November 22, 2024

कौन है वह महापुरुष जो कलयुग में लाएगा सतयुग!!

Published on

spot_img

कलयुग एक श्रेष्ठ समय परमात्मा प्राप्ति के लिए

वर्तमान समय (कलयुग) में कई सामाजिक कुरीतियां घर कर चुकी हैं। यह सब मन अर्थात काल करवाता है। कुरीतियां जैसे:- चोरी, ठगी, दहेज लेना, नशा करना, ईर्ष्या और द्वेश भाव रखना, नाच गाने, सिनेमा देखना, नैतिक मूल्यों का अभाव, यौन उत्पीड़न की घटनाएं इत्यादि चरम सीमा पर हैं। इसके बावजूद केवल इसी युग में एक महापुरुष के सानिध्य में सभी कुरीतियां खत्म हो जाएंगी। क्योंकि काल ब्रह्म ने परमेश्वर कबीर जी से (जो अपने पुत्र जोगजीत के रूप में उसके समक्ष प्रकट हुए थे), उनसे वचन लिया था कि तीनों युगों (सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग) में थोड़े जीव पार करना और कलयुग में चाहे जितने जीव पार करना। सारा विश्व, समाज में व्याप्त बुराइयों को त्यागकर शास्त्र अनुकूल साधना अपनाकर पूर्ण परमात्मा की पहचान करते हुए एक नए युग यानी रामराज्य स्थापित करेंगे।

कबीर परमात्मा ने स्वसमवेद बोध पृष्ठ 171 (1515) पर एक दोहे में इसका वर्णन किया है, जो इस प्रकार है:-

पाँच हजार अरू पाँच सौ पाँच जब कलयुग बीत जाय।
महापुरूष फरमान तब, जग तारन कूं आय।
हिन्दु तुर्क आदि सबै, जेते जीव जहान।
सत्य नाम की साख गही, पावैं पद निर्वान।

सबही नारी-नर शुद्ध तब, जब ठीक का दिन आवंत।
कपट चातुरी छोडी के, शरण कबीर गहंत।
एक अनेक ह्नै गए, पुनः अनेक हों एक।
हंस चलै सतलोक सब, सत्यनाम की टेक।

भावार्थ:- जिस समय कलयुग पाँच हजार पाँच सौ पाँच वर्ष बीत जाएगा, तब एक महापुरूष विश्व को पार करने के लिए आएगा। हिन्दु, मुसलमान आदि-आदि जितने भी पंथ तब तक बनेंगे और जितने जीव संसार में हैं, वे मानव शरीर प्राप्त करके उस महापुरूष से सत्यनाम लेकर मोक्ष प्राप्त करेंगे। जिस समय वह निर्धारित समय आएगा। उस समय स्त्री-पुरूष उच्च विचारों तथा शुद्ध आचरण के होकर कपट, व्यर्थ की चतुराई त्यागकर मेरी (कबीर जी की) शरण ग्रहण करेंगे। वर्तमान समय में जिस प्रकार से लाभ लेने के लिए एक ‘मानव‘ धर्म से अनेक पंथ (धार्मिक समुदाय) बन गए हैं, वे सब पुनः एक हो जाएंगे। सब हंस (निर्विकार भक्त) आत्माऐं सत्यनाम की शक्ति से सतलोक चले जाएंगे।

आठ बून्द की जुगति बनाई।
नौतम तें आठों बून्द मुक्ताई।
बिना गुरू कोऊ भेद नहीं पावै।
युगबन्ध होवै तो हंस कहावै।।

इस वाणी में भी परमेश्वर कबीर जी ने उस सदगुरु का उल्लेख करते हुए धर्मदास जी को कहा है कि पाँच हजार पाँच सौ पाँच वर्ष बीत जाने पर मेरा यथार्थ तेरहवां पंथ चलेगा, उसको चलाने वाली मेरी नौतम सुरति होगी। वह नौंवी (9वीं) आत्मा (एक महान संत रूप) मेरा निज वचन यानि सत्य नाम, सार शब्द लेकर जन्मेगा और वही विश्व का उद्धार करेगा।

आखिर कौन है वह महापुरुष?

आज के समय में कितने ही धर्मगुरु हो चुके हैं, परन्तु सभी मनमाना आचरण तथा शास्त्र विरुद्ध साधना बताते हैं जिससे ना तो कर्म बंधनों से छुटकारा हो सकता है और ना ही मोक्ष प्राप्ति संभव है। क्योंकि केवल अधिकारी (पूर्ण संत) द्वारा वेदों में वर्णित किए गए नाम व मंत्रो से ही मोक्ष प्राप्ति हो सकती है।

वर्तमान समय में वह पूर्ण सतगुरु संत रामपाल जी महाराज ही हैं। विश्व में केवल वही एकमात्र संत हैं जो सभी धर्म ग्रंथों (गीता, बाइबल, कुरान, ऋगवेद, अथर्ववेद, यजुर्वेद, कबीर सागर, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी) में प्रमाणित साधना विधिवत बताते हैं। पूर्ण सतगुरु की पहचान भी वेदों में वर्णित है जो इस प्रकार है।

सतगुरु के लक्षण कहुं, मधुरे बैन विनोद।
चार वेद छठ शास्त्र, कहे अठारह बोध।

गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में भी पूर्ण सतगुरु द्वारा प्रदान करने वाली भक्ति विधिं बताई गई है:-

ऊँ तत् सत् इति निर्देशः ब्रह्मणः त्रिविधः स्मृतः।
ब्राह्मणाः तेन वेदाः च यज्ञाः च विहिताः पुरा।।

सरलार्थ:- उस परम अक्षर ब्रह्म की भक्ति केवल ओम, तत्, सत् मन्त्र के स्मरण से संभव है तथा विद्वान् अर्थात् तत्वदर्शी सन्त ही उसको देने का अधिकारी है।

भगवत गीता के अनुसार पूर्ण संत की पहचान?

पूर्ण संत की पहचान गीता अध्याय 15 श्लोक 1 से 4 में बताई गई है कि जो संत इस संसार रूपी उल्टे लटके हुए पीपल के वृक्ष के एक-एक विभाग को तत्व से जानता है, वही पूर्ण संत है। इसके अलावा और भी कई जगह पूर्ण संत के बारे में बताया गया है जैसे

सोए गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बतावे।
एक छुड़ावे एक लखावे, तो प्राणी निज घर को पावे।

सिर्फ संत रामपाल जी महाराज ही दो अक्षर का (सतनाम) मंत्र सही विधि के साथ देते हैं और सारशब्द का तो किसी को ज्ञान ही नहीं है, संत रामपाल जी महाराज को छोड़ कर। हमारे धार्मिक ग्रंथों में बताया है कि जो संत, विधि अनुसार नाम दीक्षा देगा, वही पूर्ण संत होगा तथा वह तीन चरण में दीक्षा देगा। इसके साथ ही कितनी ही भविष्यवाणियां भी संत रामपाल जी महाराज पर सटीक बैठती हैं।

■ फ्रांस के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता मिशेल दि नास्त्रेदमस ने अपनी पुस्तक में उस महापुरुष (संत रामपाल जी महाराज) के बारे में कई भविष्यवाणियां की हैं।

  1. उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है कि वह महापुरुष एक ऐसे देश में जन्म लेगा जो तीन तरफ से समुद्र से घिरा होगा तथा वह एक सागर, हिंद महासागर के नाम पर होगा और हिंदुस्तान ही एकमात्र देश है जो तीन ओर से सागर से घिरा हुआ है।
  2. वह महापुरुष ऐसे प्रांत में जन्म लेगा जिसमें पांच नदियां बहती हैं और वह प्रांत पांच आब अर्थात पंजाब है।
  3. उस महापुरुष की चार संतान होंगी जिसमें 2 पुत्र तथा दो पुत्रियां होंगी।
  4. उस महापुरुष की माता, तीन बहने होंगी तथा उसका ज्ञान सुनकर सबको उसके आगे नतमस्तक होना पड़ेगा।
  5. उस महापुरुष पर देशद्रोह का झूठा मुकदमा चलाया जाएगा। वह महापुरुष ना क्रिश्चियन होगा, ना मुसलमान अपितु केवल हिंदू होगा।

न्यूजर्सी अमेरिका की प्रसिद्ध महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस ने 1960 में अपनी पुस्तक ‘गोल्डन लाइट ऑफ न्यू एरा’ में उस दिव्य महापुरुष के बारे में वर्णन करते हुए कहा है कि जब भी वह ध्यान लगाती हैं तो एक दिव्य पुरुष को देखती हैं। वह संत गौरेे वर्ण का है। उसके सर पर सफेद बाल हैं। उसके ना दाढ़ी है ना मूंछ। उनके ललाट पर प्रकाश से निरंतर प्रकाश की किरणें बरसती रहती हैं। वह संत धरती को स्वर्ग बनाने के लिए दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं तथा वह संत उत्तरी भारतवर्ष के पवित्र स्थान पर मौजूद है।

  • इंग्लैंड के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता किरो ने 1925 में उस संत के बारे में भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा सन् 1950 के पश्चात यानी 1951 में जन्मा संत ही विश्व में नई सभ्यता लाएगा। वह व्यक्ति संसार में ज्ञान क्रांति ला देगा।
  • अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता जीन डिक्शन ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि एक ग्रामीण परिवार के व्यक्ति के नेतृत्व में पूरे विश्व में सतयुग का माहौल हो जाएगा।

उपरोक्त भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। उनका जन्म एक ग्रामीण परिवार में 8 सितंबर 1951 में धनाना प्रांत (रोहतक) में हुआ। इनकी चार संताने हैं तथा इनकी माता तीन बहने हैं। उन पर झूठे आरोप भी लगाए गए हैं तथा देशद्रोह का केस । वह विश्व में एकमात्र संत है जिनके जेल में होने के बावजूद उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

कैसा होगा स्वर्ण युग कलयुग में?

वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज के साधक उनसे नाम दीक्षा लेकर सभी सामाजिक बुराइयों को छोड़ 16 गुण धारण कर रहे हैं। जो इस प्रकार हैं।

  • 1.ज्ञान 2.विवेक 3.सत्य बोलना 4.संतोष रखना 5.प्रेम भाव से रहना 6.धीरज 7.किसी से धोखा ना करना 8.दया 9.क्षमा 10.शील 11.निष्कर्मा 12.त्याग 13.बैराग 14.शांति निज धर्मा 15.भक्ति करना 16.सबको मित्र समझना।

यह तो केवल शुरुआत है। आगे आने वाले समय में पूरा विश्व संत रामपाल जी महाराज से नाम लेगा जैसा कि भविष्यवक्ताओं ने भविष्यवाणियां की हैं। कोई खतरनाक बीमारियां नहीं होंगी। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहने पर कैंसर क्या कैंसर का बाप भी ठीक होगाफलदार वृक्ष होंगे, कोई फैक्ट्रियां या धुआं नहीं होगा। ना कोई दहेज लेगा ना देगा। ना कोर्ट कचहरी, ना सास बहू में झगड़ा, ना मार काट होगी, सभी प्यार से रहेंगे, सतभक्ती का माहौल होगा, अलग-अलग धर्म नहीं होंगे, एक झंडा होगा, एक भाषा होगी, ना अमीर ना गरीब होगा। एक परमात्मा होगा।

कौन है वह एक पूर्ण परमात्मा ?

वह एक पूर्ण परमात्मा कोई नहीं बल्कि कबीर साहिब जी हैं जो संत रामपाल जी महाराज ने ग्रंथों में से प्रमाणित भी कर दिया है। कितने ही महापुरुषों ने ग्रंथों में प्रमाण दिया है कि कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा हैं जिनका जन्म मरण नहीं होता। मगहर में भी कबीर परमात्मा सह शरीर सतलोक चले गए थे।

गरीबदास जी की वाणी कबीर परमात्मा का वर्णन:-

हम सुल्तानी नानक तारे, दादू को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद न पाया, वो काशी माहे कबीर हुआ।

गुरु नानक देव जी की वाणी:-

वाह-वाह कबीर गुरु पूरा है, पूरे गुरु कि मैं बल जाऊं, जाका सकल जहूरा है।

नानक जी की रुकनदीन से वार्ता:-

नानक आखे रूकनदीन, सचा सुनो जवाब।
चारों कुंट सलाम कर, ता तोहे होए स्वाब।
खालक आदम सिरजिया, आलम बडा कबीर।

इन सब प्रमाणों से ये साफ है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही हैं तथा वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ही अधिकारी और पूर्ण सतगुरु हैं जो मानवता का उत्थान कर अखंड पृथ्वी का संचालन करेंगे। तो बिना समय व्यर्थ गवांए आन उपासना छोड़कर संत रामपाल जी महाराज से उपदेश लें। अधिक जानकारी के लिए, हमारी वेबसाइट है https://www.jagatgururampalji.org

Latest articles

World Television Day 2024: Know what was Television Invented for

November 21 is observed as World Television Day every year. It is commemorated to...

20 November World Children’s Day 2024: Every Child has the Right to Know Eternal Devotion for a Better Future

Last Updated on 20 November 2024 IST: World Children's Day 2024 is observed to...

Divya Dharm Yagya Diwas 2024: दिव्य धर्म यज्ञ हुआ संपन्न, सतलोक आश्रमों में हुए भव्य कार्यक्रम 

Divya Dharm Yagya Diwas 2024: संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में आयोजित तीन...

God is One, Still Many Religions: The Untold Reality 

This question must have bothered you sometimes: if there is only one God, then...
spot_img
spot_img

More like this

World Television Day 2024: Know what was Television Invented for

November 21 is observed as World Television Day every year. It is commemorated to...

20 November World Children’s Day 2024: Every Child has the Right to Know Eternal Devotion for a Better Future

Last Updated on 20 November 2024 IST: World Children's Day 2024 is observed to...

Divya Dharm Yagya Diwas 2024: दिव्य धर्म यज्ञ हुआ संपन्न, सतलोक आश्रमों में हुए भव्य कार्यक्रम 

Divya Dharm Yagya Diwas 2024: संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में आयोजित तीन...