July 17, 2025

Kurukshetra News (Hindi) | संत रामपाल जी महाराज ने बाढ़ पीड़ितों को पहुंचाई राहत सामग्री

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Kurukshetra News (Hindi) : हर‍ियाणा में लगातार हुई भारी बार‍िश के चलते हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला समेत राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। आलम यह है क‍ि बाढ़ का पानी सड़कों, घरों में घुस गया है। जिसमें कुरुक्षेत्र बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित हुआ है। यहाँ के रिहायशी इलाके भी जलमग्न हो चुके हैं। जिससे कुरुक्षेत्र के लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए संत रामपाल जी महाराज सहायक बनकर सामने आए हैं। 

Kurukshetra News (Hindi) : मुख्यबिन्दु

  • हरियाणा (Haryana Flood) में लगातार चार दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात
  • कुरुक्षेत्र के 70 से ज्यादा गाँव बाढ़ से प्रभावित
  • बाढ़ के चलते जिले के 200 से अधिक स्कूल किये गए बंद
  • बाढ़ पीड़ितों के सहायक बने संत रामपाल जी महाराज
  • संत रामपाल जी के शिष्यों द्वारा बाढ़ पीड़ितों को भोजन व राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है

कुरुक्षेत्र बाढ़ की जद में, घरों में बिड़ा पानी

Kurukshetra News (Hindi) : हरियाणा प्रांत में कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते राज्य के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं तो वहीं कुरुक्षेत्र जिला भी ट्रेन टूटने और नदियों के ओवरफ्लो के कारण बाढ़ की जद में है। जिले के हालात सुधरने की बजाय ओर भी गंभीर होते जा रहे हैं। जिससे 70 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। जबकि नरकातारी, दीदार नगर और शांति नगर में बाढ़ से हालात बद से बदतर हो चुके हैं, जहां कई फुट पानी भर चुका है। घर, गांवों, गलियों, रिहायशी इलाकों में जलभराव के कारण लोग खाने-पीने की चीजों के लिए मशक्कत कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली नहीं आने के कारण भी लोग काफी परेशान हैं। वहीं हालात ऐसे हो चुके हैं कि लोग पलायन करने के लिए मजबूर हैं।

Kurukshetra News: स्कूलों में भरा बाढ़ का पानी

वहीं बाढ़ का पानी स्कूलों में भी भर चुका है, जिसके चलते कुरूक्षेत्र प्रशासन ने एहतियात कदम उठाए हुए जिले के 200 से अधिक स्कूलों को रविवार तक बंद कर दिए हैं।

हरियाणा के कई जिले बाढ़ की चपेट में

Kurukshetra News (Hindi) : राज्य के 11 जिलों के 900 से अधिक गांव जलभराव से प्रभावित हैं। इनमें अंबाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पंचकूला, झज्जर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं। वहीं सरकार ने अंबाला, यमुनानगर, करनाल और पानीपत में राहत-बचाव कार्य के लिए सेना बुलाई है। वहीं बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने के लिए प्रशासन द्वारा सेना व एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है।

बाढ़ पीड़ितों के सहायक बने संत रामपाल जी 

प्राकृतिक आपदा के बीच संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी बाढ़ में फंसे लोगों की हरसंभव सहायता कर रहे है। संत रामपाल जी के सानिध्य में सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र से खाने-पीने की जरूरी चीजों से लेकर अन्य राहत सामग्री की व्यवस्था भी संत जी के अनुयाई द्वारा की जा रही है।

संत रामपाल जी के अनुयायी जगह-जगह ट्रैक्टर ट्राली जैसे चार पहिया वाहन द्वारा घर-घर भोजन देने जा रहे है, जोकि वास्तव में सराहनीय कार्य है। वहीं संत रामपाल जी के अनुयायी अपनी जान की परवाह न करते हुए बाढ़ के कारण टूटी फूटी सड़कों एवं भारी मात्रा में भरे पानी को पार कर लोगों का सहारा बन रहे है।

■ Also Read: संत रामपाल जी के शिष्यों ने रक्तदान कर ओडिशा रेल दुर्घटना (Odisha Train Accident) में घायल लोगों को पहुंचाई मानवीय सहायता

जोकि संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से ही संभव हो पाया है। संत जी के अनुयायियों का कहना है की संत रामपाल जी महाराज मानव धर्म की शिक्षा देते हैं। उनकी शिक्षा पर ही चलकर हम अनुयाई मानवता और परोपकार का यह कार्य कर रहे है। वहीं संत रामपाल जी के आदेश अनुसार जिले के बाढ़ पीड़ित अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

कबीर साहेब ही बचा सकते हैं सभी आपदाओं से

हमारे धर्म शास्त्र बताते हैं कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं। जिनकी सतभक्ति करने से हमारी प्रत्येक आपदाओं, रोगों आदि से रक्षा पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी स्वयं करते हैं। वहीं ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 20 मंत्र 1 व कबीर सागर, बोधसागर खंड, अध्याय ज्ञानप्रकाश के पृष्ठ 23 में कहा गया है कि “परमेश्वर कबीर जी सबका रक्षक है।” लेकिन सभी सतग्रंथ बताते हैं कि परमेश्वर कबीर जी से लाभ प्राप्त करने के लिए पूर्णसंत से दीक्षा लेकर सतभक्ति करनी होती है तभी परमेश्वर कबीर जी हमारी पल-पल में रक्षा करते हैं।

सत्य पुरुष वह सत्यगुरु आहीं। 

सत्यलोक वह सदा रहाहीं।।

सकल जीवके रक्षक सोई। 

सतगुरु भक्ति काज जिव होई।।

सतगुरु सत्यकबीर सो आहीं। 

गुप्त प्रगट कोइ चीन्है नाहीं।। 

– कबीर सागर, बोधसागर खंड, अध्याय ज्ञानप्रकाश के पृष्ठ 23

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