हिसार सेंट्रल जेल के तत्कालीन अधीक्षक शमशेर सिंह दहिया (Shamsher Singh Dahiya) को कैदी से 5 लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। आरोप सही साबित होने पर गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने दहिया को निलंबित करने के आदेश जारी किए। हरियाणा मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर हिसार एडीजे वीपी सिरोही की रिपोर्ट के आधार पर जेलर शमशेर सिंह दहिया को निलंबित किया गया है। यह घटना सिद्ध करती है परमात्मा के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं।
जेलर शमशेर सिंह दहिया (Shamsher Singh Dahiya) निलंबित: मुख्य बिन्दु
- तत्कालीन हिसार जेल सुपरिटेंडेंट शमशेर दहिया सस्पेंड
- कैदी से 5 लाख रिश्वत मांगने के आरोप पर हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने दिए थे जांच के आदेश
- ADJ हिसार/ जांच अधिकारी श्री वेद प्रकाश सिरोही ने आरोप सही पाए
- नियम 7, हरियाणा सिविल सेवा (सजा और अपील) नियम, 2016 के अंतर्गत आरोप पत्र दाखिल
- पहले भी लगे थे कई गंभीर आरोप और दहिया हुआ था निलंबित
- पहले इसने संत रामपाल जी महाराज से 50 लाख रुपए मांगने का जुर्म किया था।
- परमात्मा के द्वारे पर देर हो सकती है पर अंधेर नहीं
रिश्वत मांगने के आरोप में जेल अधीक्षक शमशेर सिंह दहिया तत्काल प्रभाव से निलंबित
हरियाणा के जेल महानिदेशक पंचकूला कार्यालय में तैनात जेल अधीक्षक शमशेर सिंह दहिया (Shamsher Singh Dahiya) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान शमशेर सिंह दहिया सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना अपना स्टेशन नहीं छोड़ सकेंगे। हरियाणा मानव अधिकार आयोग द्वारा बैठाई तथ्य खोज जांच (fact finding enquiry) अपर जिला न्यायाधीश एवं जांच अधिकारी द्वारा की गई जिसमें नियम 7, हरियाणा सिविल सेवा (सजा और अपील) नियम, 2016 के अंतर्गत पैसे की मांग के बारे में आरोपों की प्रकृति पर विचार किया गया और ADJ हिसार/ जांच अधिकारी श्री वेद प्रकाश सिरोही के शिकायत सही होने के निष्कर्ष पर पहुंचने पर सक्षम अधिकारी ने जेल अधीक्षक शमशेर सिंह दहिया के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने का निर्णय लिया है।
क्या था शमशेर सिंह दहिया (Shamsher Singh Dahiya) द्वारा रिश्वत मांगने का पूरा मामला?
यह घटना हिसार जेल की है। जाहिर है कि एक कैदी ने हिसार सेंट्रल जेल के तत्कालीन अधीक्षक शमशेर सिंह दहिया के खिलाफ एक रिश्वत के मामले को दर्ज कराया था। बताया गया है कि उस समय शमशेर सिंह दहिया हिसार जेल का सुपरिटेंडेंट था तब उसने अनुरोध नाम के एक कैदी से 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
तत्कालीन जेलर शमशेर सिंह दहिया पर आरोप है कि उसने हिसार जेल के एक कैदी अनुरोध के परिवार वालों से पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। आपको बता दें कि कैदी अनुरोध उर्फ बंटी हिसार के बिसला मर्डर केस एवं एक दूसरे मर्डर केस में हथियार मुहैया कराने के मामले में हिसार सेंट्रल जेल में बंद था। कैदी अनुरोध की मां उर्मिला देवी ने लिखित में मामले की शिकायत हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग को दी थी। शिकायतकर्ता ने साथ में एक सीसीटीवी फुटेज भी दी थी, जिसमें एक व्यक्ति पैसे की मांग करता दिखाई दे रहा है। सरकार द्वारा मामले की जांच रिपोर्ट सही पाए जाने पर दहिया को दोषी ठहराया गया। दहिया के खिलाफ हरियाणा सरकार की ओर से श्री राजीव अरोड़ा, मुख्यसचिव, हरियाणा सरकार ने निलंबन का आदेश भी जारी कर दिया गया है।
हरियाणा राज्य मानवाधकिार आयोग ने दिए थे जांच के आदेश
दम तोड़ते हुए सरकारी तंत्र से त्रस्त कैदी के परिवार ने हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग से शिकायत की। आयोग ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हिसार के एडीजे को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा। नियम 7, हरियाणा सिविल सेवा (सजा और अपील) नियम, 2016 के अंतर्गत पैसे की मांग के बारे में आरोपों की प्रकृति पर विचार करके एडीजे हिसार और जांच अधिकारी श्री वेद प्रकाश सिरोही ने अपनी जांच रिपोर्ट में शमशेर दहिया पर लगे आरोपों की पुष्टि की। जांच अधिकारी ने रिपोर्ट मानवाधकिार आयोग को सौंपी।
हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग ने सरकार को आरोपी दहिया के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश कर दी। श्री राजीव अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को शमशेर दहिया को निलंबित करने के आदेश दिए। बता दें शमशेर सिंह दहिया को कुछ साल पहले हिसार से पंचकूला मुख्यालय शिफ्ट किया गया था। निलंबन के बाद भी उनका मुख्यालय पंचकूला ही रहेगा।
■ यह भी पढ़ें: Most Corrupt Jailor Shamsher Singh Dahiya
शमशेर सिंह दहिया का कहना है कि मैंने किसी से पैसा नही लिया। आरोपी निलंबित जेल अधीक्षक शमशेर सिंह दहिया (Shamsher Singh Dahiya) का कहना है कि मैंने इस मामले में कोई भी पैसा नही लिया है। दहिया ने बताया कि इस मामले की जानकारी उसे मीडिया के जरिए प्राप्त हुई है। उसे हिसार से ट्रांसफर हुए भी दो वर्ष का समय बीत चुका हैं। उसका यहाँ तक कहना है कि इस मामले में उसका पक्ष भी नहीं सुना गया है और उसे जांच में शामिल तक नहीं किया गया है।
शमशेर सिंह दहिया (Shamsher Singh Dahiya) के बारे में अनेकों चौंकाने वाले मामले थे
कैदियों को संभालने में उनकी संलिप्तता से लेकर राशन घोटाले से पैसा कमाने के लिए महिला कैदियों को मनोरंजन के लिए वस्तुपरक बनाना, शमशेर सिंह दहिया के खिलाफ बहुत से संगीन मामले हैं ।
- एक पूर्व कैदी का दावा है कि शमशेर सिंह दहिया इतने निम्न स्तर तक गिर जाता है कि अपने मनोरंजन के लिए महिला कैदियों को नाचने के लिए मजबूर करता है। अगर कोई कैदी उसकी बात मानने से मना करते थे तो उनके साथ अमानवीय व्यवहार करवाता था। कैदी का यह भी दावा है कि जेल में भ्रष्टाचार व्याप्त है और शमशेर सिंह दहिया का भ्रष्ट गतिविधियों पर पूरा नियंत्रण है।
- इसके साथ ही गुरुग्राम की बहुचर्चित करोडो़ रुपये के चोरी के आरोपी डॉक्टर सचिन्द्र जैन ने भी एसटीएफ के सामने शमशेर सिंह का नाम लिया था।
हिसार सेंट्रल जेल के अधीक्षक शमशेर सिंह दहिया के खिलाफ हुए लगातार ट्विटर ट्रेंड
शमशेर सिंह दहिया (Shamsher Singh Dahiya) का दागी अतीत है और उसके खिलाफ हरियाणा सरकार की निष्क्रियता को लेकर भी जनता व्याकुल हो रही थी। शमशेर सिंह दहिया पिछले काफी समय से ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा हैं। ऐसा ही एक ट्विटर ट्रेंड #JulmiJailor_InHaryana अगस्त 25, 2019 हुआ जिसमे शमशेर सिंह दहिया को ट्विटर पर जुल्मी जेलर तक कहा गया।
अहंकार ग्रसित पापी सतगुरुदेव की शरण में आकर पापकर्म कटवाकर कल्याण कराएं
जेलर शमशेर सिंह दहिया (Shamsher Singh Dahiya) काल जाल में फँसकर सतगुरुदेव रामपाल जी और उनके भक्तों को परेशान करता रहा। इसने संत रामपाल जी महाराज से 50 लाख रुपए मांगने का जुर्म भी किया था। यदि अन्य कई पुलिस कर्मियों की तरह संत जी की शरण में आकर सतज्ञान ग्रहण करता तो आज अपने पापकर्मों को कटवाकर मानव जीवन के अमृत को चख रहा होता। लेकिन पशुवृत्ति से ग्रसित यह छोटी सी सरकारी नौकरी के अहंकार में इतना डूब गया कि सत भक्तों को प्रताड़ित करने में आनंद महसूस करने लगा।
अहंकार में व्यक्ति अपने भले बुरे को भूलकर गर्त में जाता रहता है। अब सरकार के द्वारा आरोपित साबित होने के पश्चात उसे पश्चात्ताप करना चाहिए और सतगुरुदेव रामपाल जी महाराज के चरणों में आकर माफी मांग कर सतज्ञान ग्रहण कर सतभक्ति करके मोक्ष मार्ग की राह पकड़नी चाहिए। दयालु सतगुरुदेव अपनी शरण आए कैसे भी पापी को माफ कर देते हैं। अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी द्वारा लिखित “जीने की राह” पवित्र पुस्तक पढें।