International Anti-Corruption Day 2023 (Hindi): संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से ही होगा भ्रष्टाचार रूपी दीमक का खात्मा

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Last Updated on 6 December 2023 IST: अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस (International Anti-Corruption Day in Hindi) भ्रष्टाचार के विरुद्ध जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 9 दिसंबर को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। जैसे-जैसे दुनिया में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है, लोग इस दिन को समाज से भ्रष्टाचार खत्म करने की पहल के रूप में मनाते हैं। यह दिवस सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के बारे में समाज और नागरिकों में जागरूकता पैदा करने और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए मनाया जाता है। लोग इस पर कई प्रकार के कार्य कर नई पीढ़ी को भ्रष्टाचार के विषय में जागरूक करते हैं। पाठकजन विस्तारपूर्वक पढ़ें और जानें कि कैसे आध्यात्मिकता द्वारा भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त किया जा सकता है?

Table of Contents

International Anti-Corruption Day 2023 (अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस): मुख्य बिंदु

  • प्रतिवर्ष 9 दिसंबर को वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय  भ्रष्टाचार निरोध दिवस मनाया जाता है
  • इंटरनेशनल एंटी करप्शन डे मनाने का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है
  • इस वर्ष विषयवस्तु (Theme) है – “ “यूएनसीएसी एट 20: भ्रष्टाचार के खिलाफ दुनिया को एकजुट करना” (“UNCAC at 20: Uniting the World Against Corruption”)
  • सभ्य मानव समाज में भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह है
  • सच्चे समाजसुधारक संत रामपाल जी महाराज भ्रष्टाचार को खत्म करने में निभा रहे हैं मुख्य भूमिका
  • संत रामपाल जी महाराज के अद्वितीय ज्ञान से प्रेरित होने के बाद लोग भ्रष्टाचार करने का ख्याल स्वप्न में भी नहीं लाते हैं

International Anti-Corruption Day 2023 (Hindi):भ्रष्टाचार क्या है?

भ्रष्टाचार से सम्बंधित विस्तृत जानकारी जानने से पूर्व सबसे पहले यह समझना अत्यंत आवश्यक है कि भ्रष्टाचार है क्या? आम शब्दों में कहें तो भ्रष्टाचार का मतलब है कि कानून व नैतिक मूल्यों की उपेक्षा करके किसी जायज या नाजायज काम को करने के लिए दिया जाने वाला अनुचित लाभ। यह लाभ आर्थिक रूप में हो सकता है जिसे रिश्वत कहते हैं या किसी और तरह से भी हो सकता है। 

International Anti-Corruption Day 2023 (Hindi):भ्रष्टाचार के प्रकार (Types of Corruption)

  • किसी चीज़ की गलत जानकारी देना
  • टैक्स की चोरी करना
  • चीजों में मिलावट करना
  • कालाबाजारी
  • रिश्वतखोरी/घूसखोरी

इसके अलावा भी वह सभी बातें जिनका उद्देश्य ही गलत हो, और बुराई को बढावा देते हो, भ्रष्टाचार के अंतर्गत आते हैं।

उदाहरण से समझें भ्रष्टाचार को 

जैसे कि अपना कोई सही काम करवाने के लिए आप किसी सरकारी दफ्तर में जाते हैं। लेकिन वहां आप से पैसे की मांग की जाती है जबकि सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह आपका काम अपना कर्तव्य समझ कर निशुल्क करे। इस प्रकार पैसे लेकर किया जाने वाला अनैतिक कार्य भी भ्रष्टाचार के दायरे में आता है।

दुनियाभर के भ्रष्टाचार के चिंताजनक आंकड़े

एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में प्रतिवर्ष 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थात तकरीबन 70 लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष घूस के तौर पर दिया जाता है। वहीं भ्रष्टाचार के माध्यम से करीब 300 लाख करोड़ रुपये की हर साल चोरी की जाती है जो दुनिया भर की जीडीपी का करीब पांच फीसदी है। दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में जिन देशों का नाम आता हैं वो हैती, ईराक, नार्थ कोरिया, वेनेजुएला, सोमालिया और अफगानिस्तान हैं। “विश्व में, भ्रष्टाचार के मामले में भारत का 85वां स्थान है”।

भ्रष्टाचार के कारण उत्पन्न गम्भीर खतरे?

खासतौर पर विकासशील देशों के लिए यह सबसे गंभीर अपराध है। इससे सामाजिक और आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी होती है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा भी प्रभावित होती है। करोड़ों लोग उचित शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और अन्य जनसुविधाओं को हासिल नहीं कर पाते हैं।

भ्रष्टाचार के लिए कौन-कौन है जिम्मेदार?

अगर भ्रष्टाचार की बात आती है तो इसके लिए जितना सरकारी सिस्टम जिम्मेदार है, उतना ही आम आदमी और निजी कंपनियां भी शामिल हैं। कई बार आम आदमी भी झंझट, परेशानी और समय की बचत करने के लिए अधिकारियों की नाजायज मांग को मान लेता है। इस तरह से वह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। कई बार निजी कंपनियां भी ऐसा करती हैं।

कब है अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस (International Anti Corruption Day, Date)

भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह है जो हमारे समाज को, हमारी अर्थव्यवस्था को और कुल मिलाकर पूरे देश को खोखला कर रहा है। यह समाज और देश के विकास में बड़ी बाधा है। दुनिया का लगभग हर देश इस समस्या से ग्रसित है। इसी को ध्यान में रखते हुए 31 अक्टूबर, 2003 को भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में प्रस्ताव पारित हुआ था। उसके बाद से हर साल 9 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य रूप से मकसद भ्रष्टाचार के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है।

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध का महत्व (Significance of International Anti-Corruption Day)

अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी या भ्रष्टाचार निरोध दिवस का महत्व विश्व स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को तेज करना है और यह बताना है कि किसी को इससे कैसे और क्यों बचना चाहिए। यह दिन एंटी करप्शन ग्रुप्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो कदाचार के खिलाफ जागरूकता (Awareness) फैलाता है और बताता है कि अपने कार्यस्थल पर भ्रष्टाचार से कैसे लड़ना और बचना चाहिए। लोकतांत्रिक संस्थाओं की नींव को बचाने के लिए भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होने से रोकने की आवश्यकता है क्योंकि भ्रष्टाचार कानून के शासन को झुकाकर चुनावी प्रक्रियाओं को विकृत करता है। भ्रष्टाचार कई मायनों में देश के आर्थिक विकास को भी प्रभावित करता है।

अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस 2023 विषय (International Anti Corruption Day Theme 2023)

प्रत्येक वर्ष वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए, भ्रष्टाचार के प्रति लोगों की जागरूकता को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम किये जाते हैं। अभियान को तेज करने के लिए प्रत्येक वर्ष अलग-अलग विषय होते हैं। इस वर्ष, अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस की विषयवस्तु (Theme) है, “ “UNCAC at 20: Uniting the World Against Corruption (“यूएनसीएसी एट 20: यूनाइटिंग द वर्ल्ड अगेंस्ट करप्शन”)”। इस अवसर पर अचिम स्टेनर, प्रशासक, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने एक व्यक्तव्य जारी किया है।

Read in English: International Anti-Corruption Day: Right Way to End Corruption Forever

2023 अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस (IACD) शांति, सुरक्षा और विकास के साथ भ्रष्टाचार विरोधी कड़ी को जोड़कर इसके महत्व को उजागर कर रहा है। 2023 IACD संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCAC) की 21 वीं वर्षगांठ पर भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रयास करने के लिए कृत संकल्प है। इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस की थीम से यह संकल्प साफ दिखाई दे रहा है। अगले वर्ष, IACD 2023 संयुक्त राष्ट्र, दुनिया भर के भागीदारों के साथ मिलकर, किन सामूहिक प्रयासों की जरूरत रह गई है उनको तलाशकर एक मजबूत तंत्र बनाएगा।  

इस मुहिम में शामिल होने के लिए हैशटैग #UnitedAgainstCorruption का इस्तेमाल करें।

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस का इतिहास (International Anti-Corruption Day History)

दिसंबर 2003 में अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का पहला कदम यूनाइटेड नेशनल कन्वेंशन अगेन्स्ट करप्शन (UNCAC) पारित करके संयुक्त राष्ट्र द्वारा लिया गया था। इसको 31 अक्टूबर 2003 को तैयार किया गया था। (UNAC) संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों के बीच एक संधि है जिस पर 9 दिसंबर को हस्ताक्षर किया गया और यह 14 दिसंबर 2005 से प्रभावी हुआ था।  

9 दिसंबर, 2006 को भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन पर हस्ताक्षर करके भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार दिवस मनाया गया था। इस संधि का उद्देश्य कानूनी रूप से भ्रष्टाचार को कम करने के लिए राज्यों के सदस्य को बांधना और कानून और व्यवस्था को लागू करना था। इस समझौते में 5 प्रकार के मुद्दों को दर्शाया गया है, वे इस प्रकार हैं।

  • भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना।
  • कानून और व्यवस्था लागू करना।
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार को कम करना।
  • संपत्ति की वसूली और देश को अपने मूल रूप में लाना।
  • तकनीकी सहायता और जानकारी का आदान-प्रदान करना।

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस उद्धरण व नारे (International Anti-Corruption Day Quotes and Slogan)

  • भ्रष्टाचार करके अमीर बनने का क्या फायदा, इंसान को अपने बुरे कर्मों का फल भोगना पड़ता है।
  • भ्रष्टाचारी के पैसों का भोग पूरा परिवार करता है, मगर पापों का हिसाब केवल भ्रष्टाचारी को देना पड़ता है।
  • भ्रष्टाचार के अपराध का सहअपराधी अक्सर हमारी खुद की उदासीनता होती है।
  • भ्रष्टाचार वेश्यावृत्ति से भी बदतर है। वेश्यावृत्ति किसी व्यक्ति की नैतिकता को खतरे में डालती है, भ्रष्टाचार निर्विवाद रूप से पूरे देश की नैतिकता को खतरे में डालता है |
  • करप्शन की रूट है गहरी, पोलिटिशियन है जिसके प्रहरी।

सच्चे समाजसुधारक संत रामपाल जी महाराज का भ्रष्टाचार के उन्मूलन में अद्वितीय योगदान

आज हम देखते हैं कि सभ्य मानव समाज में चारों तरफ भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है। चाहे वह सरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र। भ्रष्टाचार एक तरह से मानव समाज में दीमक है जो मानव समाज समाज को अन्दर ही अन्दर खोखला करता जा रहा है। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए वैश्विक स्तर पर हो चाहे राष्ट्रीय स्तर पर कई समितियों का गठन हुआ, कई कानून बने पर धरातल पर उनकी चमक फीकी सी दिखी और भ्रष्टाचार दिन प्रतिदिन पैर पसारता गया, परन्तु वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज ने अपने अद्वितीय ज्ञान का लोहा मनवाते हुए भ्रष्टाचार खत्म करने का बीड़ा उठाया है। 

संत रामपाल जी महाराज के अनमोल ज्ञान को सुनकर तथा संत रामपाल जी महाराज से निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त कर कई लोगों ने बताया है कि संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा प्राप्त करने से पहले हम भ्रष्टाचार में पूर्ण रूप से लिप्त थे, परन्तु संत रामपाल जी महाराज ने अपने अनमोल सत्संगों में बताया कि “भ्रष्टाचार करना भगवान के संविधान अनुसार महापाप है और ऐसे महापाप से नरक भोगना पड़ता है”। इन्हीं अनमोल वचनों को सुनकर हम लोग भ्रष्टाचार करना तो दूर अब भ्रष्टाचार का ख्याल स्वप्न में भी नहीं लाते हैं।

कलयुग में सतयुग का आगम कराती संत रामपाल जी महाराज जी की विचारधारा

संत रामपाल जी महाराज ने अपने अनमोल ज्ञान के आधार पर मानव समाज को सर्व बुराइयों से मुक्त कराने का जो बीड़ा उठाया है वह निश्चित रूप से अद्वितीय है। संत रामपाल जी महाराज की अद्वितीय विचारधारा को विस्तृत रूप से जानने के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा मानव कल्याण के उत्थान हेतु लिखित जीने की राह पुस्तक का अवश्य अध्ययन करें। संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग श्रवण हेतु सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल को सुने।

FAQ’s International Anti Corruption Day [Hindi]

प्रश्न: भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का महत्व क्या है?

उत्तर: अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी का महत्व विश्व स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को तेज करना है और यह बताना है कि किसी को इससे कैसे और क्यों बचना चाहिए। 

प्रश्न: भ्रष्टाचार विरोधी सरल शब्दों में क्या है?

उत्तर: भ्रष्टाचार विरोधी का अर्थ है : भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए किए गए प्रयत्न या कार्य। भ्रष्टाचार का अंत करने के लिए की जाने वाली गतिविधियों को भ्रष्टाचार विरोधी कहते है । 

प्रश्न: भ्रष्टाचार विरोधी दिवस की शुरुआत किसने की?

उत्तर: दिसंबर 2003 में अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का पहला कदम यूनाइटेड नेशनल कन्वेंशन अगेन्स्ट करप्शन (UNCAC) पारित करके संयुक्त राष्ट्र द्वारा लिया गया था। इसको 31 अक्टूबर 2003 को तैयार किया गया था। (UNAC) संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों के बीच एक संधि है जिस पर 9 दिसंबर को हस्ताक्षर किया गया और यह 14 दिसंबर 2005 से प्रभावी हुआ था।

प्रश्न: किस संत की अध्यात्मिक शक्ति से भ्रष्टाचार का अंत हो सकता है?

उत्तर: विश्व में संत रामपाल जी महाराज जी ही वह संत है, जिनकी आध्यात्मिक शक्ति से भ्रष्टाचार का अंत हो सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दी गई सतभक्ति से भ्रष्टाचार का अंत संभव है। 

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