Last Updated on 14 April 2022, 5:42 PM IST: राजस्थान राज्य के जिला बाराँ (District Baran ) में जिला जेल में हुआ संत रामपाल जी महाराज का सत्संग। बारां जिले में जेल के अंदर सजा काट रहे कैदियों को जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान एलसीडी के माध्यम से दिखाया गया। समाज में फैल रही कुरीतियां, बुराइयां, नशा, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रूण हत्या, मर्डर, बलात्कार जैसी घटनाओं से बचने के लिए तत्वज्ञान जरूरी है। कैदियों को इस तत्वज्ञान से सभी पवित्र धर्मो के पवित्र शास्त्रों के गूढ रहस्यों को बताया व सुनाया गया ताकि भविष्य में कभी कोई अपराध नहीं करें और सुखी जीवन जीये और मनुष्य जन्म को सफल बनाएं।
भक्ति करके अपराध भाव से मुक्ति
मनुष्य जन्म का उद्देश्य परमात्मा की भक्ति करना बताया गया है। लेकिन मनुष्य इस मृत मंडल पर जन्म लेकर तत्वज्ञान को भूलकर समाज में फैली कुरीतियां व भयानक अपराध कर बैठता है। अब इस तत्वज्ञान को सुनने समझने से कैदियों में भी सुधार होगा, भविष्य में फिर कभी ऐसा अपराध नहीं करेंगे। सत्संग से भगवान को पहचानें, अपराध करने से डरें इसलिए सभी कैदियों को जेल के अंदर सत्संग दिखाया गया।
तुरंत परिणाम-कैदियों ने अपराध नहीं करने की ली शपथ
सांभर लेक, तह.– फुलेरा, जयपुर (राज.) में संत रामपाल जी का सत्संग हुआ, ये वही जगह है, जहां कबीर परमात्मा दादू दयाल जी को मिले थे, और यहां लगभग 80 कैदियों ने बैठकर प्रेम पूर्वक सत्संग सुना, और 9 कैदी भाईयो ने संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझ कर समस्त बुराइयों त्यागकर उपदेश लिया है, आजीवन गुरु मर्यादा में रहने का संकल्प लिया है.
सत्संग सुनकर 40 कैदियों ने नाम दीक्षा लेकर आजीवन मर्यादा में रहकर भक्ति करने का पक्का इरादा जताया। कैदियों ने शपथ ली कि वे भविष्य में फिर कभी कोई अपराध नहीं करेंगे। संत रामपाल जी महाराज ने समाज में बढ़ रहे नशे को जड़ से खत्म करने के लिए बीड़ा उठा रखा है। अधिकतर अपराधी अपराध नशे में आकर ही करता है लेकिन इस ज्ञान को सुनकर फिर वो कभी नशे के नजदीक भी नहीं जाएगा। संत रामपाल जी महाराज के करोड़ों अनुयाई नशा करना तो बहुत दूर की बात नशे की चीजों को हाथ भी नहीं लगाते हैं।
तत्वज्ञान से अपराध जल्दी ही होंगे खत्म
ऐसे में समाज बहुत जल्दी सुधरेगा समाज में एक नई छवि बनेगी। सुखी होगा हर इंसान, धरती बनेगी स्वर्ग समान। राजेंद्र दास जिला सेवादार बारां व हेमदास झालावाड़ ने विश्वास व्यक्त किया कि इसी तरह हर अपराधी को शास्त्र प्रमाणित ज्ञान दिखाया जाए तो समाज में हो रहे अपराध जल्दी ही खत्म हो जाएंगे। सत्संग व्यवस्था में अन्य सेवादार राजेंद्र दास, अंकित दास, श्याम दास, विशाल दास, निलेश दास, रतन दास, भगवान दास, हेमराज दास, श्री नाथ दास, और सुरेंद्र दास थे।
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संत रामपाल जी महाराज ने बताया है कि सत्संग से यथार्थ अध्यात्म ज्ञान का प्रचार होता है। सत्संग में केवल सत्य होता है, असत्य बिल्कुल नहीं। सत्संग से जीव में किसी भी प्रकार की शंका नहीं रह जाती है। सत्संग का वर्णन करते हुए पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब कहते है:
माँ मुंडो उस संत की, जिससे संशय ना जाए ।
काल खाए थोड़े, इस संशय ने सब जग खाए ।।
जैसा ये वाणी स्पष्ट करती है कि जीव के अंदर संशय रह जाना उसे काल का आहार बना देता है। अर्थात सत्संग उस परमेश्वर का यथार्थ ज्ञान देता है जिसकी भक्ति करके जीव इस भवसागर से पार होकर चौरासी लाख योनियों में जन्म मरण के चक्र से छूट जाता है ।
तत्वदर्शी संत का सत्संग क्यों ज़रूरी
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि सत्संग ही वो माध्यम है जहां यह पता चलता है कि हम मनुष्य जन्म पाकर क्या कर रहे हैं और हमें क्या करने के लिए यह मनुष्य जन्म दिया गया। सत्संग की महिमा का बखान करते हुए परमेश्वर स्वरूप सतगुरुदेव तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज बताते हैं –
संत समागम, हरि कथा, तुलसी दुर्लभ दोय।
सूत दारा और लक्ष्मी यह तो पापी घर भी होए।।
पूर्ण संत का सत्संग सुख का सागर
आज जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र तत्त्वदर्शी संत धरती पर मौजूद है। मानव शरीर प्राप्त प्राणी को सत्संग के माध्यम से ही पूर्ण संत की शरण मिलती है। पूर्ण संत ही परमेश्वर का संविधान बताता है जिसमें उसे सत्संग के माध्यम से यथार्थ आध्यात्मिक ज्ञान दिया जाता है। पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर भक्ति, पुण्य, दान, धर्म, शुभ कर्म करके पूर्व जन्म के पाप कर्म नष्ट करवाकर पुनर्जन्म नहीं होता और पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है। सतज्ञान को समझने के लिए पाठकगण संत रामपाल जी महाराज एप्प डाउनलोड करें और उनसे नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं।