March 4, 2025

इंदौर में 51 लाख पौधारोपण अभियान: संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने निभाई अहम भूमिका

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मध्यप्रदेश के इंदौर में 51 लाख पौधारोपण अभियान के अंतर्गत 14 जुलाई 2024 को रेवती रेंज में 11 लाख पौधे रोपे गए, जिससे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। इस अभियान में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना था।

  • इंदौर में 51 लाख पौधारोपण अभियान
  • 14 जुलाई को 11 लाख पौधे रोप कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों का महत्वपूर्ण योगदान
  • 7 से 14 जुलाई तक चला अभियान
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ आह्वान पर आधारित

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में 51 लाख पौधारोपण अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 17 जून को किया। यह अभियान 7 से 14 जुलाई तक था, जिसके अंतिम दिन रेवती रेंज पर 11 लाख पौधे रोप कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस अभियान की नोडल एजेंसी नगर निगम है और मेयर पुष्यमित्र भार्गव इसकी मॉनिटरिंग करेंगे। यह महावृक्षारोपण कार्यक्रम 7 जुलाई से शुरू होकर 14 जुलाई तक चला। संत रामपाल जी महाराज के भक्तों ने इस पर्यावरण संरक्षण के कार्य में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

संत रामपाल जी महाराज के शिष्य अपने गुरु की आज्ञा से परमार्थ के कार्यों में लगे रहते हैं। तो फिर पर्यावरण के महत्वपूर्ण कार्य में कैसे पीछे रहते। 7 जुलाई से 14 जुलाई 2024 तक इंदौर शहर में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने पौधारोपण अभियान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने “सत साहेब” और “सदगुरु देव जी की जय” के नारों के साथ जोश से भरपूर पौधारोपण किया गया।

पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एक रैली आयोजित की गई, जिसमें संत कबीर साहेब और संत रामपाल जी महाराज के जयकारों के साथ उनके अनुयायियों ने भाग लिया। इस रैली ने कार्यक्रम में जोश और उत्साह का संचार दिखा, जिससे यह आयोजन और भी प्रभावशाली बन गया।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इंदौर सिटी में संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों द्वारा 

“जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा, हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईकाई धर्म नहीं कोई न्यारा।”

लगाए नारों से पूरा इंदौर गूंज रहा है। उनका संकल्प पर्यावरण के लिए और समस्त मानव जाति के स्वास्थ्य के लिए है। इस विशाल रैली ने दर्शाया कि इंदौर वासियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति कितना जोश और उत्साह है।

इंदौर में 51 लाख पौधारोपण अभियान के तहत 20 लाख पौधे शहरी सीमा में रोपे जाने की योजना बनाई गई है। जिसमें नगर निगम द्वारा 40 लाख पौधे जबकि 10 लाख पौधे जनभागीदारी से लाए जा रहे हैं। इस अभियान के अंतर्गत झाबुआ और खंडवा सहित अन्य स्थानों से भी पौधे लाए जा रहे हैं। अभियान में समाज के सभी लोगों से सहभागिता की अपील की गई है। अभियान के लिए गड्ढे खोदने का काम युद्ध स्तर पर किया गया है।

■ Also Read: World Environment Day in Hindi: विश्व पर्यावरण दिवस पर जानिए पर्यावरण का महत्व व इसे बचाने के लिए किए जा सकने वाले प्रयास

14 जुलाई को इंदौर के लिए गौरव का दिन होगा जब रेवती रेंज में 11 लाख पौधे रोपकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया जाएगा। पिछले साल असम में 9.21 लाख पौधारोपण का रिकॉर्ड है, जिसे इंदौर अब तोड़ेगा।

मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ का स्लोगन दिया था। इसी कड़ी में यह अभियान चलाया जा रहा है। लोगों से अपील की गई है कि वे अपनी मां के नाम पर पौधारोपण करें। 

Read in English: Indore Breaks Guinness World Record of Plantation: Significant Contribution from Sant Rampal Ji 

इंदौर का 51 लाख पौधारोपण अभियान एक सफल और प्रभावशाली प्रयास साबित हुआ, जिसमें संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अभियान ने न केवल गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया, बल्कि समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई। यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम है।

संत रामपाल जी महाराज जी कबीर साहेब जी का अवतार हैं। वे समाज के एकमात्र मार्गदर्शक हैं जो सतभक्ति प्रदान कर सभी बुराइयों को समाप्त कर कलयुग में सतयुग की स्थापना कर रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, कुरान, बाइबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान का सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुसार सतभक्ति के माध्यम से पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण में जुटे हैं। वे कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे आपसी वैमनस्य को समाप्त कर विश्व शांति स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हैं, जिससे धरती को स्वर्ग बनाया जा सके। सतगुरु की असीम कृपा से भारत शीघ्र ही सोने की चिड़िया बनेगा और विश्वगुरु के खोए हुए सम्मान को पुनः प्राप्त करेगा।

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