May 21, 2025

Farm Laws Repeal 2021: जानिए क्यों PM मोदी ने लिए कृषि कानून वापिस?

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Farm Laws Repeal 2021: PM मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानून वापिस लेनें की घोषणा की। विरोध कर रहे किसानों का नहीं रहा खुशी का ठिकाना और सबने मिठाईयां बांटी। आंदोलन करते हुए किसान जूझ रहे थे लेकिन कभी नहीं हारी थी हिम्मत और अंततोगत्वा सफलता हासिल हुई। सांसारिक विषयों पर समाज और सरकार आपस में लड़-झगड़ कर पतन की ओर जा रहे हैं। मनुष्य जीवन के उदेश्य पूर्ति के लिए सद्गुरु से सदभक्ति लेकर सभी इस नाशवान लोक में सुख प्राप्त कर सकते हैं और मोक्ष भी। 

Table of Contents

Farm Laws Repeal 2021: मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 नवंबर 2021, शुक्रवार के दिन कृषि कानून वापिस लेने की घोषणा की।
  • पीएम ने कहा कि ये तीन कृषि कानून कमजोर किसान भाइयों के हित के लिए लागू किए गए थे।
  • मोदी के ऐलान से खुश किसानों ने मनाया जश्न, बांटी मिठाईयां।
  • कांग्रेस ने कहा टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे देश का किसान।
  • पीएम मोदी ने भारी मन  से कहा – हमारी तपस्या में रही कमी।
  • अन्य विपक्षी दलों, किसान नेताओं और संगठनों की प्रतिकियाएं भी देखने को मिली।
  • किसान और सरकार दोनों परमात्मा के कानूनों से रहे अपरिचित।
  • ईश्वर के दिये से संतोष करके सतभक्ति करते तो हो जाता मानव जीवन का कल्याण।
  • इस नाशवान संसार में संत रामपाल जी महाराज ही दिखा सकते हैं जीने की सही राह।

आइए विस्तार से जानते है कृषि कानून वापसी के बारे में 

आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शुक्रवार के दिन राष्ट्र को संबोधित करते हुए कृषि कानूनों को वापिस लेने (Farm Laws Repeal 2021) के संबंध में ऐलान किया। मोदी सरकार का कहना है कि ये तीन कानून वह कृषि क्षेत्र में सुधार करने लिए लागू कर रही थी। लेकिन यह बात किसान समुदाय को स्वीकार नहीं थी। वह इसका पिछले साल से ही लगातार विरोध कर रहे थे। इन सभी कानूनों को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे, जिसमें 700 से भी ज्यादा किसान भाइयों ने अपना बलिदान दिया। 

पीएम मोदी जी ने कहा, यह तीनों कृषि कानून लागू करने का कारण था कि छोटे किसानों को और ताकत मिल सके । सालों से ये मांग देश के किसान और विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री कर रहे थे। यह कानून तब लाए गए जब इस मुद्दे पर संसद में चर्चा हुई। देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया। मैं सभी का बहुत आभार व्यक्त करता है, इन सबका में बहुत आभारी हूँ ।

Farm Laws Repeal 2021 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा हमारी तपस्या में रही कमी

पीएम मोदी जी ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के हित में, गाँव के गरीबों के हित में पूर्ण समर्थन भाव से, नेक नियत से यह कानून लाई थी। परंतु आपको बता दें कि हमारी ओर से कमी रह गई कि इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी तपस्या में कमी रह गई। किसानों का एक वर्ग इसके खिलाफ था, विरोध कर रहा था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा। हमने बातचीत का बहुत प्रयास किया लेकिन कोई हल नहीं निकलने पर हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया।

Farm Laws Repeal 2021: मोदी ने संसद के अगले सत्र में संवैधानिक प्रक्रिया पूरा करने का दिलाया भरोसा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मैं आपको, पूरे देश को, यह बताने आया हूँ कि हमने तीन कृषि कानून लागू किए, उन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में हम इन तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूर्ण करेंगे।

पीएम मोदी जी ने की किसानों से घर वापिस लोटने की अपील 

मोदी ने किसान आंदोलन कर रहे किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा, मैं गुरु पर्व के मौके पर अपील करता हूँ,   कि आप सभी किसान भाई अपने-अपने घर वापिस लौट जाएं, आप सभी अपने खेतों में लौटें, परिवार के बीच लौटें, आइए मिलकर फिर एक शुरुआत करते हैं। 

किसान बिल (Farm Laws Repeal 2021) वापसी पर देश के किसानों ने खुशी का माहोल 

गुरुनानक देव जी के पावन प्रकाश पर्व पर किसानों को मिली खुशखबरी। तीनों कृषि कानूनों को मोदी सरकार ने वापस ले लिया है। इस घोषणा को सुनकर पूरे देश के किसानों में उत्साह है। कोई जलेबी, कोई लड्डू बांट रहा है। जब उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खेत में काम कर रहे किसानों को इस घोषणा के बारे में पता चला तो वो खुशी में झूम उठे। साथ ही आपको बता दें कि 14 महीनों बाद तीनों कृषि कानूनो को सरकार ने वापस ले लिया है । किसान 

किसानों संगठनों ने संसद में कानून निरस्त होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की

किसान भाइयों ने इस ऐलान का दिल से स्वागत किया है। परंतु किसान संयुक्त मोर्चा का कहना है कि अभी वे इस आंदोलन को विराम नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी कृषि कानूनों को संसद में निरस्त करा देंगे, उसके बाद ही हम किसान आंदोलन को समाप्त करेंगे। 

Social Research: कृषि, किसान और सरकार - क्या है किसान आंदोलन का कारण? | SA NEWS

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया है कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।

Farm Laws Repeal 2021: कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा जीत गया मेरे देश का किसान

इस पर कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष, किसान नेताओं अन्य जानकारों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे भारत का किसान। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा – देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!

Farm Laws Repeal 2021: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रतिक्रिया व्यक्त की – ‘यह उन किसानों की जीत है, जो पिछले लंबे समय से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। 700 से अधिक किसानों की मौत हुई। ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार इस सबके लिए दोषी है। किसानों को जो इतनी परेशानियां झेलनी पड़ी, हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे’।

अन्य विपक्ष दल, किसान नेताओं आदि की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए ट्वीट किया, ‘आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी खुशख़बरी मिली। तीनों कानून रद्द। 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था। मेरे देश के किसानों को मेरा नमन।’

  • दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किसानों को बधाई देते हुए कहा, ‘निरंकुश सरकार आज किसानों के अहिंसक आंदोलन के आगे हार गई।’ 
  • बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीम और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा- किसानों का बलिदान सफल रहा। बीएसपी की मांग है कि आगामी संसद सत्र में एमएसपी पर कानून लाया जाए।
  • ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले का स्वागत है। यह देश के किसानों के हित में लिया गया फैसला है।
  • हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी केंद्र के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा समाज में शांति और सद्भाव के लिए लिया गया यह बड़ा कदम है। मैं सभी किसान भाईयों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने आंदोलन को विराम दें।
  • राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने कहा – किसानों की मेहनत रंग लाई।

यूपी, पंजाब के चुनावों के पहले ग्रामीण भाजपा से पूछने लगे थे सवाल 

एनसीपी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि हर हालात में किसान आंदोलन में डटे रहे। कृषि कानूनों के विरोध में पश्चिम उतर प्रदेश का कुछ हिस्सा, राजस्थान और पंजाब के किसान बड़े पैमाने पर सड़क पर उतरे। उन्होंने कहा कि आनेवाले यूपी और पंजाब के चुनावों में बीजेपी नेताओं को गांवों में लोग सवाल पूछने लगे इसलिए ये निर्णय लिया गया है। शरद पवार ने कहा कि जो हुआ वो अच्छा हुआ। लेकिन एक साल किसानों को संघर्ष करना पड़ा जो टाला जा सकता था।

संत रामपाल जी महाराज ही दिखा सकते हैं जीने की सही राह 

किसान और सरकार दोनों ने ही इन कानूनों के लिए आपस में संघर्ष किया। वास्तव में जीव को जो ईश्वर दे उसी में संतुष्ट होकर सतभक्ति करके अपने मानव जीवन का कल्याण करवाना चाहिए। यह मानव जीवन हमें लड़ाई-झगड़े या यह तेरा – यह मेरा करने को नहीं मिला है। हमारे अंदर एक छोटी सोच है जो हमें पतन की ओर ले जाती है। समय रहते यदि हम भक्ति नहीं करते है तो इस जीवन का मूल कार्य करने से चूक जाते हैं। 

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यहीं से परमात्मा का कानून शुरू होता है – जो मनुष्य सतभक्ति न करके, अन्य कार्यों में समय बर्बाद करता है वह करोड़ो जन्मों तक मानव जन्म प्राप्त नहीं कर सकता है। फिर भी हम भेड़ चाल चल रहे हैं। यदि हमें परमात्मा के विधान, नियम, कानून को जानना है तो हमें तत्वज्ञान को समझना होगा। तत्वज्ञान को जानने के लिए तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की शरण में जाना होगा, जिससे हमें मूल तत्व का पता चलेगा। अधिक जानकारी के लिए तत्वदर्शी संत रामपाल जी द्वारा रचित पवित्र पुस्तक “जीने की राह” अवश्य पढें।  

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