Stephen Hawking 82nd Birthday [Hindi]: क्यों इस मामले में गलत थे स्टीफन हॉकिंग?

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Last Updated on 8 January 2024: Stephen Hawking Birthday [Hindi]: महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग (scientist stephen hawking) इस पीढ़ी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं, जिनके ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी पर अभूतपूर्व विचार हैं। हॉकिंग एक लेखक भी थे, जिनकी सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तकों ने आधुनिक विज्ञान को दुनिया भर के लाखों पाठकों तक पहुँचाया।

Table of Contents

Stephen Hawking स्टीफन हॉकिंग से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारी

  • स्टीफन हॉकिंग (Scientist Stephen Hawking Birthday) के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था। मोटर न्यूरॉन बीमारी से पीड़ित थे स्टीफन हॉकिंग।
  • शारीरिक अक्षमता के बावजूद वे दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में थे।
  • बोलने की क्षमता खोने के बाद, उन्हें संवाद करने के लिए भाषण देने वाले गैजेट पर निर्भर रहना पड़ा।
  • हॉकिंग एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्होंने फिज़िक्स (physics) और उससे आगे के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। 
  • उनके अद्भुत योगदान में ब्रह्मांड विज्ञान, गुरुत्वाकर्षण (gravity), ब्लैक होल (Black Hole) पर आधारित क्वांटम सिद्धांत, थर्मोडायनामिक्स और सूचना सिद्धांत शामिल हैं। 
  • स्टीफन हॉकिंग नास्तिक थे।

Stephen Hawking से जुड़े मुख्य बिंदु

  • पीले-नारंगी ब्रह्मांड के चित्रण के साथ वैज्ञानिक की कार्टून छवि को डूडल प्रदर्शित कर रहा था।
  • ढाई मिनट के एनिमेशन वीडियो के साथ गूगल ने हॉकिंग को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी थी।
  • यह डूडल उनकी खोजों, योगदान और ब्रह्मांड में उपलब्धियों पर प्रकाश डालता है। 
  • वह न्यूरोलॉजिकल बीमारी के साथ उनकी जीवनभर की लड़ाई को भी दर्शाता ।

Stephen Hawking: स्टीफन हॉकिंग प्रभावशाली दिमागों में से एक थे!

सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिक दिमागों में से एक अंग्रेजी ब्रह्मांड विज्ञानी, लेखक और सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी थे। स्टीफन हॉकिंग जिनकी आज 8 जनवरी को जयंती है। ब्लैक होल (Black Hole) के टकराने से लेकर बिग बैंग तक, ब्रह्मांड की उत्पत्ति और यांत्रिकी पर उनके सिद्धांतों ने आधुनिक भौतिकी में बदलाव लाया था। जबकि उनकी सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तकों ने दुनिया भर में लाखों पाठकों के लिए इस क्षेत्र को आसान बनाया है।

Stephen Hawking Birthday [Hindi]: साल 2001 की जनवरी में स्टीफन हॉकिंग भारत आए थे और यह उनका 16 दिन का दौरा था। इस दौरे से लौटने के बाद उन्होंने अपनी भारत यात्रा को शानदार बताया था। भारत की इस यात्रा से वह भी काफी उत्साहित थे।

वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय

महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग (Scientist Stephen Hawking Birthday) का जन्म 8 जनवरी, 1942 को एक शोध जीवविज्ञानी और चिकित्सा शोधकर्ता के परिवार में हुआ था। स्टीफन हॉकिंग ने 1962 में यूनिवर्सिटी कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में भौतिकी में स्नातक की डिग्री ली थी। फिर उन्होंने 1966 में ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज से पीएचडी की पढ़ाई की, जहां उन्हें कैंब्रिज में गोनविले और कैयस कॉलेज में एक रिसर्च फेलो के रूप में चुना गया था। 

उन्होंने “ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम” नामक एक पुस्तक भी लिखी जो 1988 में प्रकाशित हुई थी। वह रॉयल सोसाइटी के फेलो के रूप में भी जाने जाते थे और यूएस नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज और पोंटिफिकल एकेडमी ऑफ साइंसेज के सदस्य के रूप में भी शामिल थे। प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग के पास 13 ओनरेरी (honorary) डिग्रियां थीं। 18 मार्च, 2018 को उनका देहांत हो गया था।

Stephen Hawking 81st Birthday: स्टीफन हॉकिंग ने कौन-कौन सी किताबें लिखी हैं? 

स्टीफन हॉकिंग (Scientist Stephen Hawking Birthday) ने ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम, द ग्रैंड डिजाइन, माय ब्रीफ हिस्ट्री, यूनिवर्स इन नटशेल, द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग नामक कई रोचक किताबें लिखी हैं।

स्टीफन हॉकिंग किस बीमारी से पीड़ित थे?

21 साल की उम्र में एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद वह ब्रह्मांड के सबसे बड़े रहस्यों को जानने और इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाने के उत्सुक थे। उन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी थी। इस बीमारी से मनुष्य का नर्वस सिस्टम धीरे-धीरे खत्म हो जाता है और शरीर के मूवमेंट करने और कम्यूनिकेशन पावर समाप्त हो जाती है। डॉक्टरों ने यह भी कहा था कि वो दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे। लेकिन 50 से ज्यादा साल जीने के दौरान हॉकिंग ने अपने डॉक्टरों की भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया था। स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था। 

Stephen Hawking Birthday [Hindi]: ईश्वर को नहीं मानते थे स्टीफन हॉकिंग

Is There a God? नामक किताब में उन्होंने लिखा है, ‘सदियों से यह माना जाता रहा है कि मेरे जैसे डिसेबल लोगों पर भगवान का श्राप होता है। लेकिन मेरा मानना है कि मैं कुछ लोगों को निराश करूंगा लेकिन मैं यह सोचना ज्यादा पसंद करूंगा कि हर चीज की व्याख्या दूसरे तरीके से की जा सकती है।’ 

Stephen Hawking Birthday [Hindi]: उन्होंने लिखा है कि उन्होंने ‘भगवान’ शब्द का इस्तेमाल गैर निजी तरीके से किया है। जैसा अल्बर्ट आइंस्टाइन लॉ ऑफ नेचर के लिए गॉड शब्द का इस्तेमाल करते थे। यानी लॉ ऑफ नेचर को समझना ही भगवान के दिमाग को समझना है। हॉकिंग ने लिखा है, ‘मेरी भविष्यवाणी है कि हम इस सेंचुरी के खत्म होते-होते भगवान के दिमाग को समझने लगेंगे।’

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उनके मुताबिक, यूनिवर्स कभी न खत्म होने वाला फ्री लंच है और अगर यूनिवर्स कुछ नया नहीं जोड़ता तो आपको इसे बनाने के लिए भगवान की जरूरत नहीं है। वह लिखते हैं, ‘हम जो चाहते हैं वह मानने के लिए फ्री हैं। और यह मेरा मानना है कि भगवान नहीं है। किसी ने यूनिवर्स नहीं बनाई और न ही कोई हमारी किस्मत चलाता है।’

इसी किताब में उन्होंने आगे लिखा, इससे मुझे इस बात का पूरा अहसास है कि न तो कोई स्वर्ग है और न ही मरने के बाद कोई जीवन। मेरा मानना है कि मरने के बाद जीवन है-यह सोचना सिर्फ आपका खुशनुमा विचार हो सकता है। इसके लिए कोई भरोसेमंद साक्ष्य नहीं है। (भगवान को और उनकी बनाई सृष्टि को समझने के लिए आज ही पढ़ें पुस्तक ज्ञान गंगा, जोकि पंद्रह भाषाओं में उपलब्ध है आप इसे अपने मोबाइल के प्ले स्टोर में जाकर Sant Rampal ji Maharaj App में से डाउनलोड कर सकते हैं)।

स्टीफन हॉकिंस की कही कुछ कहावतें

  • “इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन मूर्खता नहीं, बल्कि ज्ञानी होने का भ्रम है, हमें सबसे अधिक महत्व का काम सबसे पहले करना चाहिए।”
  • “बुद्धिमत्ता बदलाव के अनुरूप ढलने की क्षमता है।”
  • “विज्ञान केवल तर्क का अनुयायी नहीं है, बल्कि रोमांस और जूनून का भी।”
  • “यदि आप हमेशा गुस्सा या शिकायत करते हैं तो लोगों के पास आपके लिए समय नहीं रहेगा इसलिए विनम्र रहिये।”
  • “अतीत, भविष्य की तरह ही अनिश्चित है और केवल संभावनाओं के एक स्पेक्ट्रम के रूप में  मौजूद है।”
  • “ऊपर सितारों की तरफ देखो अपने पैरों के नीचे नहीं। जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो और आश्चर्य करो कि क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाए हुए है। उत्सुक रहो।”
  • “चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।”
  • “मैंने देखा है वो लोग भी जो ये कहते हैं कि सब कुछ पहले से तय है, और हम उसे बदलने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते, वे भी सड़क पार करने से पहले देखते हैं।”

शास्त्र विरुद्ध साधना करने की वजह से लोग बन रहे हैं नास्तिक

दरअसल इसमें दोष स्टीफन हॉकिंस (Stephen Hawking Birthday) या किसी अन्य वैज्ञानिक या आम जनमानस का नहीं है, दोषी तो हमारे धर्म गुरु हैं जो हमें पवित्र शब्द ग्रंथों (पवित्र चारों वेद, पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता, पवित्र कुरान शरीफ, पवित्र बाइबल तथा पवित्र ग्रंथ साहेब) के अनुसार भक्ति ना बताकर उनके विपरीत भक्ति कराते हैं जिसके कारण हमें ईश्वरीय लाभ प्राप्त नहीं होते और अंत में लोग नास्तिक बन जाते हैं।

नकली धर्मगुरुओं द्वारा दी गई शास्त्र विरुद्ध साधना की वजह से ना तो हमें ईश्वर के दर्शन हुए और ना ही हमें ईश्वर से लाभ प्राप्त हुआ, नकली धर्मगुरु अंत में बोल देते हैं कि यह तो तुम्हारे प्रारब्ध का फल है जबकि हमारे वेद कहते हैं कि परमात्मा हर प्रकार के रोग को खत्म कर सकते हैं और इसका प्रमाण हमारे वेदों में भी दिया है।

पाप नाशक है पूर्ण परमात्मा इसका प्रमाण ऋग्वेद, मंडल १०, सूक्त १६३, मंत्र १ में है।

अक्षीभ्यां ते नासिकाभ्यां कर्णाभ्यां छुबुकादधि ।

यक्ष्मं शीर्षण्यं मस्तिष्काज्जिह्वाया वि वृहामि ते ॥१॥

परमात्मा पाप कर्म से हमारा नाश करने वाले हर कष्ट को दूर कर विषाक्त रोग को काटकर हमारे नाक, कान, मुख, जिव्हा, शीर्ष, मस्तिष्क सभी अंग-प्रत्यंगों की रक्षा कर सकते हैं। ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 82 मंत्र 1, 2 और 3 में प्रमाण है परमेश्वर हमारे पापों का नाश करते हुए हमें प्राप्त होते है इसके अलावा भी अनगिनत प्रमाण सदग्रंथो मे मौजूद है जिनका उल्लेख यहाँ करना सम्भव नहीं है।

नास्तिक स्टीफन हॉकिंग ईश्वर की बनाई प्रकृति के सामने हार गए थे? 

स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking Birthday) ईश्वर को नहीं मानते थे। वह नहीं मानते थे कि परमात्मा नाम की कोई चीज है, किंतु परमेश्वर की बनाई हुई सृष्टि प्रकृति के सामने वह हार चुके थे क्योंकि कोई भी वैज्ञानिक और डॉक्टर उनकी बीमारी को ठीक नहीं कर पाया था और आजीवन उन्होंने बीमारी से ग्रसित होकर कष्ट उठाया। यदि समय रहते वे तत्वदर्शी संत की शरण में आ जाते और वह तत्वदर्शी संत पूर्ण परमेश्वर द्वारा दिए गए सत मंत्र, सतभक्ति करते तो उनकी वह बीमारी ठीक हो सकती थी। 

पवित्र हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म के सदग्रंथों में यह प्रमाण है कि ईश्वर सर्वशक्तिमान है और वह हर तरह की बीमारी को खत्म करने की शक्ति रखता है। किंतु स्टीफन हॉकिंग नास्तिक थे जिस कारण उन्होंने पृथ्वी पर भगवान की उपस्थिति को महसूस नहीं किया और न ही तत्वदर्शी संत की खोज कर सके और न ही शरण ग्रहण की जिस कारण उन्हें आजीवन अपनी बीमारी से संघर्ष करना पड़ा।

ईश्वर के द्वारा बनाई हुई प्रकृति के सामने हार चुके हैं वैज्ञानिक

आज तक कोई भी वैज्ञानिक खून नहीं बना सका है, न ही कोई वैज्ञानिक यह बता सका है कि मृत्यु के बाद इंसान की आत्मा आखिर कहां जाती है, इसे क्यों नहीं पकड़ा जा सकता? सभी वैज्ञानिक ईश्वर केे द्वारा बनाई हुई चीजों के सही जवाब न मिलने से हार चुके हैं और कह चुके हैं कि भगवान नहीं है।

ईश्वर ने पृथ्वी जैसे कई ग्रह बना कर छोड़ दिए उसकी शक्ति से यह लगातार घूम रहे हैं। वैज्ञानिक ज्यादा से ज्यादा यह देख सकते हैं कि यह कितना घूम रहे हैं, कैसे घूम रहे हैं लेकिन पूर्ण परमेश्वर ना जाने कितने ग्रह बना चुके हैं और न जाने कितनी पृथ्वी इस ब्रह्मांण्ड में घूम रही हैं। वैज्ञानिक नहीं जानते कि गंगा का जल कभी खराब क्यों नहीं होता, सूरज और चांद किसके इशारे पर निकलते हैं और छिपते हैं? परंतु इस सब की जानकारी एक ही वैज्ञानिक जानता है जिसे आध्यात्मिक वैज्ञानिक या तत्वदर्शी संत कहते हैं।

क्या अध्यात्म और विज्ञान में कोई विरोध है?

अध्यात्म और विज्ञान में कोई विरोध नहीं है परमेश्वर ने हमें इसलिए शिक्षित किया ताकि हम अपना भला और बुरा समझ सकें लेकिन वह नादान और मूर्ख प्राणी होते हैं जो शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद परमेश्वर को भूल जाते हैं उसके विधान को भूल जाते हैं परमात्मा के द्वारा दी हुई बुद्धि से इंसान ने मोबाइल, टीवी, फ्रिज, कूलर, एसी, पंखे, बम नयूक्यिर पावर, सौर ऊर्जा, वाहन, औजार इत्यादि सुख सुविधा की चीजें बनाईं किंतु इन चीजों को पाकर हमें ईश्वर को नहीं भूलना चाहिए बल्कि ईश्वर का धन्यवाद अदा करना चाहिए।

पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी हमें समझाते हुए कहते हैं, अगर हम बड़े डॉक्टर, राजनेता या वैज्ञानिक बन कर बिना सतभक्ति किए संसार छोड़ कर चले जाते हैं तो हो सकता है हमारे जन्मदिन वाले दिन लोग हमारी मूर्ति पर फूल माला चढ़ा दें यह आज के समय में इस तरह भी हो सकता है जैसे कोई गूगल पर डूडल बनाकर हमें याद कर ले किंतु वास्तविकता में हम कहीं पशु पक्षी बनकर कष्ट उठा रहे होंगे और दुनिया वाले हमारी फालतू की महिमा गा रहे होंगे जिसका हमें कोई लाभ नहीं मिल रहा होगा अर्थात बिना सत भक्ति किए हम अपना जीवन नाश कर चुके होंगे इसलिए हमें चाहिए कि हम जो भी डॉक्टर, इंजीनियर, नेता, राजनेता या वैज्ञानिक अन्य कुछ भी बने हों हमें सत भक्ति करते हुए अपने पदों पर ईश्वर के डर से ईमानदारी से कार्य करना चाहिए इससे हमारा वर्तमान जीवन भी अच्छे से गुजरेगा और भविष्य में परमेश्वर और मोक्ष की प्राप्ति होगी।

नास्तिक लोग राक्षस समान होते हैं: श्रीमद्भगवद्गीता 

गीता अध्याय 16 के श्लोक 8 में कहा है कि राक्षस स्वभाव वाले व्यक्ति ऐसा कहा करते हैं कि संसार निराधार है। असत्य तथा बिना भगवान के है अपने आप (नर-मादा के संयोग से) उत्पन्न है। केवल काम (सैक्स) ही इसका कारण है। गीता अध्याय 16 के श्लोक 9 में कहा है कि राक्षस वृति के व्यक्ति मिथ्या ज्ञान का अनुसरण करके ये नष्ट आत्मा (गिरी हुई आत्मा) मंद बुद्धि हैं। वे अपकार (बुरा) करने वाले क्रूरकर्मी (भयंकर कर्म करने वाले) जगत के नाश के लिए ही उत्पन्न होते हैं। गीता अध्याय 16 का श्लोक 10 – राक्षस वृति के व्यक्ति पाखण्ड, मान, मद्य युक्त, मुश्किल से पूर्ण होने वाली इच्छाओं का आश्रय लेकर मोह (अज्ञान) वश मिथ्या सिद्धांतों को ग्रहण करके भ्रष्ट आचरणों को धारण किए हुए घूमा करते हैं।

कैसा है ईश्वर का स्वरूप?

तत्वदर्शी द ग्रेट शायरन ना मिल पाने के कारण जीवन के रहस्य को नहीं समझ पाए स्टीफन हॉकिंग। इसमें कोई संदेह नहीं कि वे एक बहुत बड़े वैज्ञानिक थे किंन्तु उनका जीवन प्रकृति तक सीमित ही रह गया। जिसने प्रकृति का भी निर्माण किया, जिसने चींटी से लेकर हाथी तक को बनाया, पेड़ पौधे चांद सितारे बनाए, जमीन आसमान बनाया, उस परम शक्ति तक स्टीफन हॉकिंग नहीं पहुंच पाए। किंतु भाइयों बहनों वर्तमान में इन सभी बातों का रहस्य विश्व प्रसिद्ध तत्व ज्ञानी, वैज्ञानिक, विश्व विजेता, जगतगुरु, बाखबर, तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने विज्ञान रूपी ज्ञान खोल दिया है।

सृष्टि का निर्माण कैसे हुआ, कौन इसका कर्ताधर्ता है, किसने प्रकृति का निर्माण किया, कौन है जो हमारी सभी बीमारियों को ठीक कर सकता है, वह कैसा है और कैसे उसे प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार के सभी प्रश्नों के उत्तर आप तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग में सुन सकते हैं। कबीर साहेब जी के अवतार संत रामपाल जी महाराज करोडों लोगों को सुखी, निरोगी जीवन जीने का आशीर्वाद दे रहे हैं।

सभी विद्वान पाठकों से निवेदन है कि ईश्वर साकार है उसी ने मानव को अपने जैसा रुप दिया और पृथ्वी और आसमान के बीच सब कुछ छः दिन में बनाया और सातवें दिन तख्त पर विश्राम किया। आप सभी पृथ्वी और आसमान के मालिक के बारे में जानने के लिए एक बार “ज्ञान गंगा” नामक पुस्तक अवश्य पढ़ें और ब्रह्मांड से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने मोबाइल फोन के प्लेस्टोर से Sant Rampalji Maharaj एप्प डाउनलोड करें।

Stephen Hawking से जुड़ी प्रश्नोत्तरी

1. स्टीफन हॉकिंग ने किस विषय पर रिसर्च किया था?

स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल की भौतिकी पर काम किया था। उन्होंने प्रस्तावित किया कि ब्लैक होल उप-परमाणु कणों का उत्सर्जन करेंगे जब तक कि वे अंततः विस्फोट न करें। 

2.स्टीफन हॉकिंग ने कौन कौन सी किताबें लिखीं?

ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम: फ्रॉम द बिग बैंग टू ब्लैक होल्स (1988) थी। अपनी आखिरी किताब ‘Is There a God’ में उन्होंने लिखा कि भगवान का कोई अस्तित्व नहीं होता। 

3. स्टीफन हॉकिंग के अनुसार कितने ब्रह्मांड हैं?

स्ट्रिंग थ्योरी से एक अवधारणा लेते हुए, हॉकिंग और हर्टोग का तर्क है कि कोई शाश्वत मुद्रास्फीति नहीं है और केवल एक ब्रह्मांड है।

4. स्टीफन हॉकिंग कौन सी बीमारी से पीड़ित थे?

उन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी थी। इस बीमारी में मनुष्य का नर्वस सिस्टम धीरे-धीरे खत्म हो जाता है और शरीर के मूवमेंट करने और कम्यूनिकेशन पावर समाप्त हो जाती है।

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