February 23, 2025

Jaswant Singh Death News: नहीं रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह

Published on

spot_img

Jaswant Singh Death News: बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का निधन 27 सितंबर 2020 को सुबह 6:55 पर हो गया। जसवंत सिंह ने सेना में मेजर के पद पर भी अपनी सेवाएं दी और उसके बाद लम्बे समय तक राजनीति में अपना योगदान दिया। वे पिछले छः वर्षों से बीमार चल रहे थे। पाठक जानेंगे सतभक्ति करके मृत्यु और बुढ़ापे से छूटने का उपाय।

Jaswant Singh Death News के मुख्य बिंदु

  • अटल जी की सरकार में रहे मंत्री जसवंत सिंह का 82 वर्ष की आयु में निधन
  • 25 जून 2020 को अस्पताल में पुनः भर्ती कराया गया था उनके कुछ अंगों ने काम करना बन्द कर दिया था
  • जसवंत सिंह थे कोमा में, 2014 में घर में गिरने के बाद से ही वे बीमार चल रहे थे
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जसवंत सिंह के निधन पर दुःख ज़ाहिर किया
  • मन नेकी कर ले दो दिन का मेहमान – सतभक्ति से पाएं राहत कष्टों से

मेजर पद से रिटायर होने के बाद किया राजनीति में पदार्पण

जसवंत सिंह ने भारतीय सेना के मेजर पद पर अपनी सेवाएं दीं थीं। सेना से सेवानिवृत्त होने के पश्चात उन्होंने राजनीति में पदार्पण किया और 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्त मंत्रालयों में अपनी सेवाएं दीं।

Jaswant Singh Death: छः वर्षों से बीमार थे

अगस्त 2014 से अपने घर में गिरने से वह बीमार थे और कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। ब्रेन हैमरेज के कारण जसवंत सिंह कोमा में चले गए थे। 25 जून को उन्हें सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में पुनः भर्ती कराया गया था। उन्हें मल्टी ऑर्गन डिस्फंक्शन सिंड्रोम और सेप्सिस से पीड़ित बताया गया। 27 सितंबर, 2020 को लगभग 6:55 बजे प्रातः दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। उनके बहुत से अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिनका इलाज चल रहा था।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की मृत्यु की खबर नहीं दी थी जसवंत जी को

जसवंत एक लंबे समय से सख्त बीमार चल रहे थे। अटल जी के बेहद करीबी और उनके मित्र रहे जसवंत सिंह को अटल जी की मृत्यु के बारे में नहीं बताया गया था। स्वयं उनके पुत्र मानवेंद्र ने एक ब्लॉग में बताया था कि अपने पिता को उनके अजीज मित्र की मृत्यु की खबर नहीं दी गई थी।

Jaswant Singh Death: अन्य कई गणमान्यों ने भी याद किये उनके अनुभव

वही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी अनुभवी भाजपा नेता और पूर्व मंत्री श्री जसवंत सिंह को मृत्यु पर याद करते हुए लिखा कि उन्होंने रक्षा मंत्रालय के प्रभारी सहित कई क्षमताओं में देश सेवा की। वर्तमान भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पुनः स्मरण करते हुए कहा कि विदेश मंत्री के रूप में जसवंत जी ने भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों से बहुत अच्छा कार्य कराया।

सतभक्ति कर सकती है बुढ़ापे के कष्टों से दूर

जरा यानी बुढ़ापा प्रत्येक का आता है। बुढ़ापे के समय बीमारियाँ हो जाती हैं और शरीर और इंद्रियां साथ देना बंद कर देती हैं। यह कोई नई घटना नहीं है किंतु इस कष्ट को झेलने वाला ही समझ सकता है कि जीवन कितना कष्टप्रद हो जाता है। बुढ़ापा व्यक्ति को कमजोर बना देता है व्यक्ति छोटे – छोटे कामों के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाता है। कार्य हो सकता है हो जाये लेकिन अपने हिस्से में आया कष्ट तो व्यक्ति को झेलना ही होता है। इस कष्ट को सतभक्ति से दूर किया जा सकता है। सतभक्ति यानी वेदों में वर्णित पूर्ण तत्वदर्शी संत से ली गई भक्ति। इसी लिए कबीर साहेब ने कहा है-

वृद्ध हुआ जब पड़ै खाट में, सुनै वचन खारे |
कुत्ते तावन का सुख भी कोन्या, छाती फूकन हारे ||

सतभक्ति है बीमारियों का इलाज

सतभक्ति मोक्षदायक है। उसके अलावा सतभक्ति से बीमारियों का इलाज होने वाली बात भी सत्य है। जहाँ विज्ञान के चक्के धीमे होते हैं अध्यात्म वहीं से ज़ोर पकड़ता है। असाध्य से असाध्य बीमारियां सतभक्ति से ठीक हो जाती हैं। वेदों के अनुसार पूर्ण परमेश्वर के कविर्देव (कबीर साहेब) अपने साधक के असाध्य रोग भी ठीक करके उसे सौ वर्षों का जीवन प्रदान करते हैं भाग्य में न होने पर भी। रोगों से मुक्ति के लिए, अच्छे स्वास्थ्य के लिए सतभक्ति आवश्यक है। बिना सतभक्ति के कैंसर, एड्स जैसी लाइलाज बीमारियां घेरती हैं जिनसे व्यक्ति का जीवन नरक के समान हो जाता है।

जन्म मृत्यु का रोग कटना आवश्यक है

जन्म लेना, भोजन ढूंढना, प्रजनन करना और मर जाना ये पशुओं का जीवन है। मनुष्यों का जीवन बिना सतभक्ति के इससे अलग नहीं है। वह भी इसी प्रकार है जन्म लेना, शिक्षा प्राप्त करना जो कि अच्छी नौकरी और भोजन आदि आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए है। वास्तव में मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति है। मनुष्य यदि अच्छे कर्म करें, सत्यवादी रहे, सेवा करें तो उसे इनका फल मिलेगा परन्तु मोक्ष नहीं। वह तब तक 84 लाख योनियों में कष्ट पाता रहेगा जब तक वह पूर्ण तत्वदर्शी संत की शरण में नहीं आ जाता।

बेटा जाय खुशी हुई, खूब बजाए थाल |
आना जाना लग रहा, ज्यों कीड़ी का नाल ||

सतलोक में नहीं है मृत्यु और बुढ़ापा

सतलोक वह स्थान है जहाँ के हम वास्तविक निवासी हैं। अपनी गलती से इस काल लोक में आये और दुख भोग रहे हैं। मोक्ष प्राप्ति के बाद हम उसी अमर स्थान में जाएंगे जहाँ एक तत्व नूर का शरीर है, जहां जन्म, मरण, जरा, दुख, बीमारी आदि नहीं हैं। वह आदि अमर स्थान है जहाँ किसी प्रकार का कोई दुख, संताप और चिंताएं नहीं हैं। पूर्ण तत्वदर्शी संत की शरण में आकर वेदों में वर्णित पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने और गीता के अध्याय 17 के श्लोक 23 में दिए तीन सांकेतिक मंत्रों ॐ तत् सत् का सही जप करने से व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त होकर सतलोक गमन करता है।

सतगुरु मिलें तो इच्छा मेंटैं, पद मिल पदै समाना |
चल हँसा उस लोक पठाऊँ, जो आदि अमर अस्थाना ||

चार मुक्ति जहाँ चम्पी करतीं, माया हो रही दासी |
दास गरीब अभय पद परसै, मिलै राम अविनाशी ||

कष्टों से छूटने के लिए जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज की शरण लें

वर्तमान में पूर्ण तत्वदर्शी संत पूरे विश्व में एकमात्र जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी हैं। वे एकमात्र ऐसे संत हैं जिन्होंने सर्व धर्मों के धर्मग्रंथों को खोलकर उनके गूढ़ रहस्यों से परिचय करवाया और सही आध्यात्मिक ज्ञान बताया। शास्त्रों में दिए तत्वदर्शी संत के सभी लक्षण संत रामपाल जी महाराज पर सही उतरते हैं। अविलंब उनकी शरण में आएं और अपने इस जीवन का कल्याण करवाएं और मोक्ष दायक भक्ति विधि प्राप्त करें। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल

Latest articles

महाशिवरात्रि 2025 [Hindi]: क्या Mahashivratri पर व्रत करने से मुक्ति संभव है?

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Mahashivratri Puja Vrat in Hindi (महाशिवरात्रि 2025...

Maha Shivratri Puja 2025: Path to Salvation or mere Ritual?

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Maha Shivratri 2025 Puja: India is a...

World Peace and Understanding Day 2025: A Call for Global Harmony and Collective Responsibility

World Peace and Understanding Day 2025: The day is celebrated to restore the lost...

International Mother Language Day 2025: What Is the Ultimate Language of Unity? 

Last Updated on 20 February 2025 IST: International Mother Language Day: Every year on...
spot_img

More like this

महाशिवरात्रि 2025 [Hindi]: क्या Mahashivratri पर व्रत करने से मुक्ति संभव है?

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Mahashivratri Puja Vrat in Hindi (महाशिवरात्रि 2025...

Maha Shivratri Puja 2025: Path to Salvation or mere Ritual?

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Maha Shivratri 2025 Puja: India is a...

World Peace and Understanding Day 2025: A Call for Global Harmony and Collective Responsibility

World Peace and Understanding Day 2025: The day is celebrated to restore the lost...