संत रामपाल जी महाराज पर नहीं है बलात्कार का कोई आरोप

spot_img

कहा जाता है कि यदि संत इस पृथ्वी पर न हों तो यह संसार जल मरेगा। संत सच्चे हितैषी होते हैं। संतों को केवल भगवाधारी वस्त्रों एवं चमत्कार प्रदर्शन से नहीं जोड़ना चाहिए बल्कि उनकी असली समर्थता उनके ज्ञान में होती है। संतों की चरण रज की इस पूरे विश्व में कमी है इसके बाद भी संत सताए गए हैं। इस बात का इतिहास ही नहीं वर्तमान भी गवाह है कि संत सताए गए थे, सताए गए हैं और सताए जा रहे हैं। यों तो सही अर्थों में संत दुर्लभ है उस पर भी पूर्ण संत या तत्वदर्शी संत अति दुर्लभ है। इस पूरे विश्व मे एकमात्र तत्वदर्शी संत की भूमिका में संत रामपाल जी महाराज हैं जिन्होंने जन कल्याण के लिए अपना परिवार, जूनियर इंजीनियर की नौकरी छोड़ी एवं अथक संघर्ष किया। उन पर लगाये मिथ्या आरोपों का कोई आधार ही नहीं है। 

संत वह है जो डरे नहीं और लड़े नहीं

संत न तो डरते हैं और न ही लड़ते हैं। इस कारण बहुधा तत्कालीन शासकों का कोपभाजन भी होते हैं क्योंकि नकली चापलूसी या व्यर्थ का आडम्बर संत नहीं करते हैं। यही गुण तत्वदर्शी रामपाल जी महाराज का भी है। संत रामपाल जी महाराज ने सदैव तत्वज्ञान का प्रचार किया, गलत को गलत एवं सही को सही कहा, सही मायने में समाज सुधार कार्य किया, धर्म ग्रन्थों को खोल खोलकर ज्ञान समझाया और इतना ही नहीं जिन पुस्तकों को एवं जिन लेखकों को हम आदरणीय समझकर शिरोधार्य करते आये हैं उनकी पोल संत रामपाल जी महाराज ने खोली।

उनके सत्यभाषण और निडरता ने हरियाणा सरकार की जड़े हिला दीं। वास्तव में संत रामपाल जी महाराज ने सन 1994 से जन-जन तक तत्वज्ञान के प्रसारण एवं समाज सुधार के लिए अथक परिश्रम एवं संघर्ष किया है। कोयल के बच्चों की भांति तत्वज्ञान सुनते ही परमात्मा के बच्चे बड़ी संख्या में संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाने लगे। यह बात नकली साधुओं, आडम्बरयुक्त दुकान खोल बैठे कथावाचकों व आर्य समाजियों को खटकी। संत रामपाल जी ने डंके की चोट पर हर पंथ की बुराइयाँ उजागर कीं। 

आर्य समाज क्यों बन बैठा संत रामपाल जी महाराज का विरोधी

आर्य समाज के प्रवर्तक महर्षि दयानंद सरस्वती की पुस्तक “सत्यार्थ प्रकाश” में वर्णित असामाजिक कथनों से जनता को रूबरू संत रामपाल जी महाराज ने किया। (जानकारी के लिए बता दें कि सत्यार्थ प्रकाश में विधवा स्त्री के 11 पुरुषों से नियोग, परदेश गए पति की अनुपस्थिति में अन्य पुरूष से संसर्ग, भूरी, बाल वाली, नदियों के नाम वाली लड़कियों से विवाह न करने की सलाहें दी गईं हैं। साथ ही आदरणीय संत कबीर साहेब, नानक देव जी, ईसा मसीह, हजरत मुहम्मद जी की तबियत से निंदा की है एवं उन्हें चोर लुटेरा ठहराया है।)

इस स्थिति के बात जब सामान्य जन ने इन महर्षियों के आदर्शों से किनारा करना प्रारंभ किया तब अपनी दुकानें बंद होते देख नकली धर्मगुरुओं एवं आर्य समाजियों की स्थिति “खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे” वाली जो गई। तत्कालीन शासक आर्य समाज से ताल्लुक़ात रखते थे। इसका असर यह हुआ कि एक निर्दोष संत की अच्छाई एवं सच्चाई का बदला निर्दोष संत रामपाल जी महाराज एवं उनके अनुयायियों को बदनाम करके लिया गया। बदनाम किस प्रकार किया गया? आइये विस्तार से जानें 

संत रामपाल जी महाराज पर लगे मिथ्या आरोप

संत रामपाल जी एवं उनके अनुयायियों को जब विरोधी काबू न कर सके तो उन पर देशद्रोह, धोखे, हत्या, लोगों को बंधक बनाने जैसे मिथ्या आरोप मढ़ दिए गए। बौखलाई सरकार ने जजों व पदाधिकारियों पर अन्याय का दबाव डाला है उसके बावजूद सरकार व पुलिस संत रामपाल जी के विरुद्ध सबूत जुटाने में असक्षम रही। केवल बौखलाहट में ही आरोपों की झड़ी लगा दी गई। लेकिन उनके विरुद्ध कोई सबूत न होने के कारण लगातार संत रामपाल जी महाराज बरी होते गए जिनके विषय में यहाँ पढ़ा जा सकता है।

संत रामपाल जी इन केसों में हुए हैं बाइज्जत बरी

संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान के प्रसार को रोकने के लिए यथासंभव प्रयत्न आर्य समाजियों एवं मीडिया ने दुष्प्रचार के माध्यम से किया लेकिन जनता मूर्ख नहीं है। एक तरफ सरकार ने संत रामपाल जी पर आरोप लगाया दूसरी ओर सीबीआई जांच से भी कतराती रही क्योंकि जांच में संत रामपाल जी निर्दोष ही सिद्ध होंगे। सरकार ने एवं आर्य समाजियों सहित नकली धर्मगुरुओं ने यह उम्मीद की कि उनका रास्ता साफ हुआ किंतु दोगुनी रफ्तार से सत्यज्ञान को समझकर और प्रभावित होकर लाखों की संख्या में श्रद्धालु संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने लगे और लाभान्वित होने लगे।

संत रामपाल जी महाराज पर नहीं लगा बलात्कार का आरोप

ये मिथ्या आरोप संत रामपाल जी महाराज पर लगाए गए हैं। किन्तु इतने बड़े स्तर पर इतने सामर्थ्यवान, समाज सुधारक, तत्वज्ञानी, निर्दोष संत एवं उनके अनुयायियों के साथ अन्याय करने के बाद भी संतुष्टि नहीं हुई। संविधान के चौथे स्तम्भ मीडिया ने अपनी पूरी गरिमा खोते हुए आंखें मूंदकर संत रामपाल जी महाराज के विषय में गलत प्रचार किये, अफवाहें उड़ाईं जिनमें से एक है बलात्कार का झूठा आरोप। संत रामपाल जी महाराज पर बलात्कार का कोई केस लगा ही नहीं इसी कारण संत जी के अनुयायियों द्वारा लगातार मांग करने पर मीडिया ने अपने अंधाधुंध गलत प्रचार के बाद क्षमा मांगी। अमर उजाला, पत्रिका, दैनिक भास्कर, जागरण, नागौर पत्रिका अखबार एवं अन्य वेबसाइट ने संत रामपाल जी महाराज पर बलात्कार के झूठे इल्जाम लगाने के कारण क्षमा मांगी है जिन्हें आप स्वयं पढ़ सकते हैं 

संत रामपाल जी महाराज के दूध में नहाने की खबर झूठी

मीडिया ने विवेकहीन होने का परिचय देते हुए यह भी अफवाह फैलाई कि संत रामपाल जी महाराज दूध से नहाते थे! यह घोर आश्चर्य की बात है कि इतने बड़े, खुले एवं हवादार आश्रम में कोई भी स्थान गुप्त नहीं था। और ऐसे स्थान में दूध से नहाने की खबर उतनी ही झूठी है जितनी उन पर लगाए गए झूठे आरोप। एक महान संत जिसने नशे, दहेज, शास्त्रविरुद्ध साधना से लोगों का ध्यान हटाया जन जन तक ज्ञान पहुँचाया और उन्हें रक्तदान, सेवा, देहदान, भक्ति एवं धर्मकार्यों में लगाया है ऐसे संत पर केवल झूठे आरोप ही लगाए जा सकते हैं।

यह भी पढ़ें: संत रामपाल जी Latest Hindi News: जानिए संत रामपाल जी महाराज क्यों गए जेल?

यदि यह सच होता तो कोर्ट द्वारा आपत्तिजनक सामग्री कोर्ट में पेश करने के आदेश पर पुलिस स्वाभाविक रूप से नाकाम न रहती। डीजी पुलिस हरियाणा एवं इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार आश्रम में कोई अवैध गतिविधि नहीं पाई गई। दूध में नहाने की बात पूर्णतः कपोल कल्पित कथा है जिसका वास्तविकता से कोई सम्बंध नहीं। सत्य और सूर्य अधिक समय नहीं छिप सकते। संत रामपाल जी ने हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री खट्टर जी को पत्र के माध्यम से पुनः चेताया कि वे गलत कर रहे हैं। पत्र यहां पढ़ सकते हैं।

न्याय की मांग अर्थात देशद्रोह!

संत रामपाल जी महाराज की शिक्षा में सम्मिलित है कि संत, सिंह और शूरमा पीछे नहीं हटते सदा आगे बढ़ते हैं। संत रामपाल जी के अनुयायियों ने जब शांतिपूर्ण ढंग से जब सीबीआई जांच की माँग की तब उन पर देशद्रोह के झूठे आरोप लगा दिए गए। बड़े ही आश्चर्य की बात है कि सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत का संविधान जो सबसे बड़ा लिखित संविधान है, में देशद्रोह की एक भी ऐसी परिभाषा नहीं पाई गई जहाँ न्याय की मांग करने देशद्रोह हो। नकली धर्मगुरुओं ने, आर्य समाजियों ने, तत्कालीन खट्टर सरकार ने, तत्कालीन पदाधिकारियों, जेलर ने अपने अपने तरीकों से ज़ुल्म ढाए।

संत रामपाल जी महाराज ने सदैव अपने अनुयायियों को कानून का सहयोग करने एवं संविधान पर भरोसा रखने की शिक्षा दी हैं। संत रामपाल जी पूर्ण तत्वदर्शी संत हैं जिन्होंने अद्भुत समाज सुधार केवल अपने तत्वज्ञान से कर दिए हैं। चमत्कारों की कोई कमी नहीं। संत रामपाल जी स्वयं सामर्थ्यवान हैं इसलिए ये परीक्षा की घड़ी हमारी थी। देश की सरकार, न्याय व्यवस्था और मीडिया ने संविधान को चुनौती देते हुए मनमाना आचरण किया है एवं अपने लिए कांटे स्वयं बोए हैं। संत रामपाल जी एवं उनके अनुयायी निर्दोष हैं। साँच को आंच नहीं इसलिए संत रामपाल जी महाराज तो निर्दोष साबित हो ही जाएंगे।

तुमने उस दरगाह का महल ना देख्या | 

धर्मराय के तिल तिल का लेखा ||

राम कहै मेरे साध को, दुख न दीजो कोए |

साध दुखाय मैं दुखी, मेरा आपा भी दुःखी होय ||

हिरण्यकश्यप उदर विदारिया, मैं ही मार्या कंश |

जो मेरे सतगुरु को सतावै, वाका खो दूँ वंश ||

Latest articles

Kotak Mahindra Bank: आरबीआई का एक्शन कोटक बैंक की बढ़ी टेंशन, नए ऑनलाइन ग्राहक जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड पर रोक

हाल ही में बीते बुधवार अर्थात 24 अप्रैल को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)...

On World Intellectual Property Rights Day Know What Defines Real Intellect of a Human

Last Updated on 24 April 2024 IST: Every April 26, World Intellectual Property Day...

Iranian President Ebrahim Raisi’s Pakistan Visit: Strengthening Ties

Iranian President Ebrahim Raisi is on a 3 day visit to the South Asian...

Standing Together on World Malaria Day 2024: Fighting Against Malaria

Last Updated on 24 April 2024 IST | World Malaria Day 2024 showcases global...
spot_img

More like this

Kotak Mahindra Bank: आरबीआई का एक्शन कोटक बैंक की बढ़ी टेंशन, नए ऑनलाइन ग्राहक जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड पर रोक

हाल ही में बीते बुधवार अर्थात 24 अप्रैल को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)...

On World Intellectual Property Rights Day Know What Defines Real Intellect of a Human

Last Updated on 24 April 2024 IST: Every April 26, World Intellectual Property Day...

Iranian President Ebrahim Raisi’s Pakistan Visit: Strengthening Ties

Iranian President Ebrahim Raisi is on a 3 day visit to the South Asian...