July 7, 2025

Google Doodle Winner 2022 [Hindi]: गूगल डूडल प्रतियोगिता 2022 के विजेता बने श्लोक

Published on

spot_img

Google Doodle Winner 2022 [Hindi]: इस वर्ष गूगल डूडल प्रतियोगिता 2022 के परिणाम सामने आ गए हैं, जिसमें कोलकाता के रहने वाले श्लोक मुखर्जी विजेता घोषित किए गए हैं। 14 नवंबर 2022 को पूरे 24 घण्टों के लिए गूगल पर श्लोक द्वारा बनाया गया डूडल प्रदर्शित किया जाता रहा। आइए जानें विस्तार से।

Google Doodle Winner 2022 [Hindi]:मुख्य बिंदु 

  • गूगल डूडल प्रतियोगिता 2022 के विजेता घोषित
  • कोलकाता के रहने वाले श्लोक मुखर्जी बने भारत से विनर
  • अपने डूडल के माध्यम से वैज्ञानिक मानवता का दिया संदेश
  • बच्चों की रचनात्मकता रखें सहेजकर

गूगल ने की थी आयोजित डूडल प्रतियोगिता

गूगल ने भारत में डूडल प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इस प्रतियोगिता की थीम थी “इन द नेक्स्ट 25 इयर्स, माय इंडिया विल…” ( In the next 25 years, my India will…)  जिसमें भारत में अगले 25 वर्षों में जो भी होना है या किया जाना है उसे डूडल के माध्यम से दर्शाया जाना था। इस प्रतियोगिता में अनेकों बच्चों ने भाग लिया था। 5 बच्चों ने आश्चर्य चकित कर देने वाले डूडल बनाये जिसमे कोलकाता के निवासी श्लोक मुखर्जी इंडिया विनर बने। प्रतिवर्ष गूगल यह प्रतियोगिता आयोजित करता है जिसकी अलग थीम होती है। विजेता बच्चे को कॉलेज में पढ़ने के लिए 30 हजार डॉलर, गूगल क्रोम बुक एवं टैबलेट प्रदान किया जाता है।

Google Doodle Winner 2022 [Hindi]: 24 घण्टे तक गूगल पर रहा श्लोक का डूडल

इंडिया ऑन द सेंटर स्टेज श्लोक के डूडल टाइटल का टाइटल रहा है। श्लोक के अनुसार अगके 25 वर्षों में भारत में ईको फ्रेंडली रोबोट बनाने वाले वैज्ञानिक होंगे। भारत योग एवं आयुर्वेद के क्षेत्र में तरक्की करेगा तथा आने वाले वर्षों में मज़बूत बनेगा। कुल मिलाकर इस डूडल में योग एवं आयुर्वेद के साथ वैज्ञानिक महत्व को दर्शाया गया है तथा मानवता के लिए मिलकर काम करते हुए दिखाया गया है। कोलकाता के श्लोक दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र हैं। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य रचनात्मकता को बढ़ावा देना था। इस प्रतियोगिता में लगभग 100 से भी अधिक शहरों के कक्षा पहली से दसवीं के बीच के लगभग एक लाख पंद्रह हजार से भी अधिक बच्चों ने भाग लिया था।

निर्णायक मंडल में शामिल रहे ये दिग्गज 

गूगल डूडल के लिए विजेता चुने जाने वाले निर्णायक मंडल में भारत की वरिष्ठ अभिनेत्री एवं फ़िल्म निर्माता नीना गुप्ता, टिंकल कॉमिक्स के प्रधान संपादक कुरियाकोस वैसियन, यूट्यूब के निर्माता स्लेपॉइंट, कलाकर एवं बिजनेस जगत की अलीका भट्ट एवं गूगल डूडल की टीम सम्मिलित रही। इन्हें डूडल की नवीनता, रचनात्मकता एवं विशिष्टता के आधार पर 20 फाइनलिस्ट का चयन करना था। इन 20 फाइनलिस्ट को देशभर में अलग अलग वोटिंग मिलीं जिनके आधार पर श्लोक मुखर्जी राष्ट्रीय विजेता बने। विजेता बच्चे का बनाया डूडल प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी अपने होमपेज पर लगाया है। 

Google Doodle Winner 2022 [Hindi]: गूगल ने जताई खुशी

गूगल ने अपने ट्विटर हैंडल से प्रसन्नता जताते हुए बच्चों की कल्पनाशक्ति, विशिष्टता एवं विभिन्न विषयों पर बनाए गए डूडल की प्रशंसा की एवं प्रसन्नता जताई। बच्चों की रचनात्मकता से गूगल का निर्णायक मंडल दंग रह गया। वैश्विक स्तर पर फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका की सोफी अराग-लियू हैं। सोफी का ‘नॉट अलोन’ शीर्षक पर बनाया गया डूडल निश्चित ही रचनात्मक, कलात्मक एवं विशिष्ट है।

बच्चों की रचनात्मकता रखें सहेजकर

बच्चे का दिमाग कोरे कागज की तरह होता है। उस पर किसी भी तरह की विचारधारा या विशिष्ट बात का प्रभाव जल्दी और हमेशा के लिए पड़ता है। वर्तमान में बच्चों के दिमाग पर केवल पढ़ाई, प्रतियोगिताओं में अच्छे प्रदर्शन और आगे चलकर अच्छे पैकेज की स्याही ही दिखाई पड़ती है। हमें चाहिए कि उन पर भक्ति के रंग भी पड़ने दें। बच्चों को 3 वर्ष की आयु से ही परमात्म तत्व से जोड़ देना चाहिए। 

Also Read: Anna Mani Google Doodle [Hindi]: मौसम महिला के नाम से मशहूर ‘अन्ना मणि’ के 104वें जन्मदिन पर गूगल ने खास डूडल बनाकर किया याद

अध्यात्म से जुड़ने की कोई विशेष आयु नहीं होती और यह भी मिथ्या है कि वृद्धावस्था में ही उससे जुड़ा जाता है। ऐसा करने से उन्हें इस लोक के सभी आवश्यक तत्व तो प्राप्त होंगे ही बल्कि वे मानसिक रूप से मजबूत युवा बनेंगे। बच्चों को अध्यात्म से जोड़ने से उनमें विशेष तर्कशक्ति बढ़ती है और वे आगे चलकर अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष की प्राप्ति सरलता से करते हैं।

भारत बनेगा विश्वगुरु 

भारत एक विशिष्ट देश है इसमें कोई शक नहीं। भारत आयुर्वेद, योग, अध्यात्म, गणित, ज्योतिष, भौतिकी सभी विषयों में अग्रणी रहा है और विश्व की जिज्ञासाओं का पोषण किया है। वर्तमान में भारत विश्वगुरु बनने की राह पर है। शीघ्र ही वह समय आने वाला है जब भारत विश्वगुरु के पद पर प्रतिष्ठित होगा। संत रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में इसका आरम्भ भी हो चुका है। तत्वज्ञान देश के कोने कोने में फैल चुका है। लाखों की संख्या में लोग उनसे जुड़ रहे हैं एवं उनकी पुस्तकों, टीवी पर चल रहे सत्संग एवं उनके एप्प के ज़रिए ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। 

देर न करते हुए संत रामपाल जी द्वारा बताए गए तत्वज्ञान को समझें एवं अपना और अपने परिवार का कल्याण करवाएं। अधिक जानकारी के लिए डाउनलोड करें संत रामपाल जी महाराज एप्प और अपनी भाषा मे डाउनलोड करें पुस्तकें, पढ़ें ब्लॉग्स, देखें सत्संग और डिबेट्स।

Latest articles

Guru Purnima 2025: Know about the Guru Who is no Less Than the God

Last Updated on 6 July 2025 IST| Guru Purnima (Poornima) is the day to...

Guru Purnima 2025 [Hindi]: गुरु पूर्णिमा पर जानिए क्या आपका गुरू सच्चा है? पूर्ण गुरु को कैसे करें प्रसन्न?

Guru Purnima in Hindi: प्रति वर्ष आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई, शुक्रवार को आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन भारत में मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हम गुरु के जीवन में महत्व को जानेंगे साथ ही जानेंगे सच्चे गुरु के बारे में जिनकी शरण में जाने से हमारा पूर्ण मोक्ष संभव है।  

The History of the Spanish Inquisition: When Faith Was Used to Control

The Spanish Inquisition was not a random burst of religious zeal, it was an...

Understanding Video Game Addiction: An Emerging Concern

Video Game Addiction: Each individual enjoys indulging in their favourite activities, but the question...
spot_img

More like this

Guru Purnima 2025: Know about the Guru Who is no Less Than the God

Last Updated on 6 July 2025 IST| Guru Purnima (Poornima) is the day to...

Guru Purnima 2025 [Hindi]: गुरु पूर्णिमा पर जानिए क्या आपका गुरू सच्चा है? पूर्ण गुरु को कैसे करें प्रसन्न?

Guru Purnima in Hindi: प्रति वर्ष आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई, शुक्रवार को आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन भारत में मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हम गुरु के जीवन में महत्व को जानेंगे साथ ही जानेंगे सच्चे गुरु के बारे में जिनकी शरण में जाने से हमारा पूर्ण मोक्ष संभव है।  

The History of the Spanish Inquisition: When Faith Was Used to Control

The Spanish Inquisition was not a random burst of religious zeal, it was an...