November 27, 2025

Govardhan Puja Video | क्या गोवर्धन पूजा करना शास्त्रानुकूल पूजा है?

Published on

spot_img

Govardhan Puja Video | गोवर्धन पूजा, दीपावली के दूसरे दिन यानि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकम को की जाती है। इस दिन हिन्दू धर्म के श्रद्धालुओं द्वारा गोवर्धन पर्वत को भगवान श्री कृष्ण का ही रूप मानकर पूजा की जाती है। पौराणिक कथा अनुसार, ब्रजवासी देवी-देवताओं की पूजा किया करते थे तो श्रीकृष्ण ने उनसे एक दिन कहा कि हम देवताओं के राजा इन्द्र सहित किसी भी देवी देवता की पूजा नहीं करेंगे। बल्कि हम एक परमात्मा की पूजा करेंगे। जिससे क्रोधित होकर देवराज इंद्र ने ब्रज को डुबोने के उद्देश्य से मूसलाधार बारिश करनी शुरू कर दी। तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को एक हाथ की ऊंगली पर रख लिया तथा उसको पूरे ब्रज नगरी के ऊपर फैला दिया। जिससे इन्द्र की पराजय हुई और ब्रजवासियों ने देवी-देवताओं की पूजा बंद कर दी। इस घटना को याद करके ही हिन्दू धर्म के श्रद्धालुओं द्वारा गोवर्धन पूजा और गोवर्धन परिक्रमा की जाती है। 

Govardhan Puja Video

लेकिन सोचने वाली बात है कि श्रीकृष्ण ने तो देवी देवताओं की पूजा बंद करवाई थी और पूरा हिन्दू समाज गोवर्धन पूजा, देवी-देवताओं की ही पूजा में लगा हुआ है। इससे तो हम श्रीकृष्ण जी के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। वहीं हमारे पवित्र धर्मग्रंथ चारों वेदों तथा वेदों के संक्षिप्त रूप पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता में एक परम अक्षर ब्रह्म (उत्तम पुरुष), पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने के लिए कहा गया है। जिससे देवी देवताओं की भक्ति करना मनमाना आचरण है। इस विषय में पवित्र गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा गया है कि जो व्यक्ति शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, उसको न सिद्धि प्राप्त होती है, न उसकी गति होती है, न उसे सुख मिलता है। जिससे स्पष्ट है कि गोवर्धन पूजा हो या गोवर्धन (गिरिराज) पर्वत की परिक्रमा शास्त्रविरुद्ध साधना है जिससे लाभ नहीं हो सकता। तो क्या गोवर्धन पूजा नहीं करनी चाहिए? पूर्ण परमात्मा कौन है जो पूजा के योग्य है? जानने के लिए देखिये वीडियो……

Latest articles

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज को 7 दिसंबर को किसान और समाज के कल्याण के लिए ‘किसान मसीहा सम्मान’ से किया जाएगा सुशोभित 

हरियाणा में बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए किए गए अभूतपूर्व सेवा कार्यों और समाज...

राजस्थान के डीग जिले के नगला चाहर गाँव में संत रामपाल जी महाराज ने 50 साल पुरानी समस्या का किया समाधान

बरसों से पानी में डूबे खेत, थमी हुई उम्मीदें और आंखों में सिर्फ एक...

कैसे संत रामपाल जी महाराज ने सैमान गांव को विनाशकारी बाढ़ से बचाया

चार महीनों तक महम तहसील, रोहतक, हरियाणा के सैमान गांव के लोग अत्यंत कठिनाइयों...
spot_img

More like this

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज को 7 दिसंबर को किसान और समाज के कल्याण के लिए ‘किसान मसीहा सम्मान’ से किया जाएगा सुशोभित 

हरियाणा में बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए किए गए अभूतपूर्व सेवा कार्यों और समाज...

राजस्थान के डीग जिले के नगला चाहर गाँव में संत रामपाल जी महाराज ने 50 साल पुरानी समस्या का किया समाधान

बरसों से पानी में डूबे खेत, थमी हुई उम्मीदें और आंखों में सिर्फ एक...