July 27, 2024

Jeff Bezos Space Trip: जानिए इस यात्रा से लेकर जीवन यात्रा तक की अन्वेषणात्मक जानकारी

Published on

spot_img

Jeff Bezos Space Trip: 20 जुलाई का यह दिन एक नया मोड़ लेकर आया और अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास का एक अलग ही अध्याय लिखकर गया। जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन (Blue Origin) के रॉकेट न्यू शेफर्ड (New Shepard) ने जेफ बेजोस व 3 अंतरिक्ष यात्रियों समेत वेस्ट टेक्सास के रेगिस्तान से भारतीय समयानुसार शाम 6:42 बजे उड़ान भरी। चारों यात्रियों के साथ कैप्सूल ने सकुशल 6:53 बजे जमीन पर प्रवेश किया। इसके साथ ही इस ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा के पूर्ण होने के साथ कई कीर्तिमान बने। प्रिय पाठकों को जानना आवश्यक है कि हम जिस लोक में रह रहे हैं यह हमारा स्थाई घर नहीं है तो हमारा वास्तविक घर कहाँ हैं तथा कितनी दूर है और वहां कैसे पहुंचा जा सकता है?

Table of Contents

Jeff Bezos Space Trip: मुख्य बिन्दु 

  • अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की पहली अंतरिक्ष यात्रा कामयाब
  • 3 यात्रियों के साथ 11 मिनट में पूरा किया 110 किमी का सफर
  • सबसे युवा व सबसे बुजुर्ग अंतरिक्ष यात्री ने एक साथ सकुशल तय की अंतरिक्ष यात्रा
  • 11 मिनट की उड़ान में 4 मिनिट शून्य गुरुत्वाकर्षण के करीब थे
  • छह सीट का कैप्सूल है ब्लू ओरिजिन
  • न्यू शेफर्ड एक ऑटोमैटिक (स्वचलित) टूरिज्म रॉकेट है
  • अंतरिक्ष यात्रा से भी इतर है मनुष्य की अपने मूल लोक की यात्रा का लक्ष्य
  • हमारा निज घर सतलोक है जहां की यात्रा कैसे करें जानना अभी शेष है
  • निज घर वापसी की यात्रा का भेद जाने तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से 

Jeff Bezos Space Trip: दुनिया के सबसे रईस इंसान की पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी

अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस 20 जुलाई को अंतरिक्ष का चक्कर काटने के बाद धरती पर सकुशल लौट आए। इस सफर के साथ बेजोस ने स्पेस टूरिज्म के नए रास्ते खोल दिए हैं 11 मिनट की यात्रा के परीक्षण को उनकी कंपनी द्वारा भविष्य में प्रस्तावित अंतरिक्ष पर्यटन के लिए निर्णायक कदम माना जा रहा है। बता दें कि बेजोस से पूर्व ब्रिटेन के अरबपति वर्जिन गैलेक्टिक के मालिक रिचर्ड ब्रेनसन 11 जुलाई को अंतरिक्ष का चक्कर काटकर धरती पर लौट चुके हैं। हालांकि, यह पहली बार है कि जब किसी इंसान ने ब्लू ओरिजिन के रॉकेट न्यू शेफर्ड से अंतरिक्ष का सफर तय किया है।

उड़ान से पूर्व बेजोस ने कही यह बात

Jeff Bezos Space Trip : बता दें कि बेजोस ने 27 साल तक अमेजन कंपनी का सीईओ रहने के बाद पांच जुलाई को पद छोड़ दिया था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘ मैं अमेजन का सीईओ रहते हुए भी यह उड़ान भर सकता था और सब कुछ ठीक रहता। पहली बात यह है कि हमें यकीन था कि यह उड़ान सुरक्षित होगी। मेरे दोस्तों ने मुझसे दूसरी या तीसरी उड़ान पर जाने के लिए कहा। आप पहली ही उड़ान पर क्यों जाना चाहते हो? अहम यह है कि हम जानते हैं कि यह कैप्सूल पूरी तरह सुरक्षित है। यदि यह मेरे लिए सुरक्षित नहीं है तो किसी और के लिए सुरक्षित कैसे हो सकता है?

Jeff Bezos Space Trip: भारत की बेटी ने ‘ उड़ान ‘ को साकार कर किया देश को गौरवान्वित

अमेजन के संस्थापक और अरबपति जेफ बेजोस जब अंतरिक्ष की यात्रा पर निकले तो उनकी इस उड़ान को साकार करने वालों में भारत की बेटी का नाम भी इतिहास के पन्नो पर हमेशा के लिए दर्ज हो गया। महाराष्ट्र के कल्याण में पली-बढ़ीं होनहार संजल गावंडे ने बेजोस की ब्लू ओरिजिन कंपनी का सब-ऑर्बिटल रॉकेट ‘न्यू शेफर्ड’ तैयार करने वाली टीम में अहम भूमिका निभाई है।

Jeff Bezos Space Trip: जानिए सबसे युवा-सबसे बुजुर्ग यात्री समेत कौन-कौन शामिल थे इस ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा में

इस यात्रा में जेफ बेज़ोस के साथ उनके भाई मार्क बेज़ोस, 82 साल की पायलट वैली फ़ंक (सबसे उम्रदराज) और 18 साल के छात्र ओलिवर डायमेन (सबसे युवा) भी गए थे। ये सभी 10 मिनट और 10 सैकेंड के बाद पैराशूट के जरिए धरती पर वापस लौट आए। वैली फंक अंतरिक्ष में जाने वाली सबसे उम्रदराज़ महिला और ओलविर सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए।

अपनी यात्रा को लेकर बेज़ोस ने कहा, “एस्ट्रॉनॉट बेज़ोस का सबसे उम्दा दिन! “

Jeff Bezos Space Trip : अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में आज का दिन था बहुत खास

बता दें कि जेफ बेजोस की यह उड़ान बेहद खास है, क्योंकि 52 साल पहले आज ही के ऐतिहासिक दिन नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने चांद पर पहला कदम रखा था, जो कि चंद्रमा पर किसी मनुष्य द्वारा रखा गया पहला कदम था। माना जा रहा है कि इसी वजह से जेफ बेजोस ने ब्लू ओरिजिन के कैप्सूल से पहली ह्यूमन फ्लाइट के लिए इस ऐतिहासिक दिन को चुना।

कैसा है न्यू शेपर्ड रॉकेट?

  • पांच मंजिल ऊंचे न्यू शेपर्ड रॉकेट को इस तरह तैयार किया गया है कि वह छह लोगों के साथ अंतरिक्ष की उड़ान भर सके।
  • यह रॉकेट यात्रियों को लगभग 340,000 फीट की ऊंचाई तक ले जाने में सक्षम है।
  • जो लोग इसमें जाना चाहते हैं वे कुछ मिनटों के लिए माइक्रोग्रैविटी में भारहीनता का अनुभव कर सकेंगे।
  • इसमें बड़ी खिड़कियां लगाई गई हैं ताकि यात्री प्रक्षेपण और अंतरिक्ष से पृथ्वी के नजारे बेहतर ढंग से देख सकें
  • न्यू शेफर्ड रॉकेट और कैप्सूल का नाम 1961 के एस्ट्रोनॉट एलन शेफर्ड के नाम पर रखा गया है।
  • एलन शेफर्ड अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले अमेरिकी नागरिक थे।
  • इसमें 6 यात्री बैठ सकते हैं लेकिन मंगलवार की शाम अर्थात 20 जुलाई को इसमें चार यात्री बैठकर गए।
  • न्यू शेफर्ड यान के यात्रियों में कोई भी पायलट की भूमिका में नहीं था, यह स्वचलित है। इसके लिए धरती पर ही कंट्रोल रूम बनाया गया।

अंतरिक्ष यात्रा से भी आगे है जीवन यात्रा का वास्तविक लक्ष्य

मनुष्य जीवन की एक आम अवधारणा बन चुकी है कि जन्म होते ही शिक्षा प्राप्त करो और शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात धन अर्जन करो और फिर क्षणिक सुख भोगकर मृत्यु। क्या यही है मानव जीवन का वास्तविक लक्ष्य, नहीं भगवत गीता में गीता ज्ञान दाता अर्जुन से कहते हैं, हे! अर्जुन मनुष्य देह का प्रधान उद्देश्य पूर्ण मोक्ष को प्राप्त कर उस शाश्वत स्थान को प्राप्त करना है जहां जन्म-मरण रूपी दीर्घ रोग भी अछूते हों।

वह शाश्वत स्थान कौन सा जहां जाना मनुष्य जीवन रूपी यात्रा का मूल लक्ष्य है?

सतलोक जहाँ जाने के बाद कभी जन्म–मृत्यु नहीं होती, वहां जरा जैसी दुखदाई अवस्था भी नहीं होती है। सतलोक में सूर्य और चंद्रमा नहीं हैं और ना ही वो लोक नाशवान है। वहाँ की मिट्टी बिल्कुल सफेद और चमकदार है। वहाँ का जल और अन्य खान–पान की वस्तुएँ कभी खराब नहीं होती। वहाँ फलों से लदे हुए पेड़ हैं, जिनका फल इतना मीठा है कि पृथ्वी लोक में तो उसका उदाहरण मिलना मुश्किल है। सतलोक में दूधों की नदियां बहती हैं और वहाँ पहाड़ों पर हीरे मोती जड़े हुए हैं। वहाँ की हंस आत्माओं के पास बड़े-बड़े घर और अपने विमान हैं।

हमसे कितनी दूरी पर है हमारा मूल गंतव्य स्थान (स्थाई घर) सतलोक?

हमारे सदग्रंथों में प्रमाण है कि हमारा निज घर सतलोक, पृथ्वी लोक से लगभग 16 शंख कोस ( 48 शंख किलोमीटर) की दूरी पर स्थित है। जहां जाने के लिए हमें देवी देवताओं, ब्रह्म और पारब्रह्म को नाम रूपी कमाई सौंपनी पड़ती है। सतलोक काल निरंजन और अक्षर ब्रह्म के लोकों को पार करके जाया जाता है। सतलोक सबसे उपर का लोक है जहां जाने के बाद इंसान कभी जन्म-मरण के चक्र में नहीं आता। इस शाश्वत स्थान सतलोक को गीता में सनातन परमधाम और ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 96 मंत्र 20 में ऋतधाम कहा गया है।

जानिए कैसे जाया जा सकता है हमारे निज घर सतलोक को?

पृथ्वीलोक के इन साधारण से विमानों से सतलोक जाने की कल्पना करना भी महामूर्खता होगी, वहां जाने के लिए पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी से उस सत्यपुरुष पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी की सतभक्ति प्राप्त करनी होगी।  सतभक्ति प्राप्त करने के पश्चात आजीवन मर्यादा में रहकर साधना करने से ही वो दयालु परमात्मा कविर्देव जी हमें नाम शब्द रूपी विमान से सतलोक को ले जाएंगे। सतलोक सुखों का सागर है, हमारा निज घर है, जिसकी खोज में हम युगों-युगों से भटक रहे हैं।

सतज्ञान से खत्म होगी लकीर के फकीर वाली आदत

पाठकगण विचार करें आज सर्वत्र एक ही विचारधारा देखने को मिलती है कि हम लोग कभी बूढ़े न हों? और मरना तो कदापि नहीं, क्योंकि यह आत्मा का स्वभाव है! जो सतलोक में यह सुख भोग कर आई है! जहा न बूढ़े होते हैं! न ही मृत्यु होती है, जहां जन्म-मरण रूपी दीर्घ रोग नहीं हैं, परन्तु जिस लोक में हम वर्तमान में रह रहे हैं यह हमारा वास्तविक घर नहीं है, यह काल कसाई का लोक है हम सभी को इसने बकरे की तरह पाल रखा है। जिस दिन अच्छे कर्मों का अंत हो जाएगा उस दिन बिना समय गवाएं, जैसे कसाई बकरे को घसीट कर ले जाता है वैसे ही काल जीव को ले जाएगा। उस समय विलाप करने के अतिरिक्त और कोई विकल्प शेष नहीं होगा। 

अगर इस प्रकार की दुर्गति से बचना चाहते हो तथा इस जन्म-मरण रूपी बार-बार की पीड़ादायक क्रिया से पूर्ण मुक्ति चाहते हो तो पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी की शरण ग्रहण करो। तथा आजीवन मर्यादा में रहकर सतभक्ति करने से अपने निज घर सतलोक को प्राप्त हो जाओगे। अधिक जानकारी के लिए सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर सत्संग श्रवण करें

Latest articles

Dr. A.P.J. Abdul Kalam Death Anniversary: Know The Missile Man’s Unfulfilled Mission

Last updated on 26 July 2024 IST | APJ Abdul Kalam Death Anniversary: 27th...

Kargil Vijay Diwas 2024: A Day to Remember the Martyrdom of Brave Soldiers

Every year on July 26th, Kargil Vijay Diwas is observed to honor the heroes of the Kargil War. Every year, the Prime Minister of India pays homage to the soldiers at Amar Jawan Jyoti at India Gate. Functions are also held across the country to honor the contributions of the armed forces.
spot_img

More like this

Dr. A.P.J. Abdul Kalam Death Anniversary: Know The Missile Man’s Unfulfilled Mission

Last updated on 26 July 2024 IST | APJ Abdul Kalam Death Anniversary: 27th...

Kargil Vijay Diwas 2024: A Day to Remember the Martyrdom of Brave Soldiers

Every year on July 26th, Kargil Vijay Diwas is observed to honor the heroes of the Kargil War. Every year, the Prime Minister of India pays homage to the soldiers at Amar Jawan Jyoti at India Gate. Functions are also held across the country to honor the contributions of the armed forces.