगी जिससे मानव जाति का संहार होगा। वैचारिक युद्ध के बाद एक अध्यात्मिक ज्ञान की क्रांति आएगी, जो भारत देश के ग्रामीण परिवार के एक सदस्य की सत्ता स्थापित करेगी।

शिक्षक दिवस 2022 (Teachers Day in Hindi): फ्लोरेंस की भविष्यवाणी

शिक्षक दिवस 2022: अमेरिका मूल की भविष्यवक्ता फ्लोरेंस ने 1960 में लिखी पुस्तक द फॉल ऑफ सेंसेशनल कल्चर में लिखा था कि 1974-80 के बाद विश्व में भूकंप से तबाही होना शुरू हो जाएगी। सन 2000 के बाद विश्व की राजनीति का समीकरण बदलेगा। समय-समय पर प्राकृतिक आपदाओं के कारण मनुष्य जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। जिससे तीसरे विश्वयुद्ध की नींव रखी जाएगी परंतु भारत में एक ऐसा संत होगा जो अपने ज्ञान तथा आध्यात्मिक शक्ति से तीसरा विश्वयुद्ध तथा प्राकृतिक आपदाओं को रोक देगा। भारत देश में उत्पन्न वह महापुरुष विश्व का संचालक होगा।

शिक्षक दिवस 2022: हरि नाम बिना खाली परसी खेत

शिक्षक दिवस 2022: मानव जन्म महत्वपूर्ण है। सबसे अधिक इसलिए क्योंकि मात्र मानव जीवन में मोक्ष सम्भव है। और जिस मनुष्य ने पूर्ण तत्वदर्शी सन्त से नामदीक्षा लेकर भक्ति नहीं की उसका जीवन इस प्रकार है मानों अच्छी मृदा का उपजाऊ खेत बिना बीज के खाली पड़ा हो अर्थात व्यर्थ है। किन्तु गुरु केवल तत्वदर्शी सन्त होना चाहिए। बिना तत्वदर्शी सन्त के कितनी भी भक्ति कर ली जाए सफल नहीं है। 

वर्तमान समय में वह सच्चा सतगुरु कौन है?

शिक्षक दिवस 2022: इन सभी भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां तथा सभी सद्ग्रन्थों में प्रमाण सटीक रूप से संत रामपाल जी महाराज पर सही सिद्ध होती है। सभी पवित्र शास्त्रों, वेदों तथा सभी सतग्रंथ के आधार से संत रामपाल जी महाराज के जन्म स्थान से लेकर देशद्रोह के मुकदमे तक एक के बाद एक सब प्रमाणों से निष्कर्ष निकलता है कि वही विश्व मे एक मात्र संत है जो तत्वदर्शी संत रूप में सम्पूर्ण मानव जाति को पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब महिमा से अवगत करके तथा सत भक्ति प्रदान करेंगे और सभी को अपने निज स्थान ( सतलोक , अमर लोक ) की प्राप्ति कराएंगे। वे पूर्ण तत्त्वदर्शी सन्त हैं

शिक्षक दिवस कोट्स हिंदी (Teachers Day 2022 Quotes in Hindi) 

● गरीब , चुंबक तो सतगुरु कह्या, स्वान्ति शिष्य का रूप | बिन सतगुरु निपजै नहीं राव, रंक और भूप||

● सतगुरु पूर्ण ब्रह्म हैं, सतगुरु आप अलेख | सतगुरु रमता राम हैं, यामें मीन न मेख ||

● कबीर, कबीरा हरिके रूठते, गुरुके शरने जाय | कहै कबीर गुरु रूठते, हरि नहिं होत सहाय || 

● कबीर, यह तन विष की बेलड़ी, गुरु अमृत की खान |

शीश दिए जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान ||

● कबीर राम कृष्ण से को बड़ा, तिन्हूँ भी गुरु कीन्ह | तीन लोक के वे धनी गुरु आगे आधीन ||

सन्त रामपाल जी ने सुधारा समाज

शिक्षक दिवस 2022: सन्त रामपाल जी ने सच्चे सतगुरु की भूमिका निभाते हुए पूरे समाज को सच्ची राह दिखाई है। सन्त रामपाल जी ने अपने सदवचनों से वो कर दिखाया जो अब तक कानून और अनेकों समाज सुधारक करने में असफल रहे। सन्त रामपाल जी ने सही मायनों में समाज को नशामुक्त बनाया है। उनके अनुयायी न तो नशा करते हैं और न नशीली वस्तुएं अपने पास रखते है न किसी को लाकर देते या व्यापार करते हैं। अब तक बेटियां दहेज प्रथा के कारण बोझ थीं। सन्त रामपाल जी महाराज ने 17 मिनट की ऐसी अद्भुत विवाह विधि बताई है जिससे वर एवं वधु विवाह अपने माता पिताओं की उपस्थिति में सादगी से विवाह बंधन में बंध जाते हैं। जो मानव किसी का एक रुपया वापस करने तैयार नहीं होता जिसके चलते समाज मे चोरी डकैती की घटनाएं होती रहती हैं आज सन्त रामपाल जी के अनुयायी किसी का गुमा हुआ लाखों रुपयों से भरा बैग उस व्यक्ति को ढूंढकर उन्हें लौटा देते हैं। बलात्कार, छेड़छाड़ आदि समस्त बुराइयों को सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने सत्संगों के माध्यम से खत्म कर दिया है। 

सन्त रामपाल जी महाराज ने दी सभ्यता को नई राह

संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखी पुस्तक ज्ञान गंगा युगों से भटकी हुई मानव सभ्यता को सत्य साधना की नई राह प्रदान की है। जिस पर चलकर उनके साधक ना सिर्फ सांसारिक, शारीरिक और मानसिक सुख को प्राप्त कर रहे हैं बल्कि उन्हें मोक्ष का पूर्ण मार्ग भी प्राप्त हुआ है जिसके बारे में गीता जी के अध्याय 18 के श्लोक 62 में कहा है कि वह शाश्वत स्थान है उस शाश्वत स्थान अर्थात सतलोक की वास्तविक भक्ति और साधना केवल संत रामपाल जी महाराज बता रहे हैं। वहीं विश्व में एक मात्र में सतगुरू हैं, आध्यात्मिक मार्ग के असली शिक्षक हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।

FAQ About Teachers Day 2022 [Hindi]

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस किसके जन्मदिवस के अवसर पर मनाते हैं?

शिक्षक दिवस भारत के पहले उपराष्ट्रपति एवं दूसरे पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर मनाते हैं।

पहला शिक्षक दिवस कब मनाया गया?

पहला शिक्षक दिवस 5 सितंबर 1962 को मनाया गया था। उस वक्त सर्वपल्ली राधाकृष्णन 77 साल के थे।

शिक्षक दिवस का क्या संदेश है?

शिक्षक दिवस का संदेश है सच्चा तत्वदर्शी सन्त खोजकर पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करना।

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3 COMMENTS

  1. शास्त्रों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान हैं और तत्वदर्शी संत रामपाल महराज है

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