Corona Vaccine News: कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण की शुरुआत की घोषणा। 1 मई से 18 वर्ष के ऊपर का प्रत्येक शख़्स ले सकेगा कोरोना वैक्सीन का टीका। वैक्सीन कंपनियां 50 प्रतिशत वैक्सीन केंद्र को देंगी एवं बाकी बजार एवं राज्यों को बेच सकेंगी। सत्य भक्ति की लें वैक्सीन और पाएं जरा मरण के दीर्घ रोग से छुटकारा।
Corona Vaccine News के मुख्य बिंदु
- 1 मई से होगी कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत।
- 16 जनवरी को प्रारम्भ हुआ था टीकाकरण।
- वैक्सीन कंपनियां 50 प्रतिशत वैक्सीन केंद्र को देंगी एवं बाकी बजार एवं राज्यों को बेच सकेंगी।
- सत्य भक्ति की लें वैक्सीन और पाएं जरा मरण के दीर्घ रोग से छुटकारा।
Corona Vaccine News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया बैठक में फैसला
अब तक 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक कोरोना वैक्सीन लगवा रहे थे। टीकाकरण का तीसरा चरण 1 मई से प्रारम्भ हो रहा है जिसमे 18 वर्ष से अधिक आयु के वयस्क टीका लगवा सकेंगे। सरकार अपनी ओर से यह भी सुनिश्चित कर रही है कि कम समय में अधिक से अधिक भारतीयों को टीका लगाया जा सके।
कई राज्यों द्वारा कोरोना वैक्सीन की मांग
तमिलनाडु के डीएमके अध्यक्ष स्टालिन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर 20 लाख कोविड वैक्सीन की खुराक का निवेदन किया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु महामारी के केस काफी बढ़ चुके हैं और इससे निपटने के लिए एकमात्र साधन है वैक्सीन। बढ़ते केसों की इस चेन को तोड़ने के लिए अधिक संख्या में टीकों की आवश्यकता है। अन्य कई राज्यों से भी लगातार मांग आ रही है।
Corona Vaccine: कई नई वैक्सीन का इस्तेमाल मिलेगा देखने के लिए
भारत में कोरोना से बचाव के टीकाकरण की शुरुआत जनवरी से हो गई थी जिसका तीसरा चरण 1 मई से प्रारम्भ होने जा रहा है। इन टीकों में सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन शामिल हैं। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंजूरी प्राप्त टीकों को भी भारत में उपयोग में लाने की संभावना है। इसमें रूस का स्पुतनिक वी व अन्य शामिल हैं। इसके लिए फिलहाल 100 लोगों पर टीके का परीक्षण किया गया है जिसका असर देखने के बाद ही आगे कार्यवाही सम्भव है।
सर्वोच्च राम की भक्ति अचूक वैक्सीन है
सत्यभक्ति की वैक्सीन से अर्थ यानी उस अविगत, अलेख, सर्वशक्तिमान, सर्वोच्च राम की भक्ति से है। वह अविगत और सर्वोच्च भगवान त्रिलोकों के स्वामी ब्रह्मा, विष्णु, महेश से भिन्न है। वे उनके पिता ज्योति निरंजन यानी ब्रह्म से भी भिन्न है। वे वेदों में वर्णित परम अक्षर पुरुष परमेश्वर कबीर हैं। वे ही बन्धनों का शत्रु अर्थात बन्दीछोड़ है। यही वह मूल पूर्ण परमेश्वर हैं जिनके विषय मे गीता अध्याय 15 श्लोक 1 से 4 में बताया है।
कबीर साहेब अमर, अजर परमेश्वर है और उनकी भक्ति पूर्ण मोक्ष दायक है
शास्त्रों में सर्व प्रमाण हैं जिनकी पहचान वर्तमान में एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने करवाई है। उस परमेश्वर की शरण में जाने से ही साधक को पूर्ण मोक्ष प्राप्त हो सकता है। इस संसार में एक के बाद एक महामारी, दुख, त्रास, परेशानियां, युद्ध, अहिंसा, असहिष्णुता जारी रहती हैं। शांति की आशा इस संसार में करना व्यर्थ है। केवल एक ईश्वर जिसने सारी सृष्टि रची जिसके हुक्म से ब्रह्मा विष्णु व महेश जैसी शक्तियां कार्य कर रही हैं तथा जो सृष्टि के आदि में भी था और सृष्टि के अंत के बाद भी रहता है वह है – कबीर। वही अमर, अजर परमेश्वर है और उसकी भक्ति भी पूर्ण मोक्ष दायक है।
सत्यभक्ति की वैक्सीन से पाए जरा-मरण से मुक्ति
वर्तमान में सभी शिक्षित समुदाय अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन कर सकते हैं जिन्हें तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज पहले ही खोलकर समाज को दिखा चुके हैं। अपना समय न गंवाते हुए यथाशीघ्र सन्त रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा प्राप्त करें और अपना कल्याण करवाएं और सत्यभक्ति रूपी वैक्सीन से अपने जन्म-मरण के दीर्घ रोग को समाप्त करवाएं। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।