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National Girl Child Day 2023 [Hindi]: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जानिए बालिकाओं की स्थिति में कैसे होगा सुधार होगा?

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Last Updated on 22 January 2023, 3:34 PM IST: राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day 2023 in Hindi): भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जाता है। इस दिन देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नारी शक्ति के रूप में याद किया जाता है। इसी दिन पहली बार दिवंगत इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, अत: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने 24 जनवरी को महिला सशक्तिकरण के रूप में चुना था। बालिका दिवस को मनाने का उद्देश्य, समाज को बालिकाओं की स्थिति से अवगत कराना तथा उनकी स्थिति सुधार कर “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” तथा इसी प्रकार की अन्य योजनाओं के माध्यम से बालिकाओं के हित के लिए कार्य करना है।

Table of Contents

राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day 2023): मुख्य बिंदु

  • 24 जनवरी को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।
  • श्रीमती इंदिरा गांधी ने वर्ष 1966 में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसलिए ही भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है।
  • इसकी शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 2008 में की थी।
  • बिना सतभक्ति के न बेटियां और न ही बेटे, यहां कोई सुखी और सुरक्षित नहीं हो सकता है। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब जी ने द्रौपदी की बचाई थी लाज और मीरा बाई की भी करी थी रक्षा।

राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) कब और क्यों मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष की भांति 24 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day in Hindi) मनाया जाएगा। वर्तमान में देखा जाए तो देश की बेटियां हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। एक समय ऐसा था, जब बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता था। यह स्थिति अब न के बराबर हो गई है। पहले बेटियों का बचपन में ही बाल विवाह कर दिया जाता था। बेटियों के साथ भेदभाव और उनके साथ होने वाले अत्याचारों को रोकने के खिलाफ देश की आजादी के उपरांत से भारत सरकार प्रयासरत है। भारत को आज़ादी मिले 77 साल हो रहे हैं पर आज भी लड़कियों की स्थिति घर और बाहर दोनों जगह असुरक्षा के घेरे में है। 

भारत में बेटियां आज भी असुरक्षित, डरी और सहमी हुई हैं उनके साथ कुछ भी गलत होने की स्थिति में न्याय मिलना अभी भी कठिन बना हुआ है। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के नारे आज भी अधूरे और सहमे हुए सुनाई देते हैं। बटियों को शतप्रतिशत सुरक्षा उनका परिवार, समाज, सरकार और प्रशासन नहीं बल्कि परमात्मा ही दे सकता है। इस लेख में आगे पढ़ें परमात्मा स्वरूप संत रामपाल जी महाराज जी किस तरह बना रहे हैं धरती को स्वर्ग समान जहां सभी माताएं, बहनें, बेटियां और बालिकाएं सदा महफूज़ जीवन जी सकेंगी।

बेटियों को देश का सफल नागरिक बनाने के लिए कई योजनाएं और कानून लागू किए गए। इसी लक्ष्य को साध कर सरकार ने राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाना शुरु किया था। देश की बेटियों को सशक्त बनाने के लिए और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस मुख्य दिवस को 24 जनवरी को मनाने का यही कारण है।

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिकाओं के लिए किए जाने वाले कार्य

  1. समाज में बालिकाओं के ऊपर होने वाले अत्याचार, दुर्व्यवहार और उनके प्रति असमानता को उजागर करना।
  2. बालिकाओं की पढ़ाई-लिखाई, स्वास्थ्य और पूर्ण पोषण के महत्व पर जागरूकता उत्पन्न करना।
  3. हर देश में बालिकाएं खेलकूद और सरकारी क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहीं हैं। इसके लिए भी जागरूकता प्रदान करना।
  4. प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि भारत की हर बालिका अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके।

National Girl Child Day 2023: बालिकाओं के अधिकार क्या-क्या हैं?

  • बालिकाओं का बाल विवाह न किया जाए।
  • बालिकाओं के हित में राज्य सरकार द्वारा नई-नई योजनाओं की शुरुआत करना।
  • लिंग भेदभाव के लिए अल्ट्रासाउंड परीक्षण का उपयोग न किया जाए, इसके लिए भी कानून को मजबूत करना।
  • बालकों की तरह बालिकाओं को भी समानता प्रदान करना।

भारत सरकार राष्ट्रीय बालिका दिवस पर क्या क्या कार्य करती है?

इस दिन, ” सेव द गर्ल चाइल्ड, चाइल्ड सेक्स रेशियो, हिंदुस्तान गर्ल्स, गर्ल्स डेवलपमेंट, सेफ्टी एंड सिक्योरिटी जैसे विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा होती है।” बालिकाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षित, एवं अनुकूल वातावरण के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं। कन्या भ्रूण हत्या को हतोत्साहित करने हेतु अभियान, बालिकाओं को समुचित शिक्षा के लिए बालिका छात्रवृति योजनाएँ, बालिका स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए विभिन योजनाएँ एवं हर क्षेत्र में बालिकाओं को अधिकतम अवसर प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा विभिन योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। 

National Girl Child Day 2023 [Hindi]: भारत में यूनिसेफ बच्चों, किशोरियों और गर्भवती स्त्रियों के लिए कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था भी है। भारत में बालिकाओं की स्थिति को मजबूत करने और उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की किलकारी योजना में यूनिसेफ का भी सहयोग रहा है। इस योजना के तहत कई किशोरियों को अपने सपने पूरे करने और करियर बनाने का मौका मिला। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी यूनिसेफ कार्य कर रहा, साथ ही बाल विवाह जैसी कुरीति को खत्म करने की दिशा में जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है।

इस नाशवान लोक में कोई भी बहन-बेटी सुरक्षित और सुखी नहीं है

आजकल की माताएं बहनें सतभक्ति ना करके, सांसारिक चकाचौंध में भ्रमित हैं, जिसकी वजह से इन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब जी ने कृष्ण जी के माध्यम से बहन द्रोपदी का चीरहरण होने से बचाया था, बहन मीराबाई की विभिन्न परिस्थितियों में पल पल रक्षा की थी। 

■ Read in English: National Girl Child Day (NGCD): How The World Can Be Made Better For Girls?

कलयुग में माताओं, बहनों, बच्चों और असहायों की रक्षा नहीं हो पाती क्योंकि न तो इन्होंने सतगुरु बनाया है और न ही यह सतभक्ति कर रही हैं। सभी बहनों को सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब जी की सतभक्ति करनी चाहिए

संत रामपाल जी से नामदीक्षा लेकर निज घर सतलोक जाना है

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर, हर वर्ष महिला सुरक्षा को लेकर बनाई जाने वाली सभी योजनाएं, महज योजनाएं बन कर ही रह जाती हैं और माताओं, बहनों पर हुए जुल्मों और अत्याचार से रोज़ाना के अखबार भरे रहते हैं क्योंकि यह काल का लोक है और यहां पर कोई भी सुरक्षित नहीं है। अगर हम जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करेंगे तो यहां भी हमारी रक्षा होगी, हम सुखी भी रहेंगे और फिर हम अपने निज घर सतलोक चले जाएंगे। सतलोक ही हमारा अपना घर है और सबसे सुरक्षित जगह है, जिसके बारे में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब जी ने कहा है:

शंखों लहर मेहर की ऊपजै, कहर नहीं जहां कोई।

दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।

सद्गुणों को करें ग्रहण

यदि सभी बहन, बेटी, भाई, माता पिता सतभक्ति करेंगे तो उन पर भविष्य में आने वाले महाकष्टों से उनका बचाव होगा क्योंकि मानव जीवन का मूल उद्देश्य भक्ति करके भगवान के पास जाना है। मानव जीवन का मूल उद्देश्य “भक्ति से भगवान तक” है।

महिला सशक्तिकरण में संत रामपाल जी महाराज जी का अभूतपूर्व योगदान है। धरती को स्वर्ग बना रहे हैं संत रामपाल जी महाराज।

दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, बेटा बेटी भेदभाव, निसंतान स्त्री से भेदभाव व अत्याचार, बेटी को बोझ समझना, इत्यादि बुराइयों को तत्वदर्शी बाखबर संत रामपाल जी महाराज जी जड़ से खत्म करके धरती को स्वर्ग समान बना रहे हैं। उनका कोई भी अनुयाई नशा नहीं करता। जिसकी वजह से घरेलू हिंसा समाप्त हो रही है, उनके अनुयाई विवाह के समय कोई दहेज नहीं लेते जिससे अब बेटियां बोझ नहीं लगतीं। 

संत रामपाल जी महाराज जी वास्तव में सर्व समाज की माताओं बहनों के लिए मसीहा सिद्ध हो रहे हैं, उनके द्वारा किए जा रहे सत्संग समारोह, समाज के लिए वरदान सिद्ध हो रहे हैं, जिस कारण हिंदुस्तान विश्व गुरु के मार्ग पर अग्रसर हो रहा है तथा यह पूरी पृथ्वी सतयुग जैसे माहौल की तरफ अग्रसर हो रही है। उनके द्वारा सिखाई जा रही शास्त्र अनुकूल साधना तथा पवित्र आध्यात्मिक पुस्तकों के प्रचार से समस्त समाज तत्वज्ञान से परिचित हो रहा है। उनके द्वारा लिखित “ज्ञान गंगा तथा जीने की राह” पुस्तकें समाज को मानवता के लिए झकझोर रही हैं तथा युवाओं में नैतिक तथा आध्यात्मिक जागृति ला रही है। आप भी “ज्ञान गंगा तथा “जीने की राह” पुस्तक पढ़कर परिवार और समाज का माहौल स्वर्ग जैसा बनाएं।

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी से नामदीक्षा लेकर जीवन को सुखद और सुरक्षित बनाएं

वर्तमान में एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं उनसे नाम दीक्षा लेकर सत भक्ति करें। कलयुग का यह समय बिना तत्वदर्शी संत की शरण के, बिना पानी के कुएं की भाँति है। इस समय तत्वदर्शी संत की शरण में रहकर मर्यादा में भक्ति करने वाले ही सुरक्षित रहेंगे और मोक्ष प्राप्त कर सकेंगे। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।

National Girl Child Day 2023 Quotes [Hindi]: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कबीर जी के दोहे

राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी के कुछ दोहे अवश्य पढ़ें, जो बहन और बेटियों के प्रति दुर्बल और मलिन सोच रखने वालों के मस्तिष्क में निश्चित रूप से सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं-

कबीर, परनारी को देखिये, बहन-बेटी के भाव।

कहे कबीर काम नाश का, यही सहज उपाय।।

नारी निन्दा ना करो, नारी रतन की खान।

नारी से नर परमात्मा ध्रुव प्रहलाद समान।।

नारी नरक ना जानिये, सब सौतन की खान।

जामे हरिजन उपजै, सोयी रतन की खान।।

कुष्टी हो संत बंदगी कीजिए।

जे हो वैश्या को प्रभु विश्वास, चरण चित दीजिए।।

पतिबरता मैली भली, काली कुचिल कुरुप।

पतिबरता के रुप पर बारौं कोटि स्वरुप।।

FAQ: राष्ट्रीय बालिका दिवस से जुड़ी प्रश्नोत्तरी

राष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है?

राष्ट्रीय बालिका दिवस भारत में हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है।

राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत किसने की?

राष्ट्रीय बालिका दिवस भारत में हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 2008 में की थी।

राष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है?

बाल विवाह, घरेलू हिंसा तथा अन्य महिला अत्याचार, महिलाओं के संरक्षण, महिलाओं के अधिकारों इत्यादि विषयों पर जागरूकता के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।

“पढ़ी-लिखी लड़की रोशनी घर की” का क्या अर्थ है?

इसका अर्थ है, एक शिक्षित लड़की पूरे परिवार को शिक्षित करती है और शिक्षा से बड़ी कोई रोशनी नहीं है।

एक शिक्षित और समझदार लड़की से एक घर को क्या फायदा मिलता है?

बच्चे माता से ज्यादा प्रभावित होते हैं अर्थात शिक्षित लड़की अपने बच्चों का भविष्य निर्धारित करती है।

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1 COMMENT

  1. जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आने से और अध्यात्मिक ज्ञान ग्रहण करने से ही समाज सुधारना हो सकती है और हर बेटी को न्याय मिल सकता है।

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