November 18, 2024

संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस के अवसर पर जानिए क्या है संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य?

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Last Updated on 22 July 2024 IST: संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य: 8 सितंबर, युग निर्माता संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस के अवसर पर जानिए वे समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं। सतगुरु की असीम कृपा से भारत शीघ्र सोने की चिड़िया बनेगा और विश्वगुरु के खोए सम्मान को अर्जित करेगा।

Table of Contents

संत रामपाल जी का उद्देश्य: ऐसे बना रहे हैं विश्व को स्वर्ग संत रामपाल जी महाराज 

  • तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने सचेत किया है कि ज्ञान के बिना मनुष्य पशु-पक्षी की तरह संतानोत्पत्ति और उनके पालन पोषण के लिए आजीवन संघर्षरत रहते हैं। अंत में प्राण त्याग कर कर्मानुसार पुनर्जन्म को प्राप्त होते हैं। यदि सतगुरु मिल जाए तो मनुष्य सतज्ञान द्वारा सतभक्ति साधना द्वारा पूर्ण मोक्ष को प्राप्त होता है।
  • काल ब्रह्म के नश्वर लोक में अज्ञानवश शास्त्र विरुद्ध साधना करके सभी जीव दुःखी हैं और कालचक्र में गोता खा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज ने सभी धर्मों के ग्रंथों से प्रमाणित भक्ति विधि बताकर मानव समाज पर बहुत बड़ा उपकार किया है।
  • संत रामपाल जी महाराज जी वह अवतार हैं जिनसे आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर आज लाखों लोग सामाजिक कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे छुआ छूत, तेरहवीं, मृत्यु भोज नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि को जड़ से समाप्त कर रहे हैं। 
  • आज़ जहां दहेज के लिए प्रताड़ना देकर बहन बेटियों को बहुत से कष्ट दिए जाते हैं यहाँ तक कि जिंदा जला दिया जाता है ऐसे में समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज दहेज मुक्त विवाह करने की शिक्षा देकर दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं। बहन बेटियों को समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार दे रहे हैं।
  • देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज ऐसा निर्मल ज्ञान दे रहे हैं जिससे उनके अनुयायी न रिश्वत लेते हैं और न देते हैं क्योंकि वे जान गए हैं कि रिश्वत लेने वाला अगले जन्म में पशु बनकर उसका ऋण उतारता है। ज्ञान से परिचित होकर लाखों लोगों ने इस बुराई से तौबा कर ली है।
  • सतगुरु रामपाल जी महाराज का निर्देश है कि हुक्का, शराब, बीयर, तम्बाखु, बीड़ी, सिगरेट, हुलास सुंघना, गुटखा, मांस, अण्डा, सुल्फा, अफीम, गांजा और अन्य नशीली चीजों का सेवन तो दूर रहा किसी को ऐसी कोई वस्तु लाकर भी नहीं देनी है। 
  • सतभक्ति रूपी औषधि देकर संत रामपाल जी महाराज प्रेत बाधाओं से पीड़ित लोगों को उनकी प्रेत बाधा सदा के लिए दूर कर देते हैं। कठिन से कठिन रोगों और समस्याओं से भी मुक्ति दिला देते हैं।  
  • एक तरफ जहां नि:संतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था वहीं संत रामपाल जी महाराज ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से नष्ट कर दिया और बताया कि नि:संतान तो सभी कर्जों से मुक्त बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। सतगुरु शरण में आकर उसका सहज मोक्ष हो जाता है।
  • बेटे व बेटियों में भेद करने की सोच का शिकार समाज कन्या भ्रूण  हत्या जैसा भयंकर अपराध भी कर बैठता है।  संत रामपाल जी महाराज ने लिंग भेद को स्थाई रूप से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है और उनके शिष्य बेटे व बेटियों में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
  • अश्लील फ़िल्मों से समाज में बढ़ती अश्लीलता, अभद्र कपड़ों का चलन आम हो गया है। संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी उनके बताए सतमार्ग पर चलकर फिल्में, सीरियल, अश्लील गाने आदि को पूर्ण रूप से त्याग चुके हैं, जो कि समाज सुधार की अद्भुत पहल है।
  • संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायियों ने लोक कल्याण के लिए देहदान का संकल्प लेते हैं। समय आने पर उनके परिवारजन उस संकल्प को पूरा करते हैं।
  • संत रामपाल जी महाराज अपने भक्तों को सदैव परमार्थी होने की शिक्षा देते हैं। उनकी प्रेरणा से उनके अनुयायियों द्वारा लगातार रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं। 
  • संत रामपाल जी महाराज के परमार्थ कार्य करने का प्रयास तब सामने आया जब देश वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों से जूझ रहा था। ऐसे में संत रामपाल जी महाराज ने आगे आकर सरकार को अपना आश्रम सौंपकर उसे कोविड सेंटर बनाने का आग्रह किया। सरकार ने अनेकों विस्थापितों को उनके आश्रमों में ठहराया जहां सभी जरूरी सुविधाएं जैसे भोजन, विस्तर, पंखा, शौचालय इत्यादि आश्रम की ओर से की गईं।
  • कोरोना लाॅकडाउन के समय जब देश का निम्न वर्ग भुखमरी से जूझ रहा था, लोगों के पास आय के साधन नहीं रह गये थे तब संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने घर-घर जाकर लोगों को निःशुल्क भोजन सामग्री प्रदान कर परमार्थ का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।

पूर्ण परमात्मा द्वारा नियुक्त “धरती पर अवतार” संत रामपाल जी महाराज

पूर्ण ब्रह्म परमात्मा कबीर साहेब सतलोक में विद्यमान रहते हैं। अपनी पुण्यात्माओं के प्रति सजग हैं और किसी की पुकार पर कहीं भी प्रकट होकर उनके कष्टों को हरते हैं। ज्योति निरंजन काल द्वारा किये जाने वाले अत्याचारों से जीवों को बचाने के लिए पूर्ण परमात्मा ने कलयुग के 5505 वर्ष बीतने के उपरांत सन 1997 की पूर्वोत्तर योजना नियोजित की हुई थी। आज पाठक गण जानेंगे कि यह योजना कैसे कार्यान्वित की गई और परमात्मा द्वारा नियुक्त “धरती पर अवतार” संत कौन हैं?

जानते हैं सतगुरु रामपाल जी के अवतरण बारे में

संत रामपाल जी महाराज कबीर पंथी संत शास्त्रों से प्रमाणित सतभक्ति के मार्ग को प्रशस्त करते हैं शास्त्रविरुद्ध पूजा, श्राद्ध, पिण्ड दान, माता मसानी और प्रेतों की पूजा करना निषेध करते हैं। ऐसे महान पंथ के वर्तमान सतगुरु संत रामपाल जी महाराज का जन्म (अवतरण) 08 सितम्बर 1951 को गाँव धनाना, जिला सोनीपत, (हरियाणा प्रान्त) भारत वर्ष में हुआ। 

बारहवें पंथ (संत गरीबदास जी वाले पंथ) में आगे चलकर हम (पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब) स्वयं ही आएंगे तथा सब बारह पंथों को मिटा एक ही पंथ चलाएंगे। उस समय तक सार शब्द छुपा कर रखना है। संत रामपाल जी महाराज के अवतरण का यही प्रमाण संत गरीबदास जी महाराज ने अपनी अमृतवाणी ‘‘असुर निकन्दन रमैणी’’ में किया है कि सतगुरु दिल्ली मण्डल (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में अवतरित होंगे –

‘‘सतगुरु दिल्ली मण्डल आयसी, 

सूती धरती सूम जगायसी’’ 

संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान यथार्थ है

संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी ने सभी के लिए संदेश है:-

जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।

हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।

एकमात्र तत्वदर्शी संत – बाखबर – इल्मवाला

संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त करते हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है। 

वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म – मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।

संत रामपाल जी का उद्देश्य समाज का सुधार करना भी है

आध्यात्मिक मार्ग में फैले पाखंडवाद को समाप्त कर सभी प्रमाणित धर्मग्रंथों की तुलनात्मक समीक्षा करके शास्त्रानुकूल भक्ति जन सधारण तक पहुंचाना

  • समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना
  • दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है
  • नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना
  • छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण
  • समाज से पाखंडवाद को खत्म करना
  • भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना
  • समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना
  • समाज से हर प्रकार के नशे को दुर करना
  • समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना
  • विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना
  • युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
  • समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
  • सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
  • समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।

तत्वज्ञान के साथ किये समाज सुधार के कार्य

संत रामपाल जी महाराज ने मानव के सभी पक्षों का विवेचन किया, सही जीवन जीने के आदर्शों को सिखाया। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बनने के लिए कुछ नियम होते हैं जिनका आजीवन पालन करना होता है। उनमें प्रमुख है नशा न करना दहेज का आदान प्रदान न करना। आज लाखों लोग संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर नशा पूरी तरह से छोड़ चुके हैं। 

केवल 17 मिनट में बिना दान दहेज और बिना दिखावे के विवाह, सुर्खियों का विषय बनते हैं। लाखों बेटियाँ सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रही हैं। न केवल समाज सुधारक कार्य बल्कि संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने वालों ने  अदभुत लाभ गिनाए हैं, जिनमें एड्स, कैंसर जैसी भयानक बीमारियों के ठीक होने की बात अनुयायी करते हैं। स्वास्थ्य लाभ के साथ अद्भुत और अविश्वसनीय लाभ जिनमें आर्थिक लाभ भी सम्मिलित हैं, संत रामपाल जी महाराज की भक्ति विधि ने दिए हैं।

संत रामपाल जी का मूल उद्देश्य

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य क्या है? संत रामपाल जी का उद्देश्य है कि सभी मानव, एक सर्वोच्च ईश्वर (Supreme God) कबीर जी की पूजा करें और अपने मूल निवास सतलोक में वापस लौटकर पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर की शरण ग्रहण करें। सर्वोच्च ईश्वर कबीर जी की उपासना की चाह रखने वाला व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म, वर्ण, जाति, वर्ग समुदाय का क्यों नहीं हो, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले सकता है।

आध्यात्मिक मार्ग में फैले पाखंडवाद को समाप्त कर सभी प्रमाणित धर्मग्रंथों की तुलनात्मक समीक्षा करके शास्त्रानुकूल भक्ति जन सधारण तक पहुंचाना सतगुरु जी का महत्वपूर्ण कदम है। जन जन में सतज्ञान का उपदेश फैलने से सतगुरु की असीम कृपा से भारत शीघ्र सोने की चिड़िया बनेगा और विश्वगुरु के खोए सम्मान को अर्जित करेगा।


संत रामपाल जी ने प्रमाणित सत्य भक्ति साधना देने के साथ साथ समाजहित के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। दयालु संत चाहते हैं कि समाज में कोई भी प्राणी किसी भी कारण से दुःखी जीवन नहीं जिए। प्रत्येक जीव की समस्याओं का समाधान हो। मनुष्यों पर कोई भी आपदा न आए और धरती स्वर्ग समान बन जाए। संत रामपाल जी महाराज जी का एक ही सपना है दहेज़, पाखंड, मृत्युभोज, भ्रूण हत्या, जाति-पाति के भेदभाव और छुआछूत जैसी कुरीतियों, नशे जैसी बुराइयों से मुक्त विश्व बनाना और रिश्वत खोरी भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना ।

बन्दी छोड़ गरीबदास जी महाराज सभी वासानायुक्त कार्यों को बहुत बुरा बताते हुए अपनी वाणी में कहते हैं कि –

सुरापान मद्य मांसाहारी, गमन करै भोगैं पर नारी। 

सतर जन्म कटत हैं शीशं, साक्षी साहिब है जगदीशं।।

कबीर, दिनको रोजा रहत हैं, रात हनत हैं गाय। 

यह खून वह वंदगी, कहुं क्यों खुशी खुदाय।।

सही जानकारी के अभाव में ऐसे महापुरुष को मानते हैं विवादित संत

अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।

सत्यपथ के खोजी परमतत्व के ज्ञाता संत को ढूंढ ही लेते हैं

पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है अतः वास्तविक संत का खोजी है।

यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त  

कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा। परमेश्वर कबीर साहेब ने स्वयं नियोजित किया था कि कालांतर में सन् 1997 पूर्व शिक्षा की क्रांति आएगी। 

■ Also Read: अवतरण दिवस पर जानिए संत रामपाल जी महाराज के संघर्ष के बारे में

सर्व मानव समाज को अक्षर ज्ञानयुक्त किया जाएगा। उस समय तत्वदर्शी संत रामपालदास जी  सर्व धार्मिक ग्रन्थों को ठीक से समझाकर मानव समाज के रूबरू करेंगे।

पाँच हजार अरू पाँच सौ पाँच जब कलयुग बीत जाय।

महापुरूष फरमान तब, जग तारन कूं आय।।

हिन्दु तुर्क आदि सबै, जेते जीव जहान।

सत्य नाम की साख गही, पावैं पद निर्वान।।

कबीर साहेब ने कहा था कि सर्व प्रमाणों को आँखों देखकर शिक्षित मानव सत्य से परिचित होकर तुरंत मेरे तेरहवें पंथ में संत रामपाल जी के स्वरूप में सतगुरु से दीक्षा लेगा और पूरा विश्व सत भक्ति विधि तथा तत्त्वज्ञान को हृदय से स्वीकार करके साधना करेगा। अब वह समय है जब पाप कर्म करने वाले व्यक्तियों को बुरा माना जाएगा और जो भक्ति करते हुए सामान्य जीवन व्यतीत करेंगे उनको महान और सम्मानित व्यक्ति माना जाएगा।

“बारहवें वंश प्रकट होय उजियारा, 

तेरहवें वंश मिटे सकल अंधियारा”

वर्तमान में संत रामपाल जी ही एकमात्र पूर्ण व आधिकारिक जगतगुरु

वर्तमान समय में पूर्ण व आधिकारिक जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं। संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक ज्ञान का डंका सारे विश्व में बज रहा है। समाज सुधार और मानव कल्याण के अद्भुत काम करने वाले ऐसे महान संत की महिमा के चर्चे घर-घर में हो रहे हैं। 

उन्हीं परम संत रामपाल जी महाराज का 8 सितंबर को अवतरण दिवस है जिन्होंने सर्व पवित्र धर्मों के पवित्र शास्त्रों से पवित्र ज्ञान सर्व भक्त समाज के समक्ष कर दिया है। पूर्ण गुरु की शरण में जाने से वास्तविक भक्त, पूर्ण मोक्ष और सर्वकामनाएं पूर्ण होती हैं। तो देर न करें आज ही अविलंब जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नामदीक्षा लेकर सतभक्ति अपनाकर पूर्ण मोक्ष की ओर अग्रसर हों।

साक्षात परमात्मा प्रदत्त भक्ति साधना करें

तत्वदर्शी संत रामपाल दास जी से सतज्ञान और सतभक्ति लेने से सर्व सुख लाभ प्राप्त होंगे तथा पूर्ण मोक्ष भी प्राप्त होगा। दुर्लभ मानव जीवन को नादान संतों, महंतों व आचार्यों, महर्षियों तथा पंथों के पीछे लग कर नष्ट नहीं करना चाहिए। साक्षात परमात्मा से प्रदत्त शास्त्र अनुकूल यथार्थ भक्ति साधना पूर्ण संत रामपाल दास जी की शरण में जाकर अपना आत्म कल्याण करवाना ही श्रेयकर है।

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