July 19, 2025

Golden Temple Yoga Girl: गोल्डन टेंपल में सोशल मीडिया इन्फुलेंसर अर्चना मकवाना ने किया योगासन, मची खलबली 

Published on

spot_img

Golden Temple Yoga Girl विवाद

Golden Temple Yoga Girl: 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गोल्डन टेंपल यानी हरिमन्दिर साहेब में अर्चना मकवाना ने योगासन किया, जिससे लोगों में खलबली मच गई। यहां तक कि अमृतसर पुलिस की ओर से अर्चना मकवाना को समन भी जारी किया गया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अर्चना मकवाना का कड़ा विरोध किया है।

Golden Temple Yoga Girl: सोशल मीडिया इन्फुलेंसर अर्चना मकवाना 20 जून को गोल्डन टेंपल माथा टेकने गई थी। सूत्रों की माने तो 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उन्होंने गोल्डन टेंपल अमृतसर में योगासन किया। उन्होंने वह विडियोज और फोटोज अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी डाल दी, जिससे लोगों में खलबली मच गई। इस बात का शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी विरोध किया है और अर्चना मकवाना के खिलाफ लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में आईपीसी की धारा 295 – ए के तहत एफआईआर भी दर्ज करवाई गई। अमृतसर पुलिस की ओर से रविवार को सम्मन जारी किए गए, जिसमें उन्हें 30 जून तक पेश होने का आदेश दिया गया है।

अर्चना मकवाना का कहना है कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। इस बात के लिए उन्होंने माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि शनिवार से ही उन्हें उनके ह्वाट्सऐप पर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें गुजरात पुलिस ने पुलिस प्रोटेक्शन भी दे दिया है। अर्चना ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर दो दूसरे लोगों की फोटो भी पोस्ट की है जिसमें एक फोटो 1905 की बताई जा रही है और दूसरी कुछ समय पहले की बताई जा रही है। अर्चना ने आरोप लगाया है कि जब इन लोगों पर कोई जांच नहीं हुई तो मुझे इतना परेशान क्यों किया जा रहा है।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने के बाद पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। अमृतसर पुलिस उस स्थान की भी जांच कर रही है जहां पर बैठकर युवती ने योगासन किया था। अर्चना मकवाना ने कहा कि रविवार को समन मिलने पर ही उन्होंने इस मामले में माफी मांग ली थी। क्योंकि उनका उद्देश्य लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।

Golden Temple Yoga Girl: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) का कहना है कि जिस जगह पर अर्चना मकवाना ने बैठकर योगासन किया, वहां पर एसजीपीसी की टास्क फोर्स के कर्मचारी भी थे। एसजीपीसी ने उन तीन कर्मचारियों पर अपना काम सही ढंग से न करने का आरोप लगाया है। क्योंकि वह अर्चना मकवाना को योगासन करने से रोक सकते थे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दो कर्मचारियों को निलंबित और तीन कर्मचारियों को ड्यूटी से हटा दिया है। इतना ही नहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने एक कर्मचारी पर 5000 का जुर्माना भी लगाया और उसका तबादला गुरदासनंगल स्थित गुरुद्वारा गढ़ी साहिब में कर दिया।

एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने अर्चना मकवाना द्वारा गोल्डन टेंपल में किए गए योगासन का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सिख मर्यादा के खिलाफ कोई भी कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल मामले की गहराई से जांच की जा रही है।

■ यह भी पढ़ें: देश विदेश के सतलोक आश्रमों में सम्पन्न हुआ 627 वां कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस, जिसके गवाह बने लाखों श्रद्धालु

Golden Temple Yoga Girl: ज्ञानी रघवीर सिंह जी ने भी इस मामले का सख्त शब्दों में विरोध किया है। उन्होंने कहा कि गोल्डन टेंपल एक पवित्र स्थान है, यहां पर योगासन जैसी क्रियाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि सिख योग जैसी क्रियाएं नहीं करते बल्कि गतका करते हैं। उन्होंने एसजीपीसी को भी ऐसे मामलों पर ध्यान देने के लिए कहा है।

ईश्वर का विधान है कि एक जगह बैठकर ध्यान (Meditation) करने से ईश्वर की प्राप्ति नहीं हो सकती। ईश्वर का विधान है कि असली ध्यान तो वह है जब मनुष्य काम करते हुए ईश्वर का ध्यान करता है। हमारे पवित्र शास्त्रों में हठयोग का प्रमाण नहीं है। गीता अध्याय 3 श्लोक 3 से 8 तक में भी यही प्रमाण है कि जो लोग समस्त इंद्रियों को रोक कर हठयोग करते हैं, वह तो पाखंडी हैं। इसके अलावा गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में भी समाधि लगाने को व्यर्थ बताया है। क्योंकि आंतरिक शांति तो पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने से ही प्राप्त हो सकती है। वह पूर्ण परमेश्वर तत्वदर्शी संत की बताई साधना करने से ही प्राप्त हो सकता है। वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र पूर्ण संत हैं, जो हमारे शास्त्रों के अनुसार भक्ति प्रदान कर रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज ऐप डाउनलोड करें।

प्रश्न 1 वर्ष 2024 में अंतराष्ट्रीय योग दिवस कब था?

उत्तर: 21 जून।

प्रश्न 2 गोल्डन टेंपल अमृतसर में योगासन करने वाली युवती का क्या नाम है?

उत्तर अर्चना मकवाना।

प्रश्न 3 अर्चना मकवाना के खिलाफ किस धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है?

उत्तर: अर्चना मकवाना के खिलाफ लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में आईपीसी की धारा 295 – ए के तहत एफआईआर दर्ज करवाई गई है।

प्रश्न 4 आंतरिक शांति कैसे प्राप्त की जा सकती है?

उत्तर: तत्वदर्शी संत से दीक्षा लेकर भक्ति करने से ही आंतरिक शांति प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 5 वर्तमान में तत्वदर्शी संत कौन है?

उत्तर: वर्तमान में तत्वदर्शी संत केवल संत रामपाल जी महाराज ही हैं।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

Airtel Partners with Perplexity AI: Get Free Perplexity Pro with Airtel Thanks in 2025

In 2025, Artificial Intelligence (AI) continues to revolutionize how we interact with the internet....

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?
spot_img

More like this

Airtel Partners with Perplexity AI: Get Free Perplexity Pro with Airtel Thanks in 2025

In 2025, Artificial Intelligence (AI) continues to revolutionize how we interact with the internet....

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?