Sri Lanka Emergency Crisis: श्रीलंका में क्यों लगाना पड़ा आपातकाल?

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Sri Lanka Emergency Crisis News in Hindi: श्रीलंका की जनता घोर आर्थिक संकट, खानपान की चीजों की किल्लत से जूझ रही है और इसके लिए वह मौजूदा राष्‍ट्रपत‍ि गोताबाया राजपक्षे सरकार को जिम्‍मेदार मानती है। गुरुवार को राष्‍ट्रपति आवास के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन के बाद देश में इमरजेंसी का ऐलान किया गया है। श्रीलंका सरकार ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के पास हुए हिंसक प्रदर्शन को शुक्रवार को ‘आतंकी कृत्य’ करार दिया। मिरिहाना में राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास के बाहर प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे जिसके कारण स्थिति बिगड़ी। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के बाहर इकट्ठा हुए कई प्रदर्शनकारियों के द्वारा की गई हिंसा के एक दिन बाद वहां इमरजेंसी लगाने जैसा बड़ा कदम उठाया गया। पुलिस ने कहा कि 50 लोगों को राष्ट्रपति आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

Sri Lanka Emergency Crisis News | श्रीलंका में हुई आपातकाल की घोषणा: मुख्यबिंदु

  • श्रीलंका में आगजनी, हिंसा, प्रदर्शन, सरकारी संपत्तियों की तोड़ फोड़ के बाद शुक्रवार को देश में सार्वजनिक आपातकाल लगा दिया गया। 
  • आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका में बढ़ती अशांति के बीच यह कदम उठाया गया।
  • श्रीलंका की जनता घोर आर्थिक संकट से जूझ रही है और इसके लिए वह मौजूदा राष्‍ट्रपत‍ि गोताबाया राजपक्षे को जिम्‍मेदार मानती है। 
  • गुरुवार को राष्‍ट्रपति आवास के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन के बाद देश में इमरजेंसी का ऐलान किया गया है।
  • श्रीलंका में मुद्रा स्फीति 17.5 % तक पहुंची।
  • श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 13-13 घंटे के पावर कट से जूझ रही जनता सड़कों पर उतर आई है।
  • लोगों के पास खाने-पीने की चीजें नहीं हैं। 
  • श्रीलंका में चावल-दाल, दवाओं, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं।

Sri Lanka Emergency Crisis News Update: श्रीलंका की वर्तमान स्थिति

आर्थिक विशेषज्ञ बताते हैं कि श्रीलंका के ज्ञात इतिहास में ये अब तक का सबसे खराब आर्थिक संकट है। श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद आज सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा है।

  • पैरासीटामोल की 10 टैबलेट की पत्ती 450 रुपये में बिक रही है। जो चाय आप 5 या 10 रुपये में एक कप पीते हैं वहां वही चाय 100-150 रुपये में एक कप मिल रही है। श्रीलंका में चावल 500 रुपये किलो तक बिक रहा है। 400 ग्राम दूध के पाउडर की कीमत 790 रुपये है। वहीं एक किलो चीनी 290 रुपये की हो गई है।
  • हालात इतने गंभीर हैं कि मरम्मत के लिए खड़ी बसों में से डीजल निकालकर दूसरी गाड़ियों में डाला जा रहा है। पेट्रोल डीजल लगभग पूरे देश में खत्म हो गया है।
  • आंदोलन के हिंसक होने से कई लोग घायल हो गए और वाहनों में आग लगा दी गई। हालात इतने बिगड़ गए कि स्पेशल टास्क फोर्स को बुलाना पड़ा, लेकिन हालात काबू में नहीं आ पा रहे हैं।
  • अब तक की हिंसा में श्रीलंका में लगभग 10 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं तो 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। कोलंबो में हिंसा का दौर जारी है। लोगों ने गाड़ियों में आगजनी की। पुलिस की गाड़ियों तक को नहीं छोडा़ गया।
  • श्रीलंका की अर्थव्यवस्था डगमगाने के बाद जनता सड़कों पर उतर गई है। श्रीलंका का टूरिज्म भी चौपट हो गया।
  • ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी लाइनें लगी है। कम आपूर्ति में जरूरी सामान और घंटों बिजली कटौती से जनता हफ्तों से परेशान है। श्रीलंका में बहुत लोग ऐसे भी हैं जिनके पास पैसा तो है, लेकिन वो कुछ खरीद नहीं सकते।
  • देशभर में आगजनी, हिंसा, प्रदर्शन, सरकारी संपत्तियों में तोड़ फोड़ चल रही है। राष्ट्रपति के आवास के पास लगे स्टील अवरोधक को गिराए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की।
  • कोलंबो में कर्फ्यू लगा दिया गया था। अधिवक्ता नुवान बोपागे ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 54 प्रदर्शनकारियों में से 21 को जमानत दे दी गई है, जबकि छह को चार अप्रैल तक के लिए रिमांड पर भेजा गया है और बाकी 27 घायल अवस्था में अस्पतालों में भर्ती हैं।
  • जनता राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रही है। इस समय श्रीलंका में राजपक्षे परिवार का राज है: गोटबाया राजपक्षे: राष्ट्रपति, महिंदा राजपक्षे: प्रधानमंत्री, बासिल राजपक्षे: वित्त मंत्री, चमल राजपक्षे:उप रक्षा मंत्री, सिचाईं मंत्री, नमल राजपक्षे : खेल और युवा मामलों के मंत्री।

सरकार ने प्रदर्शन को क्यों बताया ‘आतंकी कृत्‍य’?

Sri Lanka Emergency Crisis News Update: श्रीलंका सरकार ने मौजूदा आर्थिक संकट को लेकर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के पास हुए हिंसक प्रदर्शन को शुक्रवार को ‘आतंकी कृत्य’ करार दिया और इस घटना के लिए विपक्षी दलों से जुड़े ‘चरमपंथी तत्वों’ को जिम्मेदार ठहराया। श्रीलंका के पर्यटन मंत्री प्रसन्ना रणतुंगा ने हिंसा के लिए विपक्षी दलों-समागी जान बालवेगया (एसजेबी) और जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) से जुड़े ‘चरमपंथी तत्वों’ को जिम्मेदार ठहराया। 

आपातकालीन स्थिति में राष्‍ट्रपति को कौन कौन से असीमित अधिकार मिले?

राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश की धाराएं लागू कीं हैं जो उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण, विद्रोह के दमन, दंगा या नागरिक हंगामा या आवश्यक आपूर्ति के रखरखाव के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है। आपातकालीन नियमों के तहत, राष्ट्रपति किसी भी संपत्ति पर कब्जा करने और किसी भी परिसर की तलाशी लेने के लिए हिरासत को अधिकृत कर सकता है। वह किसी भी कानून को बदल या निलंबित भी कर सकता है।

श्रीलंका के बदहाल होने की 7 मुख्य वजहें क्या हैं?

  1. कोरोना महामारी : श्रीलंका के लिए पर्यटन कमाई का बहुत बड़ा जरिया है। हर साल लाखों की संख्या में विदेशी टूरिस्ट श्रीलंका आते हैं। जिससे यहां के होटल उद्योग और उसके साथ जुड़े बाकी बिजनेस तेजी से चलते हैं। लेकिन, कोरोना के कारण विदेशी मेहमानों की आवक पर ब्रेक लग गया। इस कारण बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। द्वीपीय देश होने के कारण इन लोगों के पास रोजगार का दूसरा कोई साधन नहीं बचा, जिस कारण इन लोगों से जुड़े परिवारों की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती चली गई।
  2. विदेशी कर्ज : इस स्थिति के लिए विदेशी कर्ज को जिम्मेदार भी माना जा रहा है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि श्रीलंकाई सरकार ने अर्थव्यवस्था पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया और इसे काबू करने के लिए लगातार कर्ज लेती रही। श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार इतना कम हो गया कि 2020 में सरकार को आयात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा।  श्रीलंका की इस हालत के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। विदेशी मुद्रा भंडार का कम होना उसकी इस हालत के लिए सबसे बड़ा कारक माना जा रहा है। तीन साल पहले जहां श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 7.5 अरब डॉलर था। वहीं पिछले साल नवंबर में ये गिरकर 1.58 अरब डॉलर हो गया।
  3. रासायनिक उर्वरक के इस्तेमाल पर बैन: गिरती मुद्रा और कम होते विदेशी भंडार के बीच श्रीलंका की सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया जिससे खाद्य संकट की स्थिति और ज्यादा खराब हो गई। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने पिछले साल घोषणा की थी कि श्रीलंका 100 फीसदी जैविक खेती वाला दुनिया का पहला देश होगा। जिससे कृषि उत्पादन में कमी आने लगी।
  4. टैक्स में कटौती: 2019 में नवनिर्वाचित राजपक्षे सरकार ने लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने के लिए टैक्स कम कर दिया था। इससे सरकार के राजस्व को भारी नुकसान हुआ।
  5. रूस-यूक्रेन जंग: रूस-यूक्रेन में छिड़ी जंग से श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था की हालत और खराब हुई है। रूस श्रीलंका की चाय का सबसे बड़ा आयातक है। रूस और यूक्रेन से बड़ी तादाद में श्रीलंका में पर्यटक भी आते हैं। रूबल की गिरती कीमत, जंग और रूस-यूक्रेन की ओर से चाय की घटती खरीद की वजह से भी इसकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है।
  6. वित्तीय कुप्रबंधन: जो भी कर्ज लिया उसका सही तरीके से प्रयोग नहीं किया। यह भी इस पर आए आर्थिक संकट का एक बड़ा कारण है।
  7. भ्रष्टाचार: आध्यात्मिक ज्ञान हीनता के कारण, भ्रष्टाचार का लगातार बढ़ना, क्योंकि परमेश्वर कबीर साहिब के संविधान से अपरिचित व्यक्ति, भ्रष्टाचार व अन्य पाप कर्म करके स्वयं और अपने देश को संकट में डालते रहते हैं।

श्रीलंका के आपातकाल से भारत पर क्या असर पड़ेगा?

श्रीलंका भारत के दक्षिण से सटा हुआ देश है, श्रीलंका की बुरी हालत की वजह से बहुत संख्या में लोग पलायन करके हिंदुस्तान आ रहे हैं। भारत सरकार को इस बिंदु पर भी अपनी नजर बनाए रखना चाहिए कि दक्षिण भारत में कहीं कोई समस्या ना खड़ी हो, पड़ोसी देश होने के कारण पूरा सहयोग भी करना चाहिए और सतर्कता भी रखनी चाहिए।

Sri Lanka Emergency Crisis News: श्रीलंका के लिए भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ

भारत ने श्रीलंका के लिए एक अरब डॉलर का कर्ज जारी किया है और उसके तहत आवश्यक खाद्य वस्तुओं के 1500 कंटेनर रिलीज भी हो चुके हैं, लेकिन कई शिप ऑपरेटर भारतीय मुद्रा में भुगतान लेने के लिए तैयार नहीं है। कुछ शिप ऑपरेटर अमेरिकी डॉलर में भुगतान मांग रहे हैं। भारतीय दूतावास से भी कुछ औपचारिकताएं पूरी होनी बाकी हैं.

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पड़ोसी देश श्रीलंका इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इस बीच, भारत की तरफ से 40,000 टन डीजल की खेप श्रीलंका के तटों तक पहुंच चुकी है। भारत ने डीजल की ये खेप क्रेडिट लाइन के तहत दी है।

भारत में मौजूद मसीहा कौन है और क्या उसके पास हैं समाधान?

वर्तमान की विकृत स्थितियों को और विश्व के देशों के हो रहे विनाश को देखकर लग रहा है, जैसे सभी भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां सच सिद्ध हो रही हैं। भविष्यवक्ताओं और भविष्यवाणियों की मानें तो आगे की स्थितियां और भी विकृत होने वाली है, परंतु खुशखबरी यह भी है कि वर्तमान में एक ऐसा मसीहा है जो हिंदुस्तान की पावन धरा पर मौजूद है वे भारत के आसपास के सभी देशों तथा पूरे विश्व की समस्याओं को अपने वैज्ञानिक आध्यात्मिक ज्ञान और ईश्वरीय शक्ति से हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर देगा। 

भविष्यवाणियों के अनुसार वे पूरे विश्व में सुख, शांति, प्रेम और भाईचारा स्थापित करेगा। उसका एक झंडा होगा, उसकी एक भाषा होगी। उसकी माताएं तीन बहनें होंगी, उसके दो बेटे दो बेटियां होंगी, वह चमड़े की चीजों का प्रयोग नहीं करेगा, उसके चेहरे पर दाढ़ी या मूंछ नहीं होगी, वह उस स्थान पर पैदा होगा जहां पर पांच नदियां बहती होंगी और उस तत्वदर्शी संत के नेतृत्व में हिंदुस्तान विश्व गुरु तथा सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनेगा। 

कौन है वह मसीहा, अवतार, पूर्ण गुरु, अंतिम पैगंबर, तत्वदर्शी या बाखबर संत?

वह मसीहा कोई और नहीं जगतगुरु तत्वदर्शी बाखबर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं। जिन पर सभी भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां सत्य सिद्ध हो रही हैं। वर्तमान में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी जाति, धर्म, मज़हब के लोग संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षित होकर सुख, समृद्धि और शांति से जीवन जी रहे हैं और अपने गुरु के आशीर्वाद से विश्व कल्याण के लिए दिन रात अथक प्रयास कर रहे हैं। विश्व के सभी बहन भाइयों से विनम्र निवेदन है कि अतिशीघ्र अनमोल पुस्तक ‘ज्ञान गंगाअवश्य पढ़ें, जिसमें सभी भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां लिखित हैं उन्हें पढ़ें, तथा ज्ञान समझें, नाम दीक्षा लें और मर्यादा में रहकर सतभक्ति करें, स्वयं को वर्तमान की और भविष्य की भयानक परिस्थितियों से सुरक्षित निकालें और अपने जीवन को और देश को समृद्ध बनाएं।

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