HomeHindi Newsहज़रत अली के जन्मदिन पर जानिए उनके गुरु अल खिज्र के बारे...

हज़रत अली के जन्मदिन पर जानिए उनके गुरु अल खिज्र के बारे में विस्तार से

Date:

मोहम्मद हज़रत अली (Muhammad Hazrat Ali) के जन्मदिन पर जानिए अल खिज्र (कबीर अल्लाह) के बारे में, जिनसे अली काबा के पास मिले और एक दुआ (मंत्र) दी और कहा इस दुआ को करना, ये दुआ अदभुद है इसे करने से पल भर में सारे पापों का नाश हो जाएगा। “अल्लाह के शेर” के नाम से प्रसिद्ध हज़रत मोहम्मद अली जी को मुस्लिम धर्म में बहुत ही आदर दिया जाता है। हज़रत अली का जन्मदिन 25 फरवरी 2021 गुरुवार के दिन मनाया जायेगा। आइए जानते हैं कि हज़रत अली, अल खिज्र यानी अल्लाह से कैसे मिले।

मोहम्मद हज़रत अली (Muhammad Hazrat Ali) जी का जीवन परिचय

मोहम्मद हज़रत अली (Muhammad Hazrat Ali) का जन्म इस्लामी कैलेंडर के रजब माह की 13 तारीख को 21 हिजरी पूर्व 601 ई में मक्का (काबा,हिजाज, अरब महाद्वीप) में हुआ था। ये पैगम्बर मुहम्मद के चचेरे भाई और दामाद थे। इनके पिता का नाम अबु तालिब और माता का नाम फातिमा बिंत असद था। इनका असली नाम अली इब्ने अबी तालिब था। हज़रत अली शिया मुस्लिम समुदाय के पहले इमाम थे। वहीं हज़रत मोहम्मद पैगंबर के बाद सुन्नी मुसलमानों के चौथे खलीफा भी थे। अली को सुन्नियों ने चौथा खलीफा माना, जबकि शिया ने अपना पहला इमाम (लीडर) और इस तरह शियाओं के 12 इमाम हुए। पहले अली, दूसरे अली के बेटे हसन, तीसरे हुसैन। चौथे इमाम, हुसैन के बेटे ज़ैनुल आबेदीन बने और इनके बाद बेटे के बेटे इमाम बनते गए।

जब अली नौ वर्ष के थे, मुहम्मद ने खुद को इस्लाम के पैगंबर के रूप में घोषित किया, और अली इस्लाम को स्वीकार करने वाले पहले बच्चे बन गए खादीजा के बाद इस्लाम को स्वीकार करने के बाद वह दूसरे व्यक्ति थे। हजरत अली उस वक्त इस्लाम की मदद के लिए आगे आए जब इस्लाम का कोई भी हमदर्द नहीं था। उन्होंने इस्लाम धर्म को आम लोगों तक पहुंचाया। उनकी इसी भाव को देखते हुए हज़रत मुहम्मद साहब ने उन्हें खलीफा मुकर्रर किया। उन्होंने शांति और अमन का पैग़ाम दिया और कहा कि इस्लाम इंसानियत का धर्म है और वह अहिंसा के पक्ष में है। 

Muhammad Hazrat Ali के जन्मदिन पर जानिए कौन है अल खिज्र?

बाखबर सतगुरु रामपाल जी महाराज जी प्रमाणित करके बताते हैं :-

कबीर परमेश्वर जी ने ही समशतरबेज़ का रूप बनाया था। संत गरीबदास जी ने अपनी वाणी में बताया है कि कबीर परमेश्वर जी ने समशतरबेज़ का वेश बनाकर सिमली तथा उसके भाई मंसूर को यथार्थ अध्यात्म ज्ञान समझाया था। उन्होंने ही अल-खिज्र की लीला भी की थी।

अल खिज्र ने कुरान का ज्ञान हज़रत मुहम्मद को दिया था

पवित्र ग्रंथ बाईबल तथा पवित्र पुस्तक कुरान शरीफ़/मजीद का ज्ञान देने वाला एक ही अल्लाह है। कुरान शरीफ़ में उस अल्लाह ने कहा है कि मैंने ही दाऊद, मूसा तथा ईशा को क्रमशः तौरात, जबूर तथा इंजिल पुस्तकों का ज्ञान दिया था। कुरान का ज्ञान हज़रत मुहम्मद को दिया गया था। मूसा के अल्लाह का ज्ञान अधूरा है जो अल-खिद्र (खिज्र) के ज्ञान के सामने कुछ भी नहीं है। उसी अल्लाह का दिया ज्ञान बाईबल तथा कुरान में है।

अल्लाह कबीर ही अल-खिज्र हैं

“अल-खिज्र” को आज अलग अलग सभ्यताओं में विभिन्न नामों से जाना व पूजा जाता है। अल-खिद्र का 55 हदीसों में ज़िक्र मिलता है।

  • अरबी में अल-किद्र, अल कद्र, अल काद्र, अल केद्र
  • पवित्र कुरान में खबीरा, कबीरन , खबीरन; पवित्र फ़जले अमल में कबीर
  • यहूदियों की यदिस भाषा में हुद्र, फारसी में किसिर और तुर्क में हिज़िर
  • दक्षिण भारत और श्रीलंका में कतर,खादर, खादिर, खिजर, खिद्र, अल खिद्र
  • हिन्दी में कबीर, कबीरा, पवित्र वेदों और संस्कृत में कविर्देव, कविरदेव
  • पवित्र ऑर्थडाक्स जूइश बाइबल में कबीर
  • पवित्र गुरुग्रंथसाहिब में कबीर
  • मध्य पूर्व और ग्रीस में एल्लियाह , इलियास
  • दक्षिण पूर्वी यूरोप के बाल्कन पेनिनसुला क्षेत्र के राज्यों में ग्रीन जॉर्ज

संत गरीबदास जी ने कहा है कि :-

गरीब अनंत कोटि अवतार हैं, नौ चितवैं बुद्धि नाश।
खालिक खेलै खलक में, छः ऋतु बारह मास।।

अर्थात् जिनको तत्वज्ञान नहीं है, वे केवल नौ अवतार मानते हैं और उसी कारण से उनको विष्णु के अवतार मानते हैं। परंतु सब लीला कबीर सत्यपुरूष ही करता है।

अल खिज्र कभी न मरने वाला है

हज़रत मुहम्मद जी को अपने जीवन काल में जवानी और बुढ़ापे में अल-खिज्र (कबीर प्रभु) से दो बार मिले थे। लेकिन अल-खिज्र की उम्र बिल्कुल नहीं बदली थी। इससे यह प्रमाणित होता है कि अल-खिज्र अविनाशी हैं।

यह भी पढ़ें: Al Khidr in Hindi: क्या अलखिज्र (अल-खिद्र) आज भी जीवित हैं? 

मुसलमानों का मानना है कि अल-खिज्र अमर हैं और आज भी धरती पर मौजूद हैं और अल्लाह की राह पर जो उलझन में हैं उनका मार्ग दर्शन करते हैं। वास्तव में वे कबीर परमात्मा ही हैं जिन्होंने इसी तरह से नानक जी, दादू जी, गरीब दास व अन्य का मार्गदर्शन किया था।

अल-खिज्र (कबीर परमात्मा) कभी बूढ़े नहीं होते उनकी उम्र हमेशा एक जैसी रहती है

कबीर परमात्मा ही अनेक रूप बना कर आते हैं और लोगों की भक्ति में आस्था बनाये रखते हैं। उन्होंने ही अल-खिज्र की लीला भी की। आपत्ति के समय राम, कृष्ण की सहायता कबीर परमेश्वर जी ने गुप्त रूप से की थी। उनके साथ भी अवतार रूप में (मुनिन्द्र व करूणामय के रूप में) उपस्थित थे। वह दिन में सौ-सौ बार ऊपर अपने सतलोक में जाते हैं और सौ-सौ बार पुनः उतरकर आते हैं। वही ज़िंदा पीर रूप में मुस्लिम देशों में अपने सत्य ज्ञान का प्रचार किया करते थे। अल-खिज्र को ज़िंदा पीर भी कहा जाता है। मुस्लिम देशों में अल-खिज्र (कबीर प्रभु) की अनेकों यादगारें मौजूद हैं। कुछ इस्लामिक पुस्तकों में खिज्र व खजीर भी अल-खिद्र का नाम लिखा है।

अल खिद्र (अविनाशी कबीर परमात्मा) के रुई जैसे हाथ होते हैं

मुस्लिम विद्वानों का मानना है कि अल-खिज्र को कई लोगों के बीच में उसके नरम हाथों से पहचाना जा सकता है।

परमेश्वर/अल्लाह/अल-खिद्र कबीर जी की वाणी है:-

हाड चाम लहू ना मोरे, जाने सतनाम उपासी ।
तारन तरन अभय पद (मोक्ष) दाता, मैं हूं कबीर अविनाशी ।।

बता दें कि तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के हाथ भी अल खिद्र जैसे ही हैं। उनके रुई जैसे मुलायम हाथ हैं । कुरान ज्ञान दाता भी अल-खिज्र (कबीर अल्लाह) की शरण में जाने को कहता है।

अल-खिज्र का सच्चा मंत्र कर्म का दंड भी मिटा सकता है

“अली” को भी अल-खिज्र मिले। उसको नाम दिया और कहा कि यह नाम (मंत्र) असंख्य पापों को भी समाप्त कर देगा, वही मंत्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज प्रदान कर रहे हैं।

अली अल्लाह का शेर है

अली ने बदर युद्ध में जीतने के लिए अल-खिज्र से आशीर्वाद मांगा तो उन्होंने उसको एक शब्द बताया। उसका जाप करके अली ने युद्ध जीता जो मुहम्मद और विरोधियों के बीच में हुआ था। संत गरीबदास जी ने अपनी अमृतवाणी में कहा है कि ‘‘अली अल्लाह का शेर है। तलवार को ऊपर करे तो आसमान को छू जाए। यह सब कमाल परमात्मा के आशीर्वाद व बताए मंत्र की शक्ति का था। आज वही शक्तिशाली मंत्र बाख़बर पूर्ण संत रामपाल जी महाराज बता रहे हैं जिससे जन्म मरण का रोग समाप्त होता है और यहां का सुख भी प्राप्त होता है।

अल खिज्र से संबंधित कहानी व चमत्कारों में से एक चमत्कार

अल-खिद्र (कबीर जी) एक हैसूर लड़के को मार देते हैं, मूसा उसको गलत मानता है। घटिया कर्म बताता है। बाद में अल-खिज्र स्पष्ट करता है कि इस लड़के के माता-पिता परमात्मा के परम भक्त हैं। यह लड़का आगे चलकर उनकी भक्ति में बाधा करता। इसलिए इसे मारा है। अब अल्लाह उनको नेक पुत्र देगा को उनकी भक्ति में बाधक नहीं होगा।

ऐसे ही एक दीवार के नीचे खजाना होना बताया गया है। भक्त/भक्तमति अचानक मर गए थे। परमात्मा ने उनके (यतीम) अनाथ बच्चों के लिए खज़ाना सुरक्षित किया। बडे़ होने पर वे उसको प्राप्त करके सुखी जीवन जीयेंगे। वह खजाना भी उनको परमात्मा कबीर जी बताता है। जैसे तैमूरलंग को बताया। सम्मन, सेऊ को बताया था उपरोक्त बातें कहने का सिर्फ एक ही तात्पर्य है कि बाखबर संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तकें पढ़ें अपनी धार्मिक पुस्तकों से मिलान करें और उनसे नाम दीक्षा लेकर अविनाशी जन्नत जाएं अपना मोक्ष कराएं। कब्र में कब तक लेटे रह कर कयामत का इंतजार करोगे। मनुष्य जीवन रहते अल्लाह का दीदार कर‌ लो। अल्लाह धरती पर आ चुका है।

SA NEWS
SA NEWShttps://news.jagatgururampalji.org
SA News Channel is one of the most popular News channels on social media that provides Factual News updates. Tagline: Truth that you want to know

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

International Daughters Day 2023: How Can We Attain Gender Neutral Society?

On September 26, 2021, every year, International Daughters Day is observed. Every year on the last Sunday of September, a special day for daughters is seen. This is a unique day that commemorates the birth of a girl and is observed around the world to eradicate the stigma associated with having a girl child by honoring daughters. Daughters have fewer privileges in this patriarchal society than sons. Daughters are an important element of any family, acting as a glue, a caring force that holds the family together. 

International Day of Sign Languages: Worship of Supreme God Kabir Is the Sign to Be Followed by the Entire Mankind

International Day of Sign Languages is observed annually so as to raise awareness about the hardships a physically challenged individual has to go through. Thus making everyone aware about the need for the education about sign languages to the needy as early as possible into their lives. While Supreme God Kabir is the most capable; giving us anything through His method of worship whether it is aiding a deaf, dumb or blind.

Disturbance in India Canada’s Relations Over Killing of Pro Khalistani Leader Hardeep Singh Nijjar

On Monday Canadian Prime Minister Justin Trudeau alleged a...

International Day of Peace 2023: Know About the Only Way to Have Everlasting Global Peace

The International Day of Peace is celebrated on 21 September in the world. Know about history, background, significance, aim, celebration, events, Activities and quotes on International Peace Day 2021