पंजाब के विभिन्न जिलों में वृक्षारोपण का एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है जिसमें संत रामपाल जी महाराज जी के निर्देशन में उनके अनुयायियों द्वारा पूरे राज्य में पर्यावरण संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत अभी तक कुल 50,000 पौधारोपण किए जा चुके हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी प्रदेश भर में 23 जिलों में पौधारोपण कर रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण का किया आह्वान
संत रामपाल जी महाराज जी के निर्देशन में उनके अनुयायियों द्वारा शुरू की गई पर्यावरण संरक्षण पहल ने एक नए युग की शुरुआत की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देना है, जिससे हमारा ग्रह स्वच्छ और स्वस्थ बना रहे। कार्यक्रम के दौरान ट्रस्ट के प्रमुख सदस्यों ने पौधारोपण के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यह न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण योगदान है।
इस अभियान के तहत, संत जी के शिष्यों ने विद्यार्थियों को तथा आम जन-मानस को भी पौधारोपण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लोगों को समझाया कि पौधारोपण कैसे हमारे पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकता है और कैसे यह हमारे भविष्य को सुरक्षित बना सकता है।
राज्य सरकार की मुहिम 50,000 पौधारोपण
पंजाब राज्य सरकार द्वारा हरियाली अमावस्या के अवसर पर शुरू की गई हरियाली उत्सव मुहिम को संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है। सरकार ने लोगों से 50,000 पौधारोपण करने का आग्रह किया था, लेकिन संत जी के अनुयायियों ने कुछ ही दिनों में 50,000 पौधे लगाकर इस लक्ष्य को पार कर लिया है। इस अभियान के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने न केवल प्रकृति के प्रति अपना सद्भाव व्यक्त किया है, बल्कि अपने गुरु की आज्ञा के प्रति समर्पण भी दिखाया है। यह एक अद्भुत उदाहरण है कि कैसे एक सामाजिक आंदोलन और सामुदायिक भागीदारी से हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित और स्वच्छ बना सकते हैं।
पौधारोपण से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है पौधे की देखभाल
संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है – 1 लाख पौधारोपण करने का। लेकिन उनका मानना है कि पौधारोपण से ज्यादा महत्त्वपूर्ण पौधे की देखभाल करना भी है, इसलिए उन्होंने ने एक विशेष योजना बनाई है। जिसमें 10 पौधों के लिए एक व्यक्ति की सेवा लगाई है, जो पौधों की देखभाल और संरक्षण के लिए जिम्मेदार होंगे। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि जो पौधे लगाए हैं वह सफल वृक्ष बनें। इसके अलावा संत जी के अनुयायियों ने जानकारी दी है कि अगले साल उन पौधों के संरक्षण की रिपोर्ट भी ली जाएगी। ये सुनिश्चित करेगा कि पौधों की देखभाल और संरक्षण की निगरानी की जाए और आवश्यक कदम उठाए जाएं।
प्रदेश ही नहीं पूरे देश में लगाएंगे पौधे
संत जी के अनुयायियों ने यह भी बताया कि आने वाले वर्षों में वे पूरे देश में पौधारोपण अभियान को आगे लेकर जाने वाले हैं। जिसका एक उदाहरण मध्यप्रदेश के इंदौर में पौधारोपण के विश्व रिकॉर्ड को देखा जा सकता है जिसमें संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों का भी योगदान रहा है।