November 14, 2025

जगतगुरु संत रामपाल जी के सानिध्य में 17 मिनट में राजस्थान और जम्मू में सम्पन्न हुए दहेज रहित विवाह

Published on

spot_img

वर्तमान समय में विवाह एक अत्यधिक फिजूलखर्च और दिखावे की प्रथा बना दी गई है और ऐसे ही समाज में अनोखे विवाह सामने आ रहे हैं। जिनमें बिना दिखावे, दान-दहेज और बिना बारात के मात्र 17 मिनट में होने वाले विवाह चर्चा का विषय हैं जो कि समाज में अपनाए जाने योग्य भी हैं।

मुख्य बिंदु

  • बिना दहेज, बारात और फिजूलखर्ची के मात्र 17 मिनट में विवाह पूर्ण हो रहे हैं।
  • सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा दिया नया, सही और उचित विवाह का तरीका।
  • 17 मिनट में होने वाले अद्भुत विवाह अपना रहे बुद्धिजीवी। अनोखे विवाह समाज में बने चर्चा का विषय।
  • बिना बैंड बाजा के सबसे धार्मिक तरीके से पूर्ण परमात्मा के तत्वावधान में हो रहे 17 मिनटों के विवाह।

मात्र 17 मिनटों में अनोखे विवाह

फिजूलखर्ची के समय मात्र 17 मिनट में अनोखे विवाह न केवल आश्चर्य का बल्कि बहुत ही सराहना का विषय हैं। बिना बैंड बाजे, बारात, दिखावे, फिजूलखर्ची आदि के पूर्ण परमेश्वर और सभी देवी देवताओं की उपस्थिति में होने वाले विवाह चर्चा का विषय हैं।

कहाँ-कहाँ हुए अद्भुत विवाह?

ऐसे विवाहों की संख्या कम नहीं है जहाँ लोग सन्त रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा लेकर उनके बताए अनुसार विवाह कर रहे हैं।
1 नवम्बर 2020, रविवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के रतनदास जी के पुत्र धीरज दास का विवाह कठुआ जिले, हीरानगर के निवासी बलवीर दास की पुत्री के साथ हुआ। 17 मिनट में सम्पूर्ण इस दहेजमुक्त विवाह में कोई दिखावा, बारात या फिजूलखर्ची नहीं की गई थी.

■ यह भी पढ़ें: 17 मिनट में गुरुवचनों से सम्पन्न हुए “अनुपम दहेज मुक्त विवाह (रमैनी)” 

वहीं सीकर जिले की धोद तहसील के ढाणी चूड़ोली में दो युगल गुरुवाणी के साथ एक दूसरे के साथ दाम्पत्य जीवन मे बंधे। दोनो ही शिक्षित परिवार हैं जहाँ जिला झुंझुनूं के गांव खिरोड़ निवासी शंकरलाल के पुत्र रविकांत का विवाह चूड़ोली निवासी ओमप्रकाश की पुत्री पूजा के साथ सम्पन्न हुआ। रविकांत एमएससी व पूजा बीएससी तक शिक्षा प्राप्त किये हुए हैं। वहीं निवाई जिले की तहसील गंगापुरा में एक अन्य परिवार ने सादगीपूर्ण विवाह करके समझदारी का परिचय दिया है। यहां लालसोट निवासी हरकेश दास के पुत्र लल्लू प्रसाद का विवाह गंगापुरा निवासी रामफूल दास की पुत्री रुक्मिणी के साथ सम्पन्न हुआ। इस पूरे विवाह में बेशकीमती श्रृंगार, दिखावा, फ़िज़ूलख़र्ची आदि से परे मात्र 17 मिनट में विवाह संपन्न हुआ।

किस प्रकार होते हैं ये विवाह (रमैनी)

जगतगुरु सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने अनुयायियों को अपने सत्संगों के माध्यम से प्रेरणा दी है कि विवाह किस प्रकार किया जाना चाहिए। बारात, फिजूलखर्ची आदि का शास्त्रों में कहीं भी उल्लेख नहीं है। सबसे उत्तम विवाह वह है जब पूर्ण परमात्मा कविर्देव की उपस्थिति में विश्व के सभी देवी देवताओं के आव्हान के साथ विवाह सम्पूर्ण होते हैं। सभी देवी देवता उस दम्पत्ति की उम्र भर रक्षा व सहायता करते हैं। ऐसे ही आदिशक्ति ने भी अपने पुत्रों ब्रह्मा-विष्णु-महेश जी का विवाह किया था। यह सबसे उत्तम विवाह की विधि है।

बेटियाँ हैं सुखी

इस प्रकार के विवाह में दहेज का लेनदेन नहीं होता है। सन्त रामपाल जी महाराज के द्वारा दिये ज्ञान का प्रभाव इतना है कि यदि वधू पक्ष दहेज देना भी चाहे तो वर पक्ष इंकार करता है। क्योंकि वे जानते हैं कि दहेज के लेनदेन से कितने पाप संस्कार जुड़ेंगे। जिस व्यक्ति ने अपनी बेटी ही दे दी, इसके अतिरिक्त और अन्य किसी चीज़ की आकांक्षा करना भी नहीं चाहिए। रमैनी से होने वाले विवाह में बेटियां सबसे अधिक सुखी हैं। ना कोई प्रताड़ना और न ही कोई दुर्व्यवहार उन्हें झेलना पड़ रहा है। एक सुखद जीवन जीना केवल सन्त रामपाल जी महाराज के ज्ञान से सम्भव हो पाया है।

देखें SA News का विशेष क्रायक्रम “ख़बरों की ख़बर का सच”

बेटे हैं व्यसनों से दूर

सन्त रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान ने आजकल के युवाओं के भी चक्षु खोल दिये हैं। सन्त रामपाल जी से दीक्षा प्राप्त कोई भी व्यक्ति नशा, कुसंगत व अन्य बुराइयों जैसे जुए आदि के खेल में नहीं है। वे भक्त किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते हैं। इस प्रकार समाज मे योग्य वर ढूंढना अब मुश्किल नहीं रह गया है। एक ओर सरकार नशे , दहेज जैसी बुराइयों को नही रोक पाई। वहीं सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने ज्ञान से ये कर दिखाया। लोग स्वयं ही बुराइयाँ छोड़कर सत्मार्ग और सद्भक्ति अपना रहे हैं।

धरती बनेगी स्वर्ग समान

पूरे विश्व मे एकमात्र तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के द्वारा दिये ज्ञान में अद्भुत शक्ति है। लोग बुराइयों और कुरीतियों को स्वयं छोड़ना चाहते हैं और सत्यभक्ति कि ओर उन्मुख हो रहे हैं। बिना दान-दहेज और बिना बारात, साज सज्जा आदि के सबसे उत्तम विधि से होने वाला विवाह जिसमे पूर्ण परमात्मा और विश्व के सभी देवी देवताओं का आव्हान हो इसके पहले कभी अस्तित्व में नहीं रहा। आज सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी रमैनी विवाह के माध्यम से समाज मे अनोखी मिसाल कायम कर रहे हैं जिसमें जातिबन्धन, दहेज, फिजूलखर्च और अनावश्यक साज सज्जा का पूरी तरह त्याग है। पूरे विश्व मे एकमात्र सन्त रामपाल जी महाराज की शरण में आएं केवल इससे ही कल्याण सम्भव है। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल

Latest articles

National Press Day 2025: Is the Fourth Pillar of Democracy Failing Its Duty?

National Press Day is observed annually to highlight the need for the independence of the press in a democratic nation. Know its History & Theme

रामायण गाँव के ‘नए राम’: फसल बर्बादी के बीच आशा की किरण बने संत रामपाल जी महाराज

हिसार, हरियाणा – हरियाणा के हिसार जिले के रामायण गाँव की यह दास्तान किसी...

बाढ़ग्रस्त बोहल गांव में संत रामपाल जी महाराज की करुणा से लौटी किसानों की उम्मीद

हरियाणा राज्य के भिवानी जिले के बोहल गांव में इस वर्ष आई बाढ़ ने...
spot_img

More like this

National Press Day 2025: Is the Fourth Pillar of Democracy Failing Its Duty?

National Press Day is observed annually to highlight the need for the independence of the press in a democratic nation. Know its History & Theme

रामायण गाँव के ‘नए राम’: फसल बर्बादी के बीच आशा की किरण बने संत रामपाल जी महाराज

हिसार, हरियाणा – हरियाणा के हिसार जिले के रामायण गाँव की यह दास्तान किसी...