राजस्थान शब्द का अर्थ “पराक्रमी राजाओं की भूमि” है क्योंकि राजाओं ने पहले यहां राज किया था। भारत के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित राजस्थान भारत गणराज्य के सभी राज्यों में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां बड़ा राज्य है। इस राज्य की एक अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान के साथ 1,070 KM जिसे “रेड क्लिफ” रेखा के नाम से जानते है, तथा 4850 km की एक अंतर्राज्यीय सीमा जो देश के अन्य पाँच राज्यों से जुड़ी हुईं है। राजस्थान दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब, उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा राज्यों से घिरा हुआ है। राजस्थान राज्य का कुल क्षेत्रफल 3.42 लाख वर्ग कि.मी है जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 10.40 प्रतिशत है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान की जनसंख्या 6.85 करोड़ थीं। इस प्रकार 2011 में राजस्थान की जनसंख्या भारत की कुल जनसंख्या का 5.66 प्रतिशत थी।
राजस्थान का भौगोलिक विस्तार (Geography Of Rajasthan)
भारत देश के सभी राज्यों में इकलौता राज्य राजस्थान है, जिसका सम्पूर्ण क्षेत्रफल लगभग 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है जो कि भारत के संपूर्ण क्षेत्रफल का लगभग 1/10 वां भाग है। राजस्थान राज्य का पूर्व से पश्चिम की ओर 869 किलोमीटरऔर उत्तर से दक्षिण की ओर 826 किलोमीटर का विस्तार है। कर्क रेखा इसके दक्षिणी सिरे अर्थात बाँसवाड़ा के मध्य से होकर गुजरती है।
राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार 23°3′ और 30°12′ उत्तरी अक्षांश तक है, अर्थात यह उत्तर दिशा के कोणा गाँव (गंगानगर) से लेकर दक्षिण दिशा में स्थित बोरकुंद गाँव (बाँसवाड़ा) तक विस्तृत रूप में फैला हुआ है। इसका देशांतरीय विस्तार 69°30′ और 78° 17′ पूर्वी देशांतर तक है, अर्थात यह पूर्व में स्थित सिलाना गाँव (धौलपुर) से लेकर पश्चिम के कटरा गाँव (जैसलमेर) तक विस्तृत रूप में फैला हुआ है।
राजस्थान राज्य में नगरों का नामकरण (Naming of Cities of Rajasthan)
30 मार्च,1949 से हर वर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को इस प्रदेश का नाम राजस्थान स्वीकृत किया गया। प्रसिद्ध इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान के इतिहास का जनक कहा जाता है। जेम्स टाड ने “एनलस एंड एन्टीक्वीटीज ऑफ़ राजस्थान” में राज्य का नाम रायथान या राजस्थान रखा था। राजस्थान राज्य के अधिकांश क्षेत्रों के नाम वहां की बोली जाने वाली प्रमुख बोलियों पर ही रखे गए थे। उदाहरणार्थ ढ़ूंढ़ाडी-बोली के इलाकों को ढ़ूंढ़ाड़ (जयपुर) कहते हैं। ‘मेवाती’ बोली वाले इलाक़े ‘मेवात’, ‘मेवाड़ी’ बोली के कारण उदयपुर को मेवाड़, ‘मारवाड़ी’ बोली के कारण ही बीकानेर-जोधपुर इलाके को ‘मारवाड़’ और ‘वागडी’ बोली पर ही डूंगरपुर-बांसवाडा आदि को ‘वागड’ कहा जानें लगा था। डूंगरपुर तथा उदयपुर के दक्षिणी भाग में प्राचीन 56 गांवों के समूह को “छप्पन” नाम से जाना जाता है।
राजस्थान राज्य की नींव (Foundation Of Rajasthan)
कहा जाता है कि लगभग 700 ईस्वी पूर्व राजपूत वंशों का उदय हुआ था। भारत के ऐतिहासिक पन्नों में राजपूत वंशों का शासन 8वीं शताब्दी से लेकर 12वीं शताब्दी तक मिलता है। 750 ईस्वी से लेकर 1,000 ईस्वी के दौरान राजस्थान पर प्रतिहारों का शासन था। राजनैतिक रूप से कभी एकजुट न रहने वाले राजस्थान को मुगल सम्राट अकबर ने एकीकृत प्रांत बनाया। राजस्थान का इतिहास उठाकर देखें तो मानव बस्ती का इतिहास लगभग 100,000 साल पुराना मिलता है। लगभग 5000 से 2000 ईसा पूर्व तक राजस्थान के कई क्षेत्र सिंधु घाटी सभ्यता के स्थल रहे थे। कालीबंगन राजस्थान का प्रमुख सिंधु स्थल है, जहां लोथल नामक स्थान पर अग्नि वेदियों के मिलने का प्रमाण है।
राजस्थान का इतिहास (History of Rajasthan)
प्राचीन समय में राजस्थान में आदिवासी कबीलों का शासन था। 2500 ईसा पूर्व से पहले राजस्थान बसा हुआ था। उत्तरी राजस्थान में सिंधु घाटी सभ्यता की नींव रखी थी। भील और मीना जनजाति इस क्षेत्र में रहने के लिए सबसे पहले आए थे। संसार के प्राचीनतम साहित्य में अपना स्थान रखने वाले आर्यों के धर्मग्रंथ ऋग्वेद में मत्स्य जनपद का उल्लेख आता है, जो कि वर्तमान राजस्थान के स्थान पर उपस्थित था। महाभारत कथा में भी मत्स्य नरेश विराट का उल्लेख आता है, जहाँ पांडवों ने अज्ञातवास बिताया था। करीब 13वीं शताब्दी के पूर्व तक पूर्वी राजस्थान और हाड़ौती पर मीणा तथा दक्षिण राजस्थान पर भील राजाओं का शासन था। उसके बाद मध्यकाल में राजपूत जाति के विभिन्न वंशों ने इस राज्य के विविध भागों पर अपना अधिकार बनाया था। तो उन भागों का नामकरण अपने-अपने वंश, क्षेत्र के नाम से किया।
राजस्थान की प्रमुख नदियां (Rivers of Rajasthan)
नदियों को किसी भी देश या राज्य की धमनियों के रूप में संदर्भित किया जाता है। कोई भी जीवित प्राणी पानी के बिना जीवित नहीं रह सकता है और नदियाँ पानी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत हैं। राजस्थान की प्रमुख नदियों की बात करें तो यहां माही नदी, लूनी नदी, साबरमती नदी, अनास नदी और जाखम नदी है जो अरब सागर में गिरती हैं। वहीं, पार्वती, बाणगंगा, बनास, काली सिंध और बेड़च जैसी नदियां हैं जो बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।
राजस्थान के प्रमुख जलप्रपात और झीलें (Waterfalls and Lakes of Rajasthan)
झीलों को धरती की आँख कहा जाता है, जिसमें देखने वाला व्यक्ति अपनी परछाई और प्रकृति की गहराई को मापता है। राजस्थान की प्रमुख झीलों में आनंद सागर झील, डायलाब झील, दूध-तलाई झील, फतेह सागर झील, गड़ीसर झील, आनासागर झील, बालसमंद झील, डूंगरपुर गैब सागर झील आदि झीलें राजस्थान राज्य की ऐतिहासिक धरोहर हैं। राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक जलप्रपातों में, चूलिया जलप्रपात चंबल नदी पर, भीमताल जलप्रपात मांगली नदी पर और मेनाल जलप्रपात मेनाल नदी के ऊपर बना हुआ है। एक भील बेरी नामक झरना है जिसका नाम वहां के स्थानीय जनजातीय भीलों के आधार पर रखा गया है। जिसकी ऊंचाई 182 फीट है।
राजस्थान की संस्कृति और प्रमुख कलाएँ (Culture and Major Arts of Rajasthan)
संस्कृति वह जटिल समग्रता है जिसमें पारंपरिक रीति-रिवाज, पूजा अर्चनाएं, विश्वास, कला तथा समाज के लोगों द्वारा अर्जित आदतें सम्मिलित होती हैं। राजस्थान की संस्कृति की बात करें तो लोक गीतों में मूमल लोकगीत है। इसके अलावा काजलियों, कागा, गोरबंद, कांगसिया, हिचकी, कुरजा, इंडोनी, लूर आदि और लोक नृत्यों में घूमर नृत्य राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध नृत्य है जो कि यहाँ महिलाओ द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसके अलावा कठपुतली, भोपा, चांग, तेराताली, ग्रिंडर, कच्चीघोरी, तेजाजी और कई अन्य नृत्य भी हैं। राजस्थानी लोक वाद्य में कमायचा, सारंगी, चौतारा, रावणहत्था, बीन, अलगोजा, बांकिया, नड़, चंग, ढोल, नगाड़ा, भपंग, मुरचंग, मजीरा, आदि प्रमुख वाद्य हैं।
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राजस्थान की सबसे सुप्रसिद्ध और लोकप्रिय कलाओं में फड़ कला काफी मशहूर है। उसके बाद पिछवाई और लघुचित्र की प्रचलित शैलियां हैं। चित्रकला की यह शैली पारंपरिक रूप से कपड़े या कैनवास के एक लंबे टुकड़े पर चित्रित की जाती है, जिसे फड़ के रूप में जाना जाता है। थेवा कला भी राजस्थान में प्रसिद्ध है, जिसमें बेल्जियम रंग के कपड़ों पर सोने से कलात्मक पेंटिंग बनाई जाती है।
राजस्थान के प्रमुख किले (Major forts in Rajasthan)
राजस्थान राज्य के प्रमुख 6 पहाड़ी किले जिनका नाम आज भी इतिहास के पन्नों पर अंकित है। राजस्थान के जोधपुर में स्थित मेहरानगढ़ का किला सबसे बड़ा किला है। यह किला 410 फीट की ऊंचाई पर है। इसके अतिरिक्त राजस्थान की प्रमुख ऐतिहासिक धरोहर में किले हैं:
- जैसलमेर किला
- कुंभलगढ़ किला
- जयपुर का आमेर किला
- चित्तौड़गढ़ किला
- रणथंभौर किला
राजस्थान की प्रमुख हवेलियां (Major Havelis of Rajasthan)
राजस्थान की प्रमुख हवेलियां बहुत ही आकर्षक और देखने में सुंदर हैं। इन हवेलियो की दीवारों पर कलात्मक चित्रण किया गया है जिसे भित्ति चित्रण कहते हैं। भित्ति चित्रण के लिए शेखावाटी की हवेलियां सुप्रसिद्ध है। राजस्थान की प्रमुख हवेलियां निम्नलिखित है
- जोधपुर की हवेलियां
- जैसलमेर की हवेलियां
- बीकानेर की हवेलियां
- जयपुर की हवेलियां
- चित्तौड़गढ़ की हवेलियां
- उदयपुर की हवेलियां
राजस्थान की प्रमुख छतरियां (Major Chhatris of Rajasthan)
जिन जिन स्थानों पर राजा-महाराजाओं को जलाया गया, उन स्थान पर उनकी स्मृति में जो भवन बनाया गया था उसे छतरी कहा जाता है। राजस्थान राज्य में सबसे बड़ी छतरी मूसी महारानी की छतरी है। यह अलवर के बाला दुर्ग के नीचे बनी हुई है और भी महाराजाओं की छतरियां राजस्थान में प्रसिद्ध जिनके नाम प्रमुख है:
- पृथ्वीराज सिसोदिया की छतरी – कुंभलगढ़
- राणा प्रताप सिंह की छतरी – उदयपुर
- राणा सांगा की छतरी – भीलवाड़ा
- बख्तावर सिंह की छतरी – अलवर
राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक युद्ध (Historical battles of Rajasthan)
राजस्थान मुख्य रूप से शाही राजाओं और महाराजाओं की जीवन शैली रहा है। जिनके द्वारा कई प्रकार के ऐतिहासिक युद्ध लड़े और जीते गए थे। जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1.राजस्थान के युद्ध (712-740 ई.)
2.तारागढ़ का युद्ध (1150)
3.सांभर का युद्ध (1197)
4.कानोड़ का युद्ध (1299)
5.चित्तौड़ का युद्ध (1303)
6.मेवाड़ का युद्ध (1303)
7.नागौर का युद्ध (1455)
8.धौलपुर की लड़ाई (1519)
9.मंदसौर का युद्ध (1520)
10.खानवा का युद्ध (1527)
11.हल्दीघाटी का युद्ध (1576)
राजस्थान का वर्तमान स्वरूप (Present form of Rajasthan)
राजस्थान के वर्तमान में भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री हैं तो वहीं राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव हैं। राजस्थान के वर्तमान राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागडे हैं। राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर है। राजस्थान भारत का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। सर्वप्रथम 1800 ई में जार्ज थामस ने इस प्रांत को राजपूताना नाम दिया। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.1 % है। वर्तमान में राजस्थान में कुल 21 राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं। राज्य के पश्चिमी भाग में देश का सबसे बड़ा रेगिस्तान “थार” है।
FAQ About Rajasthan
Ans. राजस्थान राज्य का कुल क्षेत्रफल 3.42 लाख वर्ग कि.मी है।
Ans. राजस्थान में।
Ans. भजनलाल शर्मा जी।
Ans. श्री हरिभाऊ किसनराव बागडे।