October 9, 2025

महाशिवरात्रि 2025 [Hindi]: क्या Mahashivratri पर व्रत करने से मुक्ति संभव है?

Published on

spot_img

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Mahashivratri Puja Vrat in Hindi (महाशिवरात्रि 2025 पूजा): महाशिवरात्रि, एक हिन्दू पर्व है। यह भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। लेकिन इसकी पवित्रता के अलावा, आइए हम पवित्र शास्त्र के माध्यम से इसके अनुष्ठानों की प्रामाणिकता को जानते हैं।

प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष महाशिवरात्रि हिंदी पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को है जो अंग्रेजी दिनदर्शिका (कैलेंडर) के अनुसार इस साल 26 फरवरी को मनाई जा रही है।

महाशिवरात्रि पूजा कब है?

इस वर्ष महाशिवरात्रि पूजा (Mahashivratri Puja in Hindi) 26 फरवरी को है। भोले भक्त शिवजी को प्रसन्न करने के लिए पूजा में बेलपत्र, धतूरा या भांग चढ़ाते हैं। विधवेश्वर संहिता 5:27-30 के अनुसार ब्रह्मा और विष्णु के अभिमान को दूर करने के लिए निर्गुण शिव ने तेजोमय स्तंभ से अपने लिंग आकार का स्वरूप दिखाया। इसी शिवलिंग की पूजा अज्ञानतावश शिव विवाह पर्व पर शिवरात्रि के रूप में की जाने लगी। इस तरह की पूजा का वर्णन वेदों, श्रीमद भगवद्गीता इत्यादि में कहीं नहीं है।

महाशिवरात्रि क्यों मनाते है?

Mahashivratri Puja in Hindi: अधिकांश समाधिस्थ रहने वाले देव, कामदेव को भस्म करने वाले एवं पार्वती को अमरमन्त्र सुनाने वाले तमोगुण प्रधान शिव जी शिवरात्रि के अवसर पर अनन्य रूप से पूजे जाते हैं। भक्तों द्वारा व्रत रखा जाता है और रात भर जागकर शिवजी की पूजा अर्चना की जाती है। महाशिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिवजी का विवाह हुआ था। इस दिन लड़कियाँ शिव जैसा पति पाने की आकांक्षा के साथ व्रत रखती हैं। किंतु वास्तविकता यह है कि वेदों का सार कही जाने वाली श्रीमद्भगवत गीता में व्रतादि के लिए मना किया गया है। शिवलिंग पूजा, मूर्ति पूजा करना गलत शास्त्रविरूद्ध साधना है।

Mahashivratri Puja Vrat in Hindi: क्या शिव लिंग पूजा और व्रत रखना सही है?

कबीर साहेब कहते हैं-

धरै शिव लिंगा बहु विधि रंगा, गाल बजावैं गहले |

जे लिंग पूजें शिव साहिब मिले, तो पूजो क्यों ना खैले ||

Mahashivratri Puja 2025 in Hindi: अर्थात शिवलिंग पूजन से अच्छा तो बैल के लिंग की पूजा करना है जिससे गाय को गर्भ ठहरता है और फिर अमृत दूध उत्पन्न होता है जिससे दही, घी का निर्माण होता है। गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में प्रमाण है कि योग यानि भक्ति न बहुत अधिक खाने वाले की और न बिल्कुल न खाने वाले की, न अधिक सोने वाले की और न बिल्कुल न सोने वाले की सफल होती है। भक्ति केवल यथायोग्य सोने, उठने व जागने वाले की सफल है। गीता में व्रत आदि साधनाएं मना हैं, साथ ही मूर्तिपूजा भी कहीं वर्णित नहीं है। गीता अध्याय 16 के श्लोक 23 में बताया है कि शास्त्रों में वर्णित विधि से हटकर जो मनमानी साधना करता है वह न सुख, न गति और न मोक्ष को प्राप्त होता है। इसलिए शिवलिंग पूजा और व्रत रखने से कोई लाभ नहीं है।

शास्त्रानुकूल भक्ति मोक्षदायक है इसके विपरीत मूर्तिपूजा, लिंगपूजा, तीर्थ, व्रत आदि शास्त्रविरुद्ध साधनाएं हैं

Mahashivratri Puja Vrat in Hindi: भगवान शिव की सही भक्ति विधि क्या है?

पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 7 के श्लोक 12 से 15 में गीता ज्ञान दाता बता रहा है कि जो साधक तीन गुण (रजोगुण ब्रह्मा जी, सत्वगुण विष्णु जी, तमगुण शिवजी) की भक्ति करते है वे राक्षस स्वभाव को धारण करने वाले है और वे सर्व मनुष्यों में नीच प्राणी है। प्रमाण के लिए भस्मागिरी नामक एक शिव भक्त ने 12 वर्षों तक एक पैर पर खड़ा होकर घोर तप किया, अपने ईष्ट शिव जी की पत्नी पार्वती जी पर गलत नियत रखी। परमात्मा ने पार्वती जी का रूप लेकर उसे भस्म किया। उसने राक्षस की उपाधि प्राप्त की। भस्मागिरी से भस्मासुर कहलाया। इसी प्रकार रावण ने शिव जी की पूजा की और राक्षस कहलाया।

यह भी पढ़ें: महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) पर शिवभक्तों के लिए एक विशेष संदेश 

Mahashivratri Puja Vrat in Hindi: शिव जी अंतर्यामी नहीं है 

पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 7 के श्लोक 5 और 6 में बताया गया है कि जो साधक मनमाने घोर तप को तपते है वे शरीर के कमलों में बैठे देवताओं और उस अंतर्यामी परमात्मा को दुखी करने वाले मूढ़ व्यक्ति है। यदि भगवान शिव अंतर्यामी परमात्मा होते तो वे भस्मासुर के मन की वृत्ति को जान लेते कि यह असुर स्वभाव वाला व्यक्ति माता पार्वती से विवाह करने हेतु तप कर रहा है और उसे कभी वरदान नहीं देते।

पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 16 के श्लोक 23 और 24 में बताया है कि जो साधक शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करता है, अपनी इच्छा से भक्ति क्रियाओं को करता है उसकी साधना व्यर्थ है। भगवान शिव ने पवित्र अमरनाथ धाम में माता पार्वती जी को तारक मंत्र प्रदान किए थे, जिसे पाने के बाद उनकी आयु भगवान शिव के समान हो गई थी। माता पार्वती जी के 107 जन्म हो चुके थे, देवर्षि नारद जी के ज्ञानोपदेश के बाद उन्होंने भगवान शिव को अपने पति नहीं बल्कि एक गुरु के रूप में धारण किया तत्पश्चात् उन्हें उतना अमृत्व मिला जितना भगवान शिव दे सकते थे।

शिव जी से ऊपर सर्वश्रेष्ठ भगवान कौन है? 

भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा की उत्पत्ति माता दुर्गा व पिता सदाशिव यानी ब्रह्म-काल से हुई है, जिसका विवरण देवी महापुराण व शिव महापुराण में मिलता है। जो भगवान शिव से ऊपर की शक्ति हैं।

गीता अध्याय 15 श्लोक 16, 17 में 3 प्रभु के विषय मे बताया है-

  • क्षर पुरुष जिसे ब्रह्म काल भी कहते हैं, जो 21 ब्रह्मांडों का मालिक है।
  • अक्षर पुरुष जिसे अक्षर ब्रह्म, पर ब्रह्म भी कहते हैं, जो सात संख ब्रह्मांड का मालिक है।
  • उपरोक्त दोनों क्षर और अक्षर पुरुष नाशवान प्रभु बताए हैं।
  • तीसरा परम अक्षर ब्रह्म जो कुल का मालिक है, असंख्य ब्रह्मांड का मालिक है, सारी सृष्टि का रचनहार है, वो अविनाशी भगवान है। 

इससे सिद्ध होता है कि भगवान शिव पूर्ण परमात्मा नहीं हैं, उनसे ऊपर ब्रह्म, परब्रह्म और परम अक्षर ब्रह्म है। परम अक्षर ब्रह्म ही सुप्रीम गॉड हैं और उनका नाम कबीर साहेब जी है।

पूर्ण परमात्मा को कैसे प्राप्त करें

पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर साहेब) वेदों में बताए अपने विधान अनुसार अपनी प्यारी आत्माओं को आकर मिलते है उन्हें तत्वज्ञान का उपदेश कर तारक (मोक्ष) मंत्र बताते है। कबीर परमेश्वर कहते हैं:

हम बैरागी ब्रह्म पद, सन्यासी महादेव।

सोहं नाम दिया शंकर को, करे हमारी सेव।।

पूर्ण परमात्मा कविर्देव वेदों में बताए अपने विधान अनुसार अपनी प्यारी आत्माओं को आकर मिलते है उन्हे तत्वज्ञान का उपदेश कर तारक मंत्र बताते है। भगवान शिव के गुरु स्वयं कबीर परमेश्वर ही है, उन्होंने ही इन 5 (वर्तमान में 7) तारक मंत्रों का आविष्कार किया है। गीता अध्याय 17 के श्लोक 23 में बताए गए ॐ तत् सत् मंत्रो का आविष्कार भी उन्होंने ही किया है। वर्तमान समय में केवल जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही इन तारक मंत्रो के देने के अधिकारी है व भगवान शिव की सत्य साधना भी केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास ही है।

वास्तविक पूजा क्या है?

परमात्मा कबीर साहेब ने पाखंड पूजा तथा शास्त्रविरूद्ध साधना को त्यागकर पूर्ण सतगुरु से सतनाम-सारनाम लेकर सुमिरण करने को कहा है जिससे पूरा परिवार भवसागर से पार उतरकर सुखसागर को प्राप्त होता है। अतः शिवरात्रि जैसी शास्त्रविरुद्ध साधना से दूर रहकर सतभक्ति करना चाहिए। इसी तरह की सतभक्ति करके नामदेव जी, दादू जी, धर्मदास जी आदि मोक्ष के अधिकारी बने।

तज पाखंड सतनाम लौ लावै, सोई भवसागर से तरियाँ।

कह कबीर मिले गुरु पूरा, स्यों परिवार उधारियाँ।।

अधिक जानकारी लिए संत रामपाल जी महाराज एप्प को डाउनलोड कर उनकी पवित्र पुस्तकों को पढ़ें और उनके सत्संग श्रवण कर सतज्ञान ग्रहण करें

Mahashivratri Puja 2025 FAQ [Hindi]

प्रश्न – इस वर्ष महाशिवरात्रि कब मनाई जा रही है?

उत्तर- 26 फरवरी को

प्रश्न – महाशिवरात्रि व्रत करने से क्या लाभ है?

उत्तर- महाशिवरात्रि व्रत गीता विरुद्ध क्रिया है जिससे इसके करने से कोई लाभ संभव नहीं है।

प्रश्न – क्या भगवान शिव अजर अमर अविनाशी, मृत्युंजय हैं?

उत्तर- श्री शिव जी अजर अमर अविनाशी, मृत्युंजय नहीं हैं अन्यथा वे भस्मासुर से डरकर नहीं भागते।

प्रश्न – मुक्ति की प्राप्ति कैसे होती है?

उत्तर – पूर्णगुरु से सतनाम-सारनाम प्राप्त करके भक्ति करने पर मुक्ति प्राप्ति होती है।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

संत रामपाल जी महाराज ने पंघाल गांव में पहुंचाई लाखों की राहत सामग्री, तीन दिन में बदली बाढ़ग्रस्त क्षेत्र की तस्वीर

हरियाणा के हिसार जिले की तहसील बरवाला के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंघाल हाल...

हरियाणा की महम चौबीसी खाप पंचायत देगी संत रामपाल जी महाराज को ऐतिहासिक “मानवता रक्षक” सम्मान 

हरियाणा की प्राचीन और प्रभावशाली महम चौबीसी खाप पंचायत ने घोषणा की है कि...

International Day of Girl Child 2025: Girls’ Vision for the Future Empowered By Equality & Spiritual Enlightenment

The International Day of the Girl Child celebrated on October 11, is an attempt to raise awareness about the issues that girls face. This year's events range from seminars to the launch of a campaign to end child marriage. To commemorate the occasion, the United Nations stated that this year they will advocate for equal access to the Internet and digital devices for girls, as well as targeted investments to provide them with meaningful opportunities to use, access, and lead technology.

World Mental Health Day 2025: Know The Most Effective Way To Stay Mentally Fit

World Mental Health Day: World Mental Health Day is an opportunity for the world to come together and redress the historical neglect of mental health. Serious commitments to scale up investment in mental health right now amid COVID-19 will save the community from severe consequences. The readers would know that a line of communication with the Supreme God eradicates sorrows. Reunite with The Supreme Kabir Saheb by taking Naam Diksha (initiation) from His Enlightened Saint Rampal Ji Maharaj.
spot_img

More like this

संत रामपाल जी महाराज ने पंघाल गांव में पहुंचाई लाखों की राहत सामग्री, तीन दिन में बदली बाढ़ग्रस्त क्षेत्र की तस्वीर

हरियाणा के हिसार जिले की तहसील बरवाला के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंघाल हाल...

हरियाणा की महम चौबीसी खाप पंचायत देगी संत रामपाल जी महाराज को ऐतिहासिक “मानवता रक्षक” सम्मान 

हरियाणा की प्राचीन और प्रभावशाली महम चौबीसी खाप पंचायत ने घोषणा की है कि...

International Day of Girl Child 2025: Girls’ Vision for the Future Empowered By Equality & Spiritual Enlightenment

The International Day of the Girl Child celebrated on October 11, is an attempt to raise awareness about the issues that girls face. This year's events range from seminars to the launch of a campaign to end child marriage. To commemorate the occasion, the United Nations stated that this year they will advocate for equal access to the Internet and digital devices for girls, as well as targeted investments to provide them with meaningful opportunities to use, access, and lead technology.