Published on 13 June 2021, 5:00 PM IST: अंतरिक्ष में कई राज छिपे हुए है। अंतरिक्ष के बारे में खोज करने वाली एक वैज्ञानिक थी हैक (Margherita Hack) जिनके वैज्ञानिक अनुसंधानों की लंबी लिस्ट है। उनकी विशेषज्ञता का मुख्य क्षेत्र सितारों की स्पेक्ट्रोस्कोपिक, विशेषताओं के ऑर्ब्जवेशन और थीसिस से संबंधित है। गूगल डूडल में वह अपने दूरबीन के साथ सितारों को देखती दिखाई गई हैं ।
जानिए Margherita Hack के बारे में कुछ बिंन्दुओं के माध्यम से
- भौतिकीविद् मार्गेरिटा हैक “द लेडी ऑफ़ द स्टार्स” को 99वें जन्मदिन पर डूडल बना कर सम्मानित किया है।
- गूगल ने आज शनिवार 12 जून को एक एनिमेटेड डूडल के साथ इटली की खगोलशास्त्री मार्गेरीटा हैक को श्रद्धांजलि दी।
- हैक को 1995 में एस्ट्रॉयड 8558 की खोज करने का श्रेय दिया जाता है ।
- स्पेस साइंस में सितारों की स्टडी के लिए वे ‘लेडी ऑफ द स्टार्स’ के नाम से जानी जाने लगीं।
- मार्गेरिटा इटली (Italy) की खगोलभौतिकविद, लेखिका, प्रोफेसर और एक्टिविस्ट थीं। क्षुद्रग्रह, सैटेलाइट और तारकीय वायुमंडल में मार्गरीटा की बहुत रूचि थी।
- हैक के नाम पर एक क्षुद्र ग्रह भी है जिसकी खोज उन्होंने ही की थी जिसका नाम “8558 हैक” है ।
- इटली सरकार ने हैक को उनके 90वें जन्मदिन पर अपने सर्वोच्च सम्मान “डामा डि ग्रैन क्रोसे” से सम्मानित किया था।
मार्गरिटा हैक (Margherita Hack) कौन हैं?
हैक का जन्म 12 जून, 1922 को फ्लोरेंस में हुआ था। मार्गेरिटा हैक ने 19 फरवरी 1944 को आर्सेट्री में सैन लियोनार्डो के चर्च में एल्डो डी रोजा से शादी की। डी रोजा उनके बचपन के सहपाठियों में से एक थे। हैक ट्राएस्टे यूनिवर्सिटी में एस्ट्रो फिजिक्स की प्रोफेसर थीं। वह 1964 से 1987 तक ट्राएस्टे खगोलीय वेधशाला का प्रशासन करने वाली पहली इटेलियन महिला भी रही हैं। हैक के वैज्ञानिक अनुसंधानों की लंबी लिस्ट है। उनकी विशेषज्ञता का मुख्य क्षेत्र सितारों की स्पेक्ट्रोस्कोपी, विशेषताओं के ऑर्ब्जवेशन और थीसिस से संबंधित है। 29 जून 2013 को हफ्ते भर अस्पताल में रहने के बाद दिल में परेशानी के चलते हैक का देहांत हो गया था।
गुगल ने Margherita Hack को दी श्रद्धांजलि
गूगल (Google) दुनिया की मशहूर हस्तियों पर डूडल (Google Doodle) बनाकर उन्हें याद करता है। गूगल (Google) ने 12 जून को इटली की मशहूर खगोलभौतिकविद मार्गेरीटा हैक (Margherita Hack) के 99 जन्मदिन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए डूडल (Doodle) बनाया है। इसमें हैक एक कुर्सी पर बैठी हुई हैं और अपने टेलीस्कोप से तारों से भरा आकाश देख रही हैं।
क्या हैं मार्गेरिटा हैक (Margherita Hack) “लेडी ऑफ द स्टार्स” की बड़ी उपलब्धियां ?
- हैक ने 1945 में यूनिवर्सिटी ऑफ़ फ्लोरेंस से भौतिक शास्त्र स्नातक की पढ़ाई की। वे 1964 से लेकर 1 नवम्बर, 1992 तक त्रिएस्ते विश्वविद्यालय में खगोलशास्त्र की प्रोफेसर रहीं।
- ट्रिएस्ट एस्ट्रोनॉमिकल ऑबजर्वेटरी की पहली महिला निदेशक होने का गौरव भी हैक ने हासिल किया।
- उनकी विशेषज्ञता का क्षेत्र तारों के स्पैक्ट्रोस्कोपिक विशेषताओं का अवलोकन और आंकलन करना था।
- 1994 में उन्हें उनके वैज्ञानिक कार्यों के लिए टार्गा ग्यूसेपी पियाजी अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- 1995 में उन्होंने कोर्टीना यूलिसे पुरस्कार भी हासिल किया था।
- हैक 1985 से 1991 तक त्रिएस्ते विश्विद्यालय में खगोलविज्ञान विभाग की निदेशक भी रहीं।
- वर्ष 1978 में मार्गेरिटा हैक ने L’Astronomia नामक पत्रिका शुरू की, जो पहली बार नवम्बर, 1979 में प्रकाशित हुई।
- अपने जीवनकाल में उन्होंने कई अमेरिकी और यूरोपीय वेधशालाओं में कार्य किया, इसके अलावा वे NASA और ESA के वर्किंग ग्रुप्स की सदस्य भी रहीं। उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोध पत्र भी प्रकाशित किये। 1994 में उन्हें Targa Giuseppe Piazzi पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि 1995 में उन्हें Cortina Ulisse Prize से सम्मानित किया गया।
विज्ञान के अलावा और भी क्षेत्रों में मार्गेरिटा हैक की रूचि थी
विज्ञान के अलावा, वह शिक्षा और राजनीति में भी सक्रिय रूप से शामिल थीं। 12 जून, 2012 को अपने 90वें जन्मदिन पर, उन्हें इटली गणराज्य के सर्वोच्च सम्मान “दमा डि ग्रान क्रोस” की उपाधि मिली। वह पशु संरक्षण के लिए भी कार्य करती थीं।
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हैक ने, तारों के वायुमडंल पर अध्ययन किया
हैक ने तारों के वायुमंडल का अध्ययन करते हुए तारों की रासायनिक संचरना, उनकी सतह के तापमान और गुरुत्व पर विशेषतौर पर काम किया। 1970 के दशक में उन्होंने कॉपर्निकस सैटेलाइट से मिले पराबैंगनी आंकड़ों का उपयोग कर तारों के वायुमंडल के बाहरी हिस्से में ऊर्जा संबंधी परिघटनाओं का अध्ययन किया था।
हैक एक प्रगतिवादी सोच की महिला थी
हैक प्रगतिवादी सोच रखती थीं और वे पशु संरक्षण और समानता के अधिकार के लिए आवाज उठाती रहती थीं। उन्होंने अपने जीवन में केवल एक ही लेक्चर लिया था। इसके बाद उन्होंने अपना ध्यान भौतिकी के अध्ययन पर लगा दिया था ।
उन्होेंने कई किताब लिखीं जिनमें से शाकाहार को लेकर लिखी किताब जिसका शीर्षक था पेर्चे सोनो वेजिटेरियन (व्हाई आई एम ए वेजिटेरियन,अर्थात मैं शाकाहारी क्यों हूं) था ; उन्होंने ला मिया वीटा इन बाइसिकलेट (साइकिल पर मेरा जीवन) नामक एक पुस्तक भी लिखी।