यह कहानी हरियाणा के हिसार जिले के रायपुर गांव की है, जहाँ बाढ़ के पानी ने किसानों की कमर तोड़ दी थी। खेतों में 1 महीने से 3 से 4 फुट पानी भरा था, जिससे फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थीं। ₹60 प्रति एकड़ पर ठेके पर जमीन लेने वाले किसान के लिए यह एक असहनीय बोझ बन गया था। प्रशासन और नेताओं से सिर्फ निराशा मिलने के बाद, गाँव वालों ने अपनी आखिरी उम्मीद भी खो दी थी। चारों ओर से निराशा मिलने पर, संत रामपाल जी महाराज के एक अनुयाई ने उन्हें मदद का रास्ता दिखाया। पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ, लेकिन डूबते को तिनके का सहारा मानकर गाँव वालों ने प्रयास करने का निश्चय किया।
ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज से लगाई मदद की गुहार:
पूरी ग्राम पंचायत बरवाला पहुंची और संत रामपाल जी महाराज के चरणों में मदद की अर्जी लगाई। पंचायत ने 15,000 फुट पाइप (8 इंची) और पाँच बड़ी 20 हॉर्स पावर (एचपी) की मोनो ब्लॉक मोटरों की मदद मांगी। रायपुर गाँव की गंभीर स्थिति और आवश्यक राहत सामग्री की माँग को लेकर पंचायत के सदस्यों ने अपनी बात रखी।

रायपुर गाँव के सरपंच ने बताया, “गाँव की स्थिति नाजुक है, गाँव में पानी बहुत है, और खेत में भी पानी भरा हुआ है। हमने 15,000 फीट पाइप और पाँच मोटर की डिमांड रखी है।”
पंचायत द्वारा की गई राहत सामग्री की मांग:
ग्राम पंचायत रायपुर ने बाढ़ग्रस्त खेतों से पानी निकालने के लिए निम्नलिखित आवश्यक सामग्री की माँग संत रामपाल जी महाराज के चरणों में रखी:
| सामग्री | आवश्यक मात्रा | तकनीकी विवरण |
| पाइप | 15,000 फीट | 8 इंच |
| मोनो ब्लॉक मोटर | 5 | 20 हॉर्स पावर (HP) |
तत्काल कार्रवाई और संत रामपाल जी महाराज का त्वरित आदेश:
ग्राम पंचायत रायपुर द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र को संत रामपाल जी महाराज के सेवादारों ने वकीलों के माध्यम से तुरंत गुरुदेव के पास निवेदन के लिए भेजा। एक सेवादार ने आश्वासन दिया, “हम इस प्रार्थना को हमारे वकीलों के माध्यम से सतगुरु जी के पास निवेदन के लिए भेजेंगे और सतगुरु जी के जैसे भी आदेश आएँगे, हम इसको तुरंत दो-तीन दिन के अंदर इनको मुहैया करवा देंगे।”
किसी को विश्वास नहीं था कि उनकी प्रार्थना को इतनी गंभीरता से लिया जाएगा। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने उस अर्जी को सिर्फ एक कागज नहीं, बल्कि एक डूबते हुए किसान की आखिरी पुकार समझा और उनकी प्रार्थना तुरंत ही स्वीकार कर ली गई।
राहत सामग्री का विशाल काफिला रायपुर गाँव पहुंचा:
संत रामपाल जी महाराज की आज्ञा के अनुसार, कुछ ही दिनों में राहत सामग्री का एक विशाल काफिला गाँव रायपुर पहुँच गया। यह बाढ़ राहत सेवा अभियान तुरंत प्रभाव से शुरू कर दिया गया, जिसके बाद सेवादार सामान लेकर गाँव पहुँचे। यह सामग्री ग्राम पंचायत रायपुर को सौंपी गई, जिसमें शामिल थीं:

- पाँच बड़ी 20 हॉर्स पावर (एचपी) की मोनो ब्लॉक मोटरें
- 15,000 फुट 8 इंची बहुत अच्छी क्वालिटी वाले पाइप
इसके साथ ही, किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हर छोटा-बड़ा सामान भी दिया गया, जिसमें शामिल थे:
- स्टार्टर
- केबल
- फेविकोल
- नट बोल्ट
- मोटर और पाइपलाइन को जोड़ने के लिए आवश्यक पुर्जे
संत रामपाल जी महाराज का बाढ़ राहत सेवा अभियान के लिए विशेष संदेश:
संत रामपाल जी महाराज ने बाढ़ पीड़ितों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक सख्त आदेश दिया।
एक सेवादार ने आदेश को पढ़ते हुए बताया, गुरुदेव ने एक संदेश भेजा था जिसमें सभी सेवादारों को आदेश दिया गया कि सभी सतलोक आश्रमों की निर्माण की सेवाएँ तुरंत प्रभाव से रोक दी जाएँ और सभी सेवादार व सेवा राशि बाढ़ पीड़ित गाँव और किसानों के लिए लगा दिया जाए।
ग्राम पंचायत रायपुर को दिया गया विशेष निवेदन पत्र:
राहत सामग्री सौंपने के बाद, जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज का एक विशेष निवेदन पत्र ग्राम पंचायत रायपुर को दिया गया। इस पत्र में संत रामपाल जी महाराज का किसानों के प्रति समर्पण और उनकी भलाई के लिए सख्त निर्देश निहित थे।
- समयबद्धता: यदि संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी गई राहत सामग्री से निर्धारित समय पर पानी नहीं निकलता है और इस बार फसल की बिजाई नहीं हुई, तो आगे से ट्रस्ट आपके गाँव की कोई मदद नहीं करेगा।
- आवश्यकता पर बल: संत रामपाल जी महाराज ने कहा है कि सामान चाहे कितना भी लगे, लेकिन गाँव से पानी निकलना चाहिए। यदि आपको आवश्यकता लगती है, तो आप संत रामपाल जी महाराज से प्रार्थना करके और भी आवश्यक सामान ले सकते हैं।
- भविष्य की सुरक्षा: ग्रामवासियों से निवेदन है कि जो पाइप और मोटर दी गई हैं, ये उनके लिए वरदान सिद्ध होंगी। इन्हें अपनी जमीन में दबा लेना, ताकि जब भी बारिश हो और पानी ज्यादा दिखे, तो अपना पानी निकालना शुरू कर देना। इससे बाढ़ की समस्या का सदा के लिए समाधान कर दिया गया है।
- किसानों का हित: संत रामपाल जी महाराज स्वयं भी किसान परिवार से हैं और किसानों का दर्द समझते हैं। यह 36 बिरादरी के जान-माल का सवाल है, क्योंकि घरों में पानी भरा है, पशुओं को हानि हुई है, और स्कूल भी बंद हैं।
- सख्त चेतावनी: यदि ग्रामवासी मिलकर जल्द से जल्द पानी को गाँव से बाहर नहीं निकाल पाए, तो भविष्य में उस गाँव को किसी प्रकार की आपदा में कोई भी राहत नहीं दी जाएगी।
ग्रामवासियों की कृतज्ञता और राहत की भावना
सामान देखकर गाँव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं था। उनके लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। ग्राम पंचायत ने निवेदन पत्र पर हस्ताक्षर किए और संत रामपाल जी महाराज को विश्वास दिलाया कि वे जल्द से जल्द गाँव का पानी निकाल लेंगे।
सरपंच ने आभार व्यक्त किया, “हम महाराज जी का बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं। हमारे पूरे गाँव की तरफ से आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने हमारी यह आर्थिक मदद की। हमने सरकार से भी गुजारिश की, जहाँ से हमें कोई आर्थिक मदद नहीं मिली… तो उन्होंने हमें हमारी स्थिति समझी और हमें 15,000 फुट पाइप भी प्रदान करवाई है और पाँच मोटर भी ज्यों की त्यों प्रदान करवाई हैं उन्होंने। मैं एक बार फिर से अपने गाँव की तरफ से उनका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ।”
एक बुजुर्ग ग्रामवासी ने कहा, “बहुत अच्छा काम किया है। मैं तो ज्यादा नहीं बोलते हुए एक उदाहरण देता हूँ। सन 87 की बात है, देवीलाल मुख्यमंत्री होते थे, उन्होंने किसानों का कर्जा मुक्त किया था। हमारे लिए तो भगवान ही देवीलाल थे… हम तो सभी से यही कहते हैं कि जो रामपाल जी महाराज हैं, वही भगवान हैं, जिन्होंने ऐसी स्थिति में हमारी मदद की।”
एक अन्य ग्रामवासी ने कहा, “राजनीतिक लोगों ने या सत्ता पक्ष ने हमारा कोई साथ नहीं दिया। इस बुरे वक्त में संत रामपाल जी महाराज ने किसानों का जो साथ दिया है, हम इनके ऋणी रहेंगे।”
ग्रामवासियों को उम्मीद है कि संत रामपाल जी महाराज द्वारा उपलब्ध कराई गई राहत सामग्री से वे एक से डेढ़ महीने में पानी निकालने में सफल होंगे और अगली फसल की बिजाई कर पाएँगे। संत रामपाल जी महाराज की यह मदद उनके लिए सिर्फ बाढ़ का पानी निकालने का साधन नहीं, बल्कि एक नया जीवन दान थी।
संत रामपाल जी महाराज: दया, करुणा और परोपकार की प्रतिमूर्ति
हिसार के रायपुर गांव के लिए संत रामपाल जी महाराज एक रक्षक बनकर उभरे हैं। उनका यह पुनीत कार्य न केवल रायपुर बल्कि पूरे हरियाणा और देश के लिए एक प्रेरणा है। ग्रामीणों की आंखों में आज जो खुशी और राहत के आंसू हैं, वे संत रामपाल जी महाराज की असीम अनुकंपा का प्रमाण हैं। सत्य ही कहा गया है कि जो दीन-दुखियों के काम आए, वही सच्चा संत और भगवान का रूप होता है।



