रोहतक जिले के पटवापुर गांव में आई बाढ़ ने किसानों की जिंदगी पलट कर रख दी। लगभग 400 एकड़ जमीन पानी में डूबी रही, जिस कारण धान की पूरी फसल बर्बाद हो गई। कई किसानों ने तो दो-दो बार धान लगाया, लेकिन पानी में डूबने के कारण कुछ भी नहीं बचा। गांव की गलियों तक पानी भर गया था, स्कूल बंद हो गए थे और मच्छरों तथा डेंगू का खतरा लगातार बढ़ रहा था। किसानों का नुकसान इतना बड़ा था कि अगली गेहूं की बिजाई भी असंभव लग रही थी।
सरकार से मदद मांगने गई पंचायत को या तो टूटी मोटरें, ग़लत पाइप, या बिजली कनेक्शन का बहाना देकर लौटा दिया गया। किसानों का दर्द था — “सरकार किसान के बारे में सोचती ही नहीं।” इसी निराशा में पटवापुर पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज को प्रार्थना भेजने का निर्णय लिया। उनका विश्वास था कि जहां हर दरवाज़ा बंद हो चुका है, वहां राहत का रास्ता केवल वहीं से खुलेगा।
ग्रामवासी लेकर पहुंचे प्रार्थना
पटवापुर पंचायत बरवाला आश्रम पहुँची। गाँव के सरपंच प्रतिनिधि सुनील ढोल ने वहां बताया कि खेतों में तीन फुट से अधिक पानी भरा है, धान की फसल नष्ट हो चुकी है और गेहूं बोना मुमकिन नहीं। उन्होंने संत रामपाल जी महाराज के चरणों में 2 मोटर (10 HP) और 4400 फुट पाइपलाइन की औपचारिक प्रार्थना प्रस्तुत की। वकीलों ने आश्वासन दिया कि जैसे ही गुरुदेव का आदेश मिलेगा, सारा सामान पटवापुर पहुँचाया जाएगा।
कुछ ही दिनों में पहुंची राहत – संत रामपाल जी महाराज ने भेजा पूरा सामान
कुछ ही दिनों में गांव की सीमाओं पर गाड़ियों का लंबा काफिला दिखाई दिया। आश्चर्य और भावना से भरे ग्रामीणों की आँखें नम हो गईं।

संत रामपाल जी महाराज ने के तहत पटवापुर गांव को भेजा:
- 10 HP की 2 हेवी-ड्यूटी मोटरें
- 4400 फुट 8 इंची पाइपलाइन
- स्टार्टर, केबल, प्लेट, नट-बोल्ट, लोचन डब्बे, फुटबॉल बैंड
- मोटर संचालन और फिटिंग का संपूर्ण सामान
पटवापुर गांव राहत सामग्री
| क्रमांक | सामग्री का नाम | मात्रा / विवरण |
| 1 | हेवी-ड्यूटी मोटर | 10 HP की 2 मोटरें |
| 2 | पाइपलाइन | 4400 फुट, 8 इंची पाइप |
| 3 | स्टार्टर | संपूर्ण सेट |
| 4 | केबल | मोटर संचालन हेतु आवश्यक केबल |
| 5 | प्लेट | फिटिंग हेतु प्लेट |
| 6 | नट-बोल्ट | पूरा सेट |
किसान बोले —
“सरकार ने तो सालों में नहीं दिया, और यहां एक भी पैसे की जरूरत नहीं पड़ी। एक प्रार्थना दी और सारा सामान घर तक पहुँच गया।”
गांव वासियों ने अन्नपूर्णा मुहीम के बारे में क्या कहा
सामान पहुंचते ही पटवापुर में ऐसा माहौल हुआ जैसे दिवाली पहले ही आ गई। ग्रामीण बोले —

गांव के हर कोने से एक ही आवाज़ आ रही थी:
“ये भगवान का अवतार हैं। हमने जीवन में ऐसा पुण्य कार्य नहीं देखा।”
पूर्व सरपंच राकेश कुमार बोले —
“लाखों का सामान एक झटके में पहुंचा है। बिना एक पैसे लिए। ऐसा कभी हुआ ही नहीं।”
किसानों ने कहा —
“अगर यह मदद नहीं मिलती तो अगली फसल भी खत्म थी। अब उम्मीद जगी है कि गेहूं समय पर बो देंगे।”
एक बुजुर्ग ने कहा —
“जैसे कोई पिता अपने बच्चों के लिए करता है, वैसे संत रामपाल जी महाराज ने किया।”
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पास के 3–4 गांवों के लोग पटवापुर देखने पहुँचे। उन्होंने कहा —
“इतने पाइप खड़े देखकर लगा कोई फैक्ट्री लगी है।”
“इतनी बड़ी राहत पहले किसी ने नहीं दी।”
“अब समझ आया किसान को भगवान ने ही बचाया है।”
संत रामपाल जी महराज का निवेदन पत्र
राहत सामग्री के साथ एक विशेष निवेदन पत्र भेजा गया, जिसमें कहा गया —
- पानी समय पर नहीं निकाला गया तो अगली बार मदद नहीं दी जाएगी।
- गांव के 3 ड्रोन वीडियो बनाये जाए —
- जब पानी भरा हो
- जब पानी निकल जाए
- जब फसल लहराए
- जब पानी भरा हो
- वीडियो सभी आश्रमों में दिखाए जाएंगे ताकि दानदाताओं को पता चले कि सेवा सही जगह लगी।
गांव ने वचन दिया कि वे फसल समय पर बोकर दिखाएँगे। गुरुदेव ने आदेश दिया कि पाइपों को जमीन में दबा कर स्थायी व्यवस्था बनाई जाए ताकि भविष्य में बाढ़ आए तो तुरंत पानी निकाला जा सके। यह राहत नहीं बल्कि भविष्य का स्थायी सुरक्षा कवच है।
पटवापुर में लौटी नई ज़िंदगी
आज पटवापुर में खेतों से पानी निकल रहा है। बिजाई की तैयारी शुरू हो चुकी है।
गांव के बुजुर्ग, किसान, मजदूर — सभी एक ही बात कह रहे हैं:
“अगर यह सेवा न मिलती तो हम खत्म हो जाते। आज जीवन लौट आया है।”
गांव वालों ने कहा —
“हम 24 घंटे याद करेंगे। फसल बोते-बोते भी उनके चरणों को याद करेंगे।”
मानवता की सच्ची सेवा
यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि जब समाज और सरकार दोनों असफल हो जाते हैं, तब संत रामपाल जी महाराज जैसे महापुरुष ही मानवता को बचाने के लिए आगे आते हैं। उन्होंने किसानों का दर्द समझा, लाखों का सामान भेजा और पटवापुर को एक नई सुबह दी।
पटवापुर गांव आज कह रहा है —
“ये सिर्फ सहायता नहीं, एक जीवनदान है।”



