September 2, 2025

National Youth Day 2025 (Hindi): 42वां राष्ट्रीय युवा दिवस: तत्वज्ञान से सँवरेगा युवा पीढ़ी का उज्ज्वल भविष्य

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Last Updated on 3 January 2025 IST: 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day India 2025) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन देश के उन तमाम युवाओं को समर्पित एक खास दिन है, जो भारत देश के लिए एक स्वस्थ और बेहतर भविष्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं। इसी दिन विश्‍व प्रसिद्ध व्यक्तित्व स्वामी विवेकानंद का जन्‍म हुआ था। उनकी जयंती को भारत सरकार द्वारा 1984 में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इस प्रकार वर्ष 1985 से नेशनल यूथ डे मनाने का सिलसिला शुरू हुआ। आइये विस्तार से जानते हैं कि इस राष्ट्रीय युवा दिवस पर देश की रीढ़ माने जाने वाली युवा पीढ़ी के लिए क्या है खास संदेश?

Table of Contents

नेशनल यूथ डे (National Youth Day India 2025): मुख्य बिंदु

  • 163वीं स्वामी विवेकानंद जयंती आज है और इसी कारण आज है राष्ट्रीय युवा दिवस
  • स्कूलों, कालेजों व संस्थाओं में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है नेशनल यूथ डे
  • भारत देश को युवाओं का देश कहा जाता है और युवाओं से गहरा नाता था स्वामी विवेकानंद का
  • आज 163वीं जयंती है स्वामी विवेकानंद की
  • राष्ट्रीय युवा दिवस का मकसद है युवाओं को प्रेरित करके भारत देश के बेहतर भविष्य का निर्माण करना
  • समाजसुधारक संत रामपाल जी महाराज के अनमोल तत्वज्ञान ने दी है युवा पीढ़ी के लिए एक नई दिशा
  • सतभक्ति है एकमात्र विकल्प सही जीवन की दिशा का

राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day India) के मनाने के पीछे का क्या उद्देश्य है?

राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने के पीछे उद्देश्य है युवाओं को जागृत करना। उनसे सलाह विमर्श करना और उन्हें प्रेरित करना। यह प्रयास किया जाता है कि स्वामी विवेकानंद के विचारों और आदर्शों से सभी युवा परिचित हों एवं उन्हें अपने जीवन में लागू करें। विवेकानंद जी ने लक्ष्य प्राप्ति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि:

उठो जागो और तब तक प्रयासरत रहो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो जाती।-स्वामी विवेकानंद

42वां राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 की विषयवस्तु (थीम)

भारत सरकार की ओर से हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस पर एक नई थीम जारी की जाती है। विषय को देश में प्रासंगिक और समकालीन परिदृश्य के अनुसार चुना जाता है। जिससे एक थीम जोड़कर राष्ट्रीय युवा दिवस और सार्थक हो जाता है।

42वें राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 की थीम “उठो, जागो और अपनी शक्ति को पहचानो” है।  यह थीम युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें अपनी क्षमता का एहसास कराने पर ज़ोर देती है, ताकि वे राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि में सक्रिय योगदान दे सकें। राष्ट्रीय युवा दिवस हर वर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिनकी शिक्षाएं युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक, शैक्षणिक, और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो युवाओं को सक्रिय रूप से भाग लेने और अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के अवसर प्रदान करते हैं।

स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) प्रतिभा की प्रतिमूर्ति थे

स्वामी विवेकानंद (बचपन का नाम नरेंद्र) का जन्म सन 1863 में कोलकाता शहर के कुलीन परिवार में हुआ था। नरेंद्र बचपन से ही अदम्य साहस और विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। सन 1893 में अमेरिका के शिकागो में हुए सम्मेलन में उन्होंने भारतवर्ष और सनातन धर्म का नाम ऊंचा किया। इस क्षण को ईस्ट मीट वेस्ट के रूप में भी जाना जाता है। विवेकानंद युवाओं में तर्कशक्ति जागृत करना चाहते थे। उनके जीतने के लिए अपनाए जाने वाले हथियारों में शिक्षा एवं शांति थे। इनके अनुसार एकाग्रता आवश्यक गुण है। यही विवेकानंद जिन्होंने युवाओं को अपने कर्मयोग के आदर्शों से प्रेरित किया इनकी जयंती के दिन राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day India) मनाया जाता है।

National Youth Day India 2025 (राष्ट्रीय युवा दिवस) पर युवाओं से अपेक्षा

भारत में लगभग 60 प्रतिशत युवा हैं। युवाओं में ऊर्जा सबसे अधिक होती है, केवल उस ऊर्जा को सही जगह लगाने की आवश्यकता मात्र होती है। सम्भावनाओं के अनेकों परागकण उनके भीतर होते हैं। युवा वर्ग अपने अधिकारों व लक्ष्य से परिचित होता है तो वह देश की दशा बदल सकता है। यदि वह तत्वज्ञान से परिचित हो जाये तो वह अपने परिवार, समाज, देश और अन्य पीढयों की दिशा और दशा दोनों ही बदल सकता है। 

■ यह भी पढ़ें: World Hindi Day: विश्व हिंदी दिवस पर जानिए कैसे भारत बनेगा विश्व गुरु?

युवावर्ग में अनेकों सम्भावनाएं मात्र एक सही निर्देशन से परिणित हो जाती हैं। सम्भावनाएं वे जो देश को नशामुक्ति की ओर ले चलें, दहेजमुक्ति की ओर ले चलें, सतभक्ति की ओर ले चलें, सनातन धर्म की ओर ले चलें। वर्तमान में युवाओं को इस निर्देशन की सख्त आवश्यकता है।

National Youth Day 2025 (Swami Vivekananda Jayanti) पर जानिए वर्तमान युवा का स्वरूप

Swami Vivekananda Jayanti: युवाओं में एक भटकाव की स्थिति पिछले कुछ समय से देखने को मिल रही है। जो ऊर्जा अच्छे विचारों की क्रांति में लगनी थी वह नशाखोरी, लालच, बेईमानी आदि में लग रही है। इससे स्वयं का जीवन तो वे नरक कर ही लेते हैं साथ ही देश, समाज और पारिवारिक जीवन भी नरकीय कर देते हैं। किसी भी भक्ति में भटकाव केवल निर्देशन के अभाव से होता है और यदि निर्देशन तत्वज्ञान का मिल जाये फिर सोने पर सुहागे वाली स्थिति आती है यानी एक तो ऊर्जावान युवावर्ग उस पर भी वह सारी ऊर्जा एकत्रित होकर मानव जीवन के कल्याण की ओर लगती है।

ऐसे युवा एक स्वस्थ और सुंदर समाज का निर्माण करते हैं जहां नशाखोरी, रिश्वतखोरी, दहेज-लिप्सा आदि से हटकर युवावर्ग सत्य साधना में लगता है और इन सभी वासनाओं एवं देश की प्रगति में बाधक आदतों को छोड़ता है। वर्तमान युवा मात्र धन एकत्रित करने को ही जीवन का उद्देश्य मान बैठा है। वह सनातन धर्म और वेदों से कोसो दूर है और यहीं पर स्वामी विवेकानंद का उद्देश्य खत्म हो जाता है। क्योंकि स्वामी विवेकानंद ने तो सनातन धर्म के गुण गाकर शिकागो सम्मेलन में भारतवर्ष के नाम को ऊंचा किया था और आज युवा धर्म-कर्म से दूर हैं।

इस दिशा में स्वामी विवेकानंद का संदेश युवाओं के लिए मार्गदर्शक हो सकता है। उन्होंने हमेशा युवाओं को अपने जीवन का उद्देश्य समझने, आत्म-ज्ञान प्राप्त करने और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने की प्रेरणा दी। स्वामी जी के अनुसार, युवा शक्ति वह आधार है, जो समाज में बदलाव ला सकती है।

आज के युवाओं को चाहिए कि वे न केवल भौतिक उन्नति की ओर ध्यान दें, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति की ओर भी कदम बढ़ाएं। सत्य साधना, ईमानदारी और नैतिक मूल्यों को अपनाकर ही वे एक ऐसा समाज बना सकते हैं, जहां हर कोई समानता, प्रेम, और शांति का अनुभव कर सकें।

स्वामी विवेकानंद ने स्पष्ट किया था कि धर्म का सही अर्थ केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे आचरण, विचारों, और समाज के प्रति हमारी ज़िम्मेदारियों में झलकना चाहिए। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी संस्कृति और धर्म के गौरव को समझें और उसे आत्मसात करें।

यदि आज का युवा वर्ग नशाखोरी, भ्रष्टाचार, और अन्य सामाजिक बुराईयों से मुक्त होकर सत्य साधना में लीन हो जाए, तो एक ऐसा आदर्श समाज बनना संभव है, जहां हर व्यक्ति अपना योगदान देकर देश की प्रगति और समृद्धि में सहयोगी बन सके। यही स्वामी विवेकानंद का वास्तविक सपना था, और यही उनके आदर्शों का अनुसरण करने का सार है।

स्वामी विवेकानंद को नहीं मिला सतमार्ग, रोग से हुई मृत्यु

स्वामी विवेकानंद बचपन से ही तीव्र बुद्धि के धनी थे। सिर्फ एक बार पढ़ने के पश्चात ही सैकड़ों पन्नों की पुस्तक को कंठस्थ याद कर लेते थे। इन्होंने एलएलबी यानि कानून की पढ़ाई भी कर रखी थी फिर भी पूर्ण सद्गुरु के बिना आध्यात्मिक ज्ञान अधूरा ही रह गया। विवेकानंद काली माता के उपासक थे और कृष्ण जी की पूजा शास्त्र विरुद्ध करने के कारण यह मानव जीवन के मूल उद्देश्य यानी मोक्ष को प्राप्त नहीं कर सके। असाध्य रोग होने के कारण 1902 में मात्र 39 वर्ष की कम आयु में ही परलोक सिधार गए।

Read in English: Know About Swami Vivekananda On National Youth Day

इनके गुरु जी श्री रामकृष्ण परमहंस थे जिनकी मौत भी गले के कैंसर के कारण हुई। स्वयं रामकृष्ण परमहंस भी काली देवी के परम भक्त थे इसके साथ-साथ वह राम और कृष्ण के अवतारों की भी भक्ति किया करते थे। स्वामी विवेकानंद जी ने अपने गुरु जी की बताई भक्ति विधि की और दोनों ही रोग के कारण मृत्यु को प्राप्त हुए। यथार्थ भक्ति से वंचित रहने के कारण दोनों का मानव जीवन व्यर्थ गया इन्हें सद्गुरु नहीं मिले जो कि आज संत रामपाल जी महाराज है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें अध्यात्मिक पुस्तक अंधश्रद्धा भक्ति खतरा-ए-जान

कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस?

इस दिन को लेकर स्कूल और कॉलेजों में युवाओं के बौद्धिक विकास हेतु भाषण प्रतियोगिता, प्रश्नमंच प्रतियोगिता जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन के बारे में भी बताया जाता है तथा युवाओं के शारीरिक एवं मानसिक विकास को प्रोत्साहन करने हेतु भारत के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा भी इस अवसर पर युवाओं के लिए कई तरह के आयोजन किए जाते है।

राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day India 2025) पर युवाओं के लिए प्रेरणादायक उद्धरण (Quotes)

  • अगर धन दूसरों की भलाई  करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।
  • युवा सतभक्ति करके आध्यात्मिक विकास करे तो भौतिक विकास भी होगा – संत रामपाल जी महाराज
  • हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
  • युवाओं का वास्तविक उत्थान सिर्फ तत्वज्ञान से ही सम्भव है – समाजसुधारक संत रामपाल जी महाराज

क्या है युवाओं के लिये सत्य मार्ग?

सर्वोत्तम मार्ग मात्र कर्मयोग नहीं बल्कि तत्वज्ञान का है। सन्त रामपाल जी महाराज जोकि वर्तमान में पूरे विश्व के एकमात्र तत्वदर्शी सन्त हैं उन्होंने एक सुंदर, स्वस्थ और सफल समाज का निर्माण अपने तत्वज्ञान से किया है। यह तत्वज्ञान प्राप्त युवा न केवल सत्य साधना एवं ईमानदारी में जीवन लगाते हैं बल्कि देश को पीछे खींचने वाले कृत्य जैसे रिश्वतखोरी, नशाखोरी या दहेज-लिप्सा आदि से दूर करते हैं। यहाँ तो देहदान, रक्तदान और सत्य साधना में लीन युवा दिखाई देंगे जिन्होंने अपना जीवन सफल बना लिया है। 

धन की अंधी दौड़ से युवा अलग हो चुके हैं। जन्म लेना, सन्तान उत्पन्न करना और मर जाना तो पशु भी करते हैं। बल्कि एक मायने में पशु, मनुष्य से ठीक हैं वे धन एकत्रित करने में जीवन नहीं गंवाते किन्तु मनुष्य उस धन को एकत्रित करने में लगा रहता है जो न उसका है और न कभी होगा।

काया तेरी है नहीं, माया कहाँ से होय |

चरण कमलो में ध्यान रखो, इन दोनों को खोय ||

समय रहते चेतो

चूंकि युवावर्ग बुद्धिमान है व तर्कयुक्त है इसलिए यह अपेक्षा उनसे ही होगी कि वे विवेक का परिचय देते हुए अपने जीवन की सम्भार स्वयं करें अर्थात तत्वदर्शी सन्त से नामदीक्षा लें और अपने जीवन का कल्याण करवाएं। जो सनातन धर्म से परिचित हैं वे जानते हैं कि तत्वदर्शी सन्त तो कोई बिरला ही होता है जो तत्वज्ञान कहता है। स्वयं परमेश्वर तत्वज्ञान सुनाने के लिए तत्वदर्शी सन्त की भूमिका करते हैं। जगतगुरू सन्त रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त हैं जिनसे नामदीक्षा लेकर अपने जीवन का एवं अपने परिवार का कल्याण अवश्य करवाएं। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल

राष्ट्रीय युवा दिवस से सम्बंधित योग्य प्रश्नोत्तरी (FAQ About National Youth Day 2025)

Q. राष्ट्रीय युवा दिवस प्रत्येक वर्ष कब मनाया जाता है?

Ans. देश में हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।

Q. राष्ट्रीय युवा दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

Ans. 12 जनवरी के दिन स्वामी विवेकानन्द जयंती के उपलक्ष्य में इस दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में देशभर में मनाया जाता है।

Q. पहली बार राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया गया था?

Ans. वर्ष 1985 में।

Q. राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा कब की गई थी?

Ans. वर्ष 1984 में।

Q. अंतराष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है?

Ans. 12 अगस्त के दिन।

Q. स्वामी विवेकानंद जी के गुरू का नाम क्या था ?

Ans. स्वामी रामकृष्ण परमहंस।

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