July 13, 2025

समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज की सुपौत्री का विवाह सादगी से हुआ सम्पन्न

Published on

spot_img

दहेज मुक्त शादी: प्रसिद्ध समाज सुधारक संत जगतगुरु रामपाल जी महाराज की सुपौत्री का विवाह बिना दहेज और आडंबर के 15 जुलाई 2020 को हरियाणा राज्य के रोहतक शहर में सादगी से रमैनी पद्धति द्वारा मात्र 17 मिनट में सम्पन्न हुआ। सतगुरुदेव जी ने जिस सादगी से यह विवाह कराया है वह समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।

इस विवाह में महंगे वस्त्र सहित बैंड बाजा, घोड़ी चढ़त, नाच गाना कुछ भी नहीं थे । इससे सिद्ध होता है कि तत्वदर्शी संत सिर्फ अपने शिष्यों को और समाज को मात्र उपदेश ही नहीं देते है बल्कि जैसा बोलते है वैसा ही स्वयं और अपने परिवार पर भी लागू करते हैं । इस विवाह में कन्या और वर सहित सभी ने कोरोनावायरस की विशेष परिस्थिति में मास्क पहना और सामाजिक दूरी के नियम का अक्षरशः पालन किया।

जगतगुरु जी ने विवाह करने का अभिनव प्रयोग सिखाया

जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज ने सत्रह मिनट में रमैनी के नाम से विवाह करने की विशिष्ट पद्धति विकसित की है । इस विवाह में कोई दिखावा, आडंबर, घोड़ी बाजा, नाच गाना इत्यादि नहीं होता है। इस तरह से उनके भक्त न केवल धन की बचत करते हैं बल्कि बहुमूल्य समय भी बचाते हैं ।

रमैनी विवाह की अनोखी पद्धति पिछले 25 वर्षों से

दहेज मुक्त शादी: संत रामपाल जी के यहाँ रमैनी विवाह की अनोखी पद्धति पिछले 25 वर्षों से भी ज्यादा समय से चल रही है । संत जी द्वारा कबीर प्रकट दिवस पर आयोजित विशाल भंडारों में सैकड़ों रमैनियों (विवाहों) का आयोजन हर वर्ष किया जाता है। इसी प्रकार आश्रमों में भी समय समय पर ऐसे रमैनी विवाह बिना जाति पाति भेदभाव और बिना दहेज के सम्पन्न किये जाते हैं।

जगतगुरु रामपाल ने दहेज प्रथा को माना है समाज के लिए अभिशाप

विवाह में दहेज प्रथा भी बहुत भयावह रूप ले चुकी है । इससे समाज के सभी वर्गों की पीड़ा में वृद्धि हुई है । दहेज प्रथा शादी के पुण्य आयोजन को तहस-नहस कर देती है। अब विवाह एक व्यापार बन गया है जिसके कारण महिलाओं की स्थिति बहुत शोचनीय हो गई है। जब तक इस कलंक को खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक भारतीय समाज पूरी तरह विकसित नहीं हो सकता। सरकार ने दहेज निषेध अधिनियम लागू किया है लेकिन समाज पर इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है।

संत जी सामाजिक कुरीतियां को बताते हैं आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्टों का कारण

दहेज मुक्त शादी: मनुष्य बहुत सी परंपराओं के बोझ के तले दबा जा रहा है । प्राचीन काल में आडंबर बहुत कम मात्रा में थे लेकिन समयान्तर में इनका रूप बदलता गया । मनुष्य सामाजिकता के नाते समाज के डर इन रीति रिवाजों को निभाता चला आ रहा है । परिणाम यह है कि आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्टों को भोग रहा है । कई प्रकार की परेशानियों का कारण सामाजिक कुरीतियां जैसे मान बड़ाई, लोक दिखावा, महंगी चीजों को संग्रह करने की होड़, जन्म – मृत्यु पर आयोजन, विवाह में दहेज मांगना, बैंड बाजा, डीजे बजाना, सड़कों पर नृत्य करना, नशावृत्ति, मांसाहार, इत्यादि हैं।

कबीर साहेब की गुरु प्रणाली संत जगतगुरु रामपाल जी महाराज

कबीर साहेब की गुरु परंपरा के संत जगतगुरु रामपाल जी महाराज वर्षों से सामाजिक कुरीतियों और आडंबरों से विहीन समाज का निर्माण करने में लगे हैं । एक ओर आध्यात्मिक ज्ञान का अमृत पान सतनाम/ सारनाम देकर कराते हैं तो दूसरी ओर समाज में व्याप्त विषमताओं पर सटीक प्रहार कर समाज को एक नई दिशा देने का काम कर रहे हैं । उनके दिखाये मार्ग पर केवल उनके शिष्य ही नहीं अपितु गाँव और शहर चल पड़े हैं।

सतगुरु जी की सीख

सतगुरु देव ने जात-पात के बंधन को तोड़ने और सभी को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास किया। जगतगुरु रामपाल जी के कार्यक्रम में समभाव इतना अधिक है कि किसी वाह्य व्यक्ति के लिए आर्थिक और जाति के आधार पर अंतर कर पाना असंभव है । सभी एक पंक्ति में बैठकर भोजन करते हैं और एक ही स्थान पर सोते हैं । जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज अपने उपदेश में सनातन ज्ञान, विवेक, संतोष, प्रेम, धीरज, कृपा, क्षमा, शील, त्याग, वैराग्य, शांति, धर्म, भक्ति, समभाव जैसे नेक गुणों को अपनाने का उपदेश देते हैं। महान संत ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए हैं।

संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से होती है मोक्ष की प्राप्ति

संत रामपाल जी महाराज पृथ्वी पर एकमात्र ऐसे संत हैं जो जाति, धर्म और आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना सभी भक्तों को सच्ची भक्ति निशुल्क प्रदान करते हैं । जो भक्त पूरी श्रद्धा के साथ मर्यादा में रहकर सत भक्ति करते है वे सभी सांसारिक सुखों का आनंद लेने के साथ-साथ उनके आशीर्वाद से मोक्ष की प्राप्ति करते हैं।

Today’s News Headlines-Daily Bulletin

Latest articles

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?

World Population Day 2025: The best time for world’s Population to Attain Salvation

Last Updated 09 July 2025, 1:16 PM IST | World Population Day 2025: Today...
spot_img

More like this

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?