HomeBlogsआतंकी हमले व प्राकृतिक आपदाओं से बचने का उपाय

आतंकी हमले व प्राकृतिक आपदाओं से बचने का उपाय

Date:

विचार करें:- हम भगवान की खोज में युगों युगों से भटक रहे हैं। हम भगवान को इसलिए पूजते हैं ताकि भगवान हमें सुखी रखे, हमें कभी दुख न दे, हमें कोई कष्ट न हो, कोई रोग न सताए, हम जन साधारण जैसी मृत्यु न मरें, जब मरें तो चैन और सुख के साथ साधक जैसे शरीर त्यागें ― ये सारी आशाएँ हम भगवान से करते हैं। लेकिन स्थिति इसके विपरीत ही दिखाई देती है। जिन भगवानों की हम भक्ति कर रहे हैं, उनकी भक्ति करते करते भी हम दुखी हो रहे हैं। इसका कारण क्या है? क्या आपने इस बारे में कभी विचार किया?

कुछ दिल दहला देने वाली घटनाओं का उल्लेख

रविवार 21 अप्रैल 2019 को Easter Day, जो कि ईसाई धर्म के लोगो का त्यौहार माना जाता है, पर श्रीलंका की विभिन्न चर्च तथा होटलों में अचानक बम धमाके हो गए। करीब 310 लोगों के मरने की खबर आई है। जिस चर्च में लोग प्रार्थना कर रहे थे, उसी चर्च में ये बम धमाके हो गए। आखिर हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है? हम जिस ईश्वर से ये आशा लगाते हैं कि ईश्वर हमें सुखी कर सकता है, हमारी मृत्यु को भी टाल सकता है, आज वही ईश्वर हमारी जीवन रक्षा नहीं कर सका?

New Zealand की एक मस्जिद में 15 मार्च 2019 को एक खतरनाक आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें काफी लोगों के मरने की खबर आई थी। उस मस्जिद में बहुत से लोग अल्लाह की इबादत करने गए थे। सभी यही आस लगाए बैठे थे कि अल्लाह हमारी जीवन रक्षा करे, हमें सुखी रखे। लेकिन फिर भी अल्लाह हमारे भाई-बहनों की जान नहीं बचा सका। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?

सन 2013 में उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ धाम में लाखों श्रद्धालु श्री शिव जी के दर्शनार्थ गए हुए थे। ज्यादा वर्षा होने के कारण वहां ज़बरदस्त तरीके से बाढ़ आ गयी। जिसमें हजारों लोगों की जानें चली गयीं। आखिर क्यों शिव जी अपने भक्तों को नहीं बचा सके? आखिर क्यों श्री शिव जी ये प्राकृतिक आपदा टाल नहीं सके?

एक समय ऋषिकेश में नीलकंठ नामक एक प्रसिद्ध मंदिर में बहुत से श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आये हुए थे। वहां लक्ष्मण झूले (पुल) के पास बड़े-बड़े पहाड़ थे, उन पहाड़ों से ही श्रद्धालु नीलकंठ नाम के मंदिर में श्री शिव जी के दर्शनों के लिए आते जाते थे। उस समय वहां पर बहुत भीड़ थी। तभी पहाड़ पर से एक खोखला पत्थर टूट कर गिरने लगा। कुछ श्रद्धालुओं ने देखा कि पत्थर गिर रहा है, उन्होंने आवाज लगानी शुरू कर दी कि पत्थर टूट गया, भागो! भागो! जिससे भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में सैंकड़ों व्यक्ति मारे गए। पुल पर खड़े लोगों ने ये सुन लिया कि पुल टूट गया। पूल टूटने के डर से अपनी जीवनरक्षा के लिए लोगों ने नदी में छलांग लगा दी। कोई इधर भाग रहा था, कोई उधर भाग रहा था। इस भगदड़ और नदी में कूदने के चक्कर में सैंकड़ों लोग मृत्यु को प्राप्त हुए और जो पत्थर टूट कर गिर रहा था। और अनेकों श्रद्धालुओं को चपेट में ले रहा था। इस पूरी घटना में हजा़रों श्रद्धालु मौत के घाट उतर गए। वह श्रद्धालु लोग भगवान से ये आशा कर के गए थे कि हे भगवान! हमारी आयु बढ़े, हम जल्दी नहीं मरें, हम सुखी रहें, पर उनकी एक भी आशा पूरी नहीं हुई। ऐसा क्यों होता है?

सावन के महीने में शिव जी के दर्शनार्थ हिन्दू धर्म के लोग अमरनाथ जाते हैं। लेकिन दुख की बात है कि हर साल कुछ न कुछ लोग तो किसी आपत्ति के कारण मृत्यु को प्राप्त हो ही जाते हैं। श्री शिव जी आखिर क्यों अपने भक्तों की रक्षा नहीं करते?

दोस्तों और भी बहुत-सी ऐसी घटनाएं होती हैं। बहुत दुख होता है ऐसी घटनाओं के बारे में जानकर। बार-बार मन में ये प्रश्न उठता है कि जब हम भगवान के लिए ये सब साधनाएं करते हैं फिर भी इस प्रकार की समस्याएं क्यों आती हैं? इस प्रश्न का उत्तर देना बहुत कठिन है। लेकिन वास्तव में जो सत्य है, उसका वर्णन आपको इस ब्लॉग में पढ़ने को मिलेगा।

इन घटनाओं का कारण

सन्त रामपाल जी इन सभी घटनाओं पर बताते हैं कि ― “जिन भगवानों को आप इष्ट मान कर, उनकी पूजा कर रहे थे। वह तो स्वयं ही जन्म-मृत्यु में थे। वह तो स्वयं स्वीकार करते हैं कि हमारा जन्म और मृत्यु होती है। पवित्र श्रीमद्देवीभागवत महापुराण, गीताप्रेस गौरखपुर से प्रकाशित के तीसरे स्कंध पृष्ठ 123 पर श्री शिव जी स्वयं स्वीकार करते हैं कि हमारी तो जन्म और मृत्यु होती है। दोस्तों, आप स्वयं विचार करो कि जिन भगवानों की हम भक्ति कर रहे हैं, वह तो खुद जन्म-मरण के चक्कर में हैं। वह अपनी खुद की मृत्यु नहीं टाल सकते तो वह आपकी कैसे टाल सकते हैं?

इसी प्रकार पवित्र मुसलमान धर्म में भी सारा मुसलमान समाज कुरान शरीफ़ के ज्ञान दाता को अल्लाह ताला जानकर उसकी इबादत करते हैं, जबकि सुरत फुरकान 25, आयत 52 से 59 मे स्पष्ट है कि वास्तव में अल्लाह ताला तो कोई और है। पूरा मुसलमान समाज की सबसे बड़े अल्लाह की इबादत नहीं कर रहा, इसीलिए आये दिनों आतंकी हमलों में कई मुसलमान भाई, बहन मारे जाते हैं।

ठीक इसी प्रकार, सारे ईसाई धर्म के श्रद्धालु भ्रमित हैं। वे ईसा मसीह को पूजते हैं, पूर्ण परमात्मा को नहीं। इसी कारण से इतने लोगों को जान हानि उठानी पड़ती है।

वास्तव में भक्ति करने योग्य अल्लाह ताला/भगवान/परमेश्वर कौन?

Orthodox Jewish Bible में लिखा है कि ―

Iyov 36:5 : See, El is Kabir (mighty), and despiseth not any; He is Kabir in ko’ach lev (strength of understanding).

अर्थात वह समर्थ भगवान कबीर है और कोई नहीं।

पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब राग तिलंग महला पहला के पृष्ठ 721 पर लिखा है कि ―

यक़ अर्ज़ गुफ़्तम पेश तो दर कून करतार।
हक्का कबीर करीम तू बेऐब परवरदिगार।।
नानक बुगोयद जन तुरा, तेरे चाकरां पाख़ाक ।।

अर्थात – उपरोक्त अमृतवाणी में स्पष्ट कर दिया है कि हे (हक्का कबीर) आप सत कबीर (कुन करतार) शब्द शक्ति से सर्व सृष्टि की रचना करने वाले शब्द स्वरूपी प्रभु अर्थात सर्व सृष्टि के रचनहार हो, आप ही (बेऐब) निर्विकार (परवरदिगार) सर्व के पालन कर्ता दयालु प्रभु हो, मैं आपके दासों का भी दास हूं।

आदरणीय नानक साहेब जी ने भी स्पष्ट किया है कि सर्व सृष्टि के रचनहार, पूजा करने योग्य प्रभु कबीर साहेब हैं।

पवित्र कुरान शरीफ सूरत फुर्कानी 25 आयत 52 से 59 में कुरान शरीफ का ज्ञान दाता स्पष्ट करता है कि हे पैगम्बर ! तू काफिरों का कहा न मानना, कुरान की दलीलों से उनका सामना बड़े जो़र से करो। जो ये नहीं मानते कि कबीर ही अल्लाह है, वे काफिर हैं। उनकी बातों में मत आना। अल्लाह कबीर वही है जिन्होंने 6 दिन में सृष्टि रची और सातवें दिन तख्त पर जा विराजा। ये वही अल्लाह है, जिसने दो दरियाओं को मिला चलाया। एक का पानी प्यास बुझाने वाला मीठा और एक का पानी खारा, कड़वा बनाया। उस अल्लाह को प्राप्त करने की विधि तो कोई इल्म वाला अर्थात बाख़बर ही जानता है, उनसे पूछो।

उपरोक्त सभी आयतों से स्पष्ट हुआ कि ईबादत करने योग्य कबीर परमात्मा ही है, जो साकार है और सभी को सुखी करने वाला है।

पवित्र ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 80 मंत्र 2 में, मंडल 9 सूक्त 82 मंत्र 1, 2, 3 में , मंडल 9 सूक्त 86 मंत्र 26 और 27 में, मंडल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 में स्पष्ट लिखा है कि वो परमात्मा कविरदेव (कबीर साहेब) है, जो सर्व ब्रह्मांडों के रचयिता हैं, सारी सृष्टि के पालन-पोषणकर्ता हैं। वो परमात्मा सतलोक के तीसरे पृष्ठ पर विराजमान है। वो परमात्मा पापों का विनाशक है। वो दृढ़ भक्तों को आकर मिलता है। यदि रोगी मृत्यु को प्राप्त हो गया हो तो भी परमात्मा कबीर जी उसे धर्मराज के दरबार से छुड़ाकर 100 वर्षों की आयु प्रदान करते हैं।

उपरोक्त वेद मंत्रों से सिद्ध हो गया कि कबीर साहेब ही पूजा के योग्य परमात्मा हैं। यही वो परमात्मा है जिसने सारी सृष्टि की रचना की। कबीर परमात्मा ही वो भगवान हैं जो मरे हुए को जीवित कर सकता है।

दोस्तों, चारों धर्मों के पवित्र सद्ग्रन्थों से स्पष्ट हुआ कि पूजा करने योग्य परमेश्वर कबीर साहेब ही हैं। जो सर्व सृष्टि के पालनकर्ता हैं और उनकी भक्ति करने से साधक के पाप नाश हो जाते हैं। यदि व्यक्ति की मृत्यु भी हो गयी हो तो भी कबीर परमात्मा उसे जीवित कर सकता है।

समाधान

अब विचार करें कि हम इतनी देवी देवताओं की पूजा करते थे, अल्लाह की इबादत करते थे, जीसस को परमेश्वर मान कर पूजा करते थे। इन सबकी पूजा करने पर भी हमारे ही भाई, बहन, परिजनों की जानें क्यों चली गईं? और हम पर भी दुखों के पहाड़ क्यों टूट जाते हैं?

ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि जिन देवी-देवताओं की, जिस अल्लाह की, जिस ईश्वर की हम पूजा कर रहे हैं वह वास्तव में भगवान नहीं हैं जो हमें सर्व सुख दे सकता है। ये भगवान तो खुद भी दुख भोगते हैं, तो ये हमें सुखी कैसे कर सकते थे?

आपको उपरोक्त प्रमाणों से स्पष्ट किया है कि वास्तव में अल्लाह ताला, परमेश्वर, भगवान तो कबीर साहेब ही हैं, जिसकी ईबादत, पूजा, प्रार्थना की विधि कोई तत्वदर्शी सन्त ही बताएगा। वह तत्वदर्शी सन्त इस विश्व में केवल सन्त रामपाल जी महाराज ही हैं। जो सच्चे अल्लाह ताला, परमेश्वर की सच्ची भक्ति बता रहे हैं।

सन्त रामपाल जी महाराज ही वह परम सन्त हैं जो सर्व धर्मों के शास्त्रों से प्रमाण करके सर्व आध्यात्मिक ज्ञान बता रहे हैं।

सन्त रामपाल जी से उपदेश लेने के बाद उनके अनुयायियों के घर पर कभी कोई ऐसी दुर्घटना हो भी जाती है तो कोई जन हानि नहीं होती बल्कि अगर कोई मृत्यु के समीप पहुंच भी जाता है तो परमात्मा स्वरूप सन्त रामपाल जी परमेश्वर कबीर जी की आध्यात्मिक भक्ति की शक्ति से उस व्यक्ति को जीवित भी कर देते हैं।

दोस्तों, यदि आप भी इस तरीके की जनहानि से बचना चाहते हो तो सन्त रामपाल जी महाराज से उपदेश लो। इस विश्व में बचाव का अगर कहीं स्थान है तो वह सन्त रामपाल जी महाराज की शरण ही है।

अधिक जानकारी के लिए visit करें:- www.supremegod.org

SA NEWS
SA NEWShttps://news.jagatgururampalji.org
SA News Channel is one of the most popular News channels on social media that provides Factual News updates. Tagline: Truth that you want to know
spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

International Daughters Day 2023: How Can We Attain Gender Neutral Society?

On September 26, 2021, every year, International Daughters Day is observed. Every year on the last Sunday of September, a special day for daughters is seen. This is a unique day that commemorates the birth of a girl and is observed around the world to eradicate the stigma associated with having a girl child by honoring daughters. Daughters have fewer privileges in this patriarchal society than sons. Daughters are an important element of any family, acting as a glue, a caring force that holds the family together. 

International Day of Sign Languages: Worship of Supreme God Kabir Is the Sign to Be Followed by the Entire Mankind

International Day of Sign Languages is observed annually so as to raise awareness about the hardships a physically challenged individual has to go through. Thus making everyone aware about the need for the education about sign languages to the needy as early as possible into their lives. While Supreme God Kabir is the most capable; giving us anything through His method of worship whether it is aiding a deaf, dumb or blind.

Disturbance in India Canada’s Relations Over Killing of Pro Khalistani Leader Hardeep Singh Nijjar

On Monday Canadian Prime Minister Justin Trudeau alleged a...

International Day of Peace 2023: Know About the Only Way to Have Everlasting Global Peace

The International Day of Peace is celebrated on 21 September in the world. Know about history, background, significance, aim, celebration, events, Activities and quotes on International Peace Day 2021