March 20, 2025

Radha Ashtami 2020: क्या कहते है हमारे धर्मग्रंथ राधाष्टमी के बारे में?

Published on

spot_img

Radha Ashtami 2020: राधाष्टमी, भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। मान्यतानुसार इस दिन राधा जी का जन्म हुआ था।

Radha Ashtami 2020 मुख्य बिंदु

  • राधाष्टमी आज। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्ठमी तिथि को होती है राधा अष्टमी।
  • श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार अष्टाक्षर राधामंत्र का जाप है व्यर्थ , जिससे न सुख होता है या समृद्धि और न ही परमगति।
  • इस राधाष्टमी जानें श्रीमद्भागवत गीता जी के अनुसार दिए मन्त्र जिनसे होगी मोक्ष प्राप्ति।
  • मनमुखी पूजा आराधना एवं व्रत गीता में व्यर्थ कहे गए हैं।

Radha Ashtami 2020: राधाष्टमी-धर्मग्रंथों ने क्या कहा?

मान्यताओं के अनुसार इसी दिन राधा जी का जन्म हुआ था। इसलिए ही राधा के जन्म का उत्सव भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। यहाँ हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि राधाष्टमी को मनाने के लिए किसी भी धर्मग्रन्थ में आदेश नहीं हैं। राधाष्टमी हो या होली-दीवाली, त्यौहार परम्पराओं के रूप में मानव मात्र ने शुरू किए हैं इन्हें मनाने के कोई आदेश वेदों या वेदों का सार कही जाने वाली श्रीमद्भागवत गीता में नहीं है।

राधा का अष्टाक्षर मंत्र और उसका प्रमाण शास्त्रों में

राधा अष्टमी के दिन व्रत और मन्त्रजाप आदि जो भी क्रियाएं बताई जाती हैं वे धर्मग्रन्थों में वर्णित नहीं हैं। साथ ही राधा का अष्टाक्षरी मन्त्र का जाप करने के लिए अज्ञानी पंडितों द्वारा कहा जाता है जिसका गीता में कोई उपदेश नहीं है। यह मनमुखी साधना करने वालों की चतुराई है। वह खुद भी मानव जन्म बर्बाद करते हैं और भोली जनता को भी मूर्ख बनाते हैं । मानव जन्म बार बार नहीं मिलता है। यह जन्म कितना अनमोल है यह तो केवल सद्भक्ति करने से, सत्य ज्ञान समझने से समझ आएगा।

Radha Ashtami 2020: व्रत के विषय में क्या कहती है गीता

गीता में व्रत करना वर्जित है। गीता अध्याय 16 के श्लोक 6 में प्रमाण है कि योग बहुत अधिक खाने वाले का या बिल्कुल न खाने वाले का सिद्ध नहीं होता है और न ही अधिक शयन करने वाले और बिल्कुल न शयन करने वाले का सिद्ध होता है। यह व्रत, गलत मन्त्र जाप अज्ञानी गुरुओं द्वारा चलाये गए हैं क्योंकि उनमें तत्वज्ञान का अभाव था। कबीरसाहेब ने कहा है

गुरुवाँ गाम बिगाड़े सन्तो, गुरुवाँ गाम बिगाड़े |
ऐसे कर्म जीव के ला दिए, बहुर झड़ैं नहीं झाड़े ||

गीता में किस मन्त्र का जाप बताया है

गीता ज्ञानदाता ने गीता के अध्याय 17 के श्लोक 23 में “ॐ-तत्-सत्” तीन सांकेतिक मन्त्र बताए हैं जो पूर्ण तत्वदर्शी सन्त से लेकर जाप करने से मुक्ति प्रदान करेंगे। अन्य सभी मन्त्रजाप हरे हरे, राधे राधे या किसी भी प्रकार के अन्य सभी मन्त्र व्यर्थ हैं व मनमुखी साधना हैं। शास्त्रों में जिस क्रिया का वर्णन न हो वह शास्त्रविरुद्ध कहलाती है और गीता अध्याय 16 के श्लोक 23 के अनुसार शास्त्रविधि त्यागकर मनमाना आचरण करने वाले न सुख को प्राप्त होते हैं और न किसी गति को प्राप्त होते हैं।

पूर्ण सुख शांति और मोक्ष शास्त्रानुकूल भक्ति विधि से प्राप्त होता है

यदि हम शास्त्रानुकूल भक्ति साधना नहीं करते है तो हमारे भाग्य में जो दुःख- दर्द ,कष्ट आदि है वह भोगने पड़ते हैं। जबकि शास्त्रानुकूल भक्ति करने से सभी तरह के पाप समाप्त हो जाते हैं तथा अपने मन से व्रत, हवन, यज्ञ, साधना करते हैं उनके लिए श्रीमद्भागवत गीता जी में क्या कहा है पढ़िए:

  • देवी देवताओं व तीनों गुण ( रजोगुण – ब्रह्मा ,सतोगुण – विष्णु , तमोगुण – शिवजी ) की पूजा करना तथा भूत पूजा, पितर पूजा ( श्राद्ध निकालना) मूर्खों की साधना है। इन्हें घोर नरक में डाला जाएगा । प्रमाण है गीता जी के अध्याय 7 का श्लोक 12 से 15 तथा 20 से 23 व अध्याय 9 के श्लोक 25 में ।
  • किसी भी देवी देवता या अन्य मनमुखी साधना पूजाएं करना व्यर्थ है । व्रत करने से भक्ति असफल ही होती है । प्रमाण है गीता जी के अध्याय 6 के श्लोक न. 16 में ।
  • जो व्यक्ति शास्त्रों के अनुसार भक्ति , यज्ञ – हवन आदि (पूर्ण गुरु के अनुसार ) नहीं करते है वे पापी और चोर प्राणी है । प्रमाण है गीता जी अध्याय 3 के श्लोक न. 12 में।
Sant Rampal Ji Maharaj

क्या है शास्त्रानुकूल भक्ति?

गीता अध्याय 17 के श्लोक 23 से 28 तक पूर्ण मंत्र के संकेत है जो की पूर्ण तत्वदर्शी संत के अनुसार जाप करने से पूर्ण लाभ और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पूर्ण परमात्मा को पाने का “ॐ-तत्-सत्” यह तीन नाम का मन्त्र हैं जो सांकेतिक हैं किंतु पूर्ण तत्वदर्शी सन्त इसका सही जाप बताते हैं।

■ यह भी पढें: Hartalika Teej 2020: हरितालिका तीज पर जानिए कैसे करें पूर्ण परमेश्वर की भक्ति?

कुछ भगत जन तत्वज्ञान के अभाव से स्वयं निष्कर्ष निकाल कर शास्त्रविधि सहित साधना करने वाले ब्रह्म तक की साधना में प्रयोग मंत्रो के साथ ॐ मंत्र लगाते है जैसे ॐ नमो नमः शिवाय , ॐ भगवते वासुदेवाय आदि । यह जाप स्वर्ग प्राप्ति तक का है । फिर भी शास्त्र विधि रहित होने से उपरोक्त मंत्र व्यर्थ है।

पूर्ण गुरु के द्वारा व पूर्ण परमात्मा की भक्ति के बिना जीवन है व्यर्थ

यदि हमें ईश्वर से मिलने वाले लाभ प्राप्त करने हैं तो केवल और केवल हमें सद्भक्ति करनी पड़ेगी अन्यथा जीवन बर्बाद है। गीता अध्याय 15 में पूर्ण तत्वज्ञानी के बारे में बताया है कि पूर्ण संत की शरण में जाकर उनसे भक्ति साधना लेकर ,समझकर भक्ति प्रारम्भ करना ही हितकारी है। उपरोक्त कथन से सिद्ध है कि यदि शास्त्रविरुद्ध आराधनाएं करते है या बिना तत्वदर्शी संत के साधना करते हैं तो सब व्यर्थ है।

गुरु बिन काहू न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भुस छड़े किसाना ||
तीर्थ व्रत अरु सब पूजा, गुरु बिन दाता और न दूजा ||

धनवृद्धि और सुखशांति जो कि पूर्ण गुरु दीक्षा के रूप में जाप करने को देते हैं जिससे लाभ व मोक्ष प्राप्ति होती है। इस मंत्र का भेद केवल तत्वदर्शी संत ही दीक्षा प्रदान करते समय बताते हैं।

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से लें मंत्र नाम दीक्षा

वर्तमान में पूरे विश्व में एकमात्र केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं जो वास्तविक तत्वज्ञान करा कर पूर्ण परमात्मा की पूजा आराधना बताते है। वह पूर्ण परमात्मा ही है जो हमें धनवृद्धि करा सकता है ,सुख शांति दे सकता है व रोगरहित कर मोक्ष दिला सकता है। सर्व सुख और मोक्ष केवल तत्वदर्शी संत की शरण में जाने से सम्भव है। तो सत्य को जाने और पहचान कर पूर्ण तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज से मंत्र नामदीक्षा लेकर अपना जीवन कल्याण करवाएं । सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर सत्संग श्रवण करें और जीने की राह पुस्तक पढ़ें।

आज की ख़ास खबर

वाणिज्य संकाय के राष्ट्रीय सेवा योजना यूनिट 1 ने डॉ वैभव के नेतृत्व में बीएचयू मास्क बैंक के लिए स्वयंसेवको द्वारा एकत्रित 700 मास्क का किया दान। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम में अधिकारियों ने प्रॉक्टोरियल गार्ड्स को मास्क बांटा।

छात्र समन्वयक शिवानंद तिवारी और स्वयंसेवक सना सिद्दीक़ी, ऋषभ गौर, राहुल गौर, जैत्रिक अशर, और अनिकेत ने मास्क एकत्र किए और रा से यो के छात्रों ने बढ़ चढ़ के दान किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम में समन्वयक डॉ बाला लखेंद्र ने धन्यवाद दिया।

Latest articles

World Forestry Day 2025: Know about the Best Way to Make the Planet Green

Last Updated on 19 March 2025 IST: Every year on March 21, people worldwide...

World Water Day 2025: Glacier Preservation For A Sustainable Future

Last Updated on 18 March 2025 IST: World Water Day honors water while raising...

International Day of Happiness 2025: Know the Way To Attain Ultimate Peace and Happiness

Last Updated on 18 March 2024 IST: The International Day of Happiness recognizes that...

International Day of Happiness 2025 [Hindi]: अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस: खुश रहने का रहस्य हुआ उजागर!

Last Updated on 15 March 2025 IST: इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे यानी कि अंतर्राष्ट्रीय खुशी...
spot_img

More like this

World Forestry Day 2025: Know about the Best Way to Make the Planet Green

Last Updated on 19 March 2025 IST: Every year on March 21, people worldwide...

World Water Day 2025: Glacier Preservation For A Sustainable Future

Last Updated on 18 March 2025 IST: World Water Day honors water while raising...

International Day of Happiness 2025: Know the Way To Attain Ultimate Peace and Happiness

Last Updated on 18 March 2024 IST: The International Day of Happiness recognizes that...