गाज़ियाबाद प्रशासन ने संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदर्शनकारियों को आज रात तक बार्डर खाली करने का समय दिया है, लेकिन किसान नेताओं ने इस क्षेत्र को छोड़ने से इंकार कर दिया है । नतीजतन, विरोध स्थल पर भारी सुरक्षाबल तैनात किया गया है। काल के इस लोक में तनिक शांति नहीं है। यहां लालच , राजनीति, पाखंड, धन, काम, क्रोध और जन्म-मृत्यु का भय व्यक्ति को सदा अंशात किए रखते हैं । केवल परमात्मा / परमसंत की शरण ही शांति, सौहार्द और सुख पहुंचा सकती है।
कृषि बिलों के विरोध में 63 दिनों से जारी है राजधानी दिल्ली में किसान धरना प्रदर्शन
तीन महत्वपूर्ण कृषि विरोधी बिलों को लेकर मुख्य रूप से पंजाब- हरियाणा के किसान सरकार को यह दो टूक कह चुके हैं कि जब तक कृषि बिल खारिज नहीं किए जाएंगे तब तक कोई भी किसान दिल्ली के तीनों टिकरी, सिंघू और गाज़ीपुर बार्डरों से वापिस घर को नहीं लौटेंगे। 26 जनवरी, 2021 को कृषि बिल के विरोध में दिल्ली में की गई ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली की सीमाओं से किसानों को खदेड़ने की सरकार की मुहिम तेज़ हो गई है। 27 जनवरी की रात में सिंघू बार्डर पर सोए किसानों को भगाने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। अब 28 जनवरी को उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने गाज़ीपुर धरनास्थल खाली कराने का आदेश जारी किया है जिसके बाद से वहां भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती हो चुकी है।
किसान नेता ने दी आत्महत्या करने की धमकी
किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया के सामने रोते हुए कहा है कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। वहीँ अब तक दो महीने में अब तक 100 से ज़्यादा किसान मर चुके हैैं।
छावनी में तब्दील हुआ गाज़ीपुर बॉर्डर
गाज़ीपुर बॉर्डर छावनी में तब्दील हो गया है। यहां भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है। प्रशासन ने किसान नेता राकेश टिकैत को समझाने की कोशिश की है। फिलहाल, विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में किसान, किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थन में पहुंच रहे हैं। किसानों को मिल रहे समर्थन को देखते हुए सरकार कम से कम आज किसानों पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी। एक तरफ प्रशासन जहां गाज़ीपुर बॉर्डर को खाली कराने में जुटा है तो वहीं राकेश टिकैत ने कहा है कि वो नहीं हटेंगे।
हम भयभीत नहीं होंगे: किसान
राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस चाहे तो गोली मार दे, हम हटने वाले नहीं हैं। हम सिर्फ सरकार से बात करेंगे। हम यूपी-पुलिस प्रशासन से बात नहीं करेंगे। बीजेपी के लोग यहां पर हिंसा करने आते हैं। सरकार हम किसानों को मारना चाहती है। प्रशासन ने हमारा पानी बंद करा दिया ,शौचालय तक हटवा दिए गए हैं।किसानों के साथ सरकार ने गद्दारी की है। किसानों पर हमले की भी साजिश है।
किसान संयुक्त मोर्चा का बयान
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा हमारे नेताओं को भेजे गए नोटिसों से हम भयभीत नहीं होंगे और आरोप लगाया कि सरकार 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के लिए हमें दोषी ठहराते हुए किसानों के आंदोलन को समाप्त करने की कोशिश कर रही है।
किसान आंदोलन से जुड़े मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
- पुलिस छावनी में बदल दिया गया गाज़ीपुर बॉर्डर को
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए किसान धरना को खत्म करने के आदेश
- सभी बॉर्डरों पर जहां किसान आंदोलन और धरना है पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है
- पुलिस अधिकारियों ने राकेश टिकैत से धरना हटाने को लेकर बातचीत की
- राकेश टिकैत से मिलने आए उनके परिजन दिखे चिंतित, बिगड़ गई थी टिकैत की तबीयत
- भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सरेंडर करने से किया साफ मना, मंच पर आते हुए कहा कि धरना जारी रहेगा
- लाल किले पर झंडा फहराने वाले दीप सिद्दू को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि उनसे हमारा कोई लेना-देना नहीं है
- राकेश टिकैत के सिसौली गाँव से निकले किसान, जय जवान जय किसान के लगाए नारे
- मुज्ज़फरनगर की सिसौली की महापंचायत में आज 29 जनवरी को जीआईसी मैदान में महापंचायत होगी। जहां वेस्ट यूपी के किसानों से पहुंचने की अपील जाएगी
- राकेश टिकैत के समर्थन में हरियाणा के किसान सड़कों पर उतरे। जींद में आधा दर्जन गाँवों के किसानों ने हाइवे जाम किया, दिल्ली कूच करने की है तैयारी
- राकेश टिकैत के समर्थन में हरियाणा की कंडेला खाप ने जींद चंडीगढ़ रोड जाम किया ।
- बठिंडा से 700 ट्रैक्टर ट्राली दिल्ली के लिए हुए रवाना
- आप सांसद संजय सिंह ने राकेश टिकैत से फ़ोन पर बात की और कहा दिल्ली CM, पार्टी किसानों के साथ है
- #राकेशटिकैतकिसानोंकीआवाज_है टैग ट्विटर पर राकेश टिकैत के समर्थन में चलता रहा।
किसान यूनियन नेता ने समर्थन लिया वापस
किसान यूनियन के नेता भानु ने किसान आंदोलन से अपना समर्थन वापस लिया, किसान नेता राकेश, नरेश, युद्धवीर से भी भानु ने किया आंदोलन वापस लेने की प्रार्थना। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल तक वैसे ही इस कानून को सरकार लागू नहीं कर रही है, फिलहाल हमें देश, सैनिकों , किसानों और किसान आंदोलन को बचाए रखने के लिए इस आंदोलन को स्थगित कर देना चाहिए। 26 जनवरी को लालकिले पर हुआ हमला बहुत ही शर्मनाक था और अब हमने ऐसे किसी भी षड्यंत्र को सफल नहीं होने देना है।
कुछ अन्य किसान संगठनों ने भी किसान आंदोलन से अपना समर्थन वापस लिया है।
बिगड़ गई थी राकेश टिकैत की तबीयत
तगड़े प्रशासन, मीडिया और बीजेपी हुड़दंगियों की शरारतों के कारण राकेश टिकैत की तबीयत बिगड़ गई थी जिस कारण उन्हें यशोदा अस्तपाल से डॉक्टर देखने पहुंचे। डॉक्टर ने बताया हाई बीपी के कारण बिगड़ गई थी उनकी तबीयत। अब उनकी तबीयत ठीक है।
लखनऊ से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का ट्वीट
बीजेपी सरकार छल-बल का प्रयोग कर रही’
सरकार किसानों के आंदोलन को कुचल रही’
किसानों के साथ हर भारतीय की आत्मा रो रही’
किसान सरकार की क्रूरता का जवाब वोट से देंगे।
ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि वह किसानों के साथ हैं और चाहती हैं कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। कृषि कानूनों को जबरन पास कराया गया। मोदी सरकार ने स्थिति को बुरी तरह से संभाला और जो कुछ भी हुआ उसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है। सरकार पहले दिल्ली संभालें फिर बंगाल के बारे में सोचे।
कौन हैं राकेश टिकैत?
राकेश टिकैत का जन्म मुजफ्फरनगर जनपद के सिसौली गांव मे 4 जून 1969 को हुआ था। राकेश टिकैत किसान नेता, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, पूर्व में संगठन के अध्यक्ष महेंद्र सिंह टिकैत के वो दूसरे बेटे हैं। उनका संगठन उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत में सक्रिय है। 2020 में कृषि कानून के विरोध में ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन से चर्चा में रहे। राकेश टिकैत कृषि संशोधन बिल पर लगातार सरकार से बात करते रहे हैं।
26 जनवरी की शाम को अमित शाह से मुलाकात करने वाले किसानों में भी राकेश टिकैत शामिल थे और सभी पिछले पांच दौर की वार्ताओं में भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधित्व राकेश टिकैत ही कर रहे थे। राकेश टिकैत 1992 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नौकरी करते थे। 1993-1994 में दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी।
सतनाम वाहेगुरु केवल नाम नहीं, गुप्त मंत्र है जिसको जाप करने से मिलती है सारी खुशियां
हर समस्या का समाधान सतभक्ति में है। सतनाम का जाप करने से सभी चिंताएं, लड़ाई, कलह, युद्ध और संताप खत्म हो जाते हैं। इस काल के लोक में आपसी कलह, घर्षण और द्वेष बने रहते हैं। नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति का सरल और सहज उपाय सतनाम और सारनाम के जाप में निहित है।
क्या आप जानते हैं गुरु नानक देव जी किस नाम का जाप किया करते थे?
पहले श्री नानकदेव जी एक ओंकार (ओम) मन्त्र का जाप करते थे तथा उसी को सत मान कर कहा करते थे एक ओंकार। उन्हें बेई नदी पर कबीर साहेब ने दर्शन दे कर सतलोक (सच्चखण्ड) दिखाया तथा अपने सतपुरुष रूप को दिखाया। जब सतनाम का जाप दिया तब नानक जी की काल लोक से मुक्ति हुई।
इसी का प्रमाण गुरु ग्रन्थ साहिब के राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29
शब्द – एक सुआन दुई सुआनी नाल, भलके भौंकही सदा बिआल
कुड़ छुरा मुठा मुरदार, धाणक रूप रहा करतार।।1।।
मै पति की पंदि न करनी की कार। उह बिगड़ै रूप रहा बिकराल।।
तेरा एक नाम तारे संसार, मैं ऐहो आस एहो आधार।
मुख निंदा आखा दिन रात, पर घर जोही नीच मनाति।।
काम क्रोध तन वसह चंडाल, धाणक रूप रहा करतार।।2।।
फाही सुरत मलूकी वेस, उह ठगवाड़ा ठगी देस।।
खरा सिआणां बहुता भार, धाणक रूप रहा करतार।।3।।
मैं कीता न जाता हरामखोर, उह किआ मुह देसा दुष्ट चोर।
नानक नीच कह बिचार, धाणक रूप रहा करतार।।4।।
इसमें स्पष्ट लिखा है कि एक (मन रूपी) कुत्ता तथा इसके साथ दो (आशा-तृष्णा रूपी) कुतिया अनावश्यक भौंकती (उमंग उठती) रहती हैं तथा सदा नई-नई आशाएँ उत्पन्न (ब्याती हैं) होती हैं। इनको मारने का तरीका (जो सत्यनाम तथा तत्व ज्ञान बिना) झुठा(कुड़) साधन (मुठ मुरदार) था। मुझे धाणक के रूप में हक्का कबीर (सत कबीर) परमात्मा मिला। उन्होनें मुझे वास्तविक उपासना बताई।
यह मनुष्य जीवन बहुत अनमोल है इसे काल की बनाई नकारात्मक स्थितियों ,दुखों और पाप के दबाव में आकर अंत करने का तो स्वप्न में भी नहीं सोचना चाहिए। सभी किसान नेताओं, किसान भाई बहनों से विनम्र निवेदन है कि उस वाहेगुरु के दर्शन अवश्य करें जिन्होंने गुरू नानक देव जी को सचखंड दिखाया, सतनाम दिया और सांसारिक कर्म करते हुए परमात्मा की महिमा करना सिखाया। आप परमसंत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग यूट्यूब सतलोक आश्रम चैनल पर कहीं भी बैठकर सुन सकते हैं जिनमें वास्तविक परमात्मा कौन है और वह कैसे मनुष्य के सभी दुखों को दूर करता है जान सकते हैं।