सन्त रामपाल जी महाराज जेल में होते हुए भी दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करते हुए एक बहुत बड़े समाज सुधारक की भूमिका निभा रहे हैं । राजस्थान की राजधानी जयपुर में दहेज प्रथा का विरोध करते हुए उनके अनुयायियों ने दहेज मुक्त रमैणी ( विवाह ) किया ।
यहां पर जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से आयोजित सत्संग में बिना किसी खर्च और दान दहेज के 3 जोड़े केवल मात्र 17 मिनट में शादी के बंधन में बंध गए ।
इस शादी में सबसे बड़ी बात यह है रहीं कि इसमें न कोई घोड़ी बाजा, न कोई पंडित , न ही कोई काजी न ही कोई कलमा, केवल सन्त जी की अमृत वाणी से यह अनोखा विवाह समारोह आयोजित किया गया ।
इस अनोखी शादी की जिसने भी खबर सुनी भरपूर प्रशंसा की और ऐसे संत को कोटि-कोटि नमन किया जो दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे है।
इस रमैनी( विवाह ) में फुलेरा निवासी मदनलाल दास के पुत्र डॉ रोहित दास की शादी जयपुर निवासी दौलत दास की पुत्री शीतल के साथ , सांगानेर जयपुर निवासी कैलाशचंद्र दास की पुत्री सोना की शादी रेनवाल जयपुर निवासी तुलसीराम दास के पुत्र राकेश के साथ तथा जालौर के आहोर के उम्मेदपुर निवासी छगनलाल दास की पुत्री कंचन की शादी जालौर के सायला निवासी दुर्गादास के पुत्र भरत के साथ संपन्न हुई ।
संत रामपाल जी महाराज जी के प्रयासों से ना केवल हमारा देश दहेज प्रथा से मुक्त होने जा रहा है बल्कि समाज में पुत्र और पुत्रियों में भेदभाव और कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध भी संत जी के प्रयासों से ही पूरी तरह खत्म हो सकते हैं ।