January 15, 2025

Goa Liberation Day 2024 [Hindi]: गोवा मुक्ति दिवस पर जानिए कैसे हुआ गोवा पुर्तगाल से आज़ाद?

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Last Updated 10 December 2024 | भारत हर साल 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day in Hindi) मनाता है। साल 1961 में इस दिन, भारतीय सैन्य बलों ने 450 वर्ष तक पुर्तगालियों के उपनिवेश रहे गोवा को मुक्त कराया था। इस साल, गोवा अपना 64वां मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day 2024) मना रहा है। प्रत्येक गोवा नागरिक इस दिन को बहुत गर्व और उत्साह के साथ मनाता है। गोवा मुक्ति दिवस को राज्यव्यापी क्षेत्रीय सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है। साथ ही, इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आइये जानते हैं इस दिवस के इतिहास और महत्व को तथा जानते हैं कि आत्मा को काल के बंधनों से मुक्ति कैसे मिलेगी।

Goa Liberation Day 2024 के मुख्य बिंदु हिन्दी में

  • 19 दिसंबर को भारत हर साल गोवा मुक्ति दिवस मनाता है। 1961 में मिली थी गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्ति।
  • इस वर्ष गोवा अपना 64वां मुक्ति दिवस (Liberation Day) मना रहा है।
  • करीब 451 वर्षों बाद गोवा को विदेशी प्रभुत्व से मिली थी मुक्ति।
  • गोवा की आजादी के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाया गया था ऑपरेशन विजय।
  • काल जाल से मुक्ति कबीर परमेश्वर (कविर्देव) की सतभक्ति से मिलती है। वर्तमान में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज बता रहे हैं सतभक्ति।

गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day 2024) कब और क्यों मनाया जाता है?

भारतीय सेना ने गोवा में करीब 451 साल के पुर्तगाली शासन को समाप्त कर 19 दिसंबर 1961 को गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराया था। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए 19 दिसंबर को हर साल गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day in Hindi) के रूप में मनाया जाता है। आज गोवा वासी अपना 63वां मुक्ति दिवस मना रहे हैं। 

15 अगस्त 1947 को भारत की आधिकारिक स्वतंत्रता के बाद भी, पुर्तगालियों ने गोवा क्षेत्र को छोड़ने से इनकार कर दिया, जिसके बाद भारतीय सेना को कार्यवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। परिणामस्वरूप, पुर्तगाली सेना पीछे हट गई और गोवा अंततः 19 दिसंबर 1961 को स्वतंत्र हो गया। गोवा के साथ, दमन और दीव क्षेत्रों को भी भारतीय सेना ने मुक्त कराया था। हालांकि गोवा अपना स्थापना दिवस 30 मई को मनाता है।

गोवा (Goa) का इतिहास (History)

गोवा का इतिहास तीसरी सदी ईसा पूर्व से प्रारंभ होता है। यहां मौर्य वंश, सातवाहन वंश, दिल्ली सल्तनत, विजयनगर के शासकों से लेकर बीजापुर के शासकों ने अपना शासन किया। इसके बाद 1510 में यह पुर्तगालियों के कब्जे में आया और 1815-1947 तक यहां अंग्रेजों का शासन रहा जिसके बाद एक बार पुनः पुर्तगाली शासन के अंतर्गत गोवा आ गया था।

Goa Liberation Day – गोवा में पुर्तगाली बस्ती

Goa Liberation Day in Hindi: पुर्तगाली शासन से आजादी का जश्न मनाने के लिए हर साल गोवा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। गोवा भारत का सबसे छोटा राज्य है, जो पश्चिमी तट पर स्थित है। पुर्तगाली खोजकर्ताओं वास्को-डी-गामा  सन 1498 में भारत आया जिसने भारत के लिए एक नए समुद्री मार्ग की खोज की, जिससे गोवा व्यापार के लिए एक आकर्षक स्थान बन गया जिसके 12 साल बाद पुर्तगालियों ने 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में बीजापुर शासक यूसुफ आदिल शाह को हराया और गोवा पर पुर्तगाली कब्जे की शुरुआत हुई। गोवा की मुक्ति से पहले लगभग 451 वर्षों तक यानी 19 दिसंबर 1961 तक गोवा पुर्तगालियों के शासन में बना रहा।

गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day) का इतिहास 

वर्ष 1947 में जब भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिली, तब तक भारत में पुर्तगाली उपनिवेश गोवा, दमन और दीव तक सिकुड़ गए थे और इन क्षेत्रों से पीछे हटने से इनकार कर दिया था। छोटे पैमाने पर विद्रोह गोवा स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान शुरू हुए, जिसने गोवा में पुर्तगाली औपनिवेशिक नियंत्रण को समाप्त करने की मांग की। 

Credit: BBC Hindi

आखिरकार, गोवा की मुक्ति के लिए एक विशेष ऑपरेशन, जिसे “ऑपरेशन विजय” कहा जाता है, भारतीय सेना द्वारा प्रभावी ढंग से चलाया गया। इस ऑपरेशन ने  महज 36 घंटों के भीतर ही गोवा में लगभग 451 वर्षों से चले आ रहे विदेशी प्रभुत्व को खत्म कर दिया। 19 दिसंबर 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर जनरल मैनुअल एंटोनियो वासालो ई सिल्वा (Manuel António Vassalo e Silva) ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस प्रकार, गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day) अस्तित्व में आया।

देश का 25वां राज्य बना गोवा 

Goa Liberation Day in Hindi: 19 दिसंबर 1961 को जब गोवा सहित दमन और दीव को पुर्तगालियों से स्वतंत्रता मिली तो इन्हें एक साथ भारत के केंद्र शासित प्रदेश में बनाया गया था। 30 मई 1987 को केंद्र शासित प्रदेश का विभाजन किया गया। जिसके बाद गोवा को भारत का 25वाँ राज्य बना दिया गया इसलिए 30 मई को गोवा अपना स्थापना दिवस मनाता है तथा दमन और दीव एक केंद्र शासित प्रदेश बना रहा।

गोवा मुक्ति दिवस का महत्व

गोवा मुक्ति दिवस 2024 (Goa Liberation Day in Hindi) एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि यह उस दिन को चिह्नित करता है जिस दिन भारतीय राज्य गोवा को अंततः पुर्तगाली शासन से आजादी मिली थी। वैसे तो यह दिवस पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन गोवावासियों के लिए इसका खास महत्व है। इस दिन की महत्वता को देखते हुए गोवा राज्य द्वारा इस दिवस को राजकीय अवकाश घोषित किया गया है। साथ ही राज्य में इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

गोवा (Goa) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य (Facts)

  • गोवा में स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत साल 1928 में हुई। डॉ.टी.बी.कुन्हा (Tristao de Braganza Cunha) को गोवा के राष्ट्रवाद का जनक माना जाता है।
  • लेकिन गोवा की आजादी के आंदोलन को साल 1946 में प्रमुख समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया ने नई दिशा प्रदान की।
  • भारत की आजादी के 14 साल बाद गोवा को पुर्तगालियों के शासन से मुक्ति मिली थी।
  • भारतीय सेना के संयुक्त सैन्य अभियान के 36 घंटे के भीतर ही पुर्तगाली सेना ने सरेंडर कर दिया था।
  • गोवा की आजादी के लिए “ऑपरेशन विजय” चलाया गया जिसका नेतृत्व मेजर जनरल केपी कैंडेथ ने किया था।
  • 20 दिसंबर 1962 को दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने थे।
  • हालांकि, 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।
  • इस साल, गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day) यानी गोवा को आज़ादी के 63 साल पूरे होने जा रहे हैं।

काल के बंधनों से मुक्ति दिलाने वाला परमात्मा “कविर्देव”

गोवा को तो साल 1961 में पुर्तगाली शासन से मुक्ति मिल गई, लेकिन आत्मा जोकि काल (ब्रह्म) के 21 ब्रह्मांडो में फंसी हुई है जोकि हमें यहां कर्म बंधनों में फंसाये हुए है। जिससे हमें जीवन में अनेकों कष्टों को झेलना पड़ता है। इस काल ब्रह्म के बंधनों से मुक्ति तथा सर्व कष्टों से मुक्ति केवल और केवल कबीर परमेश्वर की सतभक्ति करने से मिल सकती है। 

गरीब अनंत कोटि ब्रह्माण्ड में, बंदीछोड़ कहाये |
सो तो एक कबीर है, जननी जने ना माई ||
बंदी छोड़ हमारा नामं। अजर अमर है अस्थीर ठामं।।
जुगन जुगन हम कहते आये। जम जौंरा सें हंस छुटाये।।
अमर करूं सतलोक पठाँऊ, तातैं बन्दी छोड़ कहाऊँ।।
बन्दी छोड़ कबीर गुसांइ। झिलमलै नूर द्रव झांइ।।
हरदम खोज हनोज हाजर, त्रिवैणी के तीर हैं।
दास गरीब तबीब सतगुरु, बन्दी छोड़ कबीर हैं।।

कबीर परमेश्वर (कविर्देव) की महिमा बताते हुए संत गरीबदास जी महाराज कहते हैं कि हमारे प्रभु कविर् (कविर्देव) बन्दीछोड़ हैं (बन्दीछोड़ का भावार्थ है काल की कारागार से छुटवाने वाला)। काल ब्रह्म के 21 ब्रह्मण्डों में सर्व प्राणी पापों के कारण काल के बंदी हैं। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब (कविर्देव) पाप का विनाश कर देता है। पापों का विनाश न ब्रह्म (काल), न परब्रह्म, न ही ब्रह्मा, न विष्णु, न शिव और न दुर्गा जी कर सकती हैं। ये सभी केवल जैसा कर्म है, उसका वैसा ही फल दे देते हैं। इसीलिए पवित्र यजुर्वेद अध्याय 5 के मन्त्र 32 में लिखा है ‘कविरंघारिरसि‘ अर्थात कविर्देव (कबीर साहेब) पापों का शत्रु है यानी पाप नाशक है, ‘बम्भारिरसि‘ अर्थात बन्धनों का शत्रुयानी बन्दीछोड़ है।

हमें काल के 21 ब्रह्मांडो से मुक्ति कैसे मिलेगी?

जिस तरह भारत द्वारा चलाए गए आपरेशन विजय ने 36 घंटे के भीतर गोवा को पुर्तगाली शासन से आज़ाद करवाया था उसी तरह काल ब्रह्म के जाल से परमानेंट (स्थायी) मुक्ति हमें एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी सतभक्ति का आपरेशन चलाकर दिलवा रहे हैं।

जब हम कबीर परमेश्वर (कविर्देव) की सतभक्ति तत्वदर्शी संत के बताए अनुसार करेंगे, तब उस भक्ति का लाभ होगा और कबीर परमेश्वर हमें काल लोक से मुक्त कराएगा यानी पूर्ण मोक्ष प्रदान करेगा। 

श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 15 श्लोक 1-4, 16, 17 में कहा गया है कि जो संत उल्टे लटके हुए संसार रूपी पीपल के वृक्ष के सभी विभाग वेदों अनुसार बता देगा वह तत्वदर्शी संत अर्थात पूर्ण संत होता है और उसे परमेश्वर की भक्ति के तीन मंत्रों की पूर्ण जानकारी होती है जिसके विषय में गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में संकेत किया गया है। आदरणीय संत गरीबदास जी ने पूर्णसंत की पहचान बताते हुए कहा है कि – 

गरीब, सतगुरु के लक्षण कहूं , मधुरे बैन विनोद। 
चार बेद षट शास्त्र, कह अठारा बोध।।

वहीं सिख धर्म प्रवर्तक गुरूनानक देव जी ने पूर्णगुरु की पहचान बताते हुए कहा है कि – 

सोई गुरु पूरा कहावै, जो दो अक्खर का भेद बतावै।
एक छुड़ावै एक लखावै तो प्राणी निज घर को जावै।।

काल ब्रह्म के सर्व बंधनों से मुक्ति पाने और सतभक्ति पाने के लिए जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा ग्रहण करें तथा अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel देखें या गूगल प्लेस्टोर से Sant Rampal Ji Maharaj App डाऊनलोड करें।

Goa Liberation Day 2024 FAQ [Hindi]

प्रश्न – गोवा मुक्ति दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर – 19 दिसंबर को प्रतिवर्ष गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day) मनाया जाता है।

प्रश्न – गोवा पुर्तगाली शासन से कब आजाद हुआ?

उत्तर – साल 1961 में 19 दिसंबर को पुर्तगाली शासन से गोवा को आजादी मिली थी।

प्रश्न – गोवा मुक्ति दिवस क्यों मनाया जाता है?

उत्तर – गोवा मुक्ति दिवस, पुर्तगाली वर्चस्व के 450 वर्षों के बाद 19 दिसंबर 1961 को गोवा को मिली आजादी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

प्रश्न – गोवा स्थापना दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर – गोवा स्थापना दिवस 30 मई को मनाया जाता है।

प्रश्न – गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा कब प्राप्त हुआ?

उत्तर – 30 मई 1987 को गोवा को 25वें राज्य के रूप में पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।

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