Jerusalem Violence Update: इजरायल की राजधानी यरुशलम में स्थित इस्लाम धर्म के पवित्र स्थलों में से एक अल-अक्सा मस्जिद के परिसर में सोमवार को इजरायल पुलिस व फिलिस्तीनियों के बीच टकराव हुआ। टकराव के दौरान इजरायल सुरक्षा बलों के रबर बुलेट, स्टन ग्रेनेड, व आंसू गैस के गोलों के इस्तेमाल से व फिलिस्तीनियों के पथराव के बीच 300 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। प्रिय पाठकों को इस लेख के माध्यम से अवगत कराएंगे की कैसे विश्व में सतज्ञान से कलयुग में भी सतयुग जैसा होगा वातावरण व अमन-चैन होगा स्थापित?
Jerusalem Violence Update: मुख्य बिंदु
- यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद में सोमवार को इजरायल पुलिस व फिलिस्तीनियों के बीच टकराव
- यरुशलम दिवस पर कट्टरपंथी संगठनों द्वारा किये गए हमले का करारा जवाब देगा इजरायल : पीएम बेंजामिन नेतन्याहू
- इस्लामिक देशों ने इस हिंसा को लेकर इजरायल की कड़ी निंदा की
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पूर्वी यरुशलम में बढ़ती हिंसा पर आपातकालीन बैठक बुलाई।
- जगतगुरु रामपाल जी महाराज एकमात्र सच्चे बाख़बर संत जिनके सतज्ञान से खत्म होते हैं बैर-भाव व हिंसात्मक प्रवृत्ति
Jerusalem Violence Update: क्या है इस हिंसा का मूल कारण?
अप्रैल की शुरुआत में, इजरायल के पूर्वी यरुशलम में अधिक यहूदी बस्तियों की मांग को लेकर कई स्थानीय लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किए थे और यह मुद्दा इजराइली न्यायालयों के समक्ष भी प्रस्तुत किया गया जिस को लेकर न्यायिक जांच चल रही है। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान, हमास जिसे इस्लामिक रिपब्लिक मूवमेंट के रूप में भी जाना जाता है, जो कि एक फिलिस्तीनी सुन्नी-इस्लामिक कट्टरपंथी है, और राष्ट्रवादी संगठन-झंडे को अल-अक्सा मस्जिद के अंदर लहराया गया, धार्मिक स्थल को एक राजनीतिक स्थल में तब्दील कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, अल-अक्सा मस्जिद मक्का और मदीना के बाद इस्लाम धर्म के लोगों के लिए तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। मस्जिद में हमास के झंडे फहराए जाने की घटनाएं हुईं जहां हजारों की संख्या में फिलिस्तीनी इमारत के अंदर घुस आए और पथराव, पेट्रोल बम से हमला करने लग गए। इस बीच अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह मस्जिद के अंदर घुसे और सभी प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाला जाए।
Jerusalem Violence Update: इस हिंसक झड़प की शुरुआत कैसे हुई ?
शुक्रवार को रमजान का आखिरी जुमा था और इस दिन बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी लोग मस्जिद अल-अक्सा के परिसर में इबादत के लिए इकट्ठा हुए थे। इस दिन फिलिस्तीनियों और इजरायल पुलिस के बीच संघर्ष हुआ। दूसरी ओर, इजरायल के लोग अर्थात यहूदी भी सोमवार को यरूशलेम डे मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे। इस दिन यहूदी समुदाय के लोग पुराने शहर के चारों ओर रैली निकालते हैं और इसके बीच में कई मुस्लिम बस्तियां भी आती हैं। अल-अक्सा मस्जिद इसी ओल्ड सिटी में स्थित है। पुलिस ने सोमवार को यहूदियों और फिलिस्तीनियों के बीच किसी तरह के टकराव को रोकने के लिए यरूशलेम दिवस के रैली के रूट में परिवर्तन भी किया।
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दूसरी ओर, फिलिस्तीन की आजादी के समर्थक कट्टरपंथी संगठन हमास ने इजरायल से कहा था कि वह सोमवार शाम 6 बजे तक अपनी पुलिस अल-अक्सा मस्जिद और शेख़ जर्राह से हटा ले। लेकिन ऐसा न होने पर गाज़ा पट्टी में सक्रिय हमास की ओर से यरूशलेम पर हमला कर दिया गया। इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान आया और उन्होंने कहा कि यरूशलेम डे के दिन कट्टरपंथी संगठनों ने यरुशलम पर हमला किया है, इजरायल उन्हें कड़ा जवाब देगा। इसके बाद इजरायल की ओर से हमास के खिलाफ अभियान छेड़ा गया।
क्या है यरुशलम दिवस?
यरुशलम दिवस इजराइल के 1967 में पूर्वी यरुशलम पर कब्जा करने का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। पूर्वी यरुशलम में हाल के हफ्तों में तनाव बढ़ गया है। इजरायल और फिलिस्तीन दोनों देश पूर्वी यरुशलम पर अपना दावा पेश करते हैं। फिलिस्तीन भी यरुशलम को अपनी राजधानी बनाना चाहता है। जबकि यरुशलम इजरायल की वर्तमान राजधानी है।
जानिए क्या है मानव धर्म की मूल परिभाषा?
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
आज से लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व कोई भी धर्म या सम्प्रदाय नहीं था। न हिंदु, न मुस्लिम, न सिक्ख और न ईसाई थे। केवल एकमात्र मानव धर्म था। सभी का एक ही मानव धर्म था और है। लेकिन जैसे-जैसे कलयुग का प्रभाव बढ़ता गया वैसे-वैसे हमारे मतभेद बढ़ते गए। कारण सिर्फ यही रहा कि शास्त्रों में लिखी हुई सच्चाई को दबा दिया गया। कारण चाहे स्वार्थ हो या अन्य कारण। जिसके परिणामस्वरूप आज एक मानव धर्म के अनेक धर्म और सम्प्रदाय बन चुके हैं। जिसके कारण आपस में मतभेद होना स्वभाविक है। सभी का अल्लाह/गॉड/परमेश्वर एक ही है। ये भाषा के भिन्न पर्यायवाची शब्द हैं। सब जानते हैं कि सबका मालिक एक है। पर विचार करने वाली बात यह है कि फिर ये अलग-अलग सम्प्रदाय क्यों? यह बात बिल्कुल ठीक है कि सबका मालिक एक है जिसका वास्तविक नाम कबीर है।
सतज्ञान के अभाव में नादान बच्चों की तरह लड़ रहा है मानव समाज
हिंदु कहते हैं राम बड़ा है, मुस्लिम कहते हैं हमारा अल्लाह बड़ा है, ईसाई कहते हैं हमारा ईसाई मसीह बड़ा है और सिक्ख कहते है कि वाहे गुरु सतनाम श्रेष्ठ है। चारों भाइयों का एक पिता है और चारो नादान बच्चों की तरह एक ही परम पिता को अपने अलग अलग नाम से जानते है। तत्वज्ञान के अभाव में उसी एक परमपिता को लेकर आपस में वैर भाव रखकर झगड़ा कर रहे हैं ।
कोई कहै हमारा राम बड़ा है, कोई कहे खुदाई रे।
कोई कहै हमारा ईसाईमसीह बड़ा है, ये बाटा रहे लगाई रे।।
सतज्ञान से ही अमन-चैन की शुरुआत होगी
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वास्तविक मुमुक्षु को क्या करना चाहिए?
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