December 22, 2024

Marie Tharp Google Doodle [Hindi]: समुद्र तल का पहला मानचित्र बनाने वाली भूगर्भ विज्ञानी मैरी थार्प को समर्पित गूगल डूडल

Published on

spot_img

Marie Tharp Google Doodle [Hindi]: 30 जुलाई 1920 को अमेरिका के यप्सिलंती में जन्मी मैरी थार्प एक भूविज्ञानी और समुद्र विज्ञान मानचित्रकार हैं। उन्हीं की वैज्ञानिक उपलब्धियों को बताने के लिए Google ने doodle बनाकर मैरी थार्प के जीवन को समर्पित किया है। उल्लेखनीय हैं कि मैरी थार्प ने महाद्वीपीय बहाव के सिद्धांतों को साबित करने में मदद की। उसने समुद्र तल का पहला विश्व मानचित्र सह-प्रकाशित किया। इस दिन 1998 में, पुस्तकालय कांग्रेस ने थारप को 20वीं शताब्दी के महानतम मानचित्रकारों के रूप में नामित किया। हालांकि मैरी थार्प को पूरे जीवन लैंगिक आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ा।   

Marie Tharp Google Doodle: मुख्य बिन्दु 

  • गूगल ने आज का डूडल भूगर्भ विज्ञानी मैरी थार्प  की याद में बनाया है
  • मैरी थार्प जियोलॉजिस्ट और समुद्र विज्ञान मानचित्रकार (Oceanographic Cartographer) भी हैं 
  • मैरी थार्प ने समुद्र तल का पहला वर्ल्ड मैप पब्लिश किया था
  • मैरी थार्प  30 जुलाई 1920 को अमेरिका के यप्सिलंती में जन्मी
  • न्यूयॉर्क के न्याक में 86 साल की उम्र में थार्प का कैंसर से हुआ निधन
  • महिला वैज्ञानिक के रूप में थार्प को अपने पूरे करियर में लैंगिक पक्षपात से जूझना पड़ा
  • संत रामपाल जी लिंग भेद और रुग्ण समाज को दे रहे हैं राहत 

गूगल द्वारा भूगर्भ विज्ञानी मैरी थार्प को डूडल क्यों किया समर्पित?  

गूगल ने आज का डूडल भूगर्भ विज्ञानी मैरी थार्प की याद में बनाया है। मैरी थार्प समुद्र की पहली महिला भूगर्भ वैज्ञानिक (Geologist) और समुद्र विज्ञान मानचित्रकार (Oceanographic Cartographer) भी थी। उन्होंने समुद्र तल के नक्शे बनाए और समुद्र तल का पहला वर्ल्ड मैप पब्लिश किया। 1998 में, यूएस लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस ने थार्प को 20वीं शताब्दी के महानतम मानचित्रकारों में से एक घोषित किया। मैरी थार्प ने महाद्वीपीय बहाव के सिद्धांतों को साबित करने में मदद की। उन्होंने समुद्र तल का पहला विश्व मानचित्र सह-प्रकाशित किया। 

गूगल द्वारा बनाए डूडल की क्या विशेषता है?  

गूगल ने एक डूडल एक अमेरिकी भूविज्ञानी और समुद्र विज्ञान मानचित्रकार मैरी थार्प के जीवन संघर्ष को समर्पित किया है। डूडल में थार्प के जीवन परिचय को इंटरैक्टिव ढंग से प्रस्तुत किया है। यह प्रस्तुतीकरण मैरी के पाठ चिन्हों पर चलने वाली तीन महिला भूवैज्ञानिकों केट लार्सन, बेकी नेसेल, और डॉ. टियारा मूर द्वारा किया गया है। वर्तमान में पुरुष-प्रभुत्व वाले समुद्र विज्ञान और भूविज्ञान के कार्यों को महिला होकर भी ये तीनो महिलाएं थार्प की विरासत आगे बढ़ा रही हैं।

मैरी थार्प का जीवन परिचय

30 जुलाई 1920 को अमेरिका के यप्सिलंती में जन्मे, मैरी थार्प के पिता, विलियम एडगर थार्प, संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग के लिए एक मृदा सर्वेक्षणकर्ता थे। थार्प ने शुरू में 1943 में ओहियो विश्वविद्यालय से अंग्रेजी और संगीत में स्नातक की डिग्री पूरी की। लेकिन जल्द ही उन्होंने भूविज्ञान की खोज प्रारम्भ की और अगले वर्ष मिशिगन विश्वविद्यालय से इस विषय में अपनी मास्टर डिग्री पूरी की। 1948 में, वह न्यूयॉर्क शहर चली गईं और लैमोंट जियोलॉजिकल ऑब्जर्वेटरी में काम करने वाली पहली महिला बनीं, जहां उनकी मुलाकात जियोलॉजिस्ट ब्रूस हेज़ेन से हुई। अनेकों वैज्ञानिक कीर्तिमान स्थापित करते हुए न्यूयॉर्क के न्याक में 86 साल की उम्र में थार्प का कैंसर से निधन हो गया। 

Marie Tharp Google Doodle: मैरी थार्प की वैज्ञानिक उपलब्धियां   

थार्प  और हेजेन ने 25 वर्षों तक एक साथ काम किया, जहां उन्होंने उत्तरी अटलांटिक महासागर तल के हजारों अनपेक्षित साउंडिंग रिकॉर्ड संसाधित किए। तापमान रीडिंग, लवणता माप और कोर का उपयोग करते हुए उन्होंने पहली बार मध्य-अटलांटिक रिज के केंद्र में एक दरार घाटी का पता लगाया। दोनों ने 1957 में अटलांटिक महासागर का अपना पहला नक्शा प्रकाशित किया, जिसमें पता चला कि समुद्र तल घाटियों, लकीरों और पहाड़ों से ढका हुआ है। 

■ Also Read: Google Doodle Winner 2022 [Hindi]: गूगल डूडल प्रतियोगिता 2022 के विजेता बने श्लोक

दो दशक बाद, 1977 में, नेशनल ज्योग्राफिक ने थार्प और हेज़ेन द्वारा बनाए गए समुद्र तल का पहला पूरा नक्शा प्रकाशित किया, जिसने प्लेट टेक्टोनिक्स के सिद्धांत और महाद्वीपीय बहाव की अवधारणा को साबित करने में मदद की।

Marie Tharp Google Doodle: मैरी थार्प को लैंगिक पक्षपात से जूझना पड़ा

20वीं शताब्दी में एक महिला वैज्ञानिक के रूप में, थार्प  को अपने पूरे करियर में पक्षपात से जूझना पड़ा। उनकी टिप्पणियों को “लड़की की बात” के रूप में खारिज कर दिया गया था। उन्हें 1968 तक सी फ्लोर डेटा एकत्र करने वाले जहाजों पर सवार होने की अनुमति नहीं थी। कई अन्य महिला वैज्ञानिकों की तरह, थार्प  के योगदान को भी बहुत देर हो जाने के बाद में पहचाना गया।

Marie Tharp Google Doodle [Hindi]: अनेकों पुरस्कारों से नवाजी गई मैरी थार्प 

1995 में, मैरी थार्प ने अपना पूरा नक्शा संग्रह लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस को दान कर दिया। भूगोल और मानचित्र प्रभाग की 100वीं वर्षगांठ पर उन्हें 1997 में कांग्रेस के पुस्तकालय द्वारा सम्मानित किया गया था। कोलंबिया क्लाइमेट स्कूल के वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र लामोंट-डोहर्टी अर्थ ऑब्जर्वेटरी में अब उनके नाम के तहत एक फैलोशिप प्रदान की जाती है। 

लिंग भेद और दुखी समाज को कैसे बदल रहे है सन्त रामपाल जी? 

मैरी थार्प को लिंग भेद का सामना करना पड़ा। सन्त रामपाल जी महाराज विश्व के पहले सन्त और समाज सुधारक हैं जिन्होंने बिना किसी कानून का डर दिखाए केवल भगवान के संविधान और तत्वज्ञान के बल पर लिंग भेद को दूर किया है। हालांकि स्त्रियों के भावनात्मक शोषण, जिंदा जलाए जाने, चोटिल करने, लैंगिक भेदभाव, भ्रूण हत्या आदि को दूर करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए लेकिन सब व्यर्थ साबित हुए। दहेज निषेध अधिनियम 1961, भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए, धारा 406, भारतीय दंड संहिता धारा 306 बी के तहत दहेज प्रथा पर अंकुश रखने का प्रयास किया जिनमें सजा का प्रावधान है लेकिन ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। संत रामपाल जी महाराज ने लोगों से दहेज, नशा जैसी बुराइयां छुटवा दी हैं।

मैरी थार्प को कैंसर के कष्टदायक रोग से पीड़ित होकर मरना पड़ा। यदि वे कबीर परमेश्वर के सतज्ञान और सतभक्ति को समझ जाती तो पाप कर्म कटवाकर सुखी जीवन यापन करके बिना कष्ट मृत्यु को प्राप्त होती। वर्तमान में संत रामपाल जी ऐसे प्रतिभाशाली महापुरुष हैं जो सतज्ञान प्रदान करते हैं। उनके विषय में इतिहास के कई भविष्यवक्ताओं ने भविष्यवाणी की हैं। सन्त रामपाल जी महाराज ने सभी धर्मों के धर्मशास्रों को खोलकर सही आध्यात्मिक ज्ञान समझाया है। ऐसा तत्वज्ञान जो बच्चे, बूढ़े, युवा सभी को आसानी से समझ आता है। इस ज्ञान से लोगों का अवसाद, नास्तिकता दूर हो रहे है। ऐसे अनमोल ज्ञान को पढ़ने के लिए ऑर्डर करें निःशुल्क पुस्तक ज्ञान गंगा। अधिक जानकारी के लिए सुने सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।

Latest articles

इस Christmas Day 2024 जानिए कौन है ईसा मसीह जी और कौन है सृष्टि रचियता?

क्रिसमस (Christmas Day in Hindi) पूरे विश्व के ईसाई धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाता हैं। जानिए सर्वशक्तिमान प्रभु के बारे में

Christmas 2024: Know How To Truly Celebrate Christmas

Christmas Day is celebrated on 25 December every year on the birthday of Jesus Christ. Know the story, facts, and quotes for Merry Christmas.

National Mathematics Day 2024 [Hindi]: जानिए भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को जिनके सम्मान में भारतीय गणित दिवस मनाया जाता है

गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन के जन्मदिन 22 दिसंबर पर भारतीय गणित दिवस या राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) मनाया जाता है

Good Governance Day 2024: Know About the Real Good Governance Model

Last Updated on 18 December 2024 IST: Good Governance Day (Birth Anniversary of India's...
spot_img

More like this

इस Christmas Day 2024 जानिए कौन है ईसा मसीह जी और कौन है सृष्टि रचियता?

क्रिसमस (Christmas Day in Hindi) पूरे विश्व के ईसाई धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाता हैं। जानिए सर्वशक्तिमान प्रभु के बारे में

Christmas 2024: Know How To Truly Celebrate Christmas

Christmas Day is celebrated on 25 December every year on the birthday of Jesus Christ. Know the story, facts, and quotes for Merry Christmas.

National Mathematics Day 2024 [Hindi]: जानिए भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को जिनके सम्मान में भारतीय गणित दिवस मनाया जाता है

गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन के जन्मदिन 22 दिसंबर पर भारतीय गणित दिवस या राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) मनाया जाता है