March 22, 2025

Gaganyaan Mission Astronauts | भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के 4 एस्ट्रोनॉट्स के नामों की हुई घोषणा, 2025 तक हो सकता है लॉन्च

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Gaganyaan Mission Astronauts : चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 मिशन की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो एक बार फिर इतिहास रचने जा रही है। दरअसल, इसरो देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ पर कार्य कर रहा है जो अगले साल 2025 तक लॉन्च किया जा सकता है। वहीं बीते मंगलवार 27 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले 4 अंतरिक्ष यात्रियों (Gaganyaan Mission Astronauts) के नाम की भी घोषणा कर दी है। आइए इस लेख में जानते हैं कि गगनयान मिशन क्या है, इस मिशन का उद्देश्य क्या है, देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन में जाने वाले 4 एस्ट्रोनॉट्स कौन हैं तथा गगनयान मिशन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।

  • इसरो गगनयान मिशन द्वारा मानव को अंतरिक्ष में भेजकर एक बार फिर रचने जा रहा हैं इतिहास।
  • बीते मंगलवार प्रधानमंत्री ने देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान में जाने वाले 4 एस्ट्रोनॉट्स के नामों का ऐलान किया।
  • 4 एस्ट्रोनॉट्स में पी बालाकृष्णन नायर, अजीत कृष्णन, अंगद प्रताप और एस शुक्ला का नाम शामिल।
  • साल 2025 तक होगी मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ (Gaganyaan Mission) की लॉन्चिंग।
  • गगनयान मिशन को एल.वी.एम.3 रॉकेट द्वारा किया जाएगा प्रक्षेपित।
  • 16 शंख कोस की दूरी पर है हमारा असली ठिकाना सतलोक।
  • सर्व सुखदायक अविनाशी धाम सतलोक में सतभक्ति द्वारा ही जाया जा सकता है, जहां जाने के बाद मानव लौटकर इस मृतलोक में नहीं आता। 

चंद्रयान-3 और सूर्ययान आदित्य-एल1 की सफलता के बाद भारत एक बार पुनः अंतरिक्ष में इतिहास रचने जा रहा है। क्योंकि इस समय भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) देश के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम पर काम कर रहा है, जिसके अंतर्गत गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है। इस मिशन के तहत भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा 3 सदस्यों के चालक दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में तीन दिनों के मिशन के लिए लॉन्च करेगा और उन्हें सुरक्षित रूप से भारतीय समुद्री जल में उतारकर पृथ्वी पर वापस लाएगा। वहीं आपको बता दें, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इस मिशन की टेस्टिंग पिछले साल 2023 में की थी। वहीं इस पूरे मिशन में ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर यानी HSFC का अहम योगदान है।

देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ की घोषणा साल 2018 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई थी। जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार यानी 27 फरवरी को केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में ‘गगनयान’ (Gaganyaan Mission) के लिए चार पायलटों (एस्ट्रोनॉट्स) के नामों का ऐलान भी कर दिया है, जिनमें ग्रुप कैप्टन पी बालाकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर एस शुक्ला का नाम शामिल है। साथ ही, प्रधानमंत्री ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा कर गगनयान मिशन की प्रगति की समीक्षा की और अंतरिक्ष में जाने वाले पायलटों को ‘अंतरिक्ष यात्री पंख’ प्रदान किए। वहीं आपको बता दें, ये चारों पायलट गगनयान मिशन पर उड़ान नहीं भरेंगे बल्कि इसरो इनमें से 2 या 3 टेस्ट पायलटों को ही गगनयान मिशन के लिए चुनेगा।

देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए एस्ट्रोनॉट्स यानी अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए बहुत से पायलटों ने टेस्ट दिए थे जिसमें 12 पायलट ही सितंबर 2019 में बेंगलुरु में हुए पहले चरण के टेस्ट में सफलता प्राप्त कर पाए जिनका चयन भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के अंतर्गत आने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएएम) द्वारा किया गया था। कई चरणों के टेस्ट के बाद, आईएएम और इसरो ने अंतिम 4 पायलटों ग्रुप कैप्टन पी बालाकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर एस शुक्ला को चुना था जिन्हें 2020 की शुरुआत में इसरो ने प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा था, जिनका प्रशिक्षण कोविड-19 के कारण साल 2021 में पूरा हुआ था। 

■ Also Read | ISRO Gaganyaan Mission (Hindi) | क्या है भारत का गगनयान मिशन तथा क्या है इसका मुख्य उद्देश्य?

इसके बाद से लगातार चारों पायलटों को कई एजेंसियों और सशस्त्र बल की ओर से ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं अंतरिक्ष एजेंसी इसरो अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) को प्रशिक्षण के लिए विभिन्न सिमुलेटरों से लैस करने पर काम कर रहा है। वहीं सभी चार पायलट फिट रहने के लिए भारतीय वायु सेना के साथ नियमित रूप से उड़ान भर रहे हैं।

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा देश का पहला मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान साल 2025 तक लॉन्च किया जाएगा। हालांकि इसके शुरुआती चरणों को इसी साल यानी 2024 के अंत तक पूरा किया जा सकता है। जिसके शुरुआती चरणों में इसरो दो मानवरहित मिशन भेजेगा जिसकी सफलता के बाद ही इसरो द्वारा एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। वहीं यदि इसरो का गगनयान मिशन सफल होता है तो अमेरिका, रूस व चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में मानव को भेजने वाला चौथा देश बन जायेगा।

गगनयान मिशन को इसरो द्वारा LVM-3 (Launch Vehicle Mark-3) रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा जिसमें ठोस, तरल और क्रायोजेनिक तीन चरण होते हैं। वहीं एल.वी.एम.3 को मानव अनुकूलित बनाने के लिए H-LVM3 में बदला जाएगा ताकि एच.एल.वी.एम.3 धरती के ऊपर कक्षीय मॉड्यूल को 400 किमी की निम्न भू-कक्षा में प्रक्षेपित करने में सफल होगा, जिसमें H का अर्थ ह्यूमन रेटेड है।

वैज्ञानिक प्रगति के कारण आज देश दुनिया की बड़ी बड़ी अंतरिक्ष एजेंसियां कभी चांद पर, कभी मंगल ग्रह पर तो कभी शुक्र ग्रह पर जाने का प्रयास कर रही हैं, तो कभी सूर्य का अध्ययन करने के लिए सूर्ययान भेज रही हैं। विज्ञान की इसी तरक्की ने मानव की अंतरिक्ष में जाने ओर अधिक चाहत बढ़ा दी है। हम सभी जानते हैं कि जिस आकाशगंगा यानी अंतरिक्ष में हम रह रहे हैं इसमें अरबों, खरबों की संख्या में तारे, ग्रह, उपग्रह आदि हैं।

वहीं धर्मग्रंथों से मालूम होता है कि जिस एक ब्रह्मांड में हम रह रहे हैं उसका स्वामी क्षर पुरूष (काल ब्रह्म) है जोकि केवल 21 ब्रह्माण्डों का प्रभु है। काल ब्रह्म के एक ब्रह्माण्ड में तीन लोक पृथ्वी लोक, स्वर्ग लोक व पाताल लोक विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। जबकि इसके अतिरिक्त इस एक ब्रह्मांड में शिव लोक, विष्णु लोक, ब्रह्मा का लोक, महास्वर्ग यानि ब्रह्म लोक, देवी दुर्गा का लोक, इन्द्र का लोक, धर्मराय का लोक, सप्तपुरी लोक, गोलोक, चाँद, सूर्य, 9 गह, 9 लाख तारे, 96 करोड़ मेघ माला, 88 हजार ऋषि मंडल, 33 करोड़ देव स्थान आदि-आदि विद्यमान हैं। लेकिन काल ब्रह्म के सभी 21 ब्रह्मांडो में सभी वस्तुएं, प्राणी नाशवान हैं। 

जबकि सतलोक वह सुखमय स्थान है जहां किसी प्रकार का कष्ट नहीं है जिसका स्वामी सतपुरुष, परम अक्षर ब्रह्म कविर्देव (कबीर साहेब) है। इसी अमरलोक को गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में सनातन परम धाम और वेदों में द्यूलोक, ऋतधाम कहकर संबोधित किया गया है। जोकि 16 शंख कोश की दूरी पर है। इस संदर्भ में सतपुरुष कबीर परमेश्वर स्वयं कहते हैं:

सोलह शंख पर हमारा तकिया, गगन मंडल के जिंदा।
हुक्म हिसाबी हम चल आए, काटन यम के फंदा।।

हम हैं सतलोक के वासी, दास कहाये प्रगट भये काशी।
नाही बाप ना माता जाय, अब गतिहि से हम चल आये।।

इसलिए हमें उस अविनाशी लोक को जाने का प्रयास करना चाहिए, जहां जाने के बाद मानव का जन्म, मृत्यु नहीं होता और उस अमरलोक को केवल सतभक्ति द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है।

हमारे पवित्र धर्मग्रंथ सतभक्ति तथा सत्यज्ञान प्राप्त करने के लिए एक पूर्ण तत्वदर्शी संत की शरण में जाने का संकेत करते हैं जिसकी पहचान गीता अध्याय 15 श्लोक 1-4 व 16, 17 में दी गई है। इसके अनुसार वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण तत्वदर्शी संत हैं जो पूरे विश्व को सतभक्ति प्रदान कर रहें हैं। अतः आप सभी से निवेदन है कि आप तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान व उनसे सतभक्ति प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel पर सत्संग देखें और Sant Rampal Ji Maharaj App डाउनलोड करें।

गगनयान मिशन की घोषणा कब हुई थी?

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा साल 2018 में गगनयान मिशन की घोषणा कई गई थी।

गगनयान मिशन कब लॉन्च होगा?

गगनयान मिशन साल 2025 तक लॉन्च होगा, इससे पहले साल 2024 के अंत तक दो मानव रहित मिशन लॉन्च होंगे जिनकी सफलता के बाद ही मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

गगनयान मिशन के अंतर्गत किन पायलटों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा?

ग्रुप कैप्टन पी बालाकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर एस शुक्ला को भेजा जा सकता हैं।

भारत से पहले मानव को अंतरिक्ष में भेजने में किन 3 देशों को सफलता प्राप्त हुई है?

अमेरिका, रूस व चीन

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