July 27, 2024

रमैनी न्यूज़: संत रामपाल जी के सानिध्य में सम्पन्न हुए दहेज़ रहित विवाह

Published on

spot_img

रमैनी न्यूज़: बिना बारात, बिना ढोल यानी बिना साज-बाज के और पूर्ण परमात्मा के आव्हान के साथ हो रहे हैं अद्भुत विवाह। ऐसे विवाह न केवल आश्चर्य का विषय हैं बल्कि सराहनीय भी हैं। सादगी के साथ होने वाले इन विवाहों में किसी भी पक्ष द्वारा दान-दहेज नहीं लिया जाता है। आज जानेंगे इस विवाह की पद्धति एवं सार्थकता के विषय में।

दहेजरहित अद्भुत विवाह बने सादगी की मिसाल

सन्त रामपाल जी महाराज जी के अनुयाई गुरु आज्ञा अनुसार दहेजरहित एवं सादगीपूर्ण विवाह करते हैं। ये दहेजरहित विवाह समाज में अद्भुत मिसाल कायम कर रहे हैं। जहाँ एक ओर दहेज अपराधों के कारण बेटियां परेशान हैं वहीं दूसरी ओर इस प्रकार के तत्वज्ञान के आधार पर हो रहे विवाह जहाँ लोग स्वयं दहेज से तौबा कर देते हैं। यहाँ शांतिपूर्वक बिना किसी ढोल-धमाके के साधारण वेशभूषा में विवाह संपन्न हो रहे हैं।

कहाँ हुए ये अनोखे विवाह

  • राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ जिले के गांव भूनावली ढाणी में श्रीगंगानगर जिले के सादुलशहर तहसील के गांव हकमाबाद के विक्रम दास का विवाह भूनावली ढाणी की प्रिंयका दासी से दिनांक 16 जनवरी 2021 को रमैनी के माध्यम से सम्पन्न हुआ।
  • ऐसा ही एक अद्भुत विवाह जहां दूल्हा दुल्हन सादी वेशभूषा में थे राजस्थान राज्य के दौसा जिले में दिनांक 20/01/2021 को सम्पन्न हुआ। यहां धौलपुर जिले के बाड़ी तहसील के गांव हाँसई के रामदास मीणा पुत्र चन्द्रवीर मीणा का विवाह रोशनी मीणा पुत्री बालूराम मीणा के साथ सम्पन्न हुआ। वर रामदास मीणा बतौर MCM यांत्रिक विभाग (रेलवे) में कार्यरत है। वहीं वधू BA उत्तीर्ण है।
  • इसी प्रकार रमैनी के माध्यम से एक विवाह दिनांक 26/01/2020 को महाराष्ट्र राज्य के नासिक से सम्पन्न हुआ।
  • दिनांक 24/01/2021 को राजस्थान राज्य के जिले झालावाड़ में जिला कोटा के गांव बरखेड़ी की गिरिजा दासी पुत्री परमानंद मेघवाल का विवाह रामचन्द्र मेघवाल पुत्र कपिल दास के साथ मात्र 17 मिनट में रमैनी के माध्यम से सम्पन्न हुआ। वर कपिल दास बी.टेक. है वहीं वधु गिरिजा दासी बी.ए. उत्तीर्ण है।
  • मध्यप्रदेश के जिला गुना में सतलोक आश्रम में दिनांक 25/01/2020 को बीनागंज के बृजमोहन दास का विवाह श्योपुर निवासी शिवानी दासी के साथ बिना दहेज एवं बैंड बाजे के सादगीपूर्वक सम्पन्न हुआ।
  • दिनांक 26/01/2020 को रोहतक के गांधरा गांव में गुरुवाणी से सम्पन्न हुआ। इस विवाह में दहेज के लें देन नहीं किया गया एवं वर वधू साधारण वेशभूषा में उपस्थित थे जी का मात्र 17 मिनट में विवाह संपन्न हुआ।
  • एक विवाह मध्यप्रदेश के जिला नरसिंहपुर में गाडरवारा तहसील, ग्राम बगदरा में सम्पन्न हुआ जिसमें साधारण वेशभूषा में युगल बैठे एवं बिना दहेज के विवाह संपन्न हुआ।
  • राजस्थान के बारा जिले के अटरू जिले गांव महुआ खेड़ा में अंजू दासी पिता राजमल दास का विवाह श्याम बिहारी दास पिता कालू दास के साथ रमैनी के माध्यम से सम्पन्न हुआ। वधु ने बी. एड. किया है एवं वर भौतिक शास्त्र विषय में स्नातकोत्तर है।

कैसे होती है रमैनी?

रमैनी विवाह है। ठीक वैसा ही विवाह जैसा आदिशक्ति ने अपने तीन बेटों का किया। रमैनी में वर-वधु पक्ष के परिवारों की उपस्थिति में 17 मिनट में गुरुवाणी के माध्यम से विवाह संपन्न हो जाता है। दूल्हा दुल्हन साधारण वेशभूषा में होते हैं जिन्हें न मेहंदी श्रृंगार आदि होता है और न ही अन्य फिजूलखर्ची होती है। लोगों को जागरूक करने, फिजूलखर्ची रोकने में और दहेजरहित विवाह में रमैनी ने अहम भूमिका निभाई है जो कि केवल तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान के माध्यम से ही सम्भव हो सका। रमैनी विवाह में दहेज नहीं लिया जाता है।

यह भी पढ़ें: संत रामपाल जी के सानिध्य में बिना बैंड बाजा होने वाले विवाह (रमैनी) बने चर्चा का विषय 

क्यों है रमैनी सर्वोत्तम विवाह?

रमैनी सबसे उत्तम विवाह हैं क्योंकि ऐसे ही माता आदिशक्ति ने अपने पुत्रों ब्रह्मा, विष्णु, महेश के विवाह किए थे। 17 मिनट की गुरुवाणी में पूर्ण परमेश्वर बन्दीछोड़ कबीर साहेब के साथ विश्व के सभी देवी देवताओं का आव्हान किया जाता है। इससे सभी देवी देवता विवाहित जोड़े की जीवनभर संकटों से रक्षा करते हैं। रमैनी के माध्यम से होने वाले विवाह सर्वोत्तम हैं क्योंकि यही रीति हमारे शास्त्रों में वर्णित है। ऐसे विवाहों के कारण बेटियों का जीवन सरल हो सका है। अन्यथा पिता पर बोझ समझी जाने वाली बेटियाँ पति के घर मे भी दहेज के लिए प्रताड़ित की जाती थीं। इस तरह के विवाहों में जीने की राह पुस्तक का अभूतपूर्व योगदान रहा है।

तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज हैं सच्चे समाजसुधारक

पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज वास्तविक रूप में समाजसुधारक हैं। जो कार्य अलग-अलग सरकारें न कर सकीं, कोई कानून न कर सका उस कार्य को मात्र सन्त रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान ने कर दिया। लोग स्वयं दहेज लेने से मना कर देते हैं। इस कारण भ्रूण-हत्या भी बंद हुई और बेटियां बोझ नहीं रहीं। बेटियां ससुराल में जिंदा आग के हवाले होने से बचीं। सन्त रामपाल जी की शिक्षाएं समाज मे क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही हैं। सन्त रामपाल जी के अनुयायी न तो दहेज, रिश्वत लेते हैं और न ही नशा इत्यादि करते हैं। नशा तो दूर वे नशीली वस्तुओं को हाथ भी नहीं लगाते हैं। इस प्रकार के अनुयायी एक सुसंस्कृत, सभ्य एवं भक्तिमय समाज का निर्माण करते हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल

Latest articles

Dr. A.P.J. Abdul Kalam Death Anniversary: Know The Missile Man’s Unfulfilled Mission

Last updated on 26 July 2024 IST | APJ Abdul Kalam Death Anniversary: 27th...

Kargil Vijay Diwas 2024: A Day to Remember the Martyrdom of Brave Soldiers

Every year on July 26th, Kargil Vijay Diwas is observed to honor the heroes of the Kargil War. Every year, the Prime Minister of India pays homage to the soldiers at Amar Jawan Jyoti at India Gate. Functions are also held across the country to honor the contributions of the armed forces.
spot_img

More like this

Dr. A.P.J. Abdul Kalam Death Anniversary: Know The Missile Man’s Unfulfilled Mission

Last updated on 26 July 2024 IST | APJ Abdul Kalam Death Anniversary: 27th...

Kargil Vijay Diwas 2024: A Day to Remember the Martyrdom of Brave Soldiers

Every year on July 26th, Kargil Vijay Diwas is observed to honor the heroes of the Kargil War. Every year, the Prime Minister of India pays homage to the soldiers at Amar Jawan Jyoti at India Gate. Functions are also held across the country to honor the contributions of the armed forces.