HomeNewsIndian Chinese Troops Clash : भारत और चीन के मध्य हुई फिर...

Indian Chinese Troops Clash [2022]: भारत और चीन के मध्य हुई फिर झड़प, कई सैनिक हुए घायल 

Date:

Indian Chinese Troops clash [2022]: भारतीय एवं चीनी सैनिकों में एक बार फिर झड़प की खबर सामने आई है। इस दौरान किसी भी सैनिक के शहीद होने की कोई खबर नहीं है। घटना अरुणाचल प्रदेश के तवांग में उत्तर पूर्व की ओर हुई है। आइए जानें इस समाचार से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदु

Indian Chinese Troops clash के मुख्य बिंदु 

  • अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई भारतीय एवं चीनी सैनिकों के मध्य झड़प।
  • घायल सैनिकों का इलाज गुवाहाटी में किया जा रहा है।
  • जानें क्या है वास्तविक नियंत्रण रेखा?
  • आ चुके हैं विश्व शांति के दूत!

एलएसी में हुई चीन और भारत के सैनिकों में झड़प  

जानकारी के मुताबिक 9 दिसम्बर को यह झड़प चीनी एवं भारतीय सैनिकों (Indian Chinese Troops Clash) के मध्य हुई। यह घटना अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई। तवांग सेक्टर के एल ए सी इलाके में दोनों देशों की सेनाएं अपनी सीमाओं के अंतर्गत गश्त करती हैं। 9 दिसंबर 2022 को पेट्रोलिंग के दौरान चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा के भीतर घुसने की नाकाम कोशिश की। इस दौरान दोनों सेनाओं में झड़प हुई और भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों की कोशिश सफल नहीं होने दी। किंतु झड़प में कई सैनिक घायल हुए जिनका इलाज गुवाहाटी के अस्पताल में किया जा रहा है।

300 चीनी सैनिकों ने बोला था धावा

Indian Chinese Troops Clash [Hindi]: एलएसी में लगभग 300 चीनी सैनिकों ने धावा बोला था। हालांकि वे इस बात से अनजान थे कि भारतीय पक्ष अपनी मजबूती के साथ खड़ा है। भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को अपनी सीमा के भीतर घुसने से रोका और इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हो गई। झड़प में घायल हुए चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों की संख्या से अधिक है। अक्टूबर 2021 में भी चीनी सिपाहियों ने यांगसे में घुसने का प्रयास किया था। दोनों सेनाएं कुछ हिस्सों पर अपना अपना दावा करती आईं हैं। फिलहाल बहादुरी का परिचय देते हुए भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना का दृढ़ता से सामना किया। 

संबंध हमेशा से रहे तीखे

भारत और चीन के मध्य अक्सर झड़पें होती रही हैं। वर्ष 2000 में लद्दाख क्षेत्र में भी दोनों देशों में झड़प हुई थी। पिछले वर्ष भी तवांग से करीब 35 किलोमीटर दूर चीनी सिपाहियों ने कब्जे की नाकाम कोशिश की थी। इस वर्ष की यह झड़प 15 जून 2020 की गलवान घाटी में हुई मुठभेड़ की यादें ताजा करती है जिसमें दोनों ही सेना के सैनिकों को क्षति पहुंची एवं भारत से 20 सैनिक शहीद हुए थे। भारतीय क्षेत्र पर चीन अक्सर अपना दावा जताता है। इस कारण दोनों सेनाओं के मध्य कई बार कोर कमांडर स्तर की बैठकें हो चुकी हैं। यहां तक कि इसी वर्ष 8 सितंबर को साझे बयान में यह कहा गया था की इलाके से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट जाएंगी। 

आखिर क्या है एलएसी

वास्तव में किसी भी देश की सीमा उस देश का क्षेत्रफल निर्धारित करती है। एक देश को दूसरे देश से अलग करने वाली सीमा को अंतर्राष्ट्रीय सीमा कहा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय सीमा के माध्यम से दो पड़ोसी देश अलग होते हैं तथा यह विश्व स्तर पर स्वीकृत होती है। इस पर किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं होता। अब जानेंगे क्या है एल ए सी (LAC) यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (line of actual control) या वास्तविक नियंत्रण रेखा। 

■ Read in English: India China Latest News Update: What is the Chronology of Current Standoff?

वास्तव में जब दो देशों के मध्य सरहद के साथ किसी स्थान को लेकर मतभेद होता है तो वे आपसी समझौते के साथ एक सीमा निर्धारित करते हैं। LAC इसी प्रकार की एक सीमा है जो भारत और चीन की सरहद पर 4057 किलोमीटर है। 1962 के भारत और चीन के युद्ध के बाद चीनी सेना जहां खड़ी थी वहीं से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा बनाई गई। इस लाइन को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाता है। किंतु LAC की अपनी अपनी सीमा के भीतर गश्त के दौरान दोनों देशों की सेनाओं का अक्सर आमना – सामना होता रहता है।

जंग से होती है धन और नैतिकता की हानि

जंग अपने आप में एक समस्या है इसलिए तनाव, युद्ध, झड़प किसी समस्या का हल नहीं दे सकते। इतिहास गवाह है जंग में केवल हानि होती है। जन, धन और नैतिकता की हानि। लड़ाई झगड़े से कोई भी देश किसी की भी अस्मिता, नैतिकता और मानवता को बचाकर नहीं रख सकता। आपसी सुलह और भाईचारे के साथ हर मामले को सुलझाया जा सकता है। भाईचारे को बचाकर न रखना बहुत खतरनाक हो सकता है।

विश्व में शांति स्थापित करने वाले मसीहा 

युद्ध जैसी समस्याएं बड़ी हैं किंतु इनके लिए समय समय पर विशेष हस्तियां आती रहीं और सुझाव तथा संधियां पेश कराती रहीं। हालांकि इसका कोई स्थायी हल नहीं निकल सका। आज मानवता का संदेश लेकर विश्व शांति दूत एवं मानवता के वाहक संत रामपाल जी ने स्थायी हल प्रदान किया है। संत रामपाल जी ने अपने तत्वज्ञान से यह विवेक समाज को प्रदान किया है कि भौतिक सुख, सीमाओं, वस्तुओं के लिए अपने ईमान की बाजी लगाना मूर्खता है। 

मानव को अपने प्रत्येक कर्म का हिसाब देना होता है। संत रामपाल जी महाराज ने विश्व को एक आध्यात्मिक ज्ञान, एक भक्ति और एक धर्म यानी मानवता से बांधा है। इस राह पर चलने वाले सभी देश एवं समाज युद्ध, बुराइयों, हिंसा, बेईमानी से दूर रहेंगे। इस प्रकार संत रामपाल जी महाराज विश्व के शांतिदूत के रूप में सामने आये हैं जिनके तत्वज्ञान से मानवता एवं भाईचारे की पुनः प्रतिष्ठा होगी। अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें पुस्तक ज्ञान गंगा जिसे 7496801825 पर संदेश भेजकर मुफ्त भी मंगवा सकते हैं।

SA NEWS
SA NEWShttps://news.jagatgururampalji.org
SA News Channel is one of the most popular News channels on social media that provides Factual News updates. Tagline: Truth that you want to know

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

World Heart Day 2023: Know How to Keep Heart Healthy

Last Updated on 29 September 2023 IST | World...

Eid Milad-un-Nabi 2023: Know on Eid ul Milad Why Prophet Muhammad Had to Suffer in his life?

Eid Milad-un-Nabi 2021 Festival: On this Eid ul-Milad or (Eid-e-Milad) know why Muslims celebrate this day, and according to the Holy Quran, should we really celebrate this day.

Eid e Milad India 2023 [Hindi]: ईद उल मिलाद पर बाखबर से जानिए अल्लाह बैचून नहीं है

Eid Milad-un-Nabi 2021 (Eid e Milad in Hindi): प्रत्येक मजहब और धर्म में अलग-अलग तरह से अल्लाह की इबादत और पूजा की जाती है । उसकी इबादत और पूजा को शुरू करने वाले अवतार पैगंबर पीर फकीर होते हैं। प्रत्येक धर्म में उन अवतारों, पैगंबरों, फकीरों, फरिश्तों, व संतो के जन्मदिन को उस धर्म के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। उन महापुरुषों से जुड़ी हुई कुछ घटनाएं एक याद के स्वरूप में स्थापित हो जाती है जो एक त्योहार का स्वरूप ले लेती है।