आज भारतवर्ष अपना 72 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। ऐसे राष्ट्रीय अवसरों पर सदैव हाई अलर्ट पर रहने वाली दिल्ली स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार ट्रैक्टर परेड (Historic Republic Day Farmers Tractor March) की गवाह बनेगी। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड का आयोजन कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों ने रैली के माध्यम से प्रदर्शन कर कृषि कानून वापस लेने की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का ठाना है। पाठक गण जानेंगे सांसारिक अशान्ति से उबरने का सतभक्ति कर आध्यात्मिक उपाय।
Historic Republic Day Farmers Tractor March के मुख्य बिंदु
- दिल्ली में ट्रैक्टरों पर सवार किसान निकालेंगे रैली, दिल्ली में हुई किलेबंदी
- सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान रखते हुए सुरक्षा बल अलर्ट
- ट्रैक्टर रैली के रूट निर्धारित
- देश भर में किसानों ने अलग अलग तरीके से कृषि कानून की वापसी के लिए प्रदर्शन किया है
- सतभक्ति एकमात्र उपाय है शांति का
Farmers Parade: एक ओर राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड दूसरी ओर किसान कानून विरोध रैली
कोरोना महामारी के चलते भारतवर्ष ने अपने 72 वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक लाख से अधिक संख्या में रहने वाले दर्शकों कि संख्या मात्र 25 हजार तक सीमित कर दी है। दूसरी ओर ऐसे राष्ट्रीय अवसरों पर सदैव हाई अलर्ट पर रहने वाली दिल्ली शायद पहली बार बड़ी संख्या में किसान गणतंत्र ट्रैक्टर परेड को देखेगी। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के पश्चात ट्रैक्टर परेड का आयोजन कर रहे हैं।
Historic Republic Day Farmers Tractor March: किसान तैयार सुरक्षा बल अलर्ट
पूरी हिदायतों के साथ किसानों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश की राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालकर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दिल्ली पुलिस से आखिरकार मिल गई है। आपसी सहमति से रैली के रुट निर्धारित कर दिए गए हैं। राजधानी दिल्ली गणतंत्र दिवस पर पहली बार किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन देखेगी। आजाद भारत में प्रदर्शन और विरोध के ढेरों तरीके अपनाए गए हैं। हालांकि पुलिस पूरी सतर्कता बरत रही है लेकिन अतिवृष्टि होने की अवस्था में व्यवस्थाएं बिगड़ सकती हैं।
Historic Republic Day Farmers Tractor March की ऐसे कर रहे हैं किसान तैयारी
रविवार से ही दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैक्टर जमा होने शुरू हो गए थे। रविवार को लगभग 12000 की संख्या में ट्रैक्टर्स एकत्रित हो गए थे। पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड राज्यों से किसान ट्रैक्टर्स लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं। कई स्थानों पर किसानों ने ट्रैक्टर्स की ट्रॉली एक दूसरे से जोड़ रखी हैं जिससे ईंधन की बचत हो सके।
Tractor Parade On 26 Jan: निर्धारित रुट से इतर नहीं जा सकेंगे ट्रैक्टर्स
किसान यूनियन के साथ समझौता होने के बाद ही इस ट्रैक्टर रैली रूट को मंजूरी दी गई है। पुलिस ने कई स्थानों पर बैरिकेट्स लगाए हैं तथा किसान केवल निर्धारित रूट्स पर ही प्रदर्शन कर सकेंगे। दिल्ली पुलिस प्रवक्ता और स्पेशल कमिश्नर (इंटेलिजेंस) दीपेंद्र पाठक ने किसान यूनियन के साथ बातचीत के बाद रैली को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने की व्यवस्थाओं की लिस्ट साझा की है। दिल्ली पुलिस ने लगभग 100 किलोमीटर तक की रेंज के रूट निर्धारित किये हैं।
Tractor Parade On 26 Jan: क्या होगा ट्रैक्टर रैली का रूट
- किसानों की ट्रैक्टर रैली सिंघु बॉर्डर से निकलकर संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर – DTU – शाहबाद डेयरी – बरवाला गाँव – पूठ खुर्द गाँव – कंझावला T पॉइंट – कंझावला चौक – कुतुबगढ़ – औचिन्दी बॉर्डर से खरखोदा टोल प्लाज़ा से होकर निकलेगी और वापस लौटेगी। यह रुट 62-63 किलोमीटर का होगा।
- वहीं टीकरी बॉर्डर से ट्रैक्टर्स नांगलोई – बापरोला गाँव – नजफ़गढ़ (फिरनी रोड को छोड़कर) – झरोड़ा बॉर्डर – रोहतक बाईपास (बहादुरगढ़) – असोड़ा ऑल प्लाज़ा होते हुये वापस लौटेंगे। यह रुट भी 62-63 किलोमीटर का होगा।
- वहीं गाजीपुर बार्डर से रैली NH 24 – रोड संख्या 56 – ISBT आनंद विहार – अप्सरा बॉर्डर – हापुड़ रोड – भोंपुर – IMS कॉलेज – लाल कुआं – होते हुए वापस आएगी। यह रुट केवल 46 किलोमीटर तक का होगा।
हालांकि किसान संगठन अपने गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर रैली रुट से खुश नहीं है जो पुलिस ने उन्हें दिया है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह के अनुसार केवल कुछ हिस्सों में ही अनुमति मिली है जिनमे से कुछ हरियाणा के ही अंदर आते हैं। इसी प्रकार गाजीपुर बॉर्डर पर भी रैली का बड़ा हिस्सा उत्तरप्रदेश की सीमा में होकर जाएगा।
Tractor Parade On 26 Jan: ट्रैक्टर परेड को लेकर जारी किए गए सुरक्षा नम्बर
गणतंत्र दिवस पर निकाली जा रही इस परेड में केवल रजिस्टर्ड ट्रैक्टर ही सम्मिलित होंगे। हेल्पलाइन नम्बर 7428384230 जारी किया गया है। साथ ही परेड के दौरान स्पीड 10 किलोमीटर प्रति घण्टा के हिसाब से तय की गई है। प्रदर्शनकारियों को ये हिदायतें दी गईं हैं कि वे 24 घण्टे का राशन पानी अपने साथ लेकर आएं एवं जाम आदि में फंसने पर ठंड से बचाव की सुविधा भी रखें। हर ट्रैक्टर या गाड़ी पर किसान संगठन के झंडे के साथ राष्ट्रीय झंडा भी लहराया जाएगा। निर्धारित रूटों से इतर जाने पर कार्यवाही की जाएगी। हरे रंग की जैकेट पहने ट्रैफिक वालंटियर हिदायतें देंगे। इस दौरान एम्बुलेंस भी मौजूद रहेगी।
सतभक्ति शांति के लिए एकमात्र विकल्प है
एक लंबे समय तक अनियमितताओं का होना और समस्याओं का जमावड़ा सन्ताप को जन्म देता है। और यहाँ बात अन्न उगाने वाले किसानों की है। लगातार प्रदर्शन, विरोध क्रांति के सूचक हैं। आज से वर्षों पूर्व कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने धर्म की तर्ज पर राज्य किया था। मौर्य साम्राज्य में युद्ध होना बंद ही हो गए थे। शासक पर निर्भर करता है कि वह अपने राज्य में क्या चाहता है। क्रूर एवं स्वार्थी शासक क्रांतियों और विनाशकारी विपदाओं को आमंत्रित करते हैं वहीं धर्म का राज करने वाले शासक शांति, सौहार्द और भाईचारे के आगे नतमस्तक होते हैं। वर्तमान में जिस प्रकार की परिस्थितियां देश मे व्याप्त हैं वे स्थायी निराकरण की मांग करती हैं। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब द्वारा दी गई सतभक्ति ही इनका एकमात्र निराकरण है।
एक वाणी में कबीर साहेब जी कहते है:-
मन तू पावेगा अपना किया रे, भोगेगा अपना किया रे।|
सतभक्ति से नहीं होगा किसी को किसी से खतरा
राजा को प्रजा से, प्रजा को राजा से, लोगो को एक दूसरे से, विभिन्न पदों से अन्य पदों को कोई खतरा नहीं होगा यदि सभी सतभक्ति करें। यह स्थिति राम राज्य की बोधक है। यही वास्तविक शांति है। देशव्यापी स्तर पर इतना सार्थक और सुंदर परिवर्तन करना केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के वश की ही बात है। सतभक्ति करने वाले भक्त को किसी बात का डर नहीं होता। वह परमात्मा की दी नौकरी करता है, उसका दिया खाता है और भक्ति करके मोक्ष प्राप्ति की आशा रखता है। किसी और का हिस्सा हड़प जाने के बजाय उसमें अपना हिस्सा भी बांटने की भावना होती है।
कबीर साहेब ने कहा है-
दुर्बल को ना सताईए जाकी मोटी हाय,
बिना जीव की स्वांस से लोह भस्म हो जाए।
अन्य वाणी में कहा है कि
भक्ति बिना क्या होत है, ये भरम रहा संसार |
रति कंचन पाया नहीं, रावण चलती बार ||
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