Ram Mandir Bhumi Pujan: अयोध्या में कल 5 अगस्त को होगा राम मंदिर के लिए भूमि पूजन (Bhumi Pujan)
- 5 अगस्त बुधवार को अयोध्या में होगा राम मंदिर का शिलान्यास।
- कबीर स्थान की मिट्टी का प्रयोग होगा भूमि पूजन के लिए।
- प्रधानमंत्री समेत कई बड़े नेता लेंगे हिस्सा।
- राम मंदिर शिलान्यास को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट, अयोध्या में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम।
- अयोध्या में राम मंदिर को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।
- वहीं अयोध्या आने वाले सभी अतिथियों का होगा कोरोना टेस्ट,
- RSS प्रमुख मोहन भागवत लखनऊ में ही करा चुके कोविड-19 की जांच।
- राम मंदिर शिलान्यास को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत और रामदेव अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं।
दुल्हन की तरह सजाई जा रही है अयोध्या नगरी
रामलला के मंदिर को लेकर अयोध्या नगरी में हर्षोल्लास का माहौल बना हुआ है, पूरी नगरी में दीप प्रज्वलित किए जा रहे हैं तथा सड़कों और गलियों में केसरिया रंग के झंडे लहरा रहे हैं। अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन (Bhumi Pujan) को लेकर प्रशासन हुआ पूरी तरह मुस्तैद है। वहीं आज रात से ही जनपद की सीमाएं सील कर दी जाएंगी। 5 अगस्त को रात्रि 12 बजे तक प्रभावित रहेगा रुट , नहीं मिल पाएगी वाहनों को एंट्री।
प्रधानमंत्री मोदी का 5 अगस्त का कार्यक्रम
- 5 अगस्त को सुबह 9:35 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना होंगे और ठीक एक घंटे बाद यानी 10:35 पर वे लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
- वहां से 5 मिनट बाद प्रधानमंत्री अयोध्या के लिए रवाना होगें और ठीक 11:30 बजे पीएम मोदी हेलीकॉप्टर के माध्यम से अयोध्या पहुंचेगें और 12:30 बजे सड़क मार्ग से होते हुए पीएम मोदी राम जन्मभूमि परिसर में भूमि पूजन के लिए शामिल होंगे और इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे पीएम मोदी अयोध्या से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
- 5 अगस्त, बुधवार को, श्री मोदी सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और वर्तमान अस्थायी मंदिर स्थल पर पूजा-अर्चना करेंगे
- जहां भगवान राम के शिशु रूप की मूर्ति रखी गई है और फिर भूमि पूजन और मंच कार्यक्रम होगा।
- भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 घंटे अयोध्या में ही रहेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के दर्शन और ‘पारिजात’ वृक्ष का रोपण भी करेंगे।
- बुधवार को ही, श्री मोदी राम मंदिर की छवि का, 5 रूपए के टिकट की भी शुरुआत करेंगे।
चार चरणों में होगी पूजा संपन्न
रामार्चा पूजा 4 चरण में संपन्न होती है। पहले चरण में भगवान राम को छोड़कर अन्य सभी देवताओं की पूजा होती है। दूसरे चरण में नल, नील, और सुग्रीव की पूजा की जाती है। तीसरे में राजा दशरथ और उनकी पत्नियों एवं भगवान राम के तीनों भाई और साथ ही हनुमान जी को पूजा जाता है और चौथे चरण में भगवान राम की पूजा की जाती है।
भूमि पूजन (Bhumi Pujan) कार्यक्रम के लिए काशी, प्रयाग अयोध्या और दिल्ली से विद्वान ब्राह्मणों को आमंत्रित किया गया है। अलग-अलग पूजा के अलग-अलग विशेषज्ञ हैं। 21 ब्राह्मणों की यह टीम है जो अलग अलग तरीकों से पूजा कराएगें। उन्होंने कहा कि मंदिर के मुख्य हिस्सों के डिजाइन को बनाए रखा जाएगा, वहीं दो अतिरिक्त गुंबदों को जोड़ा जाएगा, जबकि एक गुंबद और एक मंजिल की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी।
COVID-19 महामारी के कारण, लोगों को सीमित संख्या में आमंत्रित किया गया है, ट्रस्ट ने कहा, इसमें शामिल होने में असमर्थ लोगों को टेलीफोन के माध्यम से व्यक्तिगत माफी की पेशकश की गई थी क्योंकि उन्होंने अपने कारणों को समझाया था। चातुर्मास के आयु कारक और धार्मिक बाधाओं के कारण, कुछ लोग उपस्थित नहीं हो पाएंगे, श्री राय ने कहा। कोरोनोवायरस महामारी और सामाजिक दूरगामी प्रतिबंधों के मद्देनजर, इस समारोह में 200 लोगों तक सीमित भीड़ होगी,
- 1990 में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए देशभर के करीब 135 मेहमानों और ‘कारसेवकों’ के परिजनों सहित करीब 175 मेहमानों को 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के स्थापना समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत सहित केवल पांच व्यक्ति मंच पर होंगे, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (ट्रस्ट) के महासचिव चंपत राय ने कहा।
- मंच पर अन्य व्यक्तियों में ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्यगोपाल दास, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल होंगे।
- इकबाल अंसारी, जो बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले में एक मुकदमेबाज़ थे, और स्थानीय निवासी मोहम्मद शरीफ, जिन्हें लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था, को भी आमंत्रित किया गया है।
- उन्होंने कहा कि 135 द्रष्टा 36 आध्यात्मिक परंपराओं से संबंधित हैं और इसमें नेपाल के जानकी मंदिर के पुजारी भी शामिल होंगे।
- 1990 में अयोध्या में कारसेवकों ’पर पुलिस की गोलीबारी में अपनी जान गंवाने वाले कुछ व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को विहिप-आरएसएस की अगुवाई वाले आंदोलन की कोलकाता के कोठारी बंधुओं की बहन सहित आमंत्रित किया गया है।
सभी परंपरा के संत गणों को पूजन में आमंत्रित किया गया है
- राम मंदिर भूमि पूजन (Bhumi Pujan) कार्यक्रम के लिए संत गणों में दशनामी सन्यासी परंपरा
- चिन्मय मिशन
- रामकृष्ण मिशन
- लिंगायत
- वाल्मीकि संत
- रविदासी संत
- रामानंद वैष्णव परंपरा
- रामानुज परंपरा
- नाथ परंपरा
- निम्बार्क
- माधवाचार्य
- वल्लभाचार्य
- रामसनेही
- उदासीन
- निर्मले संत
- कबीर पंथी समाज
- सिख परंपरा
- बौद्घ
- जैन
- बंजारा संत
- वनवासी संत
- आदिवासी गौड़
- गुरू परंपरा
- इस्कान
- आचार्य समाज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर की तैयारियों का किया अवलोकन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 3 अगस्त, सोमवार को हनुमान गढ़ी मंदिर गए और वरिष्ठ अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी, जो यहां 5 अगस्त की तैयारियों की देखरेख करने के लिए आए थे, ने कहा कि यह एक
“ऐतिहासिक और भावनात्मक” क्षण था जो “एक नए भारत की नींव” रखेगा।
‘यह न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि भावनात्मक क्षण भी है क्योंकि 500 साल बाद राम मंदिर का काम शुरू होगा। यह एक नए भारत की नींव होगी।
समारोह में COVID-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा। जैसा कि प्रधानमंत्री यहां 135 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे, मैं अपील करता हूं कि जिन लोगों को आमंत्रित किया गया है केवल वही अयोध्या का दौरा करें। बाकी अपने-अपने स्थानों पर बने रहें ”श्री आदित्यनाथ ने कहा, किसी भी प्रकार की शिथिलता की अनुमति नहीं दी जाएगी।
Ram Mandir Bhumi Pujan News : ट्रस्ट के एक सदस्य अनिल मिश्रा ने रविवार को पीटीआई को बताया कि बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, एम एम जोशी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें ‘भूमि पूजन’ समारोह में आमंत्रित किया गया है, जो दूरदर्शन द्वारा सीधा प्रसारण किया जाएगा।
Ram Mandir Bhumi Pujan News: राम सभी धर्मों के लोगों के लिए प्रिय हैं
अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के भूमि पूजन (Bhumi Pujan) के लिए तैयार होने के बाद, भगवान राम के कुछ मुस्लिम भक्त ऐतिहासिक समारोह का जश्न मनाने के लिए कमर कस रहे हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अवध प्रांत प्रभारी अनिल सिंह ने कहा कि भगवान राम के कुछ मुस्लिम भक्त दूसरे राज्यों से पवित्र शहर में उत्सव में शामिल होने के लिए अयोध्या आ रहे हैं।
- इस्लाम को मानने वालों का कहना है कि हम इस्लाम का अभ्यास करते हैं, लेकिन हम यह भी मानते हैं कि भगवान राम हमारे पूर्वज थे।
- टाइम्स स्क्वायर, न्यूयॉर्क में होगा राम के चित्रों का 3D प्रर्दशन
- 5 अगस्त ,अयोध्या मंदिर के भमि पूजन समारोह का जश्न मनाने के लिए टाइम्स स्क्वायर में भगवान राम के चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे
- प्रमुख सामुदायिक नेता और अमेरिकी भारत लोक मामलों की समिति के अध्यक्ष जगदीश सिहानी ने बुधवार को कहा कि अगस्त में न्यूयॉर्क में ऐतिहासिक क्षण मनाने की व्यवस्था की जा रही है।
- अयोध्या में भव्य राम मंदिर और भगवान राम के 3 डी चित्रों की छवियाँ दिखाई जाएंगी।
अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का इतिहास
सन 1528 में मुगल बादशाह बाबर ने एक मस्जिद का निर्माण करवाया था। जबकि हिंदुओं का यह दावा था कि मस्जिद की जगह पहले एक मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद का निर्माण करवाया गया है। वहीं 1853 से लेकर 1949 तक इसी बात को लेकर हिंदू मुसलमानों के बीच दंगे भी हुए, उसके बाद 1949 में मस्जिद के अंदर राम की मूर्तियां पाई गईं। इस बात को लेकर विवाद और गहरा होता चला गया, हिंदुओं का आरोप था कि भगवान राम यहां प्रकट हुए हैं, जबकि मुसलमानों ने आरोप लगाया कि किसी ने रात्रि में वहां मूर्तियां रख दीं थीं।
UP सरकार ने मूर्तियां हटाने का आदेश दिया, लेकिन जिला मजिस्ट्रेट के. के. नायर ने दंगों और हिंदुओं की भावनाओं के डर से इस आदेश को पूरा नहीं होने दिया, और सरकार ने इसे विवादित ढांचा घोषित करके मस्जिद को बंद करवा दिया। उसके बाद सन् 1986 में सी. पांडे की याचिका पर फैजाबाद के जिला जज के. एम. पांडे ने 1 फरवरी 1986 को हिंदुओं को वहां पूजा करने की इजाजत दे दी और मस्जिद से ताला हटाने का आदेश दे दिया।
Ram Mandir Bhumi Pujan News: परंतु वर्षों तक यह विवाद चलता रहा। मुख्य विवाद राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद को लेकर था। उसके बाद कई धार्मिक हिंदू संगठन इसके खिलाफ हो गये और धीरे-धीरे इस विवाद ने धार्मिक और राजनीतिक ज़ोर पकड़ लिया। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को कई हिंदू धार्मिक संगठनों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया, उसके बाद हिंदू और मुसलमान के आपस में दंगे भड़क गए जिसमें लगभग 2000 लोग मारे गए।
उसके बाद मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पहुंच गया और भूमि शीर्षक का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। जिसका फैसला 30 सितंबर 2010 को सुनाया गया। फैसले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन जजों ने फैसला दिया कि अयोध्या की 2.77 एकड़ (1.12 हेक्टेयर) भूमि को तीन भागों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें 1⁄3 राम लला या हिन्दू महासभा द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाना था, 1⁄3 सुन्नी वक्फ बोर्ड और शेष 1⁄3 भाग निर्मोही अखाड़ा को दिया जाएगा।
27 साल बाद आया था फैसला
मुकदमा चलता रहा और 9 नवंबर, 2019 को, आखिरकार सैकड़ों वर्षों का इंतजार पूरा हो गया और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले फैसले को हटा दिया और कहा कि भूमि सरकार के कर रिकॉर्ड के अनुसार है। उन्होंने हिंदूवादी मंदिर के निर्माण के लिए भूमि को एक ट्रस्ट को सौंपने का आदेश दिया तथा मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक 5 एकड़ जमीन देने का आदेश सरकार को दिया।
Ram Mandir Bhumi Pujan News: विचार करें मंदिर ,मस्जिद भगवान की प्राप्ति के स्रोत नहीं अगर इसे तत्वज्ञान के नजरिए से देखा जाए तो यह बिल्कुल व्यर्थ प्रयत्न है। मंदिरों में पुजारी भगवान को बांधकर नहीं रख सकता, भगवान तो कण-कण में व्यापक है और उसकी सही भक्ति विधि तत्वदर्शी संत से ग्रहण करके करनी चाहिए उसी से हमें मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति सूक्ष्मवेद में वर्णित विधि से होती है जिसके विषय में पवित्र श्रीमद भगवद गीता अध्याय 4 के श्लोक 34 में गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि हे अर्जुन उस तत्वज्ञान को जो सूक्ष्म वेद में वर्णित है उस ज्ञान को तू तत्वदर्शी संत के पास जाकर समझ वह तत्वदर्शी संत तुझे उस परमात्म तत्व का ज्ञान कराएंगे।
पवित्र गीता अध्याय 15 के श्लोक 4 में भी कहा है कि तत्वज्ञान की प्राप्ति के पश्चात परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए जहां जाने के बाद साधक कभी लौटकर इस संसार में नहीं आते अर्थात पूर्ण मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं।
वेदों में पूर्ण परमात्मा की पहचान
- पवित्र सामवेद संख्या 359 अध्याय 4 खंड 25 श्लोक 8 में प्रमाण है कि जो (कविर्देव) कबीर साहिब तत्वज्ञान लेकर संसार में आता है वह सर्वशक्तिमान सर्व सुखदाता और सर्व के पूजा करने योग्य है।
- ऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 82 मंत्र 1 में लिखा है कि वह सर्वोत्पादक प्रभु , सृष्टि की रचना करने वाला, पाप कर्मो को हरण करने वाला राजा के समान दर्शनीय है इससे सिद्ध हुआ कि परमात्मा साकार है।
- ऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 86 मंत्र 17 18 ,19 और 20 में प्रमाण है कि परमात्मा कबीर साहेब हैं और वही असली राम हैं।
- अथर्वेद कांड नंबर 4 अनुवाद 1 मंत्र 7 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं।
- यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 ,6 और 8 में प्रमाण है कि परमात्मा साकार है।
- ऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 82 मंत्र 1 में लिखा है कि वह परमात्मा पृथ्वी आदि लोकों के चारों तरफ शब्दायमान हो रहा है और वह अच्छी आत्मा को जो दृढ़ भक्त हैं उनको प्राप्त होता है।
- ऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 94 श्लोक 4 में लिखा है कि वह परमात्मा अपने भक्तों को ज्ञान देने के लिए सशरीर आता है और सशरीर चला जाता है।
- पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में प्रमाण है कि सत्य भक्ति करने वाले साधक के पूर्ण परमात्मा घोर पाप को भी नाश कर देता है।
- ऋग्वेद मंडल 10 सुक्त 161 मंत्र 2 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब शास्त्र अनुकूल साधना करने वाले साधक के असाध्य रोग को ठीक करके उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान कर देता है।
पवित्र कुरान शरीफ सुरत फुर्कानी 25 आयत नंबर 52 से 59 में स्पष्ट लिखा है कि यह कबीर अल्लाह वही समरथ परमात्मा है जिसने संपूर्ण सृष्टि की रचना 6 दिन में की।
कबीर जी ने बताया है
”पाथर पूजे हरी मिले,
तो मै पूजू पहाड़ !
घर की चक्की कोई न पूजे,
जाको पीस खाए संसार !!”
हम सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं । तो मज़हब तो बीच में आना ही नहीं चाहिए।
हिन्दू कहें मोहि राम पियारा,
तुर्क कहें रहमाना,
आपस में दोउ लड़ी-लड़ी मुए,
मरम न कोउ जाना।”
कबीर साहेब कहते हैं कि हिन्दू राम के भक्त हैं और तुर्क (मुस्लिम) को रहमान प्यारा है। इसी बात पर दोनों लड़-लड़ कर मौत के मुंह में जा पहुंचे, तब भी दोनों में से कोई सच को न जान पाया।
Ram Mandir Bhumi Pujan News का सार: सच्चाई तो यह है कि परमात्म राम स्वयं पृथ्वी पर मौजूद हैं हम उस असली राम को न पहचान कर नकली राम के मंदिर की स्थापना की तैयारी में लगे हैं। केवल एक ही पूजनीय राम है जो सर्वसृष्टि रचनहार कबीर जी हैं। परमात्मा कबीर संत रामपाल जी महाराज जी रुप में धरती पर आए हुए हैं। आपको जाना चाहिए हिसार और आप जा रहे हैं अयोध्या।